RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
अबे तेरी बंद कर रखा है...ज़रूर कोई खड़ूस होगा या होगी....अब तो पक्का सुनने को मिलेगा..
अंकित अपने आप से बोलने लगा..
फिर उसने डोर को नॉक किया.......लेकिन डोर नही खुला...फिर उसने तेज़ी से डोर नॉक किया.......काफ़ी
तेज कर दिया था....
फिर एक दम से डोर खुला..
क्य्ाआआअ है.....इतनी तेज कोई दरवाजा नॉक करता है क्या......
तभी अंकित के सामने एक 5'6 इंच की लगभग हाइट वाली एक लेडी खड़ी थी....बाल शोल्डर्स तक थे
उसके....नीचे से घुँगराले... फेस एक दम गोरा छोटी सी नोजी और आइज़..उसके साथ बेहद खूबसूरत
होंठ
अंकित की नज़र चेहरे से नीचे गयी ही नही पहली बार था ऐसा....
तुम्हे सुनाई नही दे रहा मेने क्या कहा.......वो लेडी फिर से चिल्लाई..
अंकित डरा लेकिन उसने कॉन्फिडेन्स के साथ कहा.....अब डोर कोई खोलेगा ही नही तो नॉक तो करना
पड़ेगा ही ना
वो लेडी घड़ी में टाइम देखने लगी....अंकित को यकीन हो गया कि पक्का ये टीचर ही होगी....
टाइम देख वो लेडी पीछे चली गयी क्लास में...अंकित गेट पे खड़ा रहा....
अंकित :- मे आइ कम इन....मॅम.....
टाइम देखा है....10:30 हो रहे हैं.....एक क्लास ख़तम हो चुकी है..दूसरी ख़तम होने वाली है और
तुम अब आ रहे हो....अंकित पर वो चिल्लाई..
लेकिन अंकित तो अब अपनी मॅम को उपर से नीचे तक देख रहा था..पिंक कलर की साड़ी विद स्लीव्लेस्स
ब्लाउज....
क्या हॉट टीचर है यार.....ये सब तो पिक्चरो में देखा था...असलियत में भी होती है....
आई...मज़ा आ जाएगा इनकी क्लास में तो...अंकित सपने देखने लागा..
तुम्हे सुनाई दे रहा है में क्या बोल रही हूँ...
अंकित :- सॉरी मॅम थोड़ा सा लेट हो गया... (वो होश में आते हुए बोला)
उसने अपनी जीन्स के बन रहे उभार के आगे अपने बॅग को लगा रखा था जिससे कोई देख ना पाए...
मॅम :- थोड़ा..लेट....अरी तुम 5 मिनट बाद आते तो ये क्लास ओवर हो जाती..
अंकित :- चलो हस्स्शह बच गया..
मॅम :- क्या..
अंकित :- नही मतलब आप मिल गये ना...मतलब कि वो पहला दिन है ना तो पता नही था कितना टाइम
लगेगा इसलिए लेट हो गया...और फिर आप तो जानती ही है दिल्ली की बस...एक भी खाली नही मिलती...
3 बस स्किप करनी पड़ी तब मिली...(बड़े स्टाइल में बोलता है...)
सभी बच्चे हँसने लगी....
मॅम :- आज कल के बच्चे....इतने ज़्यादा नालायक हो गये हैं पूछो मत.....बहाने मार लो बस
चलो अंदर आऊ...लेकिन आज की अटेंडेन्स नही मिलेगी तुम्हे इस क्लास की...
अंकित :- अरी मॅम ऐसा क्या करते हो प्लीज़ दे दूं ना....पहला दिन तो माफ़ होता है....(अंकित
मॅम के करीब पहुच कर भोला सा बनते हुई)
मॅम को भी हँसी आ जाती है...वो भी हंसते हुई...
अच्छा अच्छा जाओ अपनी सीट पर बैठू....
अंकित के दिल में लड्डू फूटने लगते हैं...और उसके लंड में हलचल होने लगती है..लेकिन जैसी
ही सामने देखता है.....
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