RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे ..एक अजीब मदहोशी छाई थी , एक झुरझुरी सी हो रही थी , जब से भारती के दीदार हुए और मुझे यह पता चला की आज की रात भारती के साथ गुजारनी है ..उसकी मस्त जवानी मेरे क़दमों पे होगी ..उसे मैं अपनी बाँहों में लूँगा ... उसे चूमूंगा , चूसूंगा ..चाटूंगा ..आह इसकी कल्पना से ही मेरा लंड फूंफकार रहा था ..मैं मस्ती की आलम में था कि तभी रूम में पर्दा हिलने की सरसराहट हुई ..देखा सामने आज के रात की रानी भारती हाथ में ट्रे लिए अन्दर आ रही है ..
मेरे दिल की धड़कन तेज हो गयी ..... साँस ऊपर की ऊपर ही रह गयी ..सामने का नज़ारा ही ऐसा था ..
भारती मुस्कुराते हुए अन्दर आ रही थी ..हाथ में ट्रे था और बदन पे एक महीन , पारदर्शी नाइटी .. रंग लाल , उसके अन्दर और कुछ नहीं .. सिर्फ उसकी जवानी .. उसकी भरी चूचियां ..उसकी गदरायी जिस्म ..उसके केले के थम्ब जैसी जांघें .. मैं बस देखता ही रहा .. नाइटी का जिप सामने था ...
मैं उसे एक टक देख रहा था ,उसकी हर कदम पे उसकी चूचियां हिलती थीं .. मांसल जांघें थरथराती थीं और मेरे दिल की धड़कन तेज़ और तेज़ होती जाती थी ....पूरा कमरा उसकी परफ्यूम
की खुशबू से भर उठा ..बहोत ही हलकी खुशबू थी परफ्यूम की , पर होश उड़ाने के लिए काफी . मैं जैसे किसी और ही दुनिया में खो गया .. मेरे होशोहवास गुम थे ....
भारती मेरे पास आई , मेरी तरफ झुक कर ट्रे टेबल पर रखा .. झूकी भी बेझिझक ... उसकी नाइटी का उपरी हिस्सा चूचियों से सरक गया .. चूचियां नंगी हो गयीं ,उसने उन्हें सँभालने की कोशिश किये बगैर मेरे साथ बैठ गयी l
ट्रे में दो ग्लास में पानी था ...और एक प्लेट में कुछ बिस्किट और नमकीन थे ..
मैंने सीधा पानी का ग्लास उठाया और एक ही घूँट में पूरा ग्लास खाली कर दिया ..मेरा गला पहले ही भारती कि दीदार से सूख गए थे ....
"लगता है आपको प्यास जोरों की लगी है .." भारती के मुंह से यह पहले शब्द थे ...
"आपने ठीक ही कहा ..भारती जी , मैं बहोत प्यासा हूँ ... "
"ये लो कहाँ तो आप मेरे पास अपनी प्यास बुझाने आये हो और मुझसे आप और जी बोल रहे हो .." और वो जोरों से खिलखिला उठी ..
उसकी खिलखिलाहट ने मेरी सारी झिझक दूर कर दी ..
मैंने दूसरा ग्लास उठाया , उसकी ओर हाथ बढाया ..और कहा " चलो भारती , मेरे हाथों से तुम भी अपनी प्यास बुझा लो ..."
और उस ने अपने हाथ से मेरे हाथ पकड़ लिए और ग्लास अपने मुंह में लगाते हुए एक घूँट में पूरा ग्लास ख़ाली कर दिया ..ख़ाली ग्लास ट्रे पर रख दिया और फिर जोरों से खिलखिला उठी ..
" क्यों क्या बात हो गयी ...जरा मैं भी सुनूं ये खनकती हंसी किस बात पर हुई ..??? "
" आप बात तो बड़ी मजेदार करते है .. काम भी मजेदार होगा .. " और एक खिखिलाती हुई हंसी फूट पड़ी ..
"देखो भारती तुम अपनी पानी पीने कि हंसी के बारे बताओ न , क्या बात थी ..? और हाँ तुम भी मुझे तुम ही कहोगी ... "
"अरे कुछ नहीं .. वो तुम ने कहा न कि तुम्हारे हाथ से मैं अपनी प्यास बुझाऊँ ...??"
" तो इसमें हंसी की क्या बात थी .." मैंने हैरान होते हुए पूछा..
" अरे भोले राजा..मेरी प्यास तुम आज क्या अपने हाथ से ही बुझाओगे..?? " और फिर दिल खोल कर खिलखिला उठी ..
