RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................
सोचते हुए क्लास्स्स में टाइम पे पहुच ही गया...आज टीचर के आने से पहले..सच में कमाल
ही हो गया..
विकी :- हे अंकित क्या हाल है भाई....अबे ये क्या हो गया..कैसे लग गयी.. (विकी अपनी सीट से खड़े
होते हुए बोला)
अंकित :-(उसके पास आते हुए) अरे भाई एक साथ कितने सवाल पूछेगा....बस यार कल गिर गया..
तू सुना क्या हाल चाल है..
विकी :- लगता है..कुछ ज़्यादा बुरी तरह गिर गया .. पट्टी देख के तो यही लगता है..काफ़ी चोट लगी
है...खैर..में तो बढ़िया ही हूँ......
(तभी उसका फोन बज उठता है..)
इतनी देर में अंकिता क्लास में आ जाती है...सभी उन्हे खड़े होके विश करते हैं..
इधर विकी फोन कट कर देता है....
अंकित :- गुड मॉर्निंग मॅम.... (अंकित ज़ोर से बोलता हुआ)
अंकिता एक स्माइल के साथ..गुड मॉर्निंग अंकित..
अंकित का सारा दर्द गायब हो गया अंकिता को देख के....जिस तरह से वो ड्रेसअप होके आती है..
उसे देख के कोई ये नही कह सकता कि ये टीचर है....एक से एक साड़ी पहन के आती है...
अंकिता :- तो आज हम एक दूसरा प्रोग्राम बनाएँगे....में क़्वश्चन लिखूँगी और आज अब सब को खुद
बनाना होगा....और सिर्फ़ 10 मिनट दूँगी..इस 10 मिनट में वो हो जाना चाहिए नही तो आप सब के इंटर्नल
में से 1 मार्क डिफिनेट्ली कट कर दूँगी...
फिर वो क्वेस्चन दे देती है...और सब लग जाते हैं उसमे अपना दिमाग़ लगाने...
आधे बच्चों की शक्ल से ही दिख रा था कि दिमाग़ के उपर से उड़ गया क्वेस्चन तो...जब तक
अंकिता अपने रिजिस्टर में कुछ कर रही थी..
अंकित प्रोग्राम सॉल्व करता हुआ....बीच बीच में अपनी गर्दन उठा के अंकिता को देखने लगता..
अंकिता के बाल एक तरफ थे...उसने पेन को अपने लिप्स्स में दबा रखा था..एक तरफ के उसके वो
सुंदर शोल्डर दिख रहे थे स्लेवलेस्स ब्लाउस की वजह से...
उस वक़्त इतनी सुंदर लग रही थी..कि बस कोई भी उसपे मर मिटे..
अंकित अपने मन में..हाए...इतने सुंदर दृश्य को छोड़ के कोई कैसे ये क्वेस्चन सॉल्व कर सकता
है....और वो पेन छोड़ के बस सामने अंकिता को देखने लगता है...
तभी अंकिता अपनी नज़र उपर उठती है..और अंकित को ऐसे घूरता पति है..इधर अंकित घबराता नही है
बस उसे ही देखता रहता है...
अंकिता अपनी घड़ी दिखाते हुए जैसे बोल रही हो टाइम ख़तम हो गया है..अपना काम करो...
अंकित समझ जाता है..और वो मुस्कुराते हुए फिर से प्रोग्राम करने लगता है.....
इधर उसके साथ बैठा विकी अपने बाल नोच रहा था...अंकित ने उसे ऐसा करते देख लिया..फिर उसे कोनी
मारते हुए...
अंकित :- अबे परेशन क्यूँ है..ले यहाँ से कॉपी कर ले...मेरा हो गया....
विकी :- थॅंक्स यार...तू तो कसम से कमाल है..
अंकिता :- टाइम इस ओवर...
में सबकी की सीट पी आके चेक करूँगी....और जिसका नही हुआ होगा उसका तो 1 मार्क गया..
फिर वो बारी बारी से सबका आन्सर चेक करने लगती है..कुछ की तो बॅंड ही बज गयी कुछ ने थोड़ा
बहुत करा था इसलिए बच गये..
आख़िरी में बची अंकित और विकी की सीट जो उस रो की लास्ट सीट थी..
अंकिता :- दिखाओ....
फिर अंकित दिखाता है....
अंकिता :- ह्म्म गुड...लगता है पूरी क्लास में सिर्फ़ तुम्हे ही समझ आ रहा है...और किसी से नही हुआ
एक्सलेंट...
अंकित :- मॅम आप पढ़ाओ और ना आए..ऐसा तो हो नही सकता..
अंकिता अपनी आँखें साइड कर के उसे देखने लगती है...तभी उसकी नज़र अंकित के हाथ पे पड़ती है..
अंकिता :- ये क्या तुम्हारे हाथ में..कैसे लग गयी?
अंकित :- वू.व.व.ऊ.ओ.....मा..आ.म..का.एल..गिर...गया...था...उसी से लगी...
अंकिता :- ह्म्म्म्मम.......(और उसे घूर्ने लगती है)
विकी :- मॅम मेरा तो चेक कीजिए..
अंकिता :- (आगे जाते हुए) कोई ज़रूरत नही है..मुझे पता है तुम्हारा सही है...अंकित से जो कॉपी की
है...
इतना बोलती है..तो विकी की तो सुलग जाती है..लेकिन अंकित अपनी हँसी को नही रोक पाया.....वो ज़ोर
ज़ोर से हँसने लगा..
अंकित :- यार तेरा तो सॉलिड पोपट हुआ....
विकी सड़ा सा मूह बना के बैठ जाता है....
फिर क्लास ओवर हो जाती है.....और अंकिता जाते जाते..
अंकिता :- अंकित टीचर्स रूम में आना तुम..मुझे तुमसे कुछ पूछना है?
अंकित :- ओके मॅम...
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