RE: Antarvasna तूने मेरे जाना,कभी नही जाना
"डॉक्टर पेशेंट को होश आ गया " इस आवाज़ ने आरती को अतीत के भंवर से बाहर खीच लिया-सिस्टर ये बोलते हुए भागते हुए बाहर आई जहाँ डॉक्टर साहिल के घर वालो को दिलासा दे रहे थे.
हॉस्पिटल का हर स्टाफ साहिल के केस को लेकर काफ़ी सीरीयस था . साहिल को ऐज ए एसडीएम जाय्न किए कुच्छ ही दिन हुए थे शहर मे लेकिन हर कोई उसकी ईमानदारी , दिलेरी और बहादुरी का कायल हो गया था . कहाँ होते हैं आजकल साहिल जैसे ऑफीसर . डॉक्टर तपस्वी साहिल को पर्सनली भी जानते थे . आरती भागते हुए अंदर की ऑर गई परन्तु उसे हॉस्पिटल स्टाफ ने अंदर नही जाने दिया ..
साहिल होश मे आ गया था पर खाली खाली नज़रो से सबकी तरफ देख रहा था ..डॉक्टर उसका चेक-अप कर रहे थे ....फिर से साहिल के सीने मे ज़ोर का दर्द उठ ता है और वो चीखने लगता है .
.डॉक्टर "सिस्टर जल्दी इंजेक्षन लाओ "" साहिल को फिर से नीद का इंजेक्षन दे दिया जाता है . डॉक्टर तपस्वी आइसीयू रूम से बाहर आते हैं ..उनका चेहरा काफ़ी गंभीर लग रहा था .
रोहन "डॉक्टर साहब क्या हुआ हैं मामा को , उनका आक्सिडेंट हुआ था पर चोट तो सर पे ज़्यादा आई फिर उन्हे चेस्ट मे पेन क्यू हो रहा है , मामा ठीक तो हो जाएँगे ना " आँखे भर आई थी रोहन की .
डॉक्टर" देखिए सारे टेस्ट की रिपोर्ट आ गई है , साहिल जी को चोटे जो आई थी वो तो लगभग ठीक हैं , लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि उन्हे कोई एमोशनल प्राब्लम है . बहुत दिनो से कुच्छ ऐसा है जो उन्हे एमोशनली वीक कर रहा है . वो किसी बात को लेकर डिप्रेशन मे हैं ऐसा लगता है ...किसी बात का बुरा असर पड़ा है उनके दिल पर..या यूँ कहे कि सदमा लगा है उन्हे.. आक्सिडेंट मे उनके ब्रेन पर भी छोटे आई है. इसी वजह से वो कुच्छ पॅलो के लिए होश मे आकर फिर बेहोश हो जा रहे है ... साहिल ठीक होगा या नही , और ठीक होगा तो कब तक ये इस बात पर डिपेंड करता है कि उसे पूरी तरह से होश कब तक आता है ..अगले 12 -24 घंटे के बीच उसका होश मे आना बहुत ज़रूरी है ..नही तो फिर शायद ...."
राहुल "नही डॉक्टर साहिल को कुच्छ नही होगा ..मेरा दोस्त ज़िंदगी की हर चुनौती जीत ता आया है ..फिर ये लड़ाई कैसे हर सकता है ..आप कुच्छ कीजिए किसी भी तरह उसे होश मे ले आइए"
डॉक्टर "डीसीपी सहब हम साहिल जी के लिए पूरी कोशिस कर रहे हैं , लेकिन सबकुच्छ हमारे हाथ मे तो नही है ना "
डॉक्टर ये सारी बाते राहुल , रोहन और उसके पापा से कर रहा था , आरती दरवाजे की ओट से सारी बात सुन चुकी थी ..ऐसा कैसा होता कि उसके साहिल की ज़िंदगी दाँव पर हो और उसे पता ना हो .
आरती की आँखे फिर बरस पड ती हैं .
"क्या बिगाड़ा है मैने तुम्हारा , क्यू हर बार मुझे आजमाते हो , मैने तो कभी किसी का बुरा नही किया ..मैने जो भी किया सिर्फ़ अपने साहिल के लिए किया , तुम तो सब जानते हो .." आरती हॉस्पिटल के बाहर बने मंदिर मे भगवान के सामने रोए जा रही थी.
"मैने तो हमेशा वही किया जो तुमने चाहा ...हर कड़वा घूँट किस्मत मानकर पी लिया ..लेकिन कभी तुम्हे दोष नही दिया ...तुम्हे पूजती रही . अपने साहिल की सलामती की दुआएँ मांगती रही ..मेरी श्रधा का ये सिला दिया तूने मुझे ...मैने सब आक्सेप्ट कर लिया लेकिन ये नही करूँगी..सुन रहे हो तुम या सच मे पत्थर के हो गये हो ..""
आँसू पोछ्ते हुए -
"अगर मेरे साहिल को कुच्छ हो गया तो ज़िंदगी भर तुम्हारा मूह नहीं देखूँगी""
UPDATE 3
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