RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
रूको....तभी उसके कानो में आवाज़ पड़ती है..वो मुड़ता है..
दिशा :- थॅंक यू सो मच....
अंकित के चेहरे पे कमीनी वाली स्माइल आ जाती है..
दिशा :- वैसे कौन सी क्लास में हो
अंकित :- 8थ में..
दिशा :- 8थ में...बाते तो बहुत बड़ी है तुम्हारी..
अंकित :- ह्म्म अच्छा..तो आप कौन सी क्लास में हो..
दिशा :- 10 थ में..
अंकित :- क्लास के हिसाब से तो आपका भी सब कुछ बड़ा है.....(और अपने दाँत दिखा देता है)
दिशा उसे अपनी आँखें बड़ी करके घूर्ने लगती...लेकिन फिर एक कातिलाना स्माइल देती है..
दिशा :- तुम तो बड़े ही कमीनी हो...
अंकित :- हाँ...शायद...लेकिन जो सच है वो बोल देता हूँ..आप 10थ की नही लगती इसलिए बोला..जैसे
आपको मेरी बाते बड़ों वाली लगती है..वैसे मुझे आपका सब कुछ बड़ों जैसा लगता है..
इस बार दिशा अपनी हँसी कंट्रोल नही कर पाई.....और हँसने लगी...
उधर खड़े लड़कों का तो सब कुछ जल गया साले घूर घूर के देखने लगी..
अंकित :- अच्छा..बाए..आप एंजाय करो...
दिशा :- रूको..कहाँ जा रहे हो...
अंकित :- ह्म्म बोलो
दिशा :- आक्च्युयली मुझे सी के अंदर जाना है..पर कोई है नही..क्या तुम मेरे साथ चलोगे थोड़ी
मस्ती हो जाएगी...
(अपनी बॉडी को हिलाती हुई बोलती है)
अंकित के तो पैर काँपने लगते हैं उस सीन को देखने में...वो नीचे से दिशा को घूर्ने लगता
है...हाई गोरे गोरे एक़ दम पर्फेक्ट थिग्स...उपर एक छोटी सी कच्छि जिसके पीछे छुपी उसकी
छोटी सी इंसानो वाली कच्छि....उपर सपाट पेट..और उस ब्रा में क़ैद वो चुचे जिनकी दरार दिख
रही थी..मानो बस फॉरमॅलिटी के लिए धक दिया हो उसे ब्रा से......
दिशा :- बोलो..चलोगे..
अंकित होश में आते हुए..
अंकित :- यॅ श्योर...
और फिर दिशा के साथ अंकित चल पड़ा..सी के अंदर...और फिर जो हुआ थोड़ा बहुत उससे तो वहाँ कहदा एक एक लड़का बेचारा यही सोच रहा होगा कि अपना अपना लंड काट के फेंक दूं साला..किसी काम
का नही है....
उधर पानी के अंदर दोनो हंसते हुए खेल कूद रहे थे दोनो एक दूसरे के उपर पानी डाल रहे थे
कभी कभी दिशा फिसल जाती तो अंकित उसे उठाने के चक्कर में उसकी सॉफ्ट बॉडी पे हाथ लगाता
कभी कभी उसकी गान्ड तो कभी उसके चुचों पे हाथ लग जाता...उसका तो 8थ स्टॅंडर्ड में कच्छे
के अंदर बंबू बन गया था...
यही सोचते हुए अंकित के चेहरे पे बत्तीसी फट जाती है..और उसके हाथ धीरे धीरे खिसकते हुए
अपने लंड पे चले गये...जो पहले से ही राक सॉलिड की तरह आसमान छू रहा था......
पर..
क्रमशः...........................
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