RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
" ऑफ कोर्स जानू ..देखो ना यह तुम्हारा तंबू इस बात की गवाही दे रहा है ... " शांति उसके लंड को अपने हाथ से सहलाते हुए कहती है ....उसका 7" लंड बिल्कुल कड़क था उसके पाजामे के अंदर ...मानो फुंफ़कार रहा हो बिल के अंदर जाने को...
दोनों एक दूसरे को देखते हैं ... एक टक ... और दोनों के हाथ चलते रहते हैं ...शिव शांति की चूत पर लगा है ..और शांति उसके लंड पर ... बातें बंद है ..सिर्फ़ सिसकारियाँ और साँसें चल रही हैं ...
इस दौरान दोनों के कपड़े कब बेड के नीचे आ जाते हैं ..किसी को पता नहीं ..दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से चीपके हैं ..एक दूसरे में समा जाने को बेताब ..
शांति की चूत गीली है ... शिव अपनी उंगलियाँ शांति की गीली चूत से बाहर निकालता है और चाट लेता है ...उसे देख शांति और भी मस्त हो जाती है ...और चूत और भी गीली हो जाती है . वो भी उसके लंड को अपने मुँह में भर उसके सुपाडे को जोरों से चूस्ति है .....शिव तड़प उठता है..मानो उसका पूरा रस शांति के मुँह में जानेवाला हो ..
वो उठ बैठता है ... शांति उसकी तरेफ देखती है ...शिव आँखों से इशारा करता है
शांति समझ जाती है उसे क्या करना है ..दोनों की अंडरस्टॅंडिंग इतनी अच्छी थी ..बोलने की ज़रूरत नहीं होती ..बस सिर्फ़ स्पर्श और आँखों की ज़ुबान चलती ..
शांति बेड से नीचे आ जाती है ...शिव उसे पीछे से जाकड़ लेता है ..उसका लंड उसके चूतड़ो के बीच धंसा है ...और दोनों हाथ से चूचियाँ मसल रहा होता है ..दोनों इसी पोज़िशन में आगे बढ़ते हैं और बेड से थोड़ी दूर जा कर रुक जाते हैं ..वहाँ एक स्टूल रखा है....शांति अपना एक पैर उस स्टूल पर रखती है ... उसकी चूत पूरी तरेह खूल जाती है ...थोड़ी सी आगे की ओर झूकती है ...चूत ख़ूलने में जो थोड़ी कसर थी ..अब वो भी नहीं है ...शिव का लंड उसके चूतड़ो के बीच से फिसलता हुआ उसकी चूत की फाँक पर आ जाता है ...
शिव अपने लंड को हाथों से थामता है ... और बुरी तरेह शांति की चूत की फांकों के बीच घिसता हुआ चूत के अंदर डाल देता है ..शांति आह भर लेती है ..मस्ती की किल्कारी लेती है ..उसका पूरा बदन कांप उठता है
शिव थोड़ा झूकता है ..उसकी कमर के गिर्द अपने हाथ रख उसे थामता हुआ जोरदार धक्का लगाता है ..पूरा लंड अंदर घुसाता है ..शांति इस प्रहार से अकड़ जाती है ..सारा शरीर झन्झना उठता है ..उसका बदन थरथरा उठता है ...
अब शिव लगातार धक्के लगाए जा रहा है..शांति सिसकारियाँ ले रही है..."उफफफ्फ़ ..जानू ..अया ....तुम भी ना ...उउउः और ज़ोर से ..हां मेरी जान ...आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तुम्हारे जैसा लंड भी तो मुझे नहीं मिलता ...उफफफफफफफफफफफ्फ़ ..मैं मर गाईए .....आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह "
शिव उसकी सिसकारियों से और भी मस्ती में आ जाता है .. झूकते हुए हाथ नीचे कर उसकी चूहियाँ भी दबाने लगा ...निचोड़ने लगा ... शांति ने अपना चेहरा थोड़ा पीछे और उपर कर लिया ..शिव ने उसके होंठों को भी अपने होंठों से जाकड़ लिया .... हाथ कभी चूचियाँ मसलता तो कभी कमर जाकड़ लेता ..धक्के का ज़ोर बढ़ाता जाता ..थप..थप की आवाज़ों से कमरा गूँज़ रहा था ....जांघे और चूतड़ टकरा रहे थे ...और चूत और लंड में घनघोर मिलाप हो रहा था ....एक एक अंग उनका इस चुदाई में शामिल था ...
" आआह शांति ...शांति मेरी रानी ..मेरी जान ..आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कितना मज़ा है तेरे अंदर ..उफफफफफ्फ़ "
"हां मेरे राजा ..सब तुम्हारा ही तो है ..ले लो ना ..सब कुछ ले लो ..मैं तो निहाल हो गयी ...आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..उउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ..हाआँ मेरे राजा ..हां ..बस और ज़ोर .....आआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह .."
शिव समझ गया शांति अब झड़नेवाली है ..उसका भी झड़ना अब करीब ही था ..
उस ने अपना लंड अंदर डाले रखा और सीधा खड़ा हो गया ...शांति को भी सीधा कर एक दूसरे से चिपके बेड पर ले आया ....अब शांति को लिटा कर उसके उपर आ गया ..शांति ने अपनी टाँगें फैला दीं ...शिव ने अपना गीला लंड उसकी चूत में घूसेड दिया और उसे अपनी बाहों में जकड़ते हुए फिर से धक्के लगाना शूरू कर दिया ..हर धक्के में शांति उछल पड़ती .. और अब शिव ने अपने लंड को जड़ तक उसकी चूत में डालते हुए उसे बूरी तरेह अपने से चिपका लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा ...बस पागलों की तरेह चूमता जाता ..शांति भी अपनी बाहें उसकी गले के गिर्द डाल कर और भी चिपक गयी ..उसका लंड अंदर झटके खा रहा था ...शिव उसकी चूत में ही झाड़ रहा था ..शांति भी चूतड़ उछाल रही थी ..पानी लगातार निकल रहा था उसकी चूत से ....दोनों एक दूसरे से चिपके थे ..दोनों के शरीर और शरीर के रस एक दूसरे में समाए जा रहे थे ....
फिर शांति के सीने में शिव शांत हो कर अपना सर रख हांफता हुआ पड़ गया ....
शांति अपने हाथ उसके सर के पीछे रखते हुए उसके बालों को सहलाने लगी
" देखा ना ....कोई दूसरा कभी मुझे इतना प्यार देता ....??" शांति ने शिव की आँखों में झाँकते हुए कहा ....
शिव ने कुछ कहने की बजाय उसके होंठों को चूम लिया ...उसके सीने पर उसकी मुलायम चूचियों को महसूस करते हुए आँखें बंद किए मुस्कुराता हुआ पड़ा रहा ..
दोनों एक दूसरे की बाहों में पड़े पड़े कब नींद की गोद में चले गये ..पता नहीं ....
तो फ्रेंड्स कहानी का आगाज़ कैसा लगा ज़रूर बताना और मेरा साथ भी देना
|