मैं भी उसकी बातों कि गहराई समझते हुए हंस पड़ा और कहा " तुम भी कम नहीं हो बातें बनाने में ..आज तो मुकाबला जोरदार है ...रानी तुम्हारी प्यास तो मैं अपने किस किस चीज़ से करूंगा बस देखती जाओ ..."
"अच्छा ..लगता है आज तुम्हारी तैय्यारी पूरी है ..बैटरी तुम्हारी फुल चार्ज है ...ही...ही...ही.. " और उसकी हंसी के साथ साथ उसकी चूचियां भी ऐसी हिल रहीं थीं जैसे वो भी उसकी हंसी में शामिल हों ..
इस हंसी मजाक ने माहौल को हल्का बना दिया और मेरी पूरी झिझक दूर कर दी भारती ने l
अब मैं उस के बिलकुल करीब आ गया , उसकी जांघें और मेरी जांघें चिपकी थीं ..मैं धीरे धीरे अपनी जांघ से उसकी मांसल जांघ को रगड़ रहा था ... और वो भी पूरा साथ दे रही थी .. अब मैंने अपने एक हाथ से उसकी दूसरी जांघ थाम कर सहलाने लगा और दुसरे हाथ से एक चूची कि घुंडी हलके से मसलने लगा ...भारती मस्ती में में डूब गयी .उसकी आंखें बंद हो गयीं ..वो हलकी हलकी सिसकारी ले रही थी ..
मैं भी मस्ती में था , मेरा लौड़ा पैंट फाड़ कर बाहर आने की नाकाम कोशिश कर रहा था ... अब मैं उसकी दूसरी चूची अपने मुंह में ले कर हलके हलके चूसने लगा .भारती के मुंह से सिसकी निकल गयी ."हाय ..ऊओह ..." उसने अपनी उँगलियों से मेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से सहलाना चालू कर दिया ...मैं भी बेकाबू हो रहा था , मैंने भारती को अपने हाथों से जकड लिया बुरी तरेह , अपने से चिपका लिया और उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए ..उसे चूसने लगा गन्ने कि तरह ..भारती सिसकने लगी .."हाय ऊओह्ह ..इस ..उई मां ...." उसके नाक फड़क रहे थे .... होंठ कांप रहे थे .. मुझे जकड लिया .. और मेरे पैंट कि जिप खोल दी उस ने .. और हाथ अन्दर डाल दिया , underwear के ऊपर से लौड़ा मुट्ठी में लिया और हलके हलके दबाने लगी ..."आह ...." .मैं भी मस्ती में आ गया ...
मैं उसे चूम रहा था , उसके होंठ चूस रहा था और वो मेरे लौड़े से खेल रही थी , उसे भींच रही थी ..मेरे मोटे लौड़े को भींचने का पूरा मज़ा ले रही थी .. दोनों कराह रहे थे ...सिसक रहे थे .. कि तभी उस ने मुझे उठने को इशारा किया ..मेरे लौड़े को जकड़ते हुए ... मैंने भी उसके होठों को चूसना और चूचियों को मसलना जरी रखा ...दोनों उठ गए ...और उस ने सामने रूम कि ओर चलने का इशारा किया ..
हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए उसके बेड रूम कि ओर चल पड़े ...अपने खेल को और आगे और मस्ती और मज़े के आलम की ओर बढाने....
मैं लगातार उसका निचला होंठ चूस रहा था ..और वोह मेरे लौड़े को थामे थी , अपनी मुट्ठी से जकड रखा था , और उसे दबाती जा रही थी और साथ में मुझे लौड़े के साथ बेड़ रूम की और खींच रही थी ,, अजीब मस्ती का आलम था , दोनों हांफ रहे थे .. मैं उसे अपने से चिपकाए था ..मेरे लगातार होंठ चूसने से भारती की सांसें अटक रही थी , अपने चेहरे को मेरे होठों से छुडाया..और एक लम्बी सांस ले कर मेरे नीचले होंठ को अपने होंठों से दबाया और जोरों से चूसने लगी और मुझे खींचते हुए बेड़ पर लेट गयी , मैं उसके ऊपर था ,, मैं उसे उसके पीठ से जकड़ा था और अपने सीने से चिपका रखा था .. उसने मुझे धीरे से धक्का देते हुए ऊपर किया और अपनी नाइटी के जिप को एक झटके में खोला , अपने बदन से अलग करते हुए बेड़ के एक कोने में फ़ेंक दिया ,और उसने मेरे पैंट की ओर इशारा किया , मैं अपने हाथ उसकी चूची से हटाया और कमर उठा कर अपने पैंट के बेल्ट को खोला , नीचे किया और घुटनों के नीचे करते हुए पैर बाहर निकाल लिया ....पैंट फर्श पर ढेर हो गया ..भारती ने शर्ट के बटन खोले और मैंने अपने को शर्ट से आजाद किया .. अब भारती बिलकुल नंगी थी और मैं बनियान और underwear में था ..
