RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेरे पूरे बदन में सर्सराहट दौड़ गयी…..ना चाहते हुए भी मेरे मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी…..पहली दफ़ा कोई मेरी चूत चाट रहा था…इसके बारे में सिर्फ़ सुना था….और सच बता रही हूँ…वो पल आज भी मेरे बदन को रोमांच से भर जाता है…..वो अपनी जीभ निकाल कर पागलों की तरह मेरी चूत की फांकों और चूत के छेद पर रगड़ रहा था…..में मज़े से तिलमिलाए जा रही थी…..मुझे ऐसा लग रहा था कि, अपने होशोहवास खो बैठूँगी…..और सच में हो भी ऐसे ही रहा था…..
फिर अमित ने मेरी चूत की फांकों को अपने हाथों से पूरा फेला दिया, जिससे मेरी चूत का क्लिट जो कि उस समय फूल कर आधे इंच का हो चुका था…उसे अपने मूह में भर कर ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया……
में: अहह ओह अमित्त्त प्लीज़ छोड़ दो अहह सीईईईईईईई उंह अहह उंघह ओह्ह्ह्ह अमित……
मुझे अब साँस लेने में भी तकलीफ़ होने लगी थी….मुझे ऐसा लगने लगा था कि, अब में कई सालों बाद झड़ने के करीब पहुँच चुकी हूँ….पर अचानक अमित ने अपना मूह मेरी चूत से हटा लिया, और अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर लगा कर मेरी तरफ देखते हुए कहा…..
अमित: क्यों रांड़ मज़ा आ रहा था ना……अब देख तेरी फुद्दि कैसे फाड़ता हूँ….आज तेरी फुद्दि में लंड ठोक-2 कर सूजा दूँगा…..
फिर अमित ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर दाबना चालू कर दिया. मुझे लगा एक बार फिर से मेरी जान निकल जाएगी…..पर इस बार मुझे दर्द नही हुआ… क्योंकि मेरी चूत अब अमित के थूक से सनी हुई थी…और मुझे लग रहा था कि आज कई सालो बाद मेरी चूत ने भी पानी निकाला है…..अमित का लंड फिसलता हुआ मेरी चूत में समाता जा रहा था…..
उसका सेब जैसा मोटा सुपाडा जब मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जा रहा था, तो मेरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ती जा रही थी……मेरा बदन थरथर काँप रहा था…..चूत के अंदर लंड के घर्षण के कारण में एक दम मदहोश हो गयी……और अपने होंटो को दाँतों से काटते हुए, बेड शीट को अपने हाथों में कस के पकड़ लिया…मुझे अमित का लंड अपनी बच्चेदानी से टकराता हुआ महसूस हुआ, और में एक दम से सिसक उठी……….
अमित मेरे ऊपेर झुक गया, और मेरे होंटो की तरफ अपने होंटो को बढ़ाने लगा…..उसके होंटो पर मेरी चूत का पानी अभी भी लगा हुआ था…जिसे देख कर मेने घिन से दूसरी तरफ मूह घुमा लिया…..मेरी इस हरक़त पर वो गुस्से से बोला..”क्या रांड़ तेरी ही चूत का पानी है” और ये कहते हुए उसने मेरे बालों को खेंच कर मेरे फेस को सीधा कर दिया……
सर के बाल खिच जाने के कारण में दर्द से कराह उठी…..और उसने मेरे होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसना शुरू कर दिया…..अमित मेरे होंटो को चूस्ते हुए,अपने दोनो हाथों को मेरी पीठ के पीछे लेगया, और ब्रा के हुक्स खोल कर ब्रा को निकालने लगा….में पहले से ही उसके सामने अध नंगी लेटी हुई थी. और में नही चाहती थी कि, मेरे तन पर बचा ये आख़िरी कपड़ा भी उतर जाए..इसलिए मेने अपने दोनो हाथों से ब्रा के कप्स को पकड़ लिया….
पर उसके सामने अब मेरी कहाँ चलने वाली थी…..उसने ब्रा को खेंचते हुए मेरे बदन से अलग कर बेड पर फेंक दिया…..मैं अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढकने की कॉसिश करने लगी…..”चल हाथ हटा साली, अब क्या बचा है जो तू नखरे कर रही है….लंड तो पहले ही चूत में लिया हुआ है तूने…..” ये कहते हुए उसने मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर चुचियों से हटाते हुए मेरे सर के दोनो तरफ बेड पर टिका दिया……..
और मेरे हाथों को पकड़े हुए, मेरी चुचियों पर झुकते हुए, मेरे एक मम्मे को मूह में भर लिया…..उसकी गरम जीभ को अपने निपल पर महसूस करते ही, में एक दम से तड़प उठी……मेरी आँखें मस्ती में बंद हो गयी……ना तो मुझे अच्छा लग रहा था, और ना ही मुझे रोना आ रहा था…पता नही अजीब से स्थिती थी….वो जितना हो सकता था, मूह कर खोल कर मेरे राइट साइड वाले मम्मे को मूह में भर कर चूसने लगा….
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