RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अंकित ने अपनी जीब बाहर निकाली और बस हल्का सा छूट को छू दिया...
ससिईईईईईईईईईईईईईईई..हा..आहहह........रितिका के मुँह से सिसकी निकल पड़ी...
और अंकित ने जब टेस्ट किया तो उसकी तो हालत और खराब हो गयी...इतना स्वादिष्ट टेस्ट था कि वो तो
फिर टूट पड़ा...
और रितिका की फूली हुई छूट पे अपने होंठों के साथ जीब रख के उसे चूसने लगा..
हाअ..आहह सिई ओह्ह्ह्ह गूड्ड़..द.द.....ओह मयी...आहह
नू.आ.अहहह प्पलेआसए दॉंत्त...आहह ससीई ओह्ह्ह.......ड्डोंत्त..आहह.,...
रितिका के हाथ अंकित के सर के पीछे गये और उसे कस के अपनी चूत पे दबा दिया और ज़ोर ज़ोर से
सिसकियाँ लेने लगी..उसकी आवाज़ें पुर कमरे में गूंजने लगी...वो मना तो कर रही थी लेकिन अंकित के
सर को और अपनी चूत पे दबा के...
अंकित तो मानो आज सारा लिक्विड पी के ख़तम करना चाहता था..लेकिन वो क्या जाने जितना पियोगे उतना मिलेगा
ये ऐसा दरिया है जहाँ कभी सूखा पड़ता ही नही है....
अंकित ने अपनी जीब चूत के अंदर घुसा दी और जैसे ही घुसाइ वहाँ से तो चूत के पानी की
बाढ़ सी आने लगी..मानो कोई डॅम खोल दिया हो....वो बुरी तरह से सक करने लगा....
आहहह ओह्ह्ह फुक्कककककक ओह्ह्ह यस.....लाइक इट अंकित्त...यू आर टू गुड...ह्म्म्म्म
सीसीईईईईईईईईईईईईईई ... प्लीज़...फक्क्क मी नाउ..ओह्ह्ह मयी..आइ कॅंट टेक दिस अनीमोर....
(वो अपने एक हाथ से तकिये को पकड़ के पागलों की तरह अपनी गरदान हिला रही थी...)
अंकित तो अपने मज़े से चूसने में लगा हुआ था...उसको तो चूत को सफ़ाचट करना था...एक तो
बिना बाल की चूत उपर से इतनी मदमस्त आकार देने वाली..कौन चाहेगा कि वो हटे....लेकिन रितिका की
सिसकियाँ बढ़ती जा रही थी..
ओह्ह्ह्ह प्लीज़....नॉवववव....अंकित.त...आहह (चिल्लाते हुए बोली)
इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि अंकित ने अपना सर चूत से हटा के रितिका की तरफ देखा..रितिका भी उसी को देख रही
थी...
अंकित के मुँह के चारों तरफ रितिका का पानी लग गया था....रितिका अंकित को ऐसी बंदर की शक्ल मे
देख कर मन ही मन हँसी आ गयी...
रितिका बड़ी मुश्किल से बोली... प्लीज़...फक मे नाउ.....(रितिका के मुँह से ये शब्द सुन के अंकित के कानों
को विश्वास नही हुआ)
एक औरत जब वासना में उतरती है...तो वो किसी भी आदमी को पीछे छोड़ देती है ... फिर उसे सिर्फ़ अपने शरीर
की प्यास को बुझाने वाला चाहिए..अगर कोई ना करे...तो उससे बड़ा यमराज दुनिया में कोई नही होता
और ये बात अंकित जानता था कि अगर ये बिल्ली को दूध नही दिया तो ये नोच नोच के काट डालेगी..
इसलिए अंकित खड़ा हो गया और अपने लंड को चूत के करीब लाने लगा....रितिका की लंड को देख के
उसकी आँखे फट गयी..
कम से कम 6 से 7 इंच के बीच का था और काफ़ी मोटा था.....
अंकित का लंड सूखा था...और वो ब्लोव्जोब चाहता था लेकिन उसने मन में सोचा कि नही..आज पहली बार
ब्लोजॉब नही..जो भी सुख देना है में दूँगा आज कोई सुख नही लूँगा....
इसलिए उसने अपनी 3 उंगली रितिका की चोट पे रख के वहाँ रगड़ा अपनी चूत को..
आहह उफफफफफफफफफफफ्फ़........सिसकी छूट पड़ी..
फिर अंकित ने उसी हाथ से अपने लंड को मसला...जिसे लंड पूरा गीला हो गया...अब रितिका की चूत इतना
बहा रही थी अपना आमरस जैसा पानी तो थोड़ा सा अंकित ने उसका उपयोग करके उसका इस्तेमाल भले
काम के लिए कर लिया...
लंड पे पानी लगाने के बाद उसके सुपाडे को चूत पे रखा...
ससिईईईई आहह हल्की सिसकी छूट पड़ी...और अपने हाथ से लंड को पकड़ती हुए अंदर चूत में
धकेलने लगा...कुछ थोड़ा सा अंदर गया..कि रितिका के मुँह से एक चीख निकल गयी...
आहह
अंकित समझ गया कि ये फिलहाल दर्द की चीख है वो फ़ौरन रितिका के उपर लेट गया और उसके होंठ भीच
लिए......अपने होंठों में...
और नीचे से अंकित ने हल्का सा ही पुश किया था..लेकिन चूत इतनी चिकनी थी कि लंड फिसलता हुआ अंदर
ही जा घुसा जड़ तक..
रितिका की उंगघह......जैसी आवाज़ अंकित के मुँह में ही घुट गयी..उसकी आँखो से पानी निकल
गया....
क्रमशः...........................
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