RE: Biwi ki Chudai किराए का पति
किराए का पति--6
गतान्क से आगे……………………………..
समाज मे सोनिया की शक्शियत की वजह से हमेशा समाज मे आना जाना पड़ता था. कभी किसी डिन्नर पर तो कभी किसी फंक्षन की पार्टी में. में एक अच्छे पति का रोल अदा