RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
इस चूत कंपाई और लंड घिसाई चूदाई के बाद काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे से चिपके लेटे रहे ...मैं भारती के बदन से निकलती उसके पसीने और परफयूम की मिली जूली मादक खुशबू का आनंद ले रहा था .. खोया था .. लम्बी लम्बी सांसें ले रहा था .जैसे पूरी खुशबू मेरे अन्दर समां जाये .. भारती भी मेरे सीने से सर चिपकाये आँखें बंद किये चूदाई का मज़ा अपने दिलो दिमाग में जज़्ब कर रही थी ... थोड़ी देर बाद वो उठी और बाथरूम , जो कमरे से attached था , गयी ,,पेशाब किया और अपनी चूत को साफ कर फिर से अपनी पतली झीनी नाइटी पहन कर मेरे बगल में लेट गयी .. मैंने भी अपने लंड को वहां पड़े एक छोटे तौलिये से पोंछा और उसके जांघों पर अपने पैर रख उसकी ओर मुंह घूमा कर और हाथ उसके पेट पर रख उसे अपनी तरफ हलके से खींच लिया .. और कहा
"भारती , कैसी रही मेरी चूदाई ..??"
उस ने मेरी ओर अपना सर किया और मेरी आँखों में एक टक देखने लगी .. और थोड़ी सिरिअस हो गयी ..
मैंने कहा .." अरे क्या हुआ मेरी रानी ..अच्छा नहीं लगा ..?? "
उस ने कहा " सच कहूं ..? "
"हाँ , बिलकुल सच्ची कहो ..अगर अच्छा नहीं भी लगा तो कोई बात नहीं ..मैं बुरा नहीं मानूंगा .. मैं जानता हूँ , मैं ही पहला मर्द नहीं जिस ने तुम्हें चोदा है , एक से एक लंड तुम ने अपनी चूत में लिया होगा ...इसलिए बेफिक्र हो कर जो सोच रही हो बोल दो .."
न जाने मुझे क्यों उसकी इच्छा जान ने का मन हुआ .. क्योंकि वो तो एक हाई क्लास कॉल गर्ल थी , उसे पैसे से मतलब और मुझे चोदने से , उसे अच्छा लगे या न लगे ...पर मैं दिल से चाहता था कि उसे संतुष्ट रखूँ ...उसे खुश रखूँ ... मुझे भी इस से खुशी होती ...
मैं उसकी ठुड्डी पकड़ कर कहा " बोलो न मेरी जान ..." मेरे बोलने में इतनी मीठास थी , भावना थी और सब से ज्यादा उसकी इच्छाओं का सम्मान था .. भारती भावुक हो उठी और उसकी आँखों से आंसू टपक पड़े ..
गरम गर्म बूँदें मेरे सीने पर टपके ..
'"अरे क्या हुआ भारती..मैं कुछ गलत कहा ..??"
"नहीं आप ने ...." मैं उसे फौरन टोका "आप नहीं तुम ..."
उसके चेहरे पे हलकी मुस्कान आई और उस ने बोलना जारी रखते हुए कहा " तुम ने कुछ गलत नहीं कहा ..जानू .. सब सही कहा ..मैं इस लिए रो पड़ी ..के आज तक किसी मादरचोद ने मेरी पसंद का , कभी ख्याल नहीं किया ..सभी साले अपना लंड आधा पूरा डाल मां के लौड़े आधे रस्ते में मेरी चूत में पानी टपका के चल देते ..किसी को मतलब नहीं था मेरा क्या होता है ..मैं कितना तड़पती हूँ अपनी चूत क़ी भूख मिटाने को , आप पहले मर्द हो जिस ने मेरा ख्याल किया .. और भगवन कसम चूदाई भी ऐसी की तुम ने ..मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया ..मैं शायद जिंदगी में पहली बार झड़ी ... "
मैं उस क़ी बातें सुन अवाक् रह गया ... गुलाब के फूल में खुशबू तो है ..पर कांटे भी .और कांटे भी ऐसे जो फूल को भी चुभते हैं ..अगर उन्हें समय पर नहीं कुतरा जाये ..
"पर भारती तुम्हारा पति गोपाल क्या तुम्हें चोदता नहीं .. " मैं पूछा ..
"उस क़ी तो बात ही मत करो ..शाला भडुवा है मादरचोद , बीबी क़ी चूदाई क़ी कमाई खाता है ...शाला मुझे क्या चोदेगा..? उसका तो ३ " का लौडा आज तक कभी खड़ा ही नहीं हुआ .. बस मेरे सामने मूठ मार के पानी छोड़ देता है हरामी ... एक दो बार घूसाने क़ी कोशिश की पर बहेनचोद आधे रास्ते में उसके लौड़े ने उलटी कर दी ...स्साला नामर्द .. "
मैंने मन ही मन सोचा जो दीखता है सामने सारा सच वोही नहीं है .. और भी काफी कुछ है ..मैं तो सोचता था क़ी यह लड़की रोज़ एक से लंड लेती होगी और कितना मज़ा करती होगी ..पर यहाँ तो बात बात ही कुछ और है ..