भारती ने कहा .."जानू , मेरे आज के राजा.. हमारे बीच का पर्दा तो हटाओ न .." और मैंने बनियान उतार दी और उसने मेरी चड्ढी कमर से खींच कर पैरों से नीचे कर दिया ...अब दोनों बिलकुल नंगे थे ..एक दूसरे को देख रहे थे ...मस्ती में हांफ रहे थे ... भारती लम्बी ,लम्बी सांसें ले रही थी .. नाक फड़क रहे थे ..मैंने उसे फिर से अपने सीने से चिपका लिया ..मेरे नंगे सीने , बालों से भरे ..उसकी नंगी चूचियों को दबा रहे थे ..उसके हाथ नीचे मेरे तन्नाये लौड़े को सहला रहे थे ...और मैं फिर से उसके होंठ चूसने लगा , और उसे और जोरों से अपने सीने से चिपका लिया "आआआअह ..इतने जोरों से ना दबाव राजा , मैं मर जाऊंगी .. ऊओह .." भारती सिस्कारियां ले रही थी ..मैं ने अपनी जकड ढीली की , पर होंठों का चूसना चालू रखा .. उसके मुंह सेलार मेरे मुंह में लगातार जा रहा था और मैंउसअमृत को पूरे का पूरा गटक रहा था ..अब मैंने अपनी जीभ भी अन्दर डाल दी उसके मुंह में ,उसकी तालू , उसके अन्दर के गाल , उसके दांत चाटने लगा ... उसे चाट रहा था भारती को चाट रहा था ..भारती एक दम मस्ती के आलम थी , उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया था .. मेरी बाँहों में ... दोनों हांफ रहे थे .. भारती धीरे धीरे कराह रही थी ..अब मैंने अपने गीले और उसकी लार से भरी जीभ उसकी चूची की घुंडी पर घुमाने लगा , जो पहले से ही मस्ती में कड़क हो गया था ..भारती एक दम चीत्कार उठी .."हाय राजा ..जानू ... "उसका पूरा बदन सीहर उठा .कांप उठा .. मेरी जीभ के स्पर्श से .. उसकी घुंडी और भी टाईट हो गयी .. मेरी जीभ को भी उसका अहसास हुआ .. मैं अपना एक हाथ उसके पेट पर ले गया , सहलाने लगा , बड़े गुदाज़ थे ... मेरी पूरी हथेली उसके मुलायम पेट को धीरे धीरे सहलाने लगी ..भारती उछल पड़ी ......"उई ..आह ... क्या कर रहे हो मेरी जान ..मैं तो मस्ती में बिना चूदे ही मर जाऊंगी ..माआअ .. आः .. " वोह हांफ रही थी .. और मैं उसकी घुंडी चूस रहा था ,,उसके पेट सहला रहा था , उसे जकड रखा था .. और उसने अभी भी मेरा लौड़ा थामे रखा था अपनी मुट्ठी में .. मस्ती में उसकी चमड़ी आगे पीछे कर रही थी ... उसे बड़ा अच्छा लग रहा था ..मेरा लौड़ा सहलाना ... मोटे और लम्बे लौड़े औरतों को थामने में बड़ा मजा आता है ..
हम दोनों मस्ती के भरपूर आलम में थे ... मेरे लौड़े से लगातार पानी निकाल रहा था ..उसकी चूत का भी येही हाल था .. मेरी जांघें उसकी चूत के पानी से भींग गए थे ...उसकी बेड़ की चादर गीली हो गयी थी ...वो सिस्कारियां ले रही थी , हांफ रही थी ..कराह रही थी ...आंखें बंद किये मंद मंद मुस्कुरा रही थी ..और मैं पागल हो रहा था ..' पूरे बेड़ रूम में ' अआः ऊऊह्ह ..हाय ..माँ रे माँ ..का आलम था .. "
अब मैंने अपना मुंह उसकी चूची के घुंडी अलग किया .. पर उसकी चूची फड़क रही थी .. अजीब समां था ..अंग अंग फड़क रहे थे .. पुकार रहे थे .हमारी जुबाने बंद थीं , बदन , शरीर से बातें हो रही थीं , स्पर्श की भाषा चल रही थी ... भावनाओं का तूफ़ान उमड़ रहा था ... हम एक दूसरे में खोये थे ...
