RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
या या सर....आब्सोल्यूट्ली...ओफ़फकौर्स वी डिड आ ग्रेट जॉब देअर...डिफिनेट्ली हमे ही मिलेगा ..
एक लड़की कार से उतरती हुई फोन पे बात कर रही थी...और चलते हुए एक बड़ी सी बिल्डिंग में एंटर
हुई......बॅस सभी जितने भी जेंट्स थी वहाँ पे उसी लड़की को घुरे जा रहे थी...किसी की नज़र भी
उस लड़की से हॅट ही नही रही थी....
वाइट स्टाइलिश टॉप...और उसके नीचे ब्लॅक मिनी स्कर्ट...जिसके नीचे उसके वो स्लिम हॉट लेग्स...बाल पीछे से
टाइ किए हुए थे जो कमर तक आ रहे थे......फेस पे इतना चर्म इतना क्यूटनेस कि बस नज़र ही
ना हटी....छोटी छोटी आँखें और वो सेक्सी लिप्स......
इन वन वर्ड......अमेज़िंग....
सभी जेंट्स की आँखें तो कभी उस लड़की की लेग्स पे तो कभी पहने टॉप के नीचे दबे वो
हॅग बूब्स...जो उस टॉप से चिपके पड़े थे.....
या या सर ... सर हम ने 6 महीने हार्ड वर्क किया था उस प्रॉजेक्ट में...जी सर कल रात में ही वापिस आई
थी में .... नो नो इट्स ओके सर...हमे अभी प्रॉजेक्ट मिला है तो और मेहनत करनी पड़ेगी......
इसीलिए नो हॉलिडे.....ओके सर नो प्राब्लम बाइ..बाए...
(फोन कट)
वो लड़की बड़े से हॉल के बीचों बीच खड़ी थी.....फिर उसने अपनी गर्दन एक झटके में मोडी...
अपनी झुल्फो से उसने अपनी उंगलियो की मदद से चेहरे पे पड़े बाल की लट को साइड किया....
सब उसी को घूर रहे थे...जब उसकी नज़र ऐसे सब पर पड़ी..तब सारे जेंट्स हड़बड़ा गये...
सभी बोल पड़े...
गुड मॉर्निंग मॅम...गुड मॉर्निंग.....
वो गुड मॉर्निंग बोल के अपने कॅबिन के अंदर एंटर हो गयी....और सीधे जाके अपनी सीट पे बैठ
गयी......
और फिर उसने फोन मिलाया..
हाँ...सुमन...छोड़ आई तुम...ह्म्म ओक...अच्छा अब टाइम से वापिस ले आना और चाबी लेके घर पे
आराम से छोड़ देना..और अगर आर्नव को कोई भी दिक्कत हो तो ज़रूर कॉल करना.....
(फोन कट)
अंकित आज तुम्हारी वजह से शायद में इस पोज़िशन पे पहुच गयी हूँ...तुम्हारी उन कहीं हुई बातों
ने मेरी ज़िंदगी को एक अलग मोड़ दिया.....रितिका अपने आप से बोलती है..
और तभी दुबारा फोन मिलाती है..रिंग जाती है और दूसरी तरफ से कॉल पिक होती है..
रितिका :- हेलो...
रितिका :- हेलो..
अंकित :- हेलो....
रितिका :- क्या हाल चल है?
अंकित :- बस बढ़िया...और सूनाओ क्या चल रहा है
रितिका :- कुछ नही अभी अभी ऑफीस में आके बैठी हूँ?
अंकित :- अच्छा कब आई आप?
रितिका :- बस कल रात में आई...अच्छा मुझे अभी मिलना है तुमसे जल्दी आओ..कुछ काम है
अंकित :- इस वक़्त...नही नही .. कोई नही घर पे...आप आ जाओ?
रितिका :- अरे मेने कहा ना तुम आओ मुझे कुछ ज़रूरी काम है ?
अंकित :- क्या काम था...?
रितिका :- राहुल तुम पहले आओ तो बताऊगी ना..जल्दी से मेरे कॅबिन में आओ?
