RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क से आगे..............
रितिका :- क्या है ये...(घबराते हुए)
अंकित :- बस कुछ नही...अब ज़रा तुम्हे भी तो पता चले कि मेने क्या सहेन किया है (नज़ाकत में
बोलते हुए)
रितिका :- नो नो..अंकित..तुम ऐसा कुछ नही कर सकते....(वो चादर हटा के बेड पे खड़ी हो जाती है)
अंकित :- बिल्कुल कर सकता हूँ..कर सकता नही बिल्कुल करूँगा..
अंकित की बात सुन के रितिका बेड से उतर जाती है...अंकित उस बोवल को वहीं एक शेल्फ पे रख देता है..और
रितिका के करीब जाने लगता है...अंकित को करीब आता देख रितिका भागने लगती है....बेड के उपर चढ़ के
तो अंकित भी उसके पीछे पीछे भागता है...रितिका बस उस शेल्फ तक पहुचने वाली होती है कि पीछे
से अंकित उसे पकड़ के अपने से सटा लेता है..उसका लंड गान्ड की दरार में धँस सा जाता है....
आहहह अंकित..छोड़ो.....(रितिका दर्द में कसमा सी जाती है अंकित ने उसको कस के पकड़ के
रखा हुआ था)
अंकित उसे पीछे खिचता हुआ लाता है...और एक दम घुमा के उसके कंधों को पकड़ के...उसकी गर्दन
पे अपने होंठ रख देता है..रितिका की आँखें मस्ती में बंद हो जाती है...फिर वो उसे अपने हाथ के
दबाव से बेड के पास ले जाते हुए बेड पे धक्का देता है और फिर उसके उपर आ जाता है.....उसके बालों
को चेहरे से हटाता है..रितिका की आँखें बंद होती है..
अंकित :- ओपन युवर आइज़ रितिका...
रितिका आँखें खोलती है....
अंकित :- यू ट्रस्ट मी ना..
रितिका अपनी आँखों से हाँ में इशारा करती है..
अंकित :- बस तो....जस्ट रिलॅक्स...आज की रात इतनी यादगार बना दूँगा कि जिंदगी भर नही भूल पाओगी...
(ये बोलते हुए वहाँ से उठ के उस शेल्फ के पास जा के वो बोवल उठा लेता है)
इस बार रितिका नही हिलती वो वैसी ही पीठ के बल बेड पे लेटी रहती है..उसके दिल की धड़कन तेज़ चल रही थी
अंकित वो बोवल लेके बिल्कुल करीब आके घुटनो के बल पलंग पर बैठ गया......और रितिका को देखने लगा
रितिका भी अंकित को देखने लगी...और अगले ही पल अंकित ने ऐसा किया..
जिससे...अहह बहुत ही मीठी सिसकी रितिका के मुँह से निकली और उसकी आँखें मदहोशी में
बंद होती चली गयी.......
अंकित ने जैसे ही बोवल को धीरे धीरे उल्टा किया रितिका के बूब्स की दरार के उपर तभी रितिका के मूँह
से एक अहह.......निकल गयी...उसने अपने हाथों से बेडशीट पाकड़ ली और अपने
पैर पलंग पर घिसने लगी......उसकी आखें बंद थी और उसके मुँह से हल्की हल्की आह सीयी....सिसकियाँ बराबर
निकले जा रही थी.....
अंकित हाथ आगे बढ़ाता हुआ धीरे धीरे नीचे पेट की तरफ बढ़ रहा था और उस बोवल में से निकलती वो
मेल्ट चॉकलेट रितिका के शरीर के उपर गिर के उसे तडपा रही थी.....जैसे ही नाभि के छेद में वो हल्का
गर्म चॉकलेट गिरा..रितिका के मुँह से एक तेज सिक्सकी मुँह से निकल पड़ी.......
लेकिन अंकित तो रुका ही नही.....उसने चूत के ठीक उपर उस चॉकलेट को गिरा के हाथ की दिशा को मोड़ा
और उसकी थाइस पर जाने लगा..और वहाँ उस मेलटेड चॉकलेट को बिखेरने लगा....ऐसे करते करते
उसने दोनो थाइस्स पे गिराई घुटनो के उपर तक.....
रितिका थोड़ी दर्द में छटपटा रही थी..क्यूँ कि चॉकलेट गर्म थी....
फिर अंकित ने दोनो घुटनो टिका के रितिका के दोनो साइड मे किए और उसके उपर आ गया....हाथ में बोल चेहरे पर एक
शैतानी स्माइल और रितका को घूर्ने लगा..रितिका की आँखें बंद थी.....