अपना मुंह मैं उसके पेट पर ले गया ..जीभ से चाटने लगा ..उसकी नाभि पर फिराया ..भारती चिल्ला उठी .. सीहर उठी ... कांपने लगी ..".: हाआआ . ... ऊऊऊऊऊह आः आआ ... उई मां ..क्या हो रहा है ..मर जाऊंगी आज मैं ... .. माआआआआआ ." उसके कमर ने झटका खाया .. चूत से पानी की धार निकल पड़ी ..मेरी जांघें भीग गयीं .. मैं पेट का चूसना जारी रखा .. अब मेरी भी बुरी हालत थी .. उसके हाथों की गर्मी से मेरा लौड़ा मस्त था ... ऐसा लगा मैं भी झड जाऊँगा ..मैंने अपने कमर को थोडा ऊपर उठाया , ओर अपने लौड़े को उसके हाथों से आजाद किया ...लौड़ा मेरा फूंफकार रहा था ..झटके खा रहा था ... भारती समझ गयी मैं भी क्या चाहता था .. उसने अपने पैरों को फैलाया , मुझे इशारा किया , मैं उसके पैरों के बीच आ गया . उस ने मेरा लंड बड़े प्यार से थामा औए अपने चूत के मुंह पर टीकाया .. उसकी चूत का मुंह पूरा खुला था ..उसकी मुलायम चूत का स्पर्श पाते ही मैं चिल्ला उठा ..'आआआआआआआह ..भारती .. " मेरे पूरे बदन में सीहरन भर उठी ..उधर भारती भी लंड के सुपाड़े का स्पर्श अपनी चूत में महसूस करते चिल्ला उठी .. 'हाय ;;आह कितना गरम है जानू ... " ओर फिर उसने जो कमाल किया , उसके समान अनुभवी ही कर सकता है ...उस ने मेरा लंड थामे अपने कमर को जोर से ऊपर उछाला .. इतनी जोर से की मेरा लंड उसकी गीली चूत में धंस गया ..मैं एक दम सीहर गया इस अचानक के धक्के से .. अगर मैं लंड अन्दर पेलता तो भी इतना मज़ा नहीं आता .. इस अचानक के झटके ने एक बिलकुल नया ही मज़ा दिया .. मैं मस्त हो गया .. ओर अब खुद धक्के लगाने लगा ..
भारती ने दोनों टांगें ऊपर कर ली थीं ओर मैं उसकी चूतड़ों को जकड़ते हुए लगातार धक्के लगाय जा रहा था .. धक्के पे धक्का ..हर धक्के पे भारती ऊपर उछल जाती ओर 'हाय " कर उठती .. मैं पागल हो उठा था .. मेरी पूरी मस्ती अब लौड़े पर थी .. ओर भारती की पूरी मस्ती उसकी चूत में समायी थी ..मैं धक्के लगा कर मस्ती ले रहा था ..वोह कमर उछाल उछाल कर ..दोनों मस्ती की चरम सीमा की ओर बढ़ते जा रहे थे ..मेरा धक्का लगाना ओर उसका कमर उछालना दोनों में एक अजीब ताल मेल हो गया था ..हर धक्के में मेरा लौड़ा पूरे जड़ तक उसकी चूत में घूस जाता ..वो चिल्ला उठती .."हाय .. राजा ..वाह..जानू .. ..ऊऊऊऊऊऊऊऊउ .....तुम तो नाम के नहीं काम के भी प्रीतम हो ..प्रीतु ... मेरे चूत के प्रीतु ... आआआआआह्ह चोदो... राजा चोदो ..आज तो मैं गयीईईईईईईईईई ............ ""
मैं समझ गया भारती अब झड़ने वाली है ..मैंने धक्के की रफ़्तार में जोर और तेज़ी लाया .. भारती के कमर की उछाल भी तेज़ हो गए .. पूरे माहौल में फच ..फच ..थप थप की आवाज़ गूँज रही थी .. दोनों अपने होशोहवास खो बैठे थे .... और कुछ धक्कों के बाद मैंने भारती को जकड लिया और जोरों से अपना लंड उसकी चूत में डाले रखा ... मैं झटके खाने लगा .. मेरा लौड़ा उसकी चूत में झटके खाने लगा और भारती भी अपनी कमर उछालती रही .. दोनों झड़ते रहे ..झड़ते रहे .. झड़ते रहे ....
उसकी चूत में मेरा लौड़ा सिकूड कर फक से बाहर आ गया .और उसकी चूत से मेरा वीर्य और उसका रस .दोनों मिल कर रिसने लगे ... बाहर आने लगे .. मस्ती की गंगा बह रही थी भारती की चूत से ...
मैं भारती के ऊपर ढेर हो गया ..उसके सीने पर अपना सर रख कर लेट गया ..हांफने लगा ..भारती भी हांफ रही थी ...और उसकी चूत कांप रही थी ... दोनों एक दूसरे की बाँहों में खो गए .....
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