RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
रात के करीब 10 बज चुके हैं....शिव-शांति के घर की लाइट्स बूझ चूकि हैं ....और सब अपने अपने कमरों में अपने में ही मस्त हैं .....
शिवानी नाइटी पहेने बेड पर लेटी है....आँखें बंद हैं ..पर उसकी कल्पना की दुनिया अभी भी पूरी तरेह खूली है... उसके ख़यालों में है शशांक ..उसका अपना चहेता , प्यारा और हँसमुख भाई ... उसके बारे सोचते सोचते ना जाने कब उसके दायें हाथ की उंगलियाँ नाइटी के अंदर से उसकी एक दम टाइट चूत के उपर पहुँच जाती है ...अपनी हथेली से उसे हल्के हल्के दबाती है ... दो तीन बार ...बाया हाथ सीने के अंदर घूसेड कर अपनी टेन्निस बॉल के साइज़ की चूचियों को भी हल्के हल्के दबाती जाती है ..."भैया ..ऊवू मेरे प्यारे भैया ...आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कब वो दिन आएगा ..तुम मुझे अपनी बाहों में भर लोगे....उफफफ्फ़ भाइय्या ..."
भैया की रट लगाते ही उसकी उंगलियाँ चूत पर तेज़ी से फिसलना चालू हो जाती हैं...उसकी टाँगें फैल जाती हैं ..चूत की फांके भी खूल जाती हैं ...और उंगलियाँ उस संकरे दरार के अंदर ही अंदर चूत के होंठों के बीच घीसती जाती है ...चूचियों का मसलना भी तेज़ हो जाता है... उसकी साँसें भी जोरों से चलती हैं ..."अया ..उउउहह भैया ..भैया ....." और फिर उसकी चूतड़ उछलती है ...चूत से पानी की धार फूट पड़ती है ....थोड़ी देर तक आँखें बंद किए लेटी रहती है ....टाँगे फैली ..दोनों हाथ भी फैले ....उसे अपने अंदर से पानी चूत से बाहर निकलता हुआ महसूस होता है ..एक अजीब हलकापन उसे महसूस होता है .....और इसी हालत में आँखें बंद किए नींद के झोंकों में खो जाती है ...
शशांक भी अपने कमरे में लेटा हुआ सोच रहा है ... उसके जहेन में शांति छायि है..उसकी माँ का चेहरा बार बार आता है..."माँ तुम इतनी सुंदर हो ...उफफफफ्फ़ पागल हो जाऊँगा ...माँ ...क्या वो दिन कभी आएगा जब तुम मेरी बाहों में होगी ...तुम्हारे आँचल की ठंडक मेरे बदन की गर्मी शांत करेगी.... माँ ..माँ ....मैं मर जाऊँगा माँ ...." और वो महसूस करता है उसके बॉक्सर के अंदर एक तंबू बना है... उसका 8 " पूरे का पूरा कड़क था ...शशांक करवट लेता है ..अपनी जांघों के बीच तकिया रख अपने कड़क लौडे से पिल्लो को जोरों से दबाता है ...तकिये के अंदर उसका लॉडा धँस जाता है ... काफ़ी देर तक इसी पोज़िशन में लौडे को रखता है ...फिर बॉक्सर के सामने के बटन खोल अपने हाथों से अपने लंड की चमड़ी तेज़ी से उपर नीचे करता है ... लंड और भी कड़क हो जाता है ..और फिर एक तेज़ पिचकारी छोड़ता हुआ झटके देता हुआ , कमर और चूतड़ उछालता हुआ झाड़ता जाता है ..
शशांक हांफता हुआ पड़ा रहता है ....आँखें बंद है ... और कुछ देर बाद वो नींद की आगोश में खो जाता है....
शिव और शांति अपने कमरे में लेटे हैं अगल बगल ...शांति शिव के दाहिने हाथ पर सर रखे लेटी है ...और शिव का बाया हाथ शाँति के कोमल बदन को सहला रहा है ....शांति आँखें बंद किए इस स्वर्गिक सूख का आनंद ले रही है ...शिव शांति को अपनी तरफ खींचता है ..दोनों आमने सामने हैं ..दोनों की साँसें एक दूसरे से टकरा रही हैं ...शिव उसके होंठों को चूमता है , अपनी एक टाँग उसकी टाँग के उपर रख ता है ...
" शांति ...." अपना सारा प्यार अपनी ज़ुबान में भर उस से बोलता है
" ह्म्म्म..जानू.... क्या...? " शांति उसके सीने पर अपना हाथ फिराते हुए पूछती है ..
" शांति .. " और ज़्यादा प्यार , और ज़्यादा मीठास है इस बार उसकी ज़ुबान में ...
" अरे बाबा कुछ बोलॉगे भी यह फिर मेरा नाम ही लेते रहोगे सारी रात ? " शांति हंसते हुए बोलती है
अब शिव अपना हाथ उसकी जांघों के बीच की दरार में रखता हुआ , उसकी चूत सहलाता है ..शांति कांप उठती है ..एक सीहरन सी होती है उसे
" शांति ..आज जो भी हूँ मैं सिर्फ़ तुम्हारी बदौलत ..तुम ना आती मेरी जिंदगी में ..मैं जाने क्या करता ..??" और यह कहते हुए उसे अपनी बाहों में जाकड़ लेता है और उसके होंठों को चूस्ता है ...
" उफ्फ तुम भी ना ..." शांति अपने होंठों को उस से अलग करती है और हान्फते हुए कहना जारी रखती है
" क्या करते .? अरे मेरी जगेह कोई दूसरी होती ...उस से भी ऐसी ही मीठी बातें करते .."
" नहीं शांति ..तुम जानती हो अच्छी तरेह कोई और तुम्हारी तरेह नहीं होती ..तुम लाखों में एक हो ...मैं खुश किस्मत हूँ तुम्हारे जैसी बीवी मुझे मिली .." और वो उसकी चूत जोरों से दबा देता है ...
" हाई ..क्या कर रहे हो जानू ... " और वो शिव से और भी करीब चिपक जाती है
" मैं भी तो कितनी खुशकिस्मत हूँ शिव ....तुम ने मुझे समझा और इतना प्यार दिया ...मुझे भी तो कोई और थोड़ी ना मिलता ..इतना प्यार करनेवाला ...."
"ह्म्म्म ..मैं तुम्हें क्या इतना प्यार करता हूँ ..??"
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