RE: Dost ke Papa Chudai निशा के पापा
“अरे बेटा मुझे बांधकर कहाँ चली गयी तुम?” दलीप ने चिल्लाते हुए कहा | निशा अपने पापा के पास जाते हुए उसकी पेंट को खोलने लगी और पेंट को अपने बाप के जिस्म से अलग करते हुए दूर फेंक दिया | निशा का जिस्म यह देखकर और ज्यादा गर्म होने लगा कि उसके बाप का लंड पेंट के हटते ही उसके अंडरवियर में बड़ा तम्बू बनकर झटके खाने लगा था |
निशा कुछ देर तक अपने पापा के लंड को ऐसे ही अंडरवियर के अंदर झटके खाते हुए देखती रही और फिर वो थोडा ऊपर होते हुए अपने पापा के बालों पर अपना नरम हाथ फिराने लगी |
“आहाह्हा बेटी कितना तडपाओगी, आओ ना अपने पापा के सीने से लग जाओ” , दलीप ने अपनी बेटी का नरम हाथ अपने सीने पर महसूस होते ही जोर से सिसकते हुए कहा |
निशा का भी उत्तेजना के मारे बुरा हाल था | वो कुछ देर तक अपने हाथों को अपने पिता के सीने पर फिराने के बाद अपने होंठों को उसके सीने पर रख दिया और पागलों की तरह अपने पापा के पूरे सीने को चूमने लगी |
“आह्ह्ह्ह बेटी ओह्ह्ह” दलीप अपनी बेटी के होंठों से अपने सीने को चूमने से सिर्फ जोर से सिस्क रहा था |
निशा अब अपनी दोनों टांगों को फेलाकर अपने पिता के ऊपर आ गई और अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को अपने पापा के सीने पर रगड़ने लगी | निशा ऐसा करते हुए बहुत जोर से सिसक रही थी और अपने चूतडों को बहुत जोर से अपने पापा के लंड पर उसके अंडरवियर के ऊपर से रगड़ रही थी |
“ओह्ह्ह्ह बेटी खुद भी ऐसे तड़प रही हो और मुझे भी तडपा रही हो, मेरी बाहों को खोल दो, फिर देखो मैं तुम्हें कितना प्यार देता हूँ”, दलीप ने सिसकते हुए अपनी बेटी से कहा |
“आहाहह पापा चुप करो और अपनी बेटी की चुचियों का रस चखो”, निशा ने थोडा ऊपर हो कर अपनी एक चूची को अपने पिता के होंठों पर रखते हुए कहा |
दलीप ने अपनी बेटी की चूची को अपने होंठों पर महसूस करते ही अपना मूह खोल कर निशा की चूची को जितना हो सकता था अपने मूह में भर लिया और उसे बहुत जोर से चूसने लगा |
“आअहाहहह पापा अपनी बेटी की चूची के रस को पूरी तरह चाट लो , ओह्ह्ह्ह... और बताओ कि आपकी बेटी की चुचियों में ज्यादा रस है या माँ की चुचियों में”, निशा ने अपनी चूची को अपने पिता के मूह में जाते ही उत्तेजना के मारे जोर से सिसकते हुए कहा |
दलीप अपनी बेटी की बातों को सुनकर पागल हो रहा था और उत्तेजना के मारे बहुत जोर से निशा की चूची को चूसते हुए अपने दांतों से भी हल्का काट रहा था |
“ओह्ह्ह्हह पापा क्या अपनी बेटी की चुचियों को खा जाने का इरादा है क्या?” , निशा ने अपनी चुचियों पर अपने पिता के दांतों के लगते ही जोर से चिल्लाते हुए अपनी चूची को उसके मूह से निकालते हुए कहा |
“आहाह्हहह.... बेटी, क्यों निकाला सच में तुम्हारी चुचियों का रस तुम्हारी माँ से कहीं ज्यादा अच्छा है” , दलीप ने अपनी बेटी की चूची अपने मूह से निकलते ही जोर से चिल्लाते हुए कहा |
“ओह्ह्ह्हह्ह, पापा लो अब मेरी दूसरी चूची का रस चखो”, निशा ने अब अपनी दूसरी चूची को अपने पिता के होंठों पर रखते हुए कहा |
दलीप अपनी बेटी की दूसरी चूची को भी वैसे ही चूसने लगा | जैसे उसकी पहली चूची को चूसा था और निशा अभी मज़े से अपने हाथों से अपने पिता के बालों को सहलाने लगी | कुछ ही देर बाद निशा ने अपनी चूची को फिर से अपने पिता के मूह से निकाल दिया और बहुत जोर से हांफने लगी |
“आआह्हा बेटी क्या हुआ”? दलीप ने अचानक अपने मूह से निशा की चूची के निकलते ही सिसकते हुए कहा |
निशा ने इस बार अपने तपते होंठों को अपने पिता के होंठों पर रख दिया और बहुत जोर से हांफते हुए अपने पिता के होंठों को चूमने लगी | ऐसा करते हुए निशा की चुचियां सीधा उसके पिता के सीने में दब गयी | दलीप ने जैसे ही महसूस किया कि उसकी बेटी उसके होंठों को चूम रही है तो उसने अपना मूह खोलकर निशा के दोनों होंठों को अपने मूह में भर लिया और उन्हें बहुत जोर से चूसने लगा |
निशा को अपने पिता के साथ किस्सिंग करते हुए अपने पूरे जिस्म में मज़े का एक नया एहसास हो रहा था | दलीप ने अचानक अपनी बेटी के होंठों को खोलते हुए उसकी जीभ को पकड़कर अपने मूह में भर लिया और अपनी बेटी की शहद से ज्यादा मीठी जीभ को जोर से चूसने लगा | दलीप की इस हरकत से निशा का पूरा जिस्म कांपने लगा और वो उत्तेजना में आकर अपने पिता की जीभ को पकड़कर चाटने लगी | दोनों बाप बेटी कुछ देर तक ऐसे ही एक दुसरे के होंठों और जीभ से खेलने के बाद हांफते हुए एक दुसरे से अलग हो गए |
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