RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
"हम तेरे बिन अब रह नही सकते....तेरे बिना क्या वजूद मेरा..."
तभी रिंगटोन बज जाती है उसके फोन की...
नंबर अननोन था...वो फोन पिक करता है..
अंकित :- हेलो..
सामने से आवाज़ अत्ती है...हेलो...(एक लड़की की)
अंकित :- हाँ.. कौन....
अंकित बोल रहे हो ना....(वो लड़की बोलती है)
अंकित :- हाँ अंकित बोल रहा हूँ..आप कौन बोल रही हैं...
अंकित में.......(वो लड़की बोलती है)
अंकित :- में...इस में का कोई नाम है कि नही...(उबासी लेते हुई अंगड़ायाँ लेता है)
और जैसी ही उसके कानो में लड़की का नाम पड़ता है....उसका शरीर वहीं एक पल के लिए स्टॉप हो
जाता है..अंगड़ायाँ लेते हुए.....और आँखें बड़ी हो जाती है...दिल की धड़कने तेज हो जाती है....
अंकित नाम सुन के चौक गया..कुछ सेकेंड वो सोचता रहा कि आगे बोले क्या..
हेलो..अंकित आर यू देअर...?
(जब सामने से आवाज़ आई तब ये महाशय बोले)
अंकित :- यस यस..रितिका जी.. आइ एम ऑन दा लाइन..
रितिका :- उफ्फ फिर से रितिका जी...मेने तुम्हे कहा था ना कि आइ डोंट लाइक इट
अंकित अपने मन में....बोल तो ऐसी रही है..हुकुम तो ऐसी दे रही है जैसे मेरे से कोई रिश्ता हो हुहह..
मन तो कर रहा है फोन ही कट कर दूं..पर
(फिर रितिका दुबारा बोली)
रितिका :- अंकित आइ आम सो सॉरी..ई कुडनोट रिप्लाइ यू वन्स पास्ट 10 डेज़..आइ आम रियली वेरी सॉरी.
अंकित :- व्हाई यू से सॉरी..आपकी मर्ज़ी है आप नही बात करना चाहती थी...(अंकित ने तीखे लहज़े में
बोला)
पर शायद रितिका को उस लहज़े का अंदाज़ा नही हुआ....उसने अपनी बात नॉर्मली ही आगे बोली..
रितिका :- नो यार... आइ आम रियली वेरी सॉरी....वो क्या है ना ऑफीस की वजह से बिज़ी थी...और तुम तो मेरे
फ़ेसबुक अकाउंट में भी एड नही हो..नही तो शायद तुम्हे वहाँ एक मेसेज कर ही देती..
अंकित अपने मन में..एहसान जता रही है अब..
अंकित :- मेने कहा ना आपको सॉरी बोलने की ज़रूरत नही है...आपको बात नही करनी थी तो उसमे आपकी मर्ज़ी
में कोई फोर्स थोड़ी ना कर सकता हूँ...
(फिर तीखे लहज़े में गुस्सा दिखाते हुए)
लेकिन अभी भी रितिका ने बड़े नॉर्मली ही बात करी...वो शायद फोन पे बात करते करते कुछ
काम भी कर रही थी..शायद इसी वजह से उसने ध्यान नही दिया..कि अंकित किस टोन में बात कर रहा है..
रितिका :- नो यार...वो आक्च्युयली हुआ यूँ ना..कि जिस दिन तुम्हारे घर से गयी उसी रात को मुझे ऑफीस से
कॉल आया तो मुझे 10 दिन के लिए जाना पड़ा यू.एस .. अब जब आज आई तो तुम्हारे मेसेजिज देखे...
मुझे बहुत बुरा फील हुआ...कि मेने तुम्हे बताया भी नही....और सबसे पहले तुम्हे ही कॉल किया
अभी...
बस रितिका की ये लाइन सुन के अंकित का सारा गुस्सा निकल गया और हवा में उड़ गया..उसका मूह खुला
का खुला रह गया......दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया....
अपने मन में बडबडाता हुआ....ओह्ह्ह शिट...ये क्या कर दिया मेने....कसम से जब गुस्सा आता है
तो कुछ नही सोचता..ये भी नही सोचा कि ऑफीस के काम से कहीं बाहर भी जा सकती है...शिट्सस यार..
अभी में कुछ बोल देता तो कितना बुरा लग जाता..
रितिका :- आर यू देअर..
अंकित :- या या आइ आम हियर..आइ आम हियर...(खुशी में बोलता हुआ)
रितिका :- अच्छा ये बताओ...तुमने मुझे पहचाना क्यूँ नही जब तुमने कॉल पिक किया तो....तुमने मेरा.
अंकित बीच में ही रोकता हुआ..
अंकित :- नही नही...वो वो....(अब वो दिमाग़ दौड़ने लगा कि क्या बोली और फिर बहाने मारने में नंबर. 1 तो
है ही....) वो रितिका जी..में सो रहा था तो बिना नंबर देखे कॉल पिक किया ना इसलिए...
रितिका :- ओह्ह...मेने सोचा.....वैसे मेने तुम्हे मना करा है ना कि जी मत लगाओ यार...
तुम जी लगाते हो तो ऐसा साउंड करता है कि में कितनी ओल्ड हो गयी हूँ..तुम्हे भी यही लगता है कि में
ओल्ड हो गयी हूँ बहुत..
अंकित :- न..नही..नही कौन कम्बख़्त ऐसा कहता है कि आप ओल्ड हो गयी हो...उसे ज़रूर आँखों के ऑपरेशन
की ज़रूरत है....आप तो अभी....
(बस बोलते हुए रुक जाता है...)
रितिका :- हहेहेहेहेहेः....में तो अभी??... आगे कुछ नही बोलना?
(छेड़ते हुए)
अंकित :- आप तो अभी..अभी यंग ही हो....(बोलना कुछ और ही चाहता था)
रितिका :- ह्म्म्म...थॅंक यू... अच्छा अंकित..कल मेने ऑफीस से लीव ली है..आर्नव भी तुमसे मिलने के लिए
बहुत ज़िद्द कर रहा था..तो क्या तुम कल घर आ सकते हो
|