RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
"अच्छा ..?? तो इतनी रात , तुम वहाँ और मैं यहाँ ..कैसे निकलोगे राजा ..क्या तुम्हारा लॉडा इतना लंबा हो गया इतनी जल्दी ??? ..मेरे चूतड़ में तो बहोत दम है यार ...देखो ना कितना तन्न कर दिया ...ही ही ही ही ""
" नहीं मेरी रानी ना मैं यहाँ ना तुम अकेली वहाँ ..हम दोनों वहाँ होंगे थोड़ी देर में ..."
"क्य्ाआआअ......???/???,"ऐसा लगा उसकी रिसीवर हाथ से शायद फिर से छूट गयी थी ,"तुम पागल हो गये हो , इतनी रात तुम यहाँ आओगे ..?? "
" हां स्वेता मैं बस पागल हो गया हूँ .. यही समझो ... हां अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ ना हो तो ..."
"मुझे कोई प्राब्लम नहीं यार ..पर कोई देख ले तुम्हें इतनी रात यहाँ आते , तो..?"
" डॉन'ट वरी फॉर दट ..एक तो अभी कोई बाहर होगा भी नहीं ..और मैं पूरा ख़याल रखूँगा कि मुझे कोई देखे नहीं ...मुझे भी इसकी चिंता है ना .. डार्लिंग बस तुम हां कर दो ..मैं रियली बहोत परेशान हूँ ...ऊऊऊऊऊः देखो ना अभी से उसके मुँह से लार टपक रही है ....""
"ही ही ही......तुम भी ना ..बहोत शरारती हो गये हो ..ठीक है बाबा आ जाओ और जल्दी करो ...शायद यहाँ मुझे भी कुछ गीला गीला लग रहा है ...ही ही ही...."
" थ्ट्स लाइक आ गुड गर्ल ... बस मैं 5 मिंट में आया ..तुम दरवाज़ा खोल के रखना ..मैं नॉक नहीं करूँगा ....सीधा अंदर आ जाऊँगा ...तुम अपनी खिड़की से बाहर देखते रहना ..ओके ..??"
"ओके डार्लिंग ....बस अब आ जाओ ..."
और मैं बिस्तर से उठा ..कपड़े बदले ..घर का दरवाज़ा लॉक किया और चल पड़ा अपनी नींद के पीछे ..उसे निकालने ..उसे फिर से अपनी आँखों में वापस लाने ...
स्वेता का घर मेरे घर से सिर्फ़ एक घर छोड़ कर था ...मुझे सिर्फ़ 2 -3 मिनट. लगे वहाँ पहून्च्ने में ..गेट ख़ूला था ...मैने आगे पीछे देखा ..कोई नहीं था ....मैने गेट खोला और तेज़ कदम बढ़ाते हुए उसके बरामदे से होता हुआ दरवाज़े की ओर बढ़ा ..दरवाज़ा भी ख़ूला था ...मैने हल्के से पुश किया ..और अंदर आ गया ..देखा तो सामने... स्वेता बैठी थी ..सोफे पर ..वो फ़ौरन उठी और दरवाज़े को लॉक करने लगी ...मैं बगल को हट गया ...उफफफफफफफफफ्फ़ क्या लग रही थी .....उस ने एक पारदर्शी डीप रेड नाइटी पहेन रखी थी ... अंदर कुछ भी नहीं ...ऊओ मैं देखता ही रहा ...जैसे उसका सारा बदन नाइटी से बाहर उछलने को तैय्यर था ..., मुझ से रहा नहीं गया ...जब वो झुकी दरवाजा को बोल्ट करने को ..उसके चूतड़ पीछे की ओर उठे थे ...जैसे मुझे बुला रहे हों ..और नाइटी उसकी दरार में फँसी थी ...ऐसा लगा जैसे उसके लाल रंग के चूतड़ हो और वो बिल्कुल नंगी हो..मैने झट उसके पीछे आते हुए उसकी कमर अपने हाथों से जाकड़ ली और अपने क्रॉच उसकी चूतड़ की दरार में चिपका कर उसकी गूदाज पीठ पर अपने गाल फिराने लगा ...
" उफफफफफफफ्फ़ ...ज़रा सब्र करो ना प्रीत ...लॉक तो करने दो दरवाज़ा ... मैं कहाँ भाग रही हूँ..चलो बेड रूम में वहाँ जो जी चाहे कर लो .." और वो दरवाज़ा लॉक कर सीधी खड़ी हो गयी और मैं उसे अपने से चिपकाए उसके साथ साथ बेड रूम की ओर बढ़ता गया ..मैने उसे पीछे से जकड़ा हुआ था ..मेरा लॉडा पॅंट को चीर कर बाहर आने को तड़प रहा था ..उसके चुतडो के बीच धंसा था ..मेरे हाथ उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ थामे थे ...और हम लोग बेडरूम की ओर बढ़ रहे थे ..
"बाप रे ..तुम तो सही में पागल हो गये हो ...आज तो मेरी गान्ड फटी .."
"हां रानी आज मैं सही में तेरे लिए पागल हूँ ..तुम हो ही ऐसी ..."मैने उसके कान में अपनी भर्राई आवाज़ से कहा ...
अब वो भी सिसकारियाँ ले रही थी .."ओओओह्ह ...आआआआआः "
जैसे हम बेड पर पाहूंचे मैने उसे लिटाया और उसके उपर आ गया ...उसकी टाँगें अपनी टाँगों से जाकड़ ली ..उसके होठों पर अपने होंठ रखे , उसे छूने लगा ..उसके होंठों को चूसने लगा ...कभी होंठ ..कभी गाल ..कभी गर्दन ..कभी उसकी छाती ..आआआआआआः उसकी हर जगह भरी भरी थी ..चूमने और चूसने में भरपूर मज़ा आ रहा था ...
"हां हां चूसो ..चाटो ..ऊऊऊऊः हां हां प्रीत ..आज मुझे पूरा चूस लो ...चूस लो ना ..अयाया " वो चीख रही थी ..
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