RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अब अंकित से भी रहा नही जा रहा था उसने अपना चेहरा नीचे किया और अपनी लंबी जीभ बाहर निकाली
और निपल ले टॉप पे अपनी जीभ को रख के उसको हल्का सा चख लिया....
आआहह ह्म्म्म्मममममम.....रितिका ने सिसकी लेते हुए अपने होंठ दबा लिए...
लेकिन अंकित के चेहरे पे एक मुस्कुराहट आ गयी...उससे अब कंट्रोल तो नही हो रहा था..लेकिन वो रितिका
और टीज कर के ही उसके साथ करना चाहता था.....
फिर उसने अपने दोनो होंठो के बीच में अपने निपल दबा ली और जैसे कोई बच्चा निपल वाली
बॉटल से दूध पीता है सेम वैसे ही पीने लगा......
आह न..ओ.हह..ह....ह्म्म्म सीईईईईईई ...अंकित...म..त काओरूऊओ.... (अंकित के पीछे बालों पे हाथ फेरते
हुए बोल रही थी)
हाथ आगे बढ़ा के उसके बड़े ही फ्लफी दूसरे चुचे पे रख के उसे हल्का हल्का प्रेस
करने लगा..मानो कोई हॉर्न बजा रहा हो......
कुछ ऐसे ही 2 मिनट तक निपल को अपने मुँह में भर के उसे प्यार करने के बाद वहाँ से हटा.
हटते ही उसके पास चमकते निपल्स आ गये...जो उसके थूक़ से शाइन मार रहे थे...उसके बाद
उसने सेम दूसरे चुचे के साथ भी किया....
निपल्स को तो उसने अच्छे से चूसा ....और रितिका को बहुत बुरी तरह से टीज़ भी किया..उसका हाल तो
खराब पड़ा था.....
फिर अंकित ने जीभ निकाली..और दोनो मम्मो के बीच की दरार में घुसा दी और वहाँ से अपनी
छाप छोड़ता हुआ उपर आने लगा..
एक अजीब सी गुदगुदी और झुनझुनी सी फैल गयी..
अहह ओह ह्म्म्म्मममम उसके हाथ अंकित के बालों में बुरी तरह से घुसे हुए
थे और वहाँ चल रहे थे....
जीभ वो गर्दन से लाता हुआ वो रितिका के होंठो के करीब आ गया.....दोनो एक दूसरे की सांस
को अपने अपने गरम होंठो पे महसूस कर रहे थे....
अंकित ने रितिका के हाथ अपने पीछे से हटाए और उन्हे फिर से पीछे की तरफ फैला दिया...
फिर अंकित ने अपने होंठ आगे बढ़ा के रितिका के होंठ पे रखा और उन्हे चूसने लगा ही था
रितिका भी अपनी होंठो का उपयोग करके उन्हे चूसने लगी ही थी..कि अंकित ने अपना चेहरा हटा लिया
रितिका ने आँखें खोल के गुस्से भरी प्यारी नज़रों से अंकित को देखा..
अंकित मुस्कुरा दिया और फिर अपने होंठ आगे करके किस करने के पोज़िशन में आया रितिका तो पूरी
टायर थी ... उसने अपने होंठ आगे करके अंकित को चूमने की कॉसिश की लेकिन अंकित ने फिर से एक बार
अपना चेहरा पीछे कर लिया..
इस बार रितिका की आँखों में जो गुस्सा था वो एक औरत के शरीर के साथ हो रहे मज़ाक का था...
जो अंकित समझ रहा था लेकिन उसे मज़ा आ रहा था...
अंकित ने मन में सोचा...क्यूँ ना थोड़ा और तडपाया जाए..बहुत मज़ा आ रहा है...इसमे...
अंकित ने सोचने के बाद अपना चेहरा आगे किया और फिर से होंठो को रितिका के पास लाने लगा..
रितिका ने भी पिछली 2 बार की तरह अपने होंठ आगे बढ़ाए....दोनो के होंठ आपस में हल्के से
जुड़ ही गये थे कि अंकित ने अपना चेहरा पीछे किया..लेकिन...
लेकिन इस बार वो कामयाब नही हुआ....क्यूँ कि रितिका ने अपने हाथ पीछे ले जाके उसे कस्स के
अपनी तरफ खीच लिया जिसे दोनो के होंठ चिपक गये ......
और अंकित की तो ऐसी तैसी कर दी...क्यूँ कि जो किया सिर्फ़ रितिका नी ही किया...उसके होंठो को बुरी तरह
से चूसने लगी...मानो वो अंकित से पिछली 2 बार की की गयी शरारत का बदला ले रही हो...उसे बुरी
तरह से चूस रही थी..चांट रही थी..अंकित तो बस उसके इशारों पे नाच रहा था....
अचानक अंकित के शरीर में दर्द भरी ल़हेर दौड़ गयी......उसने किसी तरह से रितिका के हाथ को पीछे
हटाया और खुद पीछे हो गया.....उसने अपना हाथ अपने होंठ पे लगाकर देखा तो निचला होंठ
पे खून उभर आया....वो गुस्से भरी आँखों से रितिका को देखने लगा....
(अब ऐसे देखने से क्या होगा....जब एक भूकि बिल्ली को ऐसे चोदेगा तो फिर वो तो ऐसे ही काटेगी ना)
रितिका ने अपने हाथ आगे बढ़ाए और अंकित के चेहरे पे रखे...लेकिन अंकित ने उन्हे झटक दिया..
वो जानती थी कि अंकित में गुस्सा बहुत है..लेकिन वो ये भी जानती थी कि इस वक़्त वो उसे शांत भी कर सकती
है..
इसलिए उसने दुबारा हाथ आगे बढ़ाया और आगे गालों पे रख के उसके चेहरे को अपनी तरफ खिचा
अंकित घूरती आँखों से खिचा चला गया....दोनो के चेहरे बेहद नज़दीक आ गये...
फिर रितिका ने अपनी जीब बाहर निकाली और उस उभरे हुए खून पे रख दिया और उसे वहाँ से चाट
गयी....
उफफफफफफ्फ़ अंकित के दिल में ये आया...क्यूँ कि ऐसा करने पर उसके पूरी शरीर में मस्ती की ल़हेर दौड़ गयी
फिर रितिका वहाँ चाटती रही...और अपने होंठों से बड़े प्यार से उसे चूसने लगी.....आख़िर कार खून
निकलना बंद हुआ...दोनो ने एक दूसरी की आँखों में देखा...
और फिर अंकित ने आगे बढ़ के रितिका के होंठों पे अपने होंठ रख दिए..और उन्हे प्यार से बेहद्द
कोमलता से उस कोमल रस का पान करने लगा....
इधर रितिका का हाथ अंकित की टी-शर्ट पे गया और उसने उसे उपर खिचने लगी....लेकिन गर्दन पे जाके
अटक गयी...अंकित को समझते देर ना लगी बस 3 सेकेंड के लिए उसने अपनी गर्दन पीछे की टीशर्ट बाहर निकली
और फिर से जुड़ गये होंठ..
लेकिन इस बार अंकित के शरीर में एक और मस्ती की लेहर दौड़ पड़ी..क्यूँ की इस बार नंगी चेस्ट पे
उसे रितिका के चुचों का एहसास हुआ और कड़क हो रहे निपल्स की चुभन हुई उसे.....
अंकित के मुँह से घुटि हुटी आवाज़ रितिका के मुँह में ही निकल गयी...दोनो एक दूसरे की जीब से
लड़ाई लड़ रहे थे.....
क्रमशः...........................
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