RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
"ठीक है तो कल का लंच हम साथ ले रहें हैं ...पक्का .." कहते हुए मैं उठा ...वो भी उठी और जाते जाते फिर कमाल दिखा दिया ..पर इस बार हाथों का नहीं ...उस के हाथ में चाइ की खाली कप थी ..वो मेरे सामने आ गयी ..उसकी एक जाँघ मेरे सामने थी और दूसरा उसकी कुर्सी के सामने .. कप रखने को वो झूकि और अपने हिप को मेरे क्रॉच से बिल्कुल सटाते हुए कप टेबल पर रख दिया ..मेरा लॉडा उसकी हिप से रगड़ खा रहा था ... उस ने कप रखा और फिर सीधी खड़ी हो गयी ..और मेरे क्रॉच की तरफ देखा जो तंबू का आकर लिए था ...बड़े प्यार से मुस्कुराया और हाथ हिलाया ..पता नहीं यह हाथ हिलाना मेरी लिए था या मेरे तंबू जैसे क्रॉच के लिए ....
" कल तैयार रहना ..मैं आउन्गि ..." यह कहते हुए वो फिर से अपनी तूफ़ानी चाल से बगीचे की ओर चल पड़ी ..कुछ फूल तोड़े और बाहर निकल गयी ...
मैं अपने लौडे को सहला रहा था .......
मैं स्वेता भाभी के कमाल से परेशान था ..पिछले दो दिनों से ...उनके जाने के बाद मेरे लंड महाराज फूँफ़कार्ते रह जाते ...उन्हें बिल की सख़्त ज़रूरत थी .. पर आज तो किसी तरेह शांत होने का नाम ही नहीं था ...मैं बेचारा मरता क्या ना करता ...स्वेता भाभी की गदराई और फूली फूली चूत की कल्पना के सागर में गोते लगाने लगा और बाकी काम हाथ की सफाई से हो गया ...
जिसकी चूत की कल्पना मात्र से एक सीहरन , एक गुदगुदी एक रोमांच सो उठता था ,,जब सामने होगी तो क्या होगा ...ऊऊओह ..मैं सोच सोच कर पागल हो रहा था....पर मन में डर भी रहा था के भाभी कहीं ऐन मौके पे धोखा ना दे दे ..आख़िर एक औरत हैं ..हँसी मज़ाक अपनी जगेह है ..और जब असलियत का सामना हुआ तो कहीं उनकी लोक-लज्जा उन्हें रोक ना ले ..और मैं किसी के साथ कभी भी ज़बरदस्ती सेक्स नहीं करता ...जब तक कि दोनों की मर्ज़ी ना हो....तभी सेक्स का सही मज़ा आता है ...
पर मैने भी सोच लिया था जब बात इतनी आगे बढ़ गयी है ...तो मैं उन्हें राज़ी कर ही लूँगा ...
और सब से बड़ी बात के भाभी ने अपनी तरफ से तो काफ़ी इशारा कर ही दिया था ...और मैं कल आनेवाले सुनहरे पल की कल्पना में खो गया ...
सुबेह थोड़ी देर से उठा और रामू को आवाज़ दी .. और कहा " देख आज कुछ खास मेहमान आ रहें हैं खाने पर ...खाना बढ़िया होना चाहिए ..देख लो किचन में अच्छे से , कुछ और चाहिए तो बता दो ...और हां तुम 12 बजे तक खाना बना लेना ..और ओवेन में रख देना ..प्लेट लगा देना टेबल पर ..उसके बाद तुम्हारी छुट्टी है ..तुम चले जाना .."
"बहुत अच्छा साहेब .." और वो किचन की ओर चला गया ..
मैं नाश्ता करने के बाद बाहर निकल गया और बाज़ार से कुछ बियर और कोल्ड ड्रिंक्स की बॉटल ली और आइस क्रीम का एक बड़ा पॅक भी ले लिया ... और हां मोहन के यहाँ से पान का स्टॉक भी ले लिया आज सनडे होने की वाज़ेह से उसकी दूकान पर कुछ ज़्यादा ही भीड़ थी इस समय ..इसलिए उस से ज़्यादा बात नहीं हुई और मैं उस से ज़्यादा बात करने के मूड में भी नहीं था ..मेरे दिमाग़ में तो बस स्वेता भाभी ही छायि थीं अपनी पूरी लंबाई , उभार और गोलाई सहित ..
घर आ कर आइस क्रीम , बियर और कोल्ड ड्रिंक्स के बोतलों को फ्रीज़र में डाल दिया ..
तब तक रामू ने खाना बना लिया था , सभी काम तरीके से निबटा लिए थे और जाने की इजाज़त माँग रहा था ..मैने भी हां कर दी ...
अब मैं अकेला था और मेरे साथ था स्वेता भाभी का मन में गुदगुदी लाने वाला इंतेज़ार ...
मैं बाहर बरामदे में पेपर पढ़ता हुआ बेसब्री से गेट की ओर देख रहा था ...
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