RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क से आगे..............
दोनो को बाहर खड़े किसी की आहट हुई....दोनो बिल्कुल शांति से खड़े रहे....उसके बाद जब उन्हे लगा कि वासरूम से कोई बाहर चला गया और अब कोई नही है..तो दोनो ने हरकत की...सबसे पहले तो दोनो ने अपने कपड़े ठीक किए..उसके बाद अंकित कुछ कहता....उससे पहले रितिका बोल पड़ी..
रितिका :- अंकित अभी नही..कुछ नही अब...हमे यहाँ से निकलना होगा...उसके बाद बात करेंगे..
अंकित :- ठीक है तुम पहले बार निकलो...और अगर रास्ता खाली हो तो एक मिस कॉल देना
रितिका :- ओके..
(ये बोल के रितिका बाहर चल पड़ी..उसने मिरर में देख के अपने आप को ठीक किया और फिर बाथरूम के बाहर खड़ी हो गयी और जब उसे लगा कि मामला क्लियर है तो उसने अंकित को मिस कॉल दे दी...)
अंकित भी बाहर निकल आया...और फिर फट से मेल्स टाय्लेट में घुस गया...रितिका वहाँ से निकल गयी...
उसके बाद अंकित भी निकला और ऑफीस से बाहर निकल गया....
उसी दिन शाम को...अंकित बिस्तर पे पड़ा था थोड़ी देर पहले अंकिता मॅम से बात हुई थी वो अभी तक वापिस नही आई थी और कुछ परेशान भी लग रही थी इसलिए ढंग से भी बात नही करी थी उन्होने... वो इन सब बातों को सोचते हुए पड़ा था कि ....तभी रितिका का फोन देख कर खुशी से झूम उठा उसने फोन पिक किया..
अंकित :- में आपके ही फोन की वेट कर रहा था..
रितिका :- हाँ आगर आज पकड़े जाते तो बस वेट करते रहते तुम मेरा....
अंकित :- पर हुआ तो कुछ नही ना..
रितिका :- हाँ लेकिन तुम्हे वहाँ आने की क्या ज़रूरत थी और वो फीमेल वॉशरूम में.. अंकित यू आर जस्ट मॅड..
अंकित :- हाहहाहा...क्या करूँ...जब पता चला कि आप आ गये हो तो रहा नही गया इसलिए आ गया..
रितिका :- यही तो मुझे पूछना है...कि कैसे पता चला...
अंकित :- वही तो एक सीक्रेट है मेडम..
रितिका :- अंकित...(उसने थोड़ा ज़ोर देते हुए आवाज़ मारी)
अंकित :- ओके ओके..आइ विल टेल यू...वो दरअसल में मेरी फ़्रेंड है दिशा...वो अपनी आंटी की साथ रहती है..और उसकी आंटी आपकी ही कंपनी में जॉब करती है तो उन्ही से ये सब पता चला...
रितिका :- ओह्ह..व्ट्स हर नेम
अंकित :- सिमरन साक्शेणा
रितिका नाम सुन के थोड़ी देर चुप रही मानो सोच रही हो...और फिर एक दम बोल पड़ी..
रितिका :- ओह यस..वो तो मेरे ही डिपार्टमेंट मे है..शी ईज़ डूयिंग टेस्टिंग ऑफ और प्रॉडक्ट...
अंकित :- यप वो आपके अंडर में ही है..बस उन्ही से पता चला..
रितिका :- क्लेवर...यू आर..हाँ...(मुस्कुराते हुए)
अंकित :- वो तो हम है ही..तभी तो आप हो हमारे साथ..
रितिका :- ह्म्म...अच्छा वैसे मेने तुम्हे कॉल किया था कि सटर्डे नाइट को क्या आ सकते हो तुम
अंकित तो बेड से कूद पड़ा उसे बिलीव नही हो रहा था कि खुद रितिका उसे नाइट के लिए बुला रही है...
अंकित :- यॅ श्योर..इसमे कुछ पूछने की ज़रूरत थोड़ी है..
रितिका :- ह्म्म ऊहक्क्क...ज़्यादा एग्ज़ाइटेड लग रहे हो..पर..
अंकित :- पर क्या..(थोड़ी चिंता में आ गया)
रितिका :- कुछ नही....बॅस तुम नाइट में आ जाना...तब ही बाते करेंगी....
अंकित :- ओके...
रितिका :- ह्म्म ओके डन..सो फिर सटर्डे को मिलते हैं..बाबयए..
अंकित :- बाए...(फोन कट कर के....खुशी में झूम उठा...)
आख़िर कार बड़ी मुस्किलों से उसने 2 दिन निकाले..इन 2 दिनो में कोई भी नही था बात करने के लिए टाइम पास के लिए दिशा भी नही थी...वो किसी फॅशन शोज में बिज़ी थी..मेडम फॅशन डिजाइन जो कर रही थी....
