RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
भारती ने देखा मेरे लौडे की हालत .उस ने लेटे लेटे ही उसे बड़े प्यार से अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी ...उसका मेरे लौडे को अपने हाथों में लेना ,,आह मुझे बड़ा अच्छा लगा .. उसकी मुलायम हथेली ने मेरे लौडे को हल्के हल्के दबाना चालू किया , दबाती और चमड़े को उपर नीचे करती "...आआअह हां रानी ... हां ...ज़रा और ज़ोर से दबाओ ..दबाओ " वो दबाते दबाते हथेली उपर नीचे करती जैसे मेरा लॉडा उसकी हथेली चोद रहा हो ... उस ने लौडे को गोल मुट्ठी बना कर जाकड़ लिया और खूब तेज़ी से उपर नीचे करने लगी ..मैं मस्ती में था ..लेटे लेटे कराह रहा था .."अया अयाया .."फिर वो मेरे से चिपक कर अपनी चूचियाँ दूसरे हाथ से मेरे मुँह में डालते हुए कहा 'चूसो ना राजा इन्हें .." और मैं चूसने लगा उसकी भारी चूची ....घूंड़ी कड़ी हो गयी थी ..उसका दूसरा हाथ लगातार मेरे लौडे को मूठ मार रहा था ..उपर नीचे ...' आआआआआः , मैं कराह रहा था "हां भारती और ज़ोर से ..और ज़ोर से ..." और वो बोलती "हां जानू ..हन जानू ..लो ना .." वो मुझ से और जोरों से चिपक गयी ..उसकी चूची मेरे सीने से चिपकी थी .मुझ से भी अब बर्दास्त नहीं हो रहा था ..ऐसा लगा जैसे पूरी मस्ती मेरे लौडे क टिप पर आ गयी हो ....लौडे के अंदर सनसनी सी महसूस हुई .भारती ने मेरे लंड को अपने मुँह से लगा लिया और दो तीन जोरदार झटके लगाए उपर नीचे और मेरे लंड ने उसके मुँह पर कम की पिचकारी छोड़ दी ... उस ने पूरा कम अपने मुँह में ले लिया ..झटके पे झटका खा रहा था मेरा लॉडा .. उसके हाथ भी चिप चीपे हो गये ...उसकी उंगलियाँ भी चिप चिपि हो गयीं ..मेरा लॉडा शांत हो गया ..मैं भी शांत हो गया और उस से चीपक कर आँखें बंद कर उसकी छाती से लग कर पड़ा रहा ...
भारती अपने हाथ और उंगलियाँ चाट चाट कर साफ कर रही थी
हाथ साफ होते ही उस ने मेरे चेहरे को अपनी हाथों से थाम लिया और अपने सीने से लगा लिया और मैं वैसे ही उसके साथ चिपका रहा काफ़ी देर तक .
एक अजीब शीतलता , शूकून और सन्तुस्ति थी दोनों के चेहरे पर ..
थोड़ी देर बाद मैने देखा तो भारती के चेहरे पे हल्की हल्की मुस्कान थी ,,वो मुझे एक टक देखते हुए मुस्कुराए जा रही थी ..उसकी आँखों से प्यार उमड़ रहा था ..
" अरे रानी ऐसे क्या देख रही हो ..क्या बात है ..?? "
" मैं यही देख रही थी जानू कि तुम्हारे में और बाकी लोगों में कितना अंतर है ..."
"कितना.,,मेरी जान .??'
" जानू बाकी लोग सेक्स से प्यार करते हैं और तुम प्यार से सेक्स करते हो ...! "
मैं उसकी बात सुन कर दंग रह गया ...एक मामूली कॉल गर्ल इतनी बड़ी बात ..??? अब तो इसके बारे में जान ना ही पड़ेगा ..इतनी समझदार और मेट्यूर्ड लड़की कैसे इस गंदगी में फँसी ..????????
कैसे ओर क्यूँ ..?????
"वाह वाह मेरी रानी , क्या बात कही तुम ने .. सेक्स से प्यार और प्यार से सेक्स ....वाह वाह ..दिल खुश कर दिया तुम ने .." और यह कहते हुए मैने उसे चूम लिया ...
"पर भारती , तुम यह इतनी अच्छी अच्छी बातें कैसे कर लेती हो...मुझे आश्चर्य होता है ... और साथ में तुम्हारे बारे जान ने की इच्छा भी. .. "
" जानू ..यह सब बातें मैने अपनी जिंदगी से सीखी है .. किसी किताब से नहीं .. लोगों से ...मेरे यहाँ जो भी आता है पूरी तरह नंगा हो जाता है .. उसकी कोई बात छुपी नहीं रहती ..पूरे का पूरा नंगा .. "
मैं फिर से अवाक रह गया .इतनी बड़ी बात और इतनी पैनी नज़र , लोगों को नंगा कर उन्हें देखने की , समझने की और सब से बड़ी बात समझ कर उसे इतने सीधे सादे और बेबाक तरीक़े से सीधे सादे शब्दों में बता सकने की क्षमता ...
