Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा
07-17-2018, 12:28 PM,
#33
RE: Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा
पर गंगू की नज़रें तो उसकी बेटी लच्छो पर थी...गंगू को उधर देखता हुआ पाकर वो बोली : "उसको क्यो देख रहा है रे...वो तो बच्ची है अभी...''

वो शायद उसकी नज़रों को पहचान गयी थी..

गंगू : "बच्ची नही है वो अब....मज़े लेना वो भी सीखना चाहती है...मैं चलता हू तेरे घर ...पर उसको भी सामने रखना होगा तुझे...''

गंगू से ऐसी शर्त की उम्मीद नही थी उमा को...वो जानती थी की उसकी बेटी का मन आजकल काफ़ी मचलने लगा है...उसने अक्सर गाँव के लड़कों के साथ उसको चूमा चाटी करते हुए देखा था...पर ज़्यादा कुछ वो भी नही बोलती थी उसको...ऐसे माहोल में रहकर एक ना एक दिन तो वो सब होना ही है..पर आज गंगू के मुँह से उसके बारे मे सुनकर वो समझ गयी की उसकी बेटी भी अब बड़ी हो चुकी है...इस वक़्त तो उसके जिस्म मे आग लगी हुई थी, इसलिए वो बोली : "ठीक है...पर कुछ ज़बरदस्ती ना करना उसके साथ...वो अभी छोटी है...''

गंगू जानता था की वो कितनी बड़ी है...वो मुस्कुराता हुआ उमा के पीछे चल दिया..लच्छो ने भी अपनी टी शर्ट पहनी और उनके पीछे चल दी..वो नही जानती थी की उनके बीच क्या बात हुई है, पर इतना समझ चुकी थी की कुछ मजेदार होने वाला है..अपने बाप के घर से चले जाने के बाद उसने अक्सर दूसरे मर्दों को अपने घर पर आते हुए देखा था...और उसकी माँ ने समझाया भी था की उन्हे अपनी लाइफ चलाने के लिए अब यही काम करना पड़ेगा...इसलिए उसको भी अब कोई फ़र्क नही पड़ता था..

उमा के घर पहुँचकर गंगू तो उसके ठाट बाट देखकर हैरान रह गया...उसने अपनी झोपड़ी को पक्के मकान मे बदल दिया था...और सबसे बड़ी बात, उसने अपने अंदर वाले कमरे मे एसी भी लगवाया हुआ था..

उमा उसको लेकर सीधा अंदर घुस गयी...और दरवाजा बंद कर दिया..पर गंगू के ज़ोर देने पर उसको फिर से खोल भी दिया...

अब उमा से सब्र नही हो रहा था...उसने अपना गाउन निकाल फेंका और पूरी नंगी हो गयी..गंगू की धोती भी उसने निकाल फेंकी..उसका खड़ा हुआ लंड सुबह -2 उसको सलामी ठोंकने लगा ..

वो झट से नीचे बैठ गयी...और उसके लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी..

गंगू ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए दरवाजे की तरफ देखा, जहाँ लच्छो आकर खड़ी हो चुकी थी..उसने शायद आज पहली बार अपनी माँ को ऐसा कुछ करते हुए देखा था...वैसे तो वो भी उस दिन गंगू का लंड चूस चुकी थी..पर अपनी माँ को इतनी आसानी से वो सब करता देखकर वो समझ गयी की वो पहले भी गंगू के साथ ये सब कर चुकी है..

गंगू ने लच्छो को इशारे से उसकी टी शर्ट उतारने को कहा...पहले तो वो झिझकी पर फिर जल्द ही उसकी बात मान गयी...टी शर्ट के साथ-2 उसने अपनी कच्छी भी उतार फेंकी...और अब एक ही कमरे मे दोनो माँ बेटियाँ नंगी थी गंगू के सामने..

लच्छो की चूत पर अभी हल्के-2 बाल आने शुरू हुए थे पर उसकी गांड मे माल भर चुका था काफ़ी...गंगू का मान हुआ की उसके गोल चूतड़ो पर अपना मुँह रग़ड़ डाले..पर इसके लिए पहले उमा को तैयार करना था...ताकि वो अपने सामने ही अपनी बेटी को गंगू के हवाले कर दे..

और वैसे भी आज गंगू ये सोचकर ही उसके साथ घर पर आया था की वो लच्छो की चूत लेकर ही रहेगा..क्योंकि आज के बाद जो काम वो करने वाला था,उसके बाद वो कभी भी इस कॉलोनी मे वापिस तो आ ही नही सकता था..इसलिए जाने से पहले वो इस कच्ची जवानी को अपने लंड की सोगात देकर जाना चाहता था..