अंकित बोवल को रितिका के बूब्स के पास लाया..और थोड़ा उपर किया अपना हाथ और बोवल को टेढ़ा
किया....एक पतली सी चॉकलेट की धार..नीचे आती हुई सीधी रितिका के निप्प्प्ल्स के उपर आ गिरी.....
आआहह अंकित्त्त्टटटटटतत्त..नूऊऊऊऊऊ...इत्सस सोस्स होत्त्त्टटटटटटटतत्त....
रितिका बोलते हुए अपना हाथ वहाँ ले जाके उसे सॉफ करने ही वाली थी कि अंकित ने उसका हाथ पकड़ लिया..
अंकित :- नो नो नो नू......हाथ नही लगा सकती.....मेने ट्रस्ट करके तुम्हारे हाथ नही बाँधे...
रितिका ने आँखें खोली तो उसकी आँखों से पानी निकल के चेहरे पे से होता हुआ बेड पे गिर गया....
उसको पेन हो रहा था......जो अंकित उसकी आँखों में देख रहा था...
उधर चॉकलते निपल्स पे पड़ के उसके चारों तरफ फैल गया.....अंकित ने कुछ और बूँद उस बूब पर गिराई और फिर सामने उसने दूसरे वाले के साथ भी किया...दोनो सुंदर सुंदर गोलियाँ अब एक डार्क चॉकलेट
के नीचे छुप गयी थी.......
अंकित ने बोवल को साइड में रख दिया...गर्म गर्म चॉकलेट रितिका के शरीर को झुलसा सा रही थी..उसे
दर्द हो रहा था लेकिन वो कुछ नही कर पा रही थी....अंकित ने दोनो हाथ से रितिका के हाथ को पकड़ के
उपर की तरफ कर दिया...और आगे झुक के उसके बूब्स के बेहद करीब पहुच गया....
और अपनी जीब निकाल की रितिका के बूब्स से नीचे टपकने ही जा रही चॉकलेट को चाटता हुआ उसके
निपल्स तक चाट डाला....
आआहह सस्स्स्सिईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अंकित...त......(ये सिसकी थी रितिका के मुँह
से एक सुखद और बड़ी ही कामुकता वाली....एक ही पल में दर्द मस्ती में बदल गया)
अंकित पागलों की तरह बूब्स पर लगा हुआ चॉकलेट चाटे जा रहा था....उसे चॉकलेट चाटने में
मज़ा आ रहा था..इधर रितिका आहे भरती भरती पागल हो रही थी...उसे लाइफ में ऐसा मज़ा कभी भी
नही मिला था और ना ही उसने ऐसा सोचा था कि कभी उसे ऐसा कुछ मिलेगा.....
उधर अंकित ने दोनो बूबसस को अपनी जीब से चाट चाट कर उसका सारा चॉकलेट सॉफ कर दिया...
रितिका आहें भरती हुई अंकित के बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी...उसे इसे ज़्यादा मज़ा शायद
ही कभी मिल पाए.......
फिर अंकित ने अपनी जीब बूब्स के ठीक बीचों बीच उस दरार में डाली और वहाँ से चाटता हुआ नीचे
आने लगा..उसके पेट पर चाटने लगा...उसकी नाभी पे चाटने लगा...रितिका का जिस्म अब चॉकलेट की गर्मी से
नही बल्कि उसकी खुद की गर्मी से सुलगने लगा......
अंकित उसको दिए हुए टॉर्चर का पूरा हिसाब निकाल रहा था.......पूरी पेट बूब्स यहाँ तक कि अंकित का
मुँह चॉकलेट से सन गया था.......आख़िर कार जब उसकी इस चटाइ का मंज़र ख़तम हुआ तब उसने अपनी
शैतानी मुस्कान के साथ रितिका को देखा...रितिका भी उसी को देख रही थी...
अंकित के होंठो के चारों तरफ चॉकलेट लगा हुआ था उसकी नाक पे..और थोड़ा थोड़ा गाल पे भी..
रितिका :- अंकित ...बस.स..स.स.... (बहुत हल्की आवाज़ में)
लेकिन अंकित कुछ नही बोला..और फिर बोवल उठा लिया......और रितिका को एक शैतानी स्माइल देते हुए...
रितिका समझ गयी कि अंकित क्या करना वाला है....नो अंकित..डोंट डू दिस...नूऊऊऊऊओ......
आआआअहह नो आहह ओह्ह गोड्ड़.द..ड्ड.द....
(रितिका ने चेहरा तकिये के अंदर धाँसने की कोशिस करी...उसके पैर कांप रहे थे...उसकी सिसकी में हल्का दर्द
झलक रहा था...)