मतलब ये कि इसकी कहानी कुछ और ही है .काफी कुछ देखा होगा इस ने अपनी छोटी सी जिंदगी में .ऐसे आदमी से इसकी शादी कैसे हुई .. इसने यह सब बातें अपने मां बाप को क्यूं नहीं कहा .. इसके मां बाप कहाँ हैं , क्या करते हैं ..आदि आदि ..इन सब सवालों का जवाब भारती के पास ही था ..मैंने ठान लिया आज नहीं तो कल इसकी पूरी कहानी जरूर सुनूंगा ,इसी क़ी जुबानी ..पर यह निश्चित था के आज नहीं ... आज तो इसका दिल और चूत को पूरी तरेह जीतना था मुझे ..
" ह्म्म्म ..तो यह बात है .. कोई बात नहीं भारती , लो अब मैं हूँ न तुम्हारी चूत कि प्यास बुझाने .. और मैं भी एक बात बोलूँ मेरी रानी ..??'
"हाँ हाँ , राजा बोलो न .."
"रानी मुझे भी आज तक अपनी बीबी को चोदने में इतना मज़ा नहीं आया ..तुम ने ऐसे चुदवाया जैसे अपने आप को तुम ने मुझे सौंप दिया . सिर्फ तुम्हारी चूत ही नहीं तुम्हारा पूरा शरीर मेरे लौड़े से चुदवा रहा है .. "
"सच्च ..??"
"हाँ मेरी रानी .." , मैंने उसके गालों को चूमते हुए कहा ," बिलकुल सच ...."
ऐसा सुनते ही उस ने अपना सर मेरे सीने से और भी चिपका लिया ..मुझे चूमने लगी ..मेर होठों को , मेरे गालों को l मेरे बालों से भरे सीने में हथेली घूमाने लगी ..मैं मस्ती में कराहने लगा ...
हमारी आज की चूदाई का दूसरा लेवल और दूसरा दौर शुरू हो चुका था.................
भारती मेरे सीने में हाथ फिराते हुए मुझे चूमने लगी ..हम दोनों करवट लिए एक दुसरे की ओर मुंह किये लेटे थे .. मेरा एक हाथ उसकी कमर को जकडते हुए अपनी ओर चिपकाए था ... मेरा लौड़ा उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूत में जोरदार दस्तक दे रहा था .. मेरा एक पैर उसकी जांघ के ऊपर था ..और उसे जकड रखा था ....उसका चूमना जारी था .मेरे होंठ ..मेरे गाल ,...बारी बारी से चप चप चूमे जा रही थी ..चूसे जा रही थी ...फिर उस ने अपनी जीभ मेरे मुंह में एक बार ही डाल दिया ..लप लपाता हुआ अन्दर गया और उस ने मेरे मुंह के अन्दर चाटना शुरू कर दिया .. और अब वोह अपनी जीभ अन्दर डाले ही suddenly
मेरे ऊपर आ गयी ...मैं नीचे था ...उस ने अपने हाथों से मेरे चेहरे को प्यार से जकड लिया और ऊपर उठाते हुए अपनी जीभ से सीधे मेरे कंठ चाटने लगी .....मैं एक अजीब सिहरन से भर उठा ..मेरा अंग अंग कांप उठा ..मैंने सोचा येही मज़ा है एक experienced काल गर्ल का ...और जब की कॉल गर्ल पूरी तरेह गर्म हो ...मैं मज़े में आः आह कर रहा था .. कराह रहा था और वोह मेरे मुंह से मेरे लार को चूसे जा रही थी ...मैं पागल हो उठा था , मेरा लौड़ा फन फना रहा था , उसकी चूतड और जांघों के बीच ..मैंने भी धीरे धीरे कमर उठा उठा कर लौड़े को एक हाथ से थामे उसकी चूत से गांड तक घीस रहा था .मेरा लौड़ा और उसकी चूत बराबर पानी टपका रहे थे ... भारती मस्ती में थी ...आआआआअह .....उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ..माँ ... जाअन्नूउ ... सिसक रही थी कराह रही थी ..और मुझे चूमे , जा रही थी , चूसे जा रही थी चाटे जा रही थी ... मैं लौड़े से उसकी चूत की घिसाई कर रहा था ...मेरा पूरा लौड़ा गीला हो गया था ...एक दम से तन्नाया था फूंफकार रहा था ...छटपटा रहा था ... मुझे लग रहा था मेरा लौड़ा अब जड़ से उखड जायेगा ..कभी भी ...भारती अपनी पूरे जोश में थी ...पिछली चूदाई का हिसाब बराबर कर रही थी ...