RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
साहिल ने आँखे नही खोली थी पर आँखो से आँसुओ की बरसात जारी थी..
आरती " डॉक्टर जल्दी आइए साहिल को होश आ रहा है "
साहिल की मम्मी ,दीदी , राहुल, रोहन सभी के चेहरे खुशी से चमक उठे थे ..डॉक्टर ने कहा था साहिल अब ख़तरे से बाहर है..
आरती मन ही मन "थॅंक्स जान तुमने मेरे प्यार का मान रख लिया "
लगभग एक हफ्ते बाद साहिल को हॉस्पिटल से डिसचार्ज कर दिया जाता है..इन एक हफ्ते मे सारे लोग कुच्छ देर के लिए कहीं चले भी जाते किंतु आरती साए के तरह साहिल के पास लगी रहती...साहिल जब भी उसकी तरफ देखता ,वो हल्का सा मुस्कुरा देती .लेकिन अभी भी साहिल के होंठो से मुस्कुराहट गायब थी .
डॉक्टर तपस्वी इस समय साहिल के बंग्लॉ पर बैठे थे ,ऱाहुल भी साथ मे बैठा था . साहिल की तबीयत अब काफ़ी हद तक सम्भल चुकी थी.
"थॅंक यू डॉक्टर सहाब "
"अरे सर आप कैसी बात करते हैं , ये तो हमारा फ़र्ज़ है , फिर आप जैसे ऑफिसर्स को देश की बहुत ज़रूरत है "
साहिल बस मुस्कुरा कर रह जाता है.
डॉक्टर " साहिल जी आप को आराम की सख़्त ज़रूरत है , आप कहीं घूम आइए फॅमिली के साथ"
"अरे नही , पहले ही बहुत रेस्ट कर लिया अब जल्द से जल्द ऑफीस जाय्न करना है "
" साहिल , कोई ऑफीस नही जा रहा तू , एसडीम होगा तू शहर का मेरा सिर्फ़ दोस्त है ,,और डॉक्टर साहब बिल्कील ठीक कह रहे है" राहुल की इस प्यार भरी घुड़की पर साहिल मुस्कुरा देता है.
"डॉक्टर साहब , मैं अगर साहिल को कुच्छ दिन के लिए अपने साथ ले जाउ तो कैसा रहेगा , हमारे यहाँ एक आश्रम है जहा हम रिकवर कर रहे पेशेंट को रखते हैं , बिल्कुल घर जैसा महॉल होता है" ,आरती बोल पड़ी .
आरती इस समय अपना एमबीबीएस के फाइनल एग्ज़ॅम दे चुकी थी और शिमला के फेमस हॉस्पिटल से एमडी करनी की तैयारी कर रही थी . हॉस्पिटल स्पॉंसर कॉटेज टाइप का आश्रम था जहाँ पेशेंट की आवश्यकता का पूरा ख्याल रखा जाता था और उन्हे हल्के फुल्के महॉल मे दुनिया जहाँ के सभी झंझटों से दूर ,एक शांत ,खुश और प्यार भरा वाता वरण दिया जाता.
डॉक्टर तपस्वी " एक्सलेंट , आप खुद मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ी हैं तो आप से अच्छा इनका ख्याल कौन रख सकता है"
"ओके , सर अब मैं चलता हूँ ,किसी भी तरह की तकलीफ़ हो तो प्लीज़ कॉल मी.गुड नाइट सर"
" गुड नाइट डॉक्टर , थॅंक यू वेरी मच"
आरती ने सारी बात अपनी माँ, और नानी को बताई ...उसकी नानी इन सब से बहुत खुश थी ..उसकी मम्मी बोली " पर बेटा तुम्हारी शादी ?"
"मम्मी " प्ल्ज़ ,, मैं अभी शादी नही कर सकती , आप देख रही हैं ना साहिल किस हालत मे है ,आप उन्हे मना कर दे , आइ एम सॉरी मम्मी"
"ठीक है बेटा , तेरी ख़ुसी हमारे लिए सबसे ज़रूरी है"
साहिल आरती के साथ जाने को तैयार नही था , राहुल के समझाने और अपनी कसम देने पर वो मान जाता है.
राहुल साहिल का सच्चा दोस्त था , वो जान चुका था साहिल का दर्द क्या है और उसकी दवा क्या है.
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