RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................
आज उससे मेट्रो धीरे चलती हुई लग रही थी...वो बार बार यही सोच रहा था साला हर स्टेशन पे
रुकनी ज़रूरी है क्या....लेट हो रहा है..जल्दी चल.....
आख़िरकार वो अपने स्टेशन पे पहुच गया...स्टेशन पे भीड़ थी इसलिए भाग तो सकता नही था
इसलिए तेज तेज़ कदमो से चलने की कॉसिश करता हुआ...स्टेशन से बाहर निकल जाता है...और कॉलेज के
अंदर एंटर होते हुए..सीधा भागता हुआ जाने लगता है..
उसने मेट्रो में सोच लिया था कि किसी भी लड़की को कॉलेज मे नही देखेगा वरना और लेट हो जाएगा
इसलिए दाएँ बाएँ ना देखते हुए सिर्फ़ सामने देखते हुए भागने लगा..
भागते भाटी..वो आख़िर में कॉरिडोर में स्लाइड लेके क्लास के बाहर आके रुक गया..और जैसे
ही एंटर हुआ उसने देखा......
अंकिता मॅम ब्लू साड़ी में...वैसी ही स्लेवलेशस ब्लाउस के साथ..अपनी टीचर टेबल के सामने खड़ी थी
और क्या ग़ज़ब लग रही थी...अंकित की सारी थकान जो भागने की वजह से हुई वो सारी मिट गयी..
कुछ एक मिनट तक देखता रहा..फिर बोला..
अंकित :- मे आइ कम इन मॅम
अंकिता ने अपनी गर्दन घुमा के अंकित की तरफ देखा...
अंकित :- आज फिर से लेट हो गये तुम....मतलब अगर में 10 मिनट लेट आई तो मतलब तुम भी लेट आओगे
मेने कल कहा था ना लेट आओगे तो एंट्री नही मिलेगी..
ऐसा बोलने पर अंकित के दिमाग़ की बत्ती जली..
अंकित :- (भोली शक्ल बनाते हुए) मॅम...में आज जल्दी ही आया था...जब देखा कि आप नही आई..तो
में नीचे कॅंटीन चला गया था ब्रेकफास्ट करने...वो आज क्लास में टाइम पर पहुचना था इसलिए
ब्रेकफास्ट करके नही आया था..(बोलते हुए अपनी गर्दन नीचे कर लेता है..उसे पूरा यकीन था कि
उसका ये आइडिया काम ही करेगा)
अबे हम ने तो नही देखा तुझे..तू कब आया....(तभी अंकित के कानो में अंकिता की आवाज़ की जगह
किसी और की आवाज़ पड़ी)
उसने अपनी गर्दन उपर उठाई...तो देखा वही लड़का था जिससे झगड़ा हुआ था....
अंकित को इतना गुस्सा आया कि मानो अभी साले का सर फोड़ दे..लेकिन फिर वो बोला..
अंकित :- अबे बिहारी तेरे लिए थोड़ी आया था में..जो तुझे अपनी शक्ल दिखाऊ..और तुझे क्यू दिखाऊँ
साले अपनी शक्ल देखी है...अबे गाओं वाले भी तुझसे अच्छे लगते हैं...जा गटर सॉफ कर तू उसी
लायक है....
अंकित की बातों से सारी क्लास हँसने लगती है....
वो लड़का अपनी सीट से खड़ा होके कुछ बोलने वाला होता है कि ..अंकिता बोल पड़ती है..
अंकित :- (काफ़ी गुस्से में) स्टॉप..इट...आइ सेड...स्टॉप लाफिंग एवेरिबडी..आंड यू..कल ही तुम्हे डाइरेक्टर
सर से वॉर्निंग मिली थी..अब क्या सस्पेंड होना चाहते हो..ये तुम्हारी लास्ट वॉर्निंग है..अगर अब तुमने
कोई भी कॉमेंट पास किया तो सीधे सस्पेंड होओगे...सिट डाउन आइ सेड....