अंकित :- हाँ हाँ बुआजी...सब बढ़िया...हाँ मम्मी घर पे आएँगी तो बता दूँगा आपको...
अच्छा ओक बाइ (अंकित अपनी बुआ से फोन पे इस तरफ बात कर रहा था)
तभी रितिका के कॅबिन पे नॉक होता है...
रितिका :- कम इन..
राहुल ही होता है जिससे रितिका अभी फोन पे बात कर रही थी , वो अंदर आ जाता है....
रितिका :- ओह्ह वेलकम मिस्टर.. तुम कितने सवाल करते हो..मेने जब तुम्हे बुलाया तो सीधे आ नही सकते थे
यू आर ऑल्वेज़ लाइक ठ्त..एवेरिटाइम..
राहुल :- ओह्ह मॅम..मुझे काम भी करना होता है..
रितिका :- लेकिन तुम ये भूल गये कि में तुम्हारी बॉस हूँ..
एक मिनट के लिए शांति हो जाती है..फिर दोनो हँसने लगते हैं..
रितिका :- अच्छा..जोक्स अपार्ट..यार मुझे तुमसे काम है...क्या तुम कर दोगे अभी?
राहुल :- या शुवर...बोलो..
रितिका :- में कहती हूँ कि जो प्रॉजेक्ट कि थोड़ी देर में सेमिनार है उसका लेक्चर तुम प्रिपेर कर दोगे
मुझे कुछ और काम है..
राहुल :- बस इतना सा काम हो जाएगा...और कुछ?
रितिका :- हाँ..एक और काम...एक अच्छा सा बुकेट पर्चेस करना है और इस वक़्त में नही जा सकती तो?
राहुल :- (मुस्कुराते हुए) किसको देना है मेडम..कोई चाहने वाला मिल गया?
रितिका :- शटअप राहुल..तुम्हे जो बोल रही हूँ वो कर दोगे प्लीज़..
राहुल :- ओके मिस..हो जाएगा...और कुछ?
रितिका :- नही बस इतना कर दो...थॅंक यू
और फिर राहुल चला जाता है...रितिका के चेहरे पे जो मुस्कान थी जिसे चेहरा बेहद खूबसूरत लग रहा था.
वो अचनाक से गायब हो गयी और चेहरे पे एक अजीब से परेशानी के भाव बन गये....
फिर उसने एक पेन और एक पेपर लिया....
डियर अंकित,
और फिर वो लेटर लिखना शुरू करती है...बीच बीच में रुक के वो कुछ सोचती अपने हाथ में लिया हुआ
पेन उंगलियो के बीच में रख के हिलाती है....लेटर लिखते हुए उसके चेहरे को देख के ऐसा लग रहा
था मानो कोई बहुत बड़ा भार उतार रही हो...एक अलग सा सुकून दिखाई दे रहा था....
आख़िर कर उसने लेटर पूरा कर ही लिया...जिसे लिखने में उसे काफ़ी समय लगा.....
(अब आप सब सोच रहे होंगे कि इतनी टेक्नॉलॉजी के ज़माने में जहाँ फोन मेल्स..एट्सेटरा पता नही
कितनी सुविधाएँ है..जिससे हम किसी से कॉंटॅक्ट कर सकते हैं और रितिका खुद एक सॉफ्टवेर इंजीनियर.. होने
के बाद एक लेटर लिख रही है..अजीब है ना...??
नही...बिल्कुल भी अजीब नही है...टेक्नालजी इंपॉर्टेंट है पर वो दिलों की बातों को उस तरह बयान
नही कर पाती .. जितना एक लेटर कर सकता है...उसमे लिखे हुए एक एक वर्ड सामने वाले के दिल को छू जाता
है...जो शब्द हम कह नही सकते वो हम लेटर में लिख के सामने वाले को प्रभावित कर सकते हैं..
जो कि कोई भी मैल और फोन नही कर सकता...लेटर सबसे खूबसूरत चीज़ है अपने दिल का हाल बयान
करने के लिए क्यूँ कि उसके अक्षरो में एक सच्चाई छुपी होती है...जो सीधे दिल को छू जाती है)
क्रमशः...........................
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