RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
" बात तो तू पते की करती है......अब मेरी गुड़िया भी लगता है औरत बनती जा रही है..."
शशांक की इस बात से शिवानी की आँखों में चमक आ जाती है , और मन ही मन फिर सोचती है
" लगता है अब इस औरत को यह मर्द जल्दी ही अपनी बाहों में लेगा ...बस तू तैय्यार रह..."
" लो तू फिर कहाँ खो गयी शिवानी.... मोम सोचने पर मजबूर .हैं .? क्यूँ ..हाउ डू यू से दट ..?"
" अरे भोले भैया जब मोम तुम से गले लग रो रहीं थी उन्होने क्या कहा था ..???"
" क्या कहा था....? शिवानी मैं तो बस सिर्फ़ बोलता जा रहा था ..मुझे कुछ होश नहीं वो क्या बोल रही थीं..कुछ याद नहीं उन्होने क्या बोला ...बता ना प्लीज़ .."
शिवानी लेटे लेटे ही खीसकते हुए शशांक के बिल्कुल करीब आ जाती है और अपने हाथ उसके जांघों पर रखते हुए कहती है ..
" याद करो उन्होने कहा था ना ' बेटा समय बड़ा बलवान है ..सब ठीक करेगा ..??' .... "
" हां यार कहा तो था मोम ने " शशांक याद करते हुए बोलता है ..फिर अचानक उसे मोम की इस बात की गहराई समझ में आती है और वो खुशी से चिल्लाता हुआ बोल उठता है
" ...ओह गॉड..ओह गॉड...! ओह शिवानी ...मैं सही में कितना बेवकूफ़ हूँ ...कितनी बड़ी बात कही मोम ने .....शी नीड्स टाइम ....शी जस्ट वांट्स मी टू हॅव पेशियेन्स .... वेट आंड . ...उफ़फ्फ़ ..शिवानी मान गये यार तू सही में गुड़िया नहीं ...तू तो मेरी फ्रेंड , फिलॉसफर , गाइड है यार.....माइ बेस्ट फ्रेंड "
और वो अपनी कुर्सी से उठता हुआ शिवानी को गले लगा लेता है ..उसके गाल चूम लेता है ..बार बार गले लगाता है और गाल चूमता है ...और बोलता जाता है "उफफफफ्फ़ ,,इतनी सी बात मुझे समझ नहीं आई ..."
भैया के इस बादलव से शिवानी कांप उठ ती है ..उसका रोम रोम खुशी से झूम उठ ता है ....और भैया से लिपट ते हुए उसकी आँखों में झान्कति है और बोलती है
" भैया देखा ना समय कितना बलवान होता है..मैने भी वेट आंड . वाली पॉलिसी अपनाई ..और आज मेरी सब से प्यारी चीज़ मेरी बाहों में है ..बस तुम भी ऐसा ही करो .."
" यस शिवानी ...यस यस ..यू अरे सो राइट ..." शशांक भी उसकी आँखों के अंदर झाँकता हुआ कहता है.
शिवानी अपनी आँखें बंद किए शशांक के सीने पर अपना सर रखे.. उस पर हाथ फिराते हुए भर्राई आवाज़ में कहती है :
" बस भैया तुम भी वेट करो , बी पेशेंट ..मोम को टाइम दो .... "
शशांक शिवानी का चेहरा अपने हाथों से उपर उठाता है और कहता है
" हां शिवानी .."
थोड़ी देर उसे एक टक देखता है और फिर बोलता है
".तू जानती है तेरी नाक बिल्कुल मोम की जैसी है ..सो शेप्ली आंड सेक्सी.."
ऐसा बोलता हुआ वो उसकी नाक उंगलियों के बीच थामता हुआ प्यार से सहलाता है ....
" भैया और तुम जानते हो ना तुम जिस तरेह अपनी आँखें डालते हुए बातें करते हो , दुनिया की कोई भी औरत तुम पर मर मिटेगी .."
" मैं दुनिया की किसी औरत को नहीं जानता ..बस सिर्फ़ अपनी मोम को जानता हूँ और अब उसकी तरेह एक और भी है मेरी बाहों में ..बस उसे ..."
ऐसा बोलते हुए वो शिवानी को अपने सीने से चीपका लेता है और उसके होंठों को चूम लेता है ...
शिवानी कांप उठती है ... सीहर उठ ती है ....खुशी से पागल हो जाती है..आज उसे मन की मुराद मिल गयी ...
तभी बाहर किसी के चलने की आहट होती है ....पापा आ गये थे शायद ..
शिवानी फ़ौरन अपने को शशांक से अलग करती है ...बीस्तर से उठ ती है ..
और शशांक की ओर बड़ी हसरत भरी निगाहों से देखती हुई झूमते हुए..नाचते हुए कमरे से बाहर निकल जाती है .
शशांक बीस्तर पर नीढाल होता हुआ लेट जाता है ..हाथ पैर फैलाए
" उफ्फ क्या दिन था आज ... कितना कुछ हो गया..."
और सोचता हुआ आँखें बंद कर लेता है ....नींद उसे थपकी देती है , वो उसकी गोद में खो जाता है....
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