RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
वो मेरी तरफ एक टक देखती रही ...फिर उस ने जवाब में मुझ से सवाल किया
" अच्छा ठीक है जानू ..तुम बताओ ..तुम इतना अकेलापन , इतनी झुंझलाहट , इतना गुस्सा निकालने सिर्फ़ मेरे पास ही क्यूँ आए ..? यहाँ तो एक से एक बढ़ के लड़कियाँ हैं ..यह सब जानते हैं ..तुम मोहन पान वाले से बोल के और भी अच्छी माल ले सकते थे ..बोलो है ना ..??"
मैं हैरान हो गया इसे मोहन पान की भी खबर है ..
" अच्छा तो तुम उसे जानती हो ..?"
" अच्छी तरह जानू.. वो गोपाल के गाओं का ही है.. आज शाम को जब तुम्हारा रिंग आ रहा था .हम लोग उसके घर पर थे , उसी ने कहा कि सागर साहेब तो भारती को छोड़ और किसी की बात ही करना नहीं चाहते ... बोलो ऐसा क्यूँ ..?? "
"ठीक है तुम मुझे अच्छी लगी .यह और बात है..पर मैं भी तुम्हें अच्छा लगूँ यह ज़रूरी तो नहीं है ना ...मैने तो अपनी बीबी के सिवा आज तक किसी और को नहीं देखा ..तुम्हारे अलावा .. तुम जवान हो , सुंदर हो ...पर तुम्हारे साथ तो ऐसी बात नहीं है ना... "
"हां ..जानू मेरे पास आज तक पचासों लोग आए ..जवान . अधेड़ , बूढ़े सभी ..पर तुम्हारे जैसा एक भी नहीं आया ... एक भी नहीं .... साले सब सिर्फ़ अपनी हवस बुझाने को आते हैं ..दो चार धक्के लगाते हैं और चले जाते हैं ..पर तुम पहले आदमी हो जिसने मुझे प्यार से चोदा .. तुम पहले आदमी हो जिस ने मेरी खुशी भी चाही ..."
"यह कैसे मालूम हुआ तुम्हें भारती .." मैने पूछा .
" इस धंधे में मैं काफ़ी सालों से हूँ जानू ...मुझे कोई कैसे चोदता है इसी से मालूम पड़ जाता है.. हर आदमी का सिर्फ़ छूना ही किसी दूसरे को काफ़ी कुछ कह देता है ...तुम ने जब मुझे अपने सीने से लगाया था ना जानू .बस मैं निहाल हो गयी थी ...कितना प्यार था ..कितनी तड़प थी ..मुझ से लेने की और मुझे देने की ... तुम जितना प्यार लेना चाहते हो उस से ज़्यादा देना चाहते हो जानू ... और जब तुम चोद्ते हो ना ... मैं बता नहीं सकती कितना प्यार होता है उसमें ...ऐसा लगता है जैसे तुम ने मुझे पूरी तरह अपना लिया हो ... मैं तुम्हारी हूँ .. और उसी तरह तुम मुझे यह भी समझा देते हो तुम भी मेरे हो ... तुम अपने आप को मेरे में समान देना चाहते हो ... और जानू एक औरत को इस से ज़्यादा क्या चाहिए ..?? तुम मुझे कॉल गर्ल नहीं बल्कि एक औरत समझते हो ..एक इंसान समझते हो ... जो और कोई नहीं समझता ... " एक साँस में ही उस ने इतनी बातें कह दीं .
"अरे बाप रे ..मुझ में इतनी खूबियाँ हैं ..यह तो मैने आज ही जाना ..." और उसे चूम लिया ..
"हां जानू ..यह सब बातें चुदाई के तरीक़े से समझ में आ जाती है .. और जब तुम ने मुझे इतनी इज़्ज़त दी ..प्यार दिया ..मुझे इंसान समझा रंडी नहीं ... यह सब बातें समझने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगता बस सिर्फ़ एक चुदाइ ...इसलिए तो मैने तुम्हारा जंगलिपना से लिया ..देखो ना मेरी जान .. " वो बैठ गयी और अपनी टाँगें फैला दीं और चूत की ओर इशारा किया ,"कितना सूज गया है तुम्हारे ताबड़तोड़ धक्के से " और उस ने मेरे हाथ अपनी चूत से लगाते हुए कहा " देख लो ना छू कर .."