वो लड़का कुछ बूल...अंकिता ने उसस्की बंद बजा दी..वो चुप छाप बैठ गया..
इधर अंकित खड़ा मुस्कुरा रहा था...अंकिता अंकित की तरफ मूडी..
अंकिता :- मेने तुम्हे कहा था ना डोंट अब्यूस इन माइ क्लास....लेकिन तुम नही माने..तुम्हे आज
डाइरेक्टर सर के पास ले ही जाना पड़ेगा....
अब अंकित को जानते ही हैं..ड्रामा करने में नंबर. वन..
अंकित :- (कमीडियन सी शक्ल बनाते हुए) मॅम सॉरी ना....सॉरी..प्लीज़ ऐसा क्या करते हो..
हो जाता है कई बार...गुस्से में निकल गया....सॉरी ना..प्लीज़...आगे से नही होगा..सॉरी..(और कान
पकड़ के खड़ा हो जाता है)
गुस्से से भरे अंकिता के चेहरे पे अंकित की इस हरकत पे हँसी आ जाती है..
अंकिता :- तुम एक नंबर के बदमाश हो..बिल्कुल..बदमाश..चलो जाओ सीट पे बैठ जाओ..
अंकित :- थन्क्क्क उूुुुउउ.....
अंकिता उसे देख के हँसने लगती है..और अपने आप से...ड्रामेबाज़्ज़्ज़.....
फिर अंकिता अपना लेक्चर शुरू करती है .... और बीच बीच में कुछ क्वेस्चन्स पूछती है..जिसे अंकित ने
बखूबी सबसे पहले जबाब दिया बाकी सभी बच्चो में.
अंकिता अंकित से काफ़ी इंप्रेस थी उसकी नालेज से...
आख़िर कर लेक्चर ओवर हुआ...अंकिता जाने लगी तो उसने अंकित को बुलाया..
अंकित की तो खुशी का ठिकाना नही रहा..वो भागता हुआ गया...और चलते हुए अंकिता ने बोलना शुरू किया..
अंकिता :- आइ आम वेरी इंप्रेस्ड ... यू आर रियली वेरी गुड.
अंकित :- थॅंक यू माँ...
अंकिता :- तुम्हे पहले जावा पढ़ी हुई है क्या..
अंकित :- नो मॅम वैसे तो कभी क्लासस नही ली हैं..लेकिन मुझे जावा में इंटरेस्ट है..और उपर से आप
पढ़ा रही है तो और मज़ा आ रहा है...
अंकिता उसकी तरफ देखती है और मुस्कुरा देती है..
अंकिता :- चलो चलो बदमाश..क्लास में जाओ.....
(और फिर वो चली जाती है स्टाफ रूम में..अंकित उसे पीछे से देखता रहता है..अंकिता की उस कमर
पे तो कभी उसकी वो गान्ड पे...और मुस्कुराता हुआ वापिस क्लास में आ जाता है)
और जैसे ही क्लास में एंटर होने लगता है वो एक लड़के से टकरा जाता है..
अंकित :- सॉरी..सॉरी..भाई..लगी तो नही..
अरे नही यार...नही लगी..वैसे...माइ नेम ईज़ विकी..(और हाथ आगे बढ़ाता है)
अंकित :- (हाथ मिलाते हुए) आइ आम अंकित..
विकी :- हाँ पता है....वैसे यार तेरी जावा बड़ी अच्छी है..और मेरी बहुत बेकार...साली वो मॅम कब
पढ़ा के क्या गयी..पता ही नही चला....
अंकित :- हाहहा..क्यूँ नही यार में सिखा दूँगा..चल आजा..क्लास में चल...
फिर दोनो क्लास में चले जाते हैं....
अंकित घर पे बेड पे पड़ा होता और बस अंकिता मॅम के ख्यालो में खोया हुआ होता है..
अंकित अपने मन में......यार..पता नही मॅम मे ऐसी कौन सी काशिस है...बस..मन करता है उनके साथ
ही रहूं.....
और आज एक दोस्त तो मिला कॉलेज में विकी..
|