RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
लेकिन ये बात अंकित को थोड़ी चुभि..वो भी जानता था क्यूँ पर उसे कुछ हुआ... एक अजीब सा एहसास...वो आगे बढ़ा और कस के रितिका को अपनी बाहों में जाकड़ के उसे ये दर्शाया कि ऐसा नही होना चाहिए कभी भी....रितिका का चेहरा थोड़ा सा गंभीर हो गया आँखों में पानी उभर आया पर अपने आप को उसने एक मजबूत लड़की की तरह कंट्रोल किया..और फिर मस्ती करते हुए बोली..
रितिका :- अरे छोड़ दे..अगर किसी ने देख लिया तो कहेंगे की शरम नही आती अपने स बड़ी उमर की औरत के साथ मज़े ले रहा है...
अंकित ने उसे अपने से अलग किया और वो भी हँसने लगा...
अंकित :- ह्म्म चलता हूँ... (बोलते हुए उसने माथे पे एक प्यारी सी किस दी)
और मूड के गेट खोलने ही लगा था...कि रितिका ने उसके कंधे को पकड़ के पीछे मोड़ा और फिर अपने होंठ अंकित के होंठों से जोड़ दिए और बड़े ही प्यारे तरीके से दोनो एक बार फिर उस किस में खो गये और एक दूसरे के होंठों को चूमने चाटने लगे..
रितिका :- (हान्फते हुए) मिस यू अंकित..
अंकित :- मी टू...
और फिर गेट खोल के चला जाता है और रितिका उसे गेट पे खड़ी टाटा करती है और फिर गेट बंद कर देती है...
अंकित सोचते हुए धीरे धीरे....चल रहा था..
आख़िर रितिका की उस बात पर क्यूँ मुझे ऐसा लगा कि कोई अपना डोर चला जाएगा आख़िर ऐसा क्यूँ..कहीं मुझे उससे प्यार..नही नही..ये तो पासिबल ही नही है यार..ऐसा नही हो सकता...
(बोलता हुआ पॉकेट से अपना फोन निकालता है ये सोच के कि रितिका को एक मसेज कर देगा लेकिन जब उसे दिखता है फोन में 8 मिस कॉल थी वो चोंक जाता है आज से पहले इतने मिस कॉल कभी नही आई थी उसके फोन में)
उसने फ़ोन चेक किया..
अंकित :- दिशा...इसको आज क्या हुआ जो इतने फोन कर दिए...फोन कर के पूछूँ तो सही...(वो कॉल करता है 10 सेकेंड तक रिंग बजती है और फिर फोन पिक होता है सामने से)
ओहो मिल गया टाइम मिस्टर चेकाउट को..वैसे तो मार्केट में इतनी बड़ी बातें बोल रहे थे..कि कभी कॉंटॅक्ट नही रखा ये आंड वो और अब देखो खुद रिसीव ही नही करना था फोन जब सामने से खुद मेने किया वो भी कितनी बार.....
(फोन पिक होते ही दिशा ने तो अपना शुरू कर दिया)
अंकित अपने मन में...ये लड़कियाँ इतना सब इकट्ठा करती कहाँ से हैं और कहाँ से कहाँ की बात को जोड़ के कैसे उसका एक निबंध तैयार करके सुनाने लगती है..
अब क्या में ही बोलती रहूंगी कि तू भी कुछ बोलेगा....दिशा ने फाइनली बोलते हुए यहाँ स्टॉप किया..
अंकित :- बोलूँगा तो तभी जब तू चुप होगी...बोलने का मौका तो दे...
दिशा :- यॅ यॅ वॉटेवर....अच्छा ये बता फोन क्यूँ नही पिक किया था मेरा..
अंकित :- बस थोड़ा बिज़ी था?
दिशा :- ऐसा क्या कर रहा था....(शकिया अंदाज़ में)
अंकित :- नतिंग...बस ऐसे ही फोन पे ध्यान नही गया साइलेंट पे था...(नॉर्मल वे में आन्सर देते हुए)
दिशा :- रहने दे मुझे सब पता है....
अंकित चलते चलते रुक गया दिशा की ये बात सुन के...
अंकित :- क्क्...क्या...आ..आ पत्त्त..आ..आ... है....ई.. (थोड़ा हकलाते हुए)
दिशा :- क्क्या क्या पता है..मुझे सब पता है कि लड़के अपना फोन साइलेंट पे कब रखते हैं..
अंकित :- कब रखते हैं..
दिशा :- जब वो पॉर्न देखते हैं...हाहहहहहहाः...(बोल के हँसने लगी)
अंकित भी इधर मुस्कुरा पड़ा...और सोचने लगा...सच में ग़ज़ब की लड़की है यार इसे तो कोई डर नही लगता कि क्या किसके सामने क्या बोल रही है...
अंकित :- चल हॅट ऐसा नही है..में पॉर्न नही देखता..
दिशा :- व्हाट...तू नही देखता..में तो मान ही नही सकती..
अंकित :- अरे इसमे मानने वाली बात क्या है नही देखता ... बोरियत हो गयी है..बार बार एक ही चीज़..(अब अंकित भी पूरा फ्रॅंक होके बोल रहा था अब जब लड़की ही खुलेआम बोल रही है तो लड़के को क्या शरम)
दिशा :- ओह्ह बोरियत फिर भी तुम लड़के उसी चीज़ के पीछे भागते हो..
अंकित :- ओह्ह रियली.....तो फिर तुम लड़कियाँ भागने की वजाय पास क्यूँ नही आ जाती..
(नहले पे दहला फेंकने वाली बातों में कोई इन जनाब से सीखे)
क्रमशः...........................
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