मैने उसकी चूत में उंगली फेरा , सही में कुछ ज़्यादा ही फूला हुआ था ..थोड़ी सूजन थी .
" ओह मेरी जान ..ठीक है जब मैने इसे घायल किया ..तो मैं ही इसे ठीक भी करूँगा ..."
और फिर मैने उसे बड़े प्यार से अपनी बाहों में लिया और लीटा दिया ...
और उसे प्यार से झिड़कते हुए कहा "अब तुम कुछ नहीं करोगी ..जो करना है मैं करूँगा ! " .
मैं ने उस की टाँगें फैलाई ..और चूतड़ के नीचे एक तकिया लगा दिया ..उसकी चूत पूरी तरह उपर आ गयी .. अपने हथेली में अपना थूक लगाया और उसकी चूत के होठों पर हल्के हल्के मालिश करने लगा .. वो आँखें बंद किए हल्के हल्के सिसकारियाँ ले रही थी .. थोड़ी देर मालिश की ..उंगलियों को चूत पर हल्के हल्के उपर नीच किया ..भारती मस्ती में थी .."आआआः ..ऊ ..उईईइ " किए जा रही थी ....अब उसकी चूत गीली हो रही थी ..पानी निकलना शूरू हो गया था ..मैने फिर अपने अंगूठे से चूत को धीरे धीरे दबाया ..फिर खोला ..फिर दबाया ..इस तरह तीन चार बार किया ..भारती सीहर उठी .उसकी चूत कांप रही थी मेरे उंगलियों के बीच ..उसकी जाँघ थरथरारही थी ... पानी लगातार बहे जा रहा था उसकी चूत से ...और सिसकारियाँ निकल रही थीं उसके होठों से .....'आआआः ...उईईइ माँ..यह क्या हो रहा है ..मैं मर जाऊंगी .जानू ...आ .हे रे ...." अब मैं उसकी टाँगों के बीच आ गया और अपना मुँह उसकी चूत, जो तकिया नीचे होने की वजेह से काफ़ी उठा हुआ था ..पर रखा और अपने होठों से उसकी चूत चूसने लगा ... उसका रस मैने अपने अंदर ले लिया .. जैसे स्ट्रॉ से कोल्ड ड्रिंक चूस्ते हैं धीरे धीरे ..मैं उसकी चूत से उसका रस मज़े ले ले कर चूसे जा रहा था ....हर सक में उसकी जंघें थरथरा उठती ....उसकी जंघें और पैर कांप रहे थे ....लगता था वो बेहोश हो जाएगी मस्ती में .....""ऊऊऊऊऊऊऊऊऊः माअं .....क्या हो रहा है ..ज़ाआआअनुउऊुुुुुउउ ..' और मैं चूसे जा रहा था ..पूरे का पूरा रस ..फिर मैने अपनी जीभ उसकी गुलाबी चूत की फांको के बीच लगाया और उपर नीचे करते हुए सतसट चाटने लगा ... "हाआआआआआई ..हााआआ ... अब और नहीं राजा .प्लीज़ और नहीं ..... अब सहा नहीं जाता ...जानुउऊउ बड़ी मस्ती है ........" मैने दो तीन बार और चाती उसकी चूत लपा लॅप ..सटा सॅट ..और उसकी चूतड़ उछल पड़ी .....उसकी चूत ने थरथराते हुए पानी का फवारा मेरे मुँह में छ्चोड़ दिया ....रस की धार इतनी तेज़ थी मेरे मुँह में ..मेरे गालों पर छींटे आ रहे थे ... मैं अलग हो गया ..उसकी चूत से हट गया ..छ्चोड़ दिया ..अब उसकी चूत कांप रही थी ...थरथरा रही थी मस्ती की चरम सीमा झेल रही थी ..थोड़ी देर में शांत हो गयी ...मैं उसकी बगल में लेटा था और वो हाँफ रही थी .. पर मेरा लॉडा टॅन हो गया था ...
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