RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
स्वेता लेटी थी ..अब उसकी टाँग बिल्कुल सीधी थीं ...थोड़ी सी फैली हुई ..आँखें बंद थीं मस्ती में ..मेरा लॉडा भी टॅन हो रहा था ...मैं उसके बिल्कुल करीब बैठा था ... लगभग चीपकते हुए ...मेरी जाँघ उसे टच कर रही थी ... उसका गला और कंठ सॉफ हो गया ...अब कहाँ की बारी ..??
मैने फ़ौरन आइस क्रीम उसकी चेस्ट पे डाला ... दोनों चूचियों के बीच ..और जीभ रखते हुए टूट पड़ा ... स्वेता चिहुनक उठी ..."ऊवू ..." आइस क्रीम की ठंडक और जीभ की गर्मी ..मैं चाटे जा रहा था उसकी गूदाज चूचियाँ ...स्वेता सिसकारियाँ ले रही थी ..मैं उस से और चीपक गया ...क्या मस्त चूचियाँ थी ... पूरी गोलाई में आइस क्रीम पिघल कर फैली थी ...चारों ओर जीभ दौड़ रही थी मेरी ..मैं भी मस्ती में था ...चाटे जा रहा था ..चाटे जा रहा था उसके चौड़े सीने को .. ऐसे भारी भारी और चौड़े सीने को चाटने की मस्ती ...मेरा लॉडा फॅन फ़ना रह था ...सडन्ली मुझे अपने सुपाडे पर कुछ गुदगुदी महसूस हुई ..स्वेता अपनी उंगलियों से वहाँ धीरे धीरे कुरेद रही थी ..."आह " भेन्चोद मस्ती मे... मैं सिसकार उठा ..
उसका सीना साफ था ... और दोनों एक अजीब सीहरन ..रोमांच और मस्ती में थे ..मैने अब बिना समय बर्बाद किए आइस क्रीम उसके निपल पे डाला ... स्वेता एक दम से चौंक पड़ी ... निपल्स में ठंढक के अहसास ने उसमें एक कंपकंपी पैदा कर दी .. मैं एक झटके में जीभ वहाँ रखा और सतसट चाटने लगा ...निपल की पूरी गोलाई नापते हुए .. निपल की टिप्स तक जीभ ले जाता ...आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उसके निपल्स एक दम कड़े थे ..जैसे कोई बच्चे की नूनी .... आआआआआआआआः ...ऊवू ..स्वेता कराह रही थे ..मस्ती में थी , उसकी उंगलियाँ अब मेरे लौडे को कुरेदने से आगे बढ़ चूकि थी ..वो उसे सहला रही थी ..उंगलियों से ..मैं भी सीहर उठा ..कांप उठा ... जब तक आइस क्रीम का चाटना ख़तम हुआ उसके निपल्स टाइट थे ..एक दम खड़े ..
""आआह प्रीत ..बस अब जल्दी करो ..प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़..जल्दी रूको मत ..जान निकालो अपनी वरना मेरी जान निकल जाएगी ..अया ..प्ल्ज़्ज़ जल्दी ..जल्दी ...'
मैने आइस क्रीम पेट में डाली ...स्वेता कराह उठी .....मैं चाटने लगा ..पेट ..भारी , मांसल ...सफेद ...अया पूरे पेट में मेरी जीभ चल रही थी ..लॅप लॅप लॅप .......उसकी पकड़ मेरे लौडे पर और टाइट हो रही थी ... अब वो सहलाने से आगे बढ़ चूकि थी ..दबा रही थी मेरे लौडे को ..धीरे धीरे ....मैं चाट रहा था उसके पेट .... मैने नीचे नज़रें दौड़ाई ,उसकी जांघों के बीच ,,उसकी चूत गीली थी ....आह्ह्ह्ह्ह्ह उसके रस की बूँदें चूत की फांकों से लगी चमक रही थी ..
अब मैने आइस क्रीम से उसकी नाभि का होल भर दिया .....स्वेता कांप रही थी ... जीभ मेरी अब तक आइस क्रीम की ठंडक से कुछ कड़ी हो गयी थी ... मैने जीभ को पूरा बाहर निकालते हुए पतली कर ली और उसके नाभि में घुसेड दिया ... जैसे नाभि चोद रहा हूँ ..."आआआआआआः ..मरी रे मरी रे..मैं मारीईईईईईई..' स्वेता चीत्कार उठी ...मैं उसकी नाभि के चारों ओर जीभ घूमा रहा था और चाटे जा रहा था ....आयार जीभ चोडन भी चालू था ...स्वेता के पेट में कनकंपी सी हो रही थी ..पेट के मसल्स थरथरा रहे थे ..... 'प्रीत ...हाआँ ....ऊऊऊहह ....क्या कर रहे हो .... उईईईईईईईईईईईईई ..."
इस बार की चटाई थोड़ी देर तक चली ..उसकी नाभि का छेद गहरा था ...और चौड़ा भी ...उसके अंदर जीभ चलाने का भी एक अलग ही मज़ा था ....जैसे छोटी चूत हो ... स्वेता की उंगलियों की हरकत अब तेज़ हो रही थी ..उसने अब पूरी मुट्ठी में मेरे लौडे को पकड़ रखा था ...दबाए जा रही थी ..जैसे अपनी मस्ती लौडे में डाल रही हो ......उसकी मस्ती के साथ साथ मेरे लौडे से खेलना भी बढ़ता जा रहा था और मेरी सीहरन भी ...'हाआआं स्वेता ....हाआआआआअन्न ..दबाओ ...दबाओ और जोरों से दबाओ ... आआआआआः " मैं भी तड़प उठा था ...' मेरे लौडा से भी लगातार पानी बह रहा था ..स्वेता की हथेली मेरे प्री कम से गीली थी और उसकी चूत उसके पानी से ...
"जल्दी करो ना ...हाईईईई ..हाईईईई ...रूको मत प्रीत ...... "
और मैने चम्मच अब उसकी नाभि और चूत के बीच वाली झन्टो की सपाट जगह में खाली कर दिया ..वहाँ एक भी झांट के बाल नही थे ...एक दम प्लेन और चिकना ..आइस क्रीम फिसल कर नीचे खीसकने लगी ..मैने फ़ौरन जीभ लगाई और फिसलना रोका और चाटना शूरू कर दिया ,,चूत की फाँक से जस्ट उपर से शूरू करता हुआ नाभि के नीचे तक जीभ पहूंची ..काफ़ी बड़ा एरिया था ...जीभ भी लंबी चौड़ी जगह की तेज़ रफ़्तार से सफाई कर रही थी ..साडॅप साडॅप ...जीभ उस चीकनी जगह पर फीसली जा रही थी ...अपने आप ... स्वेता के चूतड़ उछल पड़े थे ...लगातार उछले जा रहे थे , उसके जांघों में भी कंपन था .... मैने उसकी जंघें हाथों से जाकड़ रखी थी और उसके पेडू की चटाई कर रहा था //सतसट ..सतसट ..लॅप लॅप .....''प्रीईईईईईईईईट ..अब और नहीं ..आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैं मर जाऊंगी ,,,क्या हो रहा है ....कहाँ गयी तुम्हारी जान..अब जल्दी निकाल दो ..मेरी जान निकल रही है ...माआआआआआआआआआआआ ..निकाल दो प्रीत ..निकाल दो ..... जल्दी करूऊऊऊऊओ ...."
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