RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शशांक खड़ा हो जाता है .. हाई उसे एक बच्चे की तरेह अपने गोद में उठा लेता है ....उसका सर अपने कंधे पर रख लेता है और उसके कान में फुसफुसाते हुए कहता है ..
" शिवानी .."
" हां भैया ..क्याअ .??." उसकी आवाज़ भर्राई हुई थी
" आइ लव यू टू..."
यह चार शब्द शिवानी को उसके होश-ओ - हवास खो देने पर मजबूर कर देते हैं..
शिवानी , शशांक से बूरी तरेह चीपक जाती है ..उसके कमर को अपने पैरों से और गले को अपने हाथों से और भी जाकड़ लेती है ... उस से ऐसे चिपकती है जैसे किसी पेड़ से लता ...शिवानी के स्लॅक्स इतने पतले हैं कि शशांक को अपनी कमर के गिर्द शिवानी की जांघों की गर्मी , उसका मुलायम और मांसल स्पर्श इस तरेह लगता है मानों वो नंगी है....
दोनों एक दूसरे को चूमते जा रहे हैं ....चाट ते जा रहे हैं ..कहाँ , कितना और कब किसी को कुछ होश नहीं रहता ..पागल हो गये हैं दोनों...
शिवानी हाँफ रही थी... तभी वो अपना एक हाथ नीचे करते हुए भैया के बॉक्सर पर ले जाती है और वहाँ कड़क उभार को जोरों से दबाती है ....मुट्ठी में भर लेती है , और अपनी उखड़ी उखड़ी सी आवाज़ में सर उठा कर शशांक की ओर देखते हुए कहती है
" भैया ..."
"हां शिवानी बोल ना .." शशांक भी उसकी आँखों में झाँकता हुआ कहता है..
शिवानी और जोरो से उसके बॉक्सर के उभार को दबाती हुई बोलती है
" मुझे यह चाहिए ..मेरी दीवाली गिफ्ट , दो ना भैया..." अपनी ज़ुबान में जितनी मीठास , प्यार और चाहत ला सकती थी शिवानी ने लाते हुए कहा ...और फिर नज़रें झूका लीं ...
शशांक पहले तो आँखें तरेरते हुए उसे देखता है .....फिर उसके चेहरे को अपनी हथेली से थामते हुए अपने चेहरे के सामने करता हुआ कहता है
" शिवानी ..अभी नहीं ..अभी नहीं .....मेरी बहना ....अभी नहीं ....तुम्हें बहोत दर्द होगा ..मैं यह दर्द तुम्हें नहीं दे सकता ...प्लीज़ अभी नहीं.."
" प्लीज़ भैया ..मैं यह दर्द हंसते हंसते झेल लूँगी .. आप का दिया दर्द भी तो मेरे लिए दवा से भी बढ़ के है .." शिवानी उसकी मिन्नत करती है ....
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