RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
स्वेता बौखला गयी थी साड़ी उतारने के नाम से
"यह क्या मज़ाक है प्रीत ... नहीं बाबा मुझे नहीं खेलना यह ख़तरनाक गेम ..."
"कम ऑन स्वेता .. अपने वादे से पीछे मत हटो ...तुम तो राज़ी हो गयी थीं ..और आज तुम्हारी साड़ी उतरने का कोई पहला मौका तो नहीं है.. " मैने मुस्कुराते हुए कहा ..
यह सुनते ही उसके गाल लाल हो गये ..वो और भी सेक्सी लग रही थी .
"ह्म्म्म...वो तो है ..पर वो और बात थी .. उस समय मैं होश में नहीं थी .."
"ज़रा सोचो स्वेता ..तुम होश में नहीं थी ..पर साड़ी उतारने के बाद क्या मस्ती थी..फिर सोचो होशोहवास में मस्ती तो दोगुनी हो जाएगी..मान भी जाओ ना यार ...देखो ना मेरी जान तुम्हारे अंदर बेचारी कहाँ कहाँ भटक रही है ... तुम्हें भी परेशानी हो रही होगी ..बेचारा बाहर आने को तड़प रही है ..उसे मुक्ति दे दो यार.. आइ आम शुवर आइस क्रीम की ठंडक से घबडा कर ज़रूर बाहर आ जाएगी ..."
और वो इस बात पर ठहाका लगा कर हँसने लगी ..
"हा हा हा ..तुम भी ना ... पर बाहर नहीं आई तो ..?? मैं कहाँ कहाँ लिए फिरूँगी तुम्हारी जान को ../?? अच्छा ठीक है पुक्का बाहर आएगी ना ..?? "
"हां पक्का ..अपनी जीभ के कमाल से मेरी जान तो क्या तुम्हारी जान भी निकल जाएगी ...हा हा हा !!! "
"ह्म्म्म ..बातें तो अच्छी बना लेते हो .. पर तुम मुझे घूरोगे नहीं .. नज़रें नीची रहनी चाहिए .."
"हां बाबा हां ..नज़रें मेरी आपकी कदमों पे होंगी ... आप से आँखें मिलाने की जुर्रत नहीं करूँगा ..चाट ते वक़्त भी आँखें बंद कर लूँगा ... ओके ..??"
"ठीक है .. याद रखो नज़रें नीची ..और चाट ते वक़्त आँखें बंद .. अगर ज़रा भी शरारत की तो फिर खेल वहीं बंद ... "
"हां मेरी अम्मा हां ..चलो अब जल्दी शूरू करो .. तुम्हें घर भी जाना है के नहीं ..?? "
"अरे हां अच्छा याद दिलाया तुम ने कितने बज गये हैं ..?? "
" अभी 2.30 हुआ है ... "
"ठीक है 330 तक तुम्हारी जान बाहर होनी चाहिए .. वरना मैं उसे धक्के मार कर निकाल बाहर कर दूँगी .....ही ही ही ...."
"ठीक है मैं आता हूँ आइस क्रीम ले कर .." और मैं फ्रिड्ज से एक बोवल में आइस क्रीम ले आया और साथ में एक बड़ा चम्मच .
इस खेल का रोमांच मुझे गुदगुदी कर रहा था ... एक सीहरन सी उठ रही थी ..
आइस क्रीम की बोवल हाथ में लिए स्वेता के बगल खड़ा हो गया ... वो अभी भी सोफे पर बैठी थी ..
"चलो तुम घूम जाओ ...और जब तक मैं ना बोलूं मेरी ओर मत देखना ... "
मैं घूम गया और उसके ग्रीन सिग्नल का बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा था ..दिल की धड़कने बढ़ती जा रहीं थीं आनेवाले रोमांच से ...
सब कुछ इतना शांत था कमरे में ..उसकी साड़ी उतारने की सरसराहट भी सुनाई पड़ रही थी ..थोड़ी देर बाद सरसराहट बंद हो गयी..एक दम सन्नाटा था रूम में ..मेरे दिल की धड़कानों की आवाज़ सुनाई पड़ रही थी ...
"चलो घूम जाओ .." उसकी धीमी और शरमाती सी आवाज़ आई ...
मैं फ़ौरन घूम गया और सोफे की ओर देखा ... ओह माई गॉड ..क्या सीन था ...वो घूटने मोड सोफे पर लेटी थी.. उसकी सुडौल टाँगें ..गूदाज़ जंघें ..जांघों के बीच की चूतड़ की दरार ..सपाट पर भरा भरा पेट ...उभरी चूचियाँ ..एक दम गोल गोल ..गुलाबी निपल्स ...ऊह मैं बस देखता ही रहा ...
" ओऊह मिस्टर घूर्ना मना है ..चलो नज़रें नीची .. और काम शूरू करो ... "
" जो हुकुम सरकार .. " मैं बोवल नीचे फर्श पर रखा और उसके बगल बैठ गया .... सोचने लगा कहाँ से शूरू करूँ..
" लेकिन यह तो बड़ी नाइंसाफी है.." उस ने कहा
"क्यूँ अब क्या हुआ .." मैने झल्लाते हुए कहा
"वाह मेरे तो कपड़े उतरवा दिए और खुद सर से पाँव तक ढँके हो ..यह क्या बात हुई ,,?? "
" ओह सॉरी ..युवर पॉइंट ईज़ वेल टेकन मॅ'म .." और मैने भी फटाफट अपने कपड़े उतार दिए ..दोनों आमने सामने नंगे थे
अब सोचो दोस्तो आगे का सीन कैसा बनेगा बताउन्गा लेकिन आपके रिस्पोन्स के बाद तो फटाफट अपने अपने कमेंट दो
यार इतना हक तो मेरा बनता है हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे
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