RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क से आगे..............
अंकित हल्का सा मुस्कुराया और घूर्ने लगा...रितिका को थोड़ा अच्म्बा हुआ कि वो क्या घूर रहा है.....फिर
उसने ध्यान दिया..कि उसके अलावा उसके पास एक और बेहद खूबसूरत सी चीज़ है......
उसके गाल ये सोचते ही बेहद लाल हो गये....वो बहुत ज़्यादा शर्मा गयी...(अब जब उस शरीर से जुड़ी वासना की कमी दूर हो गयी तो एक औरत का शरमाना तो लाजमी है..)
वो शरमाती हुए मूड गयी और दीवार से जाके सट गयी.....और अपना चेहरा हल्का सा दीवार से हटा के
एक बेहद प्यारी मुस्कान अपने चेहरे पे फैला देती है...जो अंकित पीछे लेटे देख पा रहा था...
अंकित तो वो नज़ारा देख के ही फ्लॅट हो जाता है...अपने मन में..
इस नज़ारे को देखने के बाद तो कोई भी आपसे प्यार कर बैठे रितिका जी...पर में...नही नही...नही कर सकता क्यूँ कि मुझे पता है उस प्यार का कोई वजूद नही रहेगा और ना ही कोई रिज़ल्ट रहेगा बचेगा तो सिर्फ़ एक दुख ... पर इस वक़्त आपसे प्यारा इस पूरी दुनिया में कोई नही होगा...यू आर दा बेस्ट फॉर मी ऑल्वेज़ हमेशा के लिए...(अपने मन में रितिका के लिए एक रेस्पेक्ट एक प्यार को बढ़ावा देता है)
अंकित के चेहरे पे एक प्यार था रेस्पेक्ट के साथ रितिका के लिए...वो बेड से खड़ा हुआ...और चलते हुए
रितिका के पास जाने लगा....रितिका अपनी तिरछी नज़रों से उसे आते हुए देख रही थी...जिससे उसके
दिल की धड़कने और ज़ोर से बीट हो रही थी.....
अंकित रितिका के पास पहुचा और उससे बस कुछ ही फीट दूरी पे खड़ा हो गया...और रितिका को उपर से लेकर नीचे तक निहारने लगा....
वो गोरी पीठ...और नीचे उसकी बाहर की तरफ निकल रही उस लाजवाब गान्ड को कैसे ना निहारे जबकि वो बिल्कुल नंगी थी.....इतनी सुंदर इतनी सॉफ्ट दिख रही थी कि किसी का भी मन ललचा जाए और उसे चबा जाए...लेकिन फिलहाल अंकित के दिल में एक प्यार उमड़ आया था चाहे हो थोड़ी देर के लिए ही क्यूँ ना हो....
अंकित ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपनी उंगलियाँ रितिका की पीठ पे रख दी और उन्हे वो बड़े ही नर्म
हाथों से सहलाता हुआ नीचे लाने लगा...
आहह अंकित.त...अब और...प्लीस.ए...हमम्म्ममममममम....रितिका का इस एहसास से शरीर में एक अजीब सी फीलिंग फैल गयी..और उसकी आँखें बंद हो गयी....
अंकित अपनी उंगलियों का कमाल दिखाता हुआ नीचे गान्ड तक आ गया.....और फिर लेग्स की पीछी से होते हुए नीचे तक चला गया...इसी बीच रितिका की सिसकियाँ निकल रही थी..
सीईईईईईईईई आहह अंकित..प्लीज़..मत करो....कुच्छ हो रहा है...
लेकिन अंकित तो यही चाहता था कि वो रितिका को जितना हो सके उतना अच्छे तरीके से प्यारा एहसास दे सके.........
फिर अंकित खड़ा हुआ और अपने हाथ ले जाके रितिका के कंधे पे रख दिए.....रितिका ने अपनी आँखें बंद कर ली और फिर अंकित ने अपने होंठ आगे बढ़ा की रितिका की गर्दन के नीचे रख दिए...
रितिका कसमसा सी गयी और अपनी गर्दन को हिलाने लगी......पर अंकित उसके शोल्डर को पकड़ते हुए अपने होंठ
नीचे तक लाने लगा घसीटता हुआ...और सीधे पहुच गया रितिका की गान्ड पे....
अपने हाथों से उसे हिलाने लगा....जैसा पानी से भरी थैली को नीचे सेहाथ पर हिलाते हैं....
बिल्कुल वैसे ही रितिका की उस भारी गान्ड को वो ऐसे हिलाता रहा और फिर वहाँ पे अपने हाथ रख के
चुम्म लिया..
सीईईईईई हा ओह्ह्ह्ह प्लीज़...नो.....डोंट..डू........ (थोड़ी देर वहाँ उसकी गान्ड को सहलाता रहा फिर उपर उठ गया)
रितिका के कंधो पे हाथ रख के उसे चिपक गया...और अपनी जीब बाहर निकाल के उसके कानो में घुमाने लगा.....
रितिका कसमसा सी गयी उसने अपनी गर्दन हिलानी शुरू कर दी..
रितिका :- अंकित....बस....अभी..नही...प्ली.स.स...ई.ए........
सस्स्स्स्स्स्सह अंकित बोलता हुआ उसके होंठो पे उंगली रख देता है...
अंकित :- अभी कुछ नही...बोलना..मुझे करने दो...इस वक़्त बस करने दो दिल बोल रहा है इस लड़की को जितना प्यार दे सकता है दे दे...बस वही देने की कॉसिश कर रहा हूँ...
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