शटर्डे का दिन आ गया...वो सुबह कॉलेज जाने के लिए उठा तो उसकी मम्मी चौंक गयी कि सटर्डे को उसका बेटा कॉलेज..और उसे छेड़ने लगी...तभी अंकित ने कहा कि वो आज रात विकी के घर रुकेगा क्यूँ कि आज उसके किसी कज़िन की मेरिज है तो उसे भी साथ ले जाना चाहता है..इसलिए उसे रात आने में देरी हो जाएगी तो वो वही रुक जाएगा...
पहले तो उसकी मम्मी ने ना नुकर करी लेकिन अंकित ने अपनी बातों में उलझाया फुसलाया कि उन्होने पर्मिशन दे दी...
अंकित कॉलेज गया...वहाँ से वो विकी के साथ उसके घर चला गया..शाम के 6 बजे तक दोनो मज़े करते रहे...और वहाँ पहली बार अंकित ने विकी की गर्लफ्रेंड की फोटो देखी.....
अफ क्या ग़ज़ब का माल था..पूरी तरह पता चल रहा था कि हाइ सोसाइटी की है..चेहरा एक अलग छाँटा हुआ आटीट्यूड आँखें तीखी चेहरा बिलकल अट्रॅक्टिव...और उसके बाद उसकी बॉडी शेप..बिल्कुल पर्फेक्ट कहीं से भी कोई कमी नही निकाल सकते थे.....36-28-34 उसकी फिगर...फोटो में तो पूरी कपड़े पहने हुए थे..पर अंकित ने तो फोटो में ही चेक आउट मार लिया था...
वैसे अंकित ने आज तक विकी की पर्सनल लाइफ में कभी दखल नही दिया...उसने आज तक कभी उसका नाम भी नही पूछा था...और जब नाम पूछा था तो उसे तो 100% श्योर हो गया कि किसी हाइ सोसाइटी की है...
अलीशा सिंग ... नाम से पता चल रहा था कि पंजाबन होगी..और लग भी रही थी..जहाँ तक फोटो में दिख रहा था उसके बॉल लंबे थे....
और फिर विकी ने अंकित को अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बात भी करते हुए सुनाया जिसे अंकित को पूरा यकीन हो गया क्यूँ कि उसके बोलने के तरीके में बड़े मैनर्स थे..
अंकित अपने मन में सोचने लगा..साला इस लोलू फाटू चन्द को ये कैसी मिल गयी..लेकिन उसे ज़्यादा देर नही लगी समझने में..क्यूँ की वो जानता था कि विकी हाँ हुजूरी करने वाला है ....और ऐसे ही लड़कियों को चाहिए पालतू कुत्ता जो कि विकी एक दम सही था......
आख़िर कार वो घर से निकला तो 7:30 तक रितिका के गेट के बाहर खड़ा था उसके चेहरे पे एक बड़ी मुस्कान थी..उसने डोर बेल बजाई...
उसने बेल मारी काफ़ी देर तक लेकिन गेट नही खुला...वो परेशान हो गया...वो अपना फोन निकाल के मिलाने
लगा तो फोन कट कर दिया...उसने काफ़ी बार मिलाया फिर कट हो गया...उसे थोड़ी निराशा हुई....वो पीछे
मुड़ा
ओह्ह आह...(थोड़ा सहमते हुए उसने अपनी छाती पे हाथ रख लिया)
रितिका उसके बिल्कुल पीछे ही खड़ी थी..और ऐसे अचानक देख के अंकित थोड़ा घबरा गया...
रितिका मुस्कुरा पड़ी...आज दूसरों को डराने वाला खुद डर गया..
अंकित :- (अपने पीछे बालों पे हाथ फेरता हुआ) वो आप एक दम से आ गयी ना इसलिए..वैसे कहाँ गयी
थी..ना तो फ़ोन उठा रही थी.
रितिका :- यार मार्केट गयी थी..और तुम्हे तो मेने पहले ही देख लिया था इसलिए नही उठाया..देखना चाहती थी
कि तुम गुस्सा होते हो कि नही..लेकिन नही हुए वैसे भी..काफ़ी बदल गये हो..(उसने एक अजीब सी आँखों को
देखा)
जिसे अंकित देखता रह गया...वो सोच में डूब गया
रितिका :- अंदर नही आओगे..(रितिका अंदर पहुच चुकी थी)
अंकित भी अंदर चला गया.....और फिर कुछ देर बाद...दोनो के हाथ में एक मग था कॉफी का..आज ठंड
बढ़ गयी थी...शाम का टाइम था..सर्दियाँ दहलीज पे खड़ी थी..पर ऐसा लगा आज से ही आ गयी हो..आज
दोनो को थोड़ी सर्दी लग रही थी...
फिर रितिका ने बोलना शुरू किया..