"भारती... हर आदमी तुम्हारी तरह नहीं देख सकता और ना समझ सकता है.. तुम्हारे में वो चीज़ है जो बहोत ही कम लोगों में होती है ... प्लीज़ मुझे अपने बारे बताओ ना ...मैं बहोत उत्सुक हूँ ..कि ऐसी साफ सुथरी विचारो वाली लड़की इस डाल डाल में कैसे फँस गयी ..?? "
मेरी बात सुन कर उस ने जोरों का ठहाका लगाया ...और कहा
"जानू कमाल भी ऐसे डाल डाल में ही खिलता है और मिलता भी है...सोचो ज़रा , अगर मैं इस डाल डाल में नहीं होती तो क्या तुम से मिल पाती ...बोलो बोलो ..?? "
मैं फिर से निरुत्तर था ..बस उसकी तरह मुँह फाडे देखता रहा ....थोड़ी देर चूप रहा फिर कहा
" हां यह बात तो है ..मुझे भी तुम्हारे जैसी दोस्त नहीं मिलती .. सही कहा भारती ...पर देखो प्लीज़ भगवान के लिए बात टालो मत ..मैं पागल हो जाऊँगा ..प्लीज़ बताओ अपने बारे ..पूरी बात .. तुम्हारी बातों से तो यही लगता है के तुम किसी बहोत ही अच्छी फॅमिली से हो...पर तुम्हारी किस्मेत ने तुम्हारे साथ बहोत बड़ा धोका किया ..बहोत बड़ा ... "
" हां जानू ऐसा ही समझ लो ... वरना.. " और यह कहते कहते वो एक दम से चूप हो गयी ..अपनी आँखें बंद कर लीं ..और मैने देखा उसकी आँखों की छोर से आँसू की पतली सी धार निकल रही थी .
मैं उसे अपनी ओर खींचते हुए उंगलियों से उसके आँसू पोंछे उसे गले लगाया ..उसके गाल में लगे आंसूओं को चूमते हुए साफ किया और कहा "रानी देखो दूख बाँटने से दूख हल्का होता है ..अगर मुझ पर विश्वास है तो कह डालो अपनी कहानी और अपना जी हल्का कर लो .. पर अगर तुम्हें बताने में कोई दूख , दर्द यह पीड़ा होती हो तो फिर रहने दो ..मैं समझ लूँगा मैं इस क़ाबिल नहीं के तुम्हारी पीड़ा बाँट सकूँ .."
"नहीं जानू ...ऐसी बात नहीं ..तुम पहले आदमी हो जिस से मैं इतना खूल कर बात कर रही हूँ .डरती हूँ कहीं तुम मुझे ग़लत ना समझो .. तुम तो यहाँ मज़े के लिए आए हो ..तुम ने पैसे दिए हैं मेरे लिए .मेरे दूख या मेरी कहानी के लिए नहीं ..." और वो मेरी ओर चेहरे पर बिना कोई भाव लिए देखती रही ..
मैं फिर से निरुत्तर था ...पर मैने कहा
" नहीं भारती ..तुम तो जानती हो मैं औरों के समान नहीं .. मैं प्यार से सेक्स करता हूँ ...तुम्हीं ने कहा .. तुम्हारी बात .. तुम्हारे बारे जान कर मैं जानता हूँ मेरा प्यार और भी बढ़ेगा .. " और हंसते हुए बात आगे बढ़ाया " और सेक्स भी अच्छा होगा ..है ना .." और मैं फिर हंस पड़ा ...वातावरण कुछ हल्का हुआ
"जानू तुम भी कम नहीं .. लगता है मेरी कहानी सुन कर ही रहोगे.."
"हां रानी ...मैं सुन कर ही रहूँगा .चलो अब शूरू हो जाओ..शूरू से ..."
"ओक बॉस ...तो सुनो शूरू से .."
और फिर उस ने जो बताया ... एक बार तो मैने सोचा के ना ही बताती तो अच्छा था ..पर फिर मैने सोचा कि देखो इस ने मुझ पर इतना विश्वास किया .. इतना भरोसा किया अपनी एक एक बात इस ने मुझे बताई ,,मैं जानता था यह सब बातें , अपनी जिंदगी की दर्द और पीड़ा जनक घटनाओं को याद करने में इसे कितनी तक़लीफ़ हुई होगी ..पर इस ने मेरे लिए सब सहते हुए सारी गाथा सुना दी ..
मेरे दिल में उस के लिया प्यार और आदर और बढ़ गया ..कहानी ख़त्म करते करते वो सिसक रही थी और मुझ से लग कर फूट फूट कर रोने लगी ...उसे हिचकियाँ आ रही थीं ..फफक रही थी भारती ..
मैने उसे अपने सीने से लगाए रखा ..उसे रोने दिया ,,सिसकने दिया ...आँसू बह रहे थे उसके लगातार ..उसके अंदर की भदास ....उसका दर्द ...उसकी कुंठा सब आँसू बन बन कर निकल रहे थे ...थोड़ी देर बाद शांत हो गयी ...और चुप चाप मेरे सीने से लगी लेटी रही.
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