उस ने अपनी नाइटी एक झटके में उतारा और फ़ेंक दिया ... मेरे सीने को अपनी नंगी चूचियों से चिपका लिया और बडबडाने लगी .".जान इस रंडी को तो सभी ऐरे गैरे ने चोदा है ..लो मेरे राजा आज ये रंडी तुम्हें चोदेगी...तुम्हारा लौड़ा खा जाएगी ... मेरी प्यासी चूत ...मेरी गहरी चूत ... इसे भोंसडा बना दो ..मेरी जान ..हाँ भोंसडा.. इसकी सारी खुजली मिटा दो ..." और वोह मेरे पहले से ही तन्न लौड़े पर अपनी गीली और पानी से सराबोर चूत टीकाया और एक झटके में उसे अन्दर ले लिया ..."हाय ..मैं आज मर जाऊंगी ..मार दो मेरे राजा .." जोरदार धक्के लगाने लगी मेरे ऊपर .मेरे लौड़े पर ..मैं भी नीचे से कमर उठा उठा कर उसकी चूत पेल रहा था.... दोनों ही मस्ती की चरम सीमा पर थे ... उसके हर धक्के पे उसकी चूचियां उछालती थीं ... वोह सर झटकती थी ..बाल झटकती थी जैसे किसी जादू के असर में हो ..वोह चूदाई में खो चुकी थी ..मैं भी मज़े में सिहर रहा था ..मेरा रोम रोम सिहर उठा था ... उसकी जांघें कांप रहीं थीं ..मैंने महसूस किया उसके धक्के में काफी जोर के झटके आ रहे थे ... चूत रस की नदी बहा रही थी ..मैं भी थाप पे थाप लगा रहा था ..उसकी गांड और जांघें मेरे जांघों से थप थप आवाज़ के साथ टकरा रहा था ... मैं समझ गया अब दोनों झड़ने ही वाले हैं ..मैंने उसे अपने नीचे किया और उसके होंठ अपने होंठ से जकड लिया ..उसकी पीठ के नीचे हाथ डाल कर अपने सीने से चिपका लिया , और सिर्क कमर उठा उठा कर जोरदार धक्के लगाने लगा ..उसकी चूत के अन्दर तक लौड़ा धंस रहा था ..भारती चिल्ला उठी "हाँ जानू ..हाँ हाँ ..मारो मेरी चूत ...पेल दो साली को ..फाड़ दो आज ..आज मैं मर भी गयी तो कोई बात नहीं ...मार दो ..चोदो राजा चोदो ..आज पहली बार चुदा रहीं हूँ ...साले सब भडुवे चूत के बाहर ही उलटी कर देते ...आह ऊउई आज मेरी चूत के अन्दर भी लौड़ा गया है ..लम्बा लौड़ा ... मोटा लौड़ा ...हाआआआ ..मार..मार ..."
उसकी बातों से मैं भी जोरों से चोदने लगा ... : हाँ रानी लो मेरा लौड़ा ..लो लो ले लो ..ऊऊह अआः "" और दो तीन और धक्कों के बाद मैंने उसे जकड लिया , पूरा लौड़ा अन्दर तक पेल दिया और उसे अपने लौड़े के जड़ तक उसकी चूत में घुसेड़े रखा ...मैं झड रहा लौड़ा झटके पे झटका खा रहा था , उसकी चूत में खाली हो रहा था ..मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे अन्दर से कुछ निकल रहा है , झरने के सामान , मैं खाली हो रहा हूँ ... आआआह ऊऊऊऊह्ह ..और उधर भारती की चूतड भी झटके पे झटका खा रही थी ..लगातार पानी छोड़े जा रही थी उसकी चूत से रिस रिस कर पानी बह रहा था ..
मेरा लौड़ा सिकूड कर बाहर आ गया एक पक्क की आवाज़ के साथ ...
भारती पैर फैलाये लेटे थी ..लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी , मैं भी हांफ रहा था ..और उसकी चूत से रिस रिस कर मेरे वीर्य और उसका रस दोनों मिल कर उसकी जांघों , उसके चूतड़ों को गीला करते हुए बिस्तर पर जमा हो रहे थे ...
भारती शांत हो गयी थी ..मंद मंद मुस्कुरा रही थी मैं उसके सीने से चिपका आँखें बंद किये लेटा था ..और मेरा एक हाथ उसकी चूत के गीलेपन को महसूस कर रहा था .. एक अजीब ही तजुर्बा था ये ..न गर्म न ठंडा .. बस चिप चिप ..जैसे हम दोनों की चूदाई का mixture .. लौड़े और चूत की मिलन का तरल रूप ..
मैं उस चिप चिप का मज़ा लेता रहा आँखें बंद किये ...
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