RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
अपडेट 14 :
शशांक और शिवानी दोनों का यह पहला अनुभव उनके जीवन का एक यादगार पल था....ऐसे यादगार पल कम लोगों को ही नसीब होते हैं... ख़ास कर लड़कियों के लिए ...
शिवानी को इतने प्यार , लगाव और कोमलता से कौन उसके कुंवारेपन को तोड़ता ....कोई दूसरा अपनी मर्दानगी दीखाने की कोशिश में ही जुटा रहता और उसे देता सिर्फ़ बेशुमार दर्द और पीड़ा ... पर शशांक के प्यार ने इस दर्द और पीड़ा को एक सुखद , मादक और आनंद से भरे महसूस में बदल दिया था ...
और शशांक की बात करें तो शिवानी ने भी अपने दर्द और पीड़ा का उसे अहेसास नहीं होने दिया ..उसका संपूर्ण आत्मसमर्पण और उसके लिए शिवानी के प्यार ने उसकी मर्दानगी का पूरा सम्मान करते हुए उसे अपने पूरे दिल से अपनाया ..कहीं कोई हिचक नहीं थी ..कोई भी झीझक नहीं था ...एक दूसरे में दोनों कितने खो गये थे...एक दूसरे का कितना ख़याल था ...
काफ़ी देर तक दोनों पड़े रहते हैं ...चूप चाप ..मानों उस बीते हुए क्षणों को...उस गुज़रे हुए पलों को अपने जहेन में समाए जा रहे हों ...उस मीठी याद को संजोए जा रहे हों ...एक अद्भुत अनुभव का स्वाद मन मश्तिस्क में बिठाते जा रहें हो ...
शशांक चूप्पि तोड़ते हुए कहता है
" कैसी लगी मेरी दीवाली गिफ्ट ..शिवानी..?"
शिवानी उसकी ओर देखती है.... उसे गले लगाती है और फिर आंसूओं की धारा फूट पड़ती है ....सिसकती है और अपने रूंधे गले से भर्राइ आवाज़ में बोलती है
" भैया बता नहीं सकती .
...मेरे पास शब्द नहीं है भैया ..देख नहीं रहे मेरे आँसू बोल रहे हैं ....मेरा रोम रोम सिसक रहा है तुम्हारे आभार से ? तुम ने जो दिया ना भैया मुझे , किसी भी औरत के लिए इस से नायाब तोहफा और कुछ नहीं हो सकता ..कुछ नहीं ...तुम ने एक औरत को उसके औरत होने पर फक्र करने का मौका दिया ..हां भैया ....इस से ज़्यादा मुझे और क्या मिलेगा ...बोलो ना ..बोलो ना भैया ..?"
और वो फिर उस से लिपट कर बहोत भावक हो जाती है और उसकी आँखों से लगातार आँसू की धारा बहती है यह उसके आभार के आँसू थे ...एक औरत का अपने मर्द का आभार.
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