उमा तो गंगू के लंड को चूसने मे बीजी थी...उसे तो पता भी नही था की उसकी बेटी नंगी होकर पीछे ही खड़ी है..

गंगू ने अचानक लच्छो से कहा : "आ जा लच्छो बांदरी ...इधर आकर दिखा, कितनी जवान हुई है तू और कितनी बच्ची है अभी तक...''

गंगू की बात सुनते ही उमा ने घूमकर पीछे देखा...उसको तो विश्वास ही नही हुआ की उसकी जवान हो चुकी बेटी ऐसे नंगी होकर उनके सामने आ जाएगी...पर उसको देखकर उमा समझ गयी की आज वो चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गयी है...वो मना करती भी तो किस मुँह से , वो खुद भी तो यही काम कर रही थी..ऐसे मे सिर्फ़ सिर झुकाकर उसके लिए जगह बनाने के अलावा वो कुछ और कर ही नही पाई...

अब गंगू के सामने दोनो माँ बेटी उसकी दासियों की तरह बैठी हुई थी...और एक -2 करके उसके लंड को चूस रही थी...

पर गंगू को तो उमा मे कोई दिलचस्पी ही नही थी...वो तो बस लच्छो को देखने मे लगा था...अपना हाथ सिर्फ़ उसके सिर पर फेर रहा था...अपने लंड को ज़्यादा देर तक उसके ही मुँह मे रख रहा था...और उसकी माँ को अपने टटटे दे रहा था चूसने के लिए..

अब उमा भी समझ चुकी थी की उसकी बेटी का चुदना लगभग तय ही है गंगू के लंबे लंड से...और वो सिर्फ़ उसकी वजह से ही उसके घर तक आया है...

वो बीच मे से हटना चाहती थी..पर अपनी चूत की खुजली मिटाए बिना नही...वो सीधा बिस्तर पर जा चढ़ी और गंगू को अपने उपर खींच कर उसके लंड को अंदर ले लिया...

''आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ....... साले .....गंगू ....हरामजादे .......मेरी बेटी से ज़्यादा मज़े ले रहा है...तू आया भी इसके लिए ही है ना....कोई बात नही कमीने...आज कर ले इसके साथ भी मज़े...अहह...पर पहले मेरी चुदाई कर ले अच्छी तरह से....ओफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ .....मैं तो इससे भी छोटी थी जब पहली बार चुदी थी...इसके अंदर की गर्मी मैं समझ सकती हू.....अहह....चोद लियो आज इसको भी....कर दे इसको भी जवान....''

उमा के मुँह से अपनी बेटी के बारे मे ऐसी बाते सुनकर गंगू के साथ-2 लच्छो भी हैरान रह गयी....गंगू समझ गया की एक लड़की के अंदर जब आग भड़कती तो कैसा फील होता है...और ऐसी आग मे ज़्यादा देर तक वो अपनी बेटी को तड़पाना नही चाहती थी...

ऐसी माँ आजकल कम ही मिलती है, जो अपनी बेटी की ऐसी ज़रूरत का भी पूरा ध्यान रखे..

गंगू ने भी तेज़ी से धक्के मारने शुरू कर दिए....सुबह का वक़्त था, इसलिए उसका लंड पूरे उफान पर था...पर वो जल्दी झड़कर लच्छो को और लंबा इंतजार नही करवाना चाहता था...और लच्छो तो उसके लंबे लंड से अपनी माँ की चुदाई होते देखकर हैरानी से कभी उसके लॅंड को देखती और कभी अपनी अनचुदी छोटी सी चूत को....वो समझ नही पा रही थी की ऐसी छोटी सी चूत मे उसका मोटा और लंबा लंड कैसे जाएगा...

पर आज तो किसी भी हालत मे वो उसकी चुदाई करके ही मानने वाला था...उसने उसकी चूत को चुदाई के लिए तैयार करने का एक नायाब तरीका निकाला...उसने लच्छो को भी उपर खींचकर सीधा उसकी माँ के मुँह के उपर बिठा दिया और लच्छो का चेहरा अपनी तरफ कर लिया...इस तरीके से लच्छो की कुँवारी चूत अब उसकी माँ उमा के मुँह मे थी और उसके छोटे-2 उभार सीधा गंगू की वासना से भरी आँखो के सामने...

गंगू ने आगे बढ़कर उन्हे सहलाया और फिर उसके चेहरे को पकड़कर अपने पास लाया और उसे स्मूच करने लगा....

