RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
मोम को देख शिवानी का चेहरा थोड़ा मुरझा जाता है..उसके शशांक से खूल कर बातें करने की संभावना पर ठेस जो लग गयी थी ..
"कुछ नहीं बच्चों..थोड़ा सर में दर्द था ..इसलिए मैं जल्दी आ गयी.."
" ओह गॉड .. अच्छा हुआ आप आ गयीं .... लाइए मैं सर दबा देती हूँ .."शिवानी ने अपनी मोम के बगल बैठते हुए कहा ..
" अरे नहीं शिवानी ..तू क्यूँ तकलीफ़ करती है ..मैं दबाता हूँ ना मोम का सर ..तू जा किचन में और एक दम कड़क चाइ बना ...चल उठ .." शशांक ने यह सुनेहरा मौका अपने मोम से चीपकने का लपक लिया ..
शिवानी समझ गयी ...वो बड़ी शरारती ढंग से मुस्कुराती हुई उठती है और भैया को आँख मारती है और किचन की ओर जाते हुए कहती जाती है " हां भैया ..ज़रा अच्छे से दबाना ... " और कमर मटकाते हुए किचन की ओर बढ़ जाती है ....
शांति अपने दोनों बच्चो की प्यारी हरकतों पर हँसती जाती है ...
शशांक मोम के बगल आ जाता है ..अपनी मोम का सर अपने सीने पर रखता है और हल्के हल्के अपनी हाथों की उंगलियों से दबाना शूरू करता है ...
मोम के शरीर की सुगंध ...उनके मुलायम पीठ का स्पर्श अपने शरीर पर , शशांक खो जाता है इस स्वर्गिक आनंद में ..और उसके हाथ बड़े प्यार से अपनी मोम का सर दबाता रहता हैं..
शांति भी उसके प्यार से आत्मविभोर है ...वो सोचती है कितनी खुशनसीब है वो ..इतना प्यार करनेवाला पति..इतने प्यारे प्यारे बच्चे ... उसने ज़रूर पीछले जन्म में कोई पुन्य का काम किया होगा ..और सोचते सोचते उसे नींद आ जाती है , और वो शशांक के कंधो पर सर रखे रखे सो जाती है ..उसका सर शशांक के कंधो पर था ..आँचल नीचे गिरा था ..उसका सीना शशांक की नज़रों के सामने था ....उसकी सुडौल चूचियाँ उसकी साँसों के साथ उपर नीचे हो रही थीं ...शशांक एक टक उन्हें निहार रहा था ....
उस की उंगलियाँ शांति के सार से फिसलते हुए कब उसके सीने पर पहून्च गयीं ..शशांक को कुछ मालूम नहीं था ...उस ने मोम के सीने को सहलाना शूरू कर दिया ..उफफफफफफफ्फ़ ...यह उसका किसी औरत को इतने करीब से छूने का पहला मौका था ...पॅंट के अंदर खलबली मची थी ..उसका पूरा बदन सीहर उठा था ...
तभी शिवानी चाइ का ट्रे लिए आती है ...शशांक घबडा जाता है पर अपने पर काबू करते हुए फ़ौरन अपने हाथ हटा ता हुआ शिवानी के हाथ से चाइ की ट्रे लेता है ...पर बड़ी सावधानी से ..उसकी मोम का सर अभी भी उसके सीने पर था ...
शिवानी अपनी आदत से मजबूर कुछ बोलना चाहती है.. पर शशांक उसे इशारा कर चूप रहने को कहता है ..और मोम की ओर इशारा कर धीमी आवाज़ में कहता है " चूप कर शिवानी .मोम को सोने दे ..."
पर शिवानी कहाँ चूप रहती ..उस ने अपना चेहरा शशांक के बिल्कुल करीब ले जाते हुए फूसफूसाते हुए कहती है .." भाई ..मोम को बेड रूम में हम दोनों ले जाते हैं ... वहाँ आराम से उन्हें सोने दो ....यहाँ हम दोनों की बातों से इन्हें डिस्टर्ब होगा.." और अपनी चमकीली दांतें बाहर कर मुस्कुराती है ...
शशांक को भी यह आइडिया पसंद आ जाता है....उसने हामी में अपना सर हिला दिया ...शिवानी खील उठी ..
दोनों भाई बहेन बड़ी सावधानी से शांति को अपनी अपनी बाहों से उठाते हैं , शशांक उन्हें एक बच्ची की तरेह अपने सीने से चिपकाता हुआ गोद में भर लेता है , शिवानी उनका पैर थामती है , धीरे धीरे दोनों बेड रूम की ओर बढ़ते जाते हैं ....शशांक अपनी मोम के स्तनों का दबाव अपने सीने पर महसूस करता है .....उफफफफफफफ्फ़ ..वो आनंदविभोर है इस अनुभूति से ... उसकी आँखें भी आधी बंद हो जाती हैं ...एक अजीब ही सुख था इस स्पर्श में ...
दोनों बड़ी सावधानी से शांति की नींद में बिना किसी खलल के बेड रूम तक पहुचाते हैं ..और उसे बेड पर लीटा देते हैं ...
शांति के बाल बीखरे हैं , आँचल नीचे गीरा है ..हाथ बेड पर फैले हुए ... .क्या द्रिश्य था ....शशांक उसे निहारता रहता है ..
शिवानी उसे हल्के से झकझोरती है ..और बाहर निकलने का इशारा करती है ....शशांक सर हिलाता है ..हामी में ..
जैसे दोनों बेड रूम से बाहर आते हैं शिवानी शशांक से लिपट जाती है , उसके गालों को चूमने लगती है .... शशांक भी अपने गाल उसकी ओर बढ़ा देता है ..पर शायद शिवानी इसे शशांक की स्वीकृति समझ उसके होंठों पर अपने होंठ लगाती है .....शशांक बड़े प्यार से उसका चेहरा अपने हाथों से थामता हुआ अलग करता है और पीछे हट जाता है ....
" हां शिवानी इसी बारे में तुम से बातें करनी है ...." वो प्यार से उसे झीड़कते हुए कहता है
शिवानी का चेहरा मुरझा जाता है ......
शशांक उसे उसके कंधों से थामता हुआ ड्रॉयिंग रूम में सोफे की ओर बढ़ता जाता है...
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