अंकित ने बोवल को लुड़का के सीधी चूत के उपर चॉकलेट डालना शुरू कर दिया था....अब जब गर्म चीज़ को
और गरम कर दोगे तो धुआँ तो निकलेगा ही....इसलिए रितिका पागल सी हो गयी थी......
चूत पे चॉकलेट गिर रहा था..और फिसलता हुआ गान्ड के छेद पे भी जाके पड़ रहा था..और फिर नीचे बेड
शीट पे चला गया...अंकित तब तक चॉकलेट डालता रहा...जब तक उसकी चूत पूरी चॉकलेट से ढक नही गयी..
आख़िर उसने बोवल को साइड में रखा जिस पर बस थोड़ा सा ही चॉकलेट बचा हुआ था....
अंकित ने अपनी जीब अपने होंठो पे फिराई और सीधे ले जाके गान्ड के छेद पे रखी और एक ही झटके
में फिरते हुए चूत को चाटता हुआ उपर तक आ गया...
आहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़...ओह आहह ये.एस.एस.सोह...एस.स.स.स.
(रितिका के मुँह से एक सुखद सिसकी निकली और उसकी कमर हवा में उठ गयी...उसकी पानी से भरी चूत पे चॉकलेट पड़ा था और अंकित उसे बेतहाशा चाट रहा था इससे उसकी हालत बुरी होती जा रही थी.....)
अंकित उसे पागलों की तरह चूत को चॉकलेट से अलग कर रहा था चाट चाट के....चूत के फांकों को खोल देने से चॉकलेट अंदर घुस रही थी..अंकित ने वहाँ भी जीब डाल के उसे बेतहाशा चाटा चूमा अंदर घुसा घुसा के उसे जीब फक दिया....
रितिका के तो मुँह से आवाज़ें निकलनी सी बंद हो गई थी.....उसकी आखें खुली थी...बस घुट्टी घुट्टी आवाज़ें निकल रही थी इस सुखद एहसास के बाद.....
करीब 15 से 20 मिनट तक ऐसे चूत चाटने के बाद ही अंकित हटा होगा और अंकित को पता भी नही चला कि रितिका का पानी वो चॉकलेट के साथ कितनी बार निकल गया है.....
अंकित ने रितिका की चूत से चेहरा हटाया.....उसके पूरे फेस पे चॉकलेट लगी थी और उसे चाटे जा रहा था....
रितिका की साँसे तेज़ी से उपर चल रही थी...वो हाँफ सी रही थी....उसने अपना हाथ उठाया मानो अंकित को बोल
रही हो इसे पकडो .. अंकित ने पकड़ के अपने होंठ फेरते हुए पूरी हाथ पे आ गया और उसकी नेक को
किस करने लगा....
तभी रितिका ने अपना दम लगाया और अंकित को बेड पे साइड में पीठ के बल लिटा दिया ... वो इसके लिए तैयार
नही था इसलिए वो आसानी से उधर चला गया..और रितिका फट से उपर आ गयी..
रितिका :- सच में..यू गेव दा मोस्ट प्लेजर डे ऑफ माइ लाइफ..... (अंकित कुछ ना बोला और उसे देखते हुए
मुस्कुराने लगा)
रितिका :- नाउ इट्स टाइम टू रिटर्न यू बॅक.....(बोलते हुए वो नीचे पहुच गयी और उसे खड़े लंड पे हाथ
रख के उसे स्ट्रोक देने लगी)
साइड में रखी बोवल को उठाया और उसने बोव्ल को उल्टा नही किया..बल्कि लंड को पकड़ के बोवल के अंदर
डाल के उसमे जितना बचा कुचा चकोलेट था उसे सना दिया...
आह्ह्ह्ह ... अंकित के मुँह से सिसकी निकल रही थी..और वो रितिका को घूरे जा रहा था ऐसा करते देख..
रितिका ने लंड को बोवल से हटाया तो लंड सन गया था चॉकलेट से..और टपकता हुआ उसके बाल्स को सान
रहा था...
रितिका ने वक़्त ना गँवाते हुए...लंड को मुँह में ले लिया..और चॉकलेटी लंड को एक चॉकलेटी लोलीपोप समझ
के उसे चूसने लगी...
आह रितिका..ओह्ह्ह यस...डू लाइक दिस....ओह्ह मयी....यू सुक्क्िंगग सो ग्गॉड....आंड इट फील्स सो गुडड....यू आर
डॅम गुड बेबी..आहह ओह्ह्ह....अंकित सिसकता हुआ रितिका के सर पर हाथ रखा हुआ था...
क्रमशः...........................
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