RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शिवानी अपनी टाँगें फैला देती है ..उसकी जांघों पर उसके कुंवारेपन टूट ने के निशान अभी भी हैं..खून के कतरे लगे हैं ... उसकी चूत में हल्की सी बहोत पतली फाँक है ..गुलाबी ..खून के कतरे वहाँ भी हैं ...और बहोत गीली है अब
शशांक अपने लंड को हाथ से थामता हुआ उसकी चूत पर ले जाता है ,
शिवानी भी अपनी हथेली से उसे थामती है , अपनी चूत में लगाने में उसकी मदद करती है
" हां भैया ..हां अब रुकना मत ...प्लीज़ अब डाल दो ना ..मेरे दर्द की परवाह मत करो..प्लीज़ डालो ना..."
शशांक को उसकी परवाह है ..वो झट तकिया उसकी चूतड़ के नीचे रख देता है ...चूत थोड़ी और फैल जाती है..पर अभी भी फाँक संकरी ही है ..शिवानी जांघे और भी फैला देती है ....
" उफफफफ्फ़ भैया देर मत करो ना ....आओ ना ..." शिवानी उसके कमर को अपने हाथों से जाकड़ लेती है और अपनी चूत की ओर खींचती है ..
शशांक भी साथ साथ दबाव बनाता है अपने लंड पर ...फतच से रस , वीर्य और खून से सराबोर चूत में उसका लंड फिसलता हुआ जाता है ...पर अंदर अभी भी काफ़ी टाइट है ..रास्ता सॉफ था ..पर संकरा था
शिवानी चीख उठ ती है .
"आआआः ...हां भैया ..हां तुम रूको मत ..उफफफफफफ्फ़ ..यह कैसा मज़ा है ..अयाया "
शशांक लंड बाहर करता है और फतच से फिर अंदर डालता है ..
शिवानी चिहुनक उठ ती है ..." हां भैया ...हां और ज़ोर से ..और ज़ोर से ...डरो मत मुझे अब अच्छा लग रहा है ...दर्द बिल्कुल नहीं है ...हां हां ..."
शशांक के धक्के ज़ोर पकड़ते जाते हैं ..शिवानी उसकी गर्दन में बाहें डाले उसे अपनी ओर खींचती है ..उस से चिपकती है ....
शशांक उसकी चूचियों में मुँह लगाता है ..चूस्ता है , चाट ता है ..दबाता है और साथ में उसकी चूत के अंदर लंड भी अंदर बाहर करता जाता है
दोनों मस्ती और आनंद के सागर में डुबकियाँ लगा रहे हैं ..एक दूसरे के बाहर और अंदर का पूरा मज़ा ले रहे हैं ..इस बार किसी को कोई झिझक नहीं ..कोई हिचक नहीं ....
शिवानी के चूतड़ हर धक्के में उछल जाते हैं ...उसका लंड जड़ तक पहून्च जाता है ..जंघें आपस में टकराते हैं ..थप थप की आवाज़..कराहों की आवाज़ , सिसकियों और किल्कारियों से कमरा गूँज रहा है ...
" हाआंन्न नननननननननननणणन् ....ऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैय्ाआआआआआआआअ .." शिवानी उछल जाती है , वो इतनी उत्तेजित है, उठ बैठ ती है उत्तेजना से , शशांक का लंड अंदर लिए ही उस से लिपट जाती है बैठे बैठे , और अपने चूतड़ उछालते हुए रस की फुहार छोड़ती जाती है ...शशांक का लंड भी उसके रस की धार से धार मिलाता हुआ पीचकारी छोड़ता है ...
दोनों एक दूसरे से चीपके हैं और एक दूसरे को अपने रस से सराबोर कर रहें हैं ...
शशांक शिवानी के होंठों को चूमता हुआ उसके उपर लेट जाता है ..
हाँफ रहे हैं दोनों , उनका सब कुछ एक हो जाता है ..साँसें..दिल की धड़कनें ..शरीर ..सब कुछ ..
और दोनों एक दूसरे की बाहों में सब कुछ भूल कर नींद के आगोश में चले जाते हैं ...
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