रितिका :- अंकित मेने तुम्हे यहाँ क्यूँ बुलाया है जानते हो...
अंकित बेचारा कन्फ्यूज़ हो गया कि वो क्या कहे..जिसे रितिका समझ गयी..
रितिका :- इसलिए कि में ये रात तुम्हारे साथ बिता सकूँ...शायड कभी ना भूलने वाली..
पहले तो अंकित मुस्कुरा पड़ा...लेकिन फिर धीरे धीरे उसकी मुस्कान गायब हो गयी वो रितिका को देखने लगा..
उसकी आँखों में कुछ था..कुछ बाते छुपी थी..
अंकित :- क्या मतलब?
रितिका :- (गहरी साँस छोड़ते हुए) अंकित मेरा ट्रांसफर इस बार फिर से न्यू यॉर्क हो गया और इस बार में ना
नही कर सकती...
अंकित ने ये लाइन सुनी तो उसके पैरों तले ज़मीन से खिसक गयी...उसके सासें चढ़ गयी..उसके हाथ काँपने
लगे उसने कॉफी का कप टेबल पे रख दिया.....
रितिका :- मम्मी डॅडी भी वहीं है..और आर्नव भी..
तभी उसके दिमाग़ में आया कि हाँ..आर्नव काफ़ी दिन से भी नही दिखा..उसने रितिका की तरफ देखा..
अंकित :- फिर कब? (बस वो इतना ही बोल पाया)
रितिका :- शायद ही कभी आ पाउन्गी...(रितिका ने उसकी बात को समझ के उसका जवाब दिया)
अंकित को एक और ज़बरदस्त झटका लगा...और वो इस बार खड़ा होते हुए....
नही ऐसा नही हो सकता...तुम नही जा सकती...नही....मुझे क्या ये सुनाने के लिए बुलाया था...(अंकित बहुत
गुस्से में बोलता है)
रितिका भी खड़ी होती है..अंकित लिसन टू मी..(उसके कंधे पे हाथ रखते हुए) में समझती हूँ..कि तुम पर
क्या बीत रही होगी....
अंकित उसके हाथ बहुत पूरी तरह से झटक देता है..औcछ रितिका अपना हाथ पकड़ के दर्द में हल्का सा
कराहती है..लेकिन अंकित को इस वक़्त गुस्से में था.....
तुम्हे क्या पता क्या बीत रही है..अगर चिंता होती तो ऐसे हाँ नही करती ट्रान्स्फर के लिए...तुम्हे सिर्फ़ अपनी
पड़ी है...तुम्हारी नीड्स पूरी हो गयी तो तुमने लात मार दी मुझे कि जा हट अब मेरा काम हो गया
है..अब कोई ज़रूरत नही है तेरी....(फिर एक बार गुस्से में जो बोल रहा था उसे खुद नही पता था कि क्या बोल
रहा है.....रितिका बस उसे अपने मासूम से चेहरे से देखे जा रही थी)
सब बकवास है..हर औरत ही बकवास है..सबको अपनी पड़ी है...अपना काम निकाला बस..काम
ख़तम..यही सुनाने के लिए बुलाया गया था ना..बस खुश...हो गया ना अब में जा रहा हूँ..
(मूड के जाने लगता है....अंकित लिसन टू मी..प्लीज़...लिसन...रितका वहाँ खड़े खड़े चिल्लाती है)
अचानक अंकित वहाँ खड़ा हो जाता है...और फिर उसके दिमाग़ ने कुछ सोचना शुरू किया...कि ये क्या कर दिया...
क्या बोल दिया मेने अभी अभी...नो...शिट्सस...व्ट्स रॉंग..वित मी..मेने फिर वही ग़लती कर दी...ये क्या क्या बोल
डाला मेने रितिका को..उस इंसान को जिसनी मुझे एक अलग एक प्यार दिया जो आज तक किसी ने नही..ओह्ह गॉड हर बार क्यूँ ऐसी ग़लती हो जाती है मुझसे...
आख़िर क्यूँ रोक रहा हूँ में उन्हे...सिर्फ़ इस डर से कि अगर वो चली गयी तो में सेक्स किसके साथ
करूँगा....छी...इतना घटिया हो गया हूँ में ... नही...में ऐसा नही कर सकता...कहते हैं कि अगर अपनो को
खुशी खुशी विदा करो तो उसकी याद में से कभी नही निकल पाओगे..मुझे भी ऐसा ही करना है..में नही
चाहता कि रितिका मुझे नफ़रत में याद करे...आइ आम रियली सॉरी ... वेरी सॉरी..मुझसे ग़लती हो गयी मुझे
ये सब नही बोलना चाहिए...था....(वो अपने मन में सोचने लगा उसे बड़ी जल्दी रीयलाइज हुआ अपनी ग़लती का
उसकी आँखें नम थी)
क्रमशः...........................
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