नीचे के होंठों पर उसकी माँ के होंठों की पकड़ और उपर के होंठों पर गंगू के होंठों की....लच्छो की तो बुरी हालत हो गयी....उसकी चूत से लबालब तरी निकल कर उसकी माँ की डेगची जैसे मुँह मे जाने लगी...

और अपनी बेटी के रस को पीकर उमा भी अपनी उत्तेजना के उफान पर पहुँच गयी और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत ने ढेर सारा पानी बाहर की तरफ उछाल दिया...और उसने भी अपनी बेटी की जांघों को ज़ोर से भींचते हुए उसकी चूत को और भी अंदर तक चूस कर उसे उसकी चुदाई के लिए तैयार कर दिया...

अब बारी थी लच्छो की....उसको गंगू ने अपने सामने बिछाया...बगल मे ही उसकी माँ गहरी साँसे लेती हुई अपने ऑर्गॅज़म से उभरने की कोशिश कर रही थी...इतने मे गंगू ने बिना वक़्त गँवाए लच्छो की दोनो टांगे पकड़ी और उसके अंदर अपना लंड सटाकर जोरदार धक्का मारा...


''माआआआआआआआआअ...... अहह ....मररररर गयी ................ ''

और जब तक उसकी माँ देखती की क्या खून ख़राबा चल रहा है वहाँ, गंगू ने एक और शॉट मारा और अपना आधे से ज़्यादा लंड अंदर तक पेल दिया....

''आआआआआआआआआहह.................... ममममाआआआअ .....दर्द हो रहा है .....''

उमा : "गंगू.....धीरे कर हरामी....मेरी फूल सी बच्ची को दर्द हो रहा है...''

वो उसका सिर सहलाने लगी...और तब तक गंगू ने आख़िरी वार किया और अपना पूरा लंड उसकी छोटी सी चूत के अंदर डाल कर उसके उपर ओंधा लेट गया...

लच्छो की आँखे उबल कर बाहर निकल आई....उसने गंगू की कमर को ज़ोर से पकड़ लिया...और वो दोनो काफ़ी देर तक ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे लेटे रहे...

फिर लच्छो ने ही अपनी गांड उपर की तरफ उचकानी शुरू की...उसके अंदर के दर्द ने कब खुजली का रूप ले लिया, उसको भी पता नही चला...और अब वो इस खुजली को गंगू के लंड से बुझाना चाहती थी...

वो बड़बड़ाने लगी : "आआआआआआआह ....अब चोद ना साले ....गंगू......अपने लॅंड से....जैसे अपनी बीबी को चोदता है.....जैसे मेरी माँ को चोदा अभी.....साले .....हरामी....ज़ोर से धक्के मार ना...... अहह ....अहह ......और तेज कर गंगू.......''

अब तो उसके सिर पर जैसे सेक्स का नशा पूरी तरह चड चुका था....उसने गंगू के लॅंड को ऐसे झटके ले-लेकर अंदर लिया की उसकी माँ भी समझ गयी की उसकी बेटी उससे भी बड़ी रंडी बनेगी...

गंगू ने उसकी जांघे पकड़ी और ज़मीन पर खड़ा होकर धक्के मारने लगा....उसकी छोटी-2 ब्रेस्ट हर झटके मे ऐसे हिलती जैसे गुलाब जामुन थाली से निकल कर बाहर आ जाएगा...

और अब वो भी हर झटके को एंजाय कर रहा था...ऐसी टाइट चूत तो नेहा की भी नही निकली थी, जब उसने उसकी पहली चुदाई की थी....


और फिर नेहा के बारे में सोचते हुए...और लच्छो की कसाव वाली चूत को मारते हुए उसके लंड ने भी जवाब दे दिया...और आख़िरी वक़्त पर उसने अपने लंड को बाहर निकाला और जोरदार प्रेशर के साथ सीधा लच्छो के जिस्म को भिगो दिया....उसके गर्म लावे मे पिघलकर लच्छो की जवानी की आग शांत हुई...

और कुछ देर तक आराम करने के बाद गंगू बाहर निकल गया...और सीधा अपनी झोपड़ी मे पहुँचा...नेहा अभी तक सो रही थी...गंगू ने मुम्मैथ को फोन करके मिलने का टाइम लिया...और फिर नेहा को उठाया..

दोनो ने मिलकर नाश्ता किया...और फिर नेहा को कुछ समझाकर वो बाहर निकल गया...मुम्मैथ के घर की तरफ..
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta Story हवस मारा भिखारी बिचारा - by sexstories - 07-17-2018, 12:28 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,560,744 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 551,179 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,258,354 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 951,425 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,688,062 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,109,954 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,000,851 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,222,708 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,092,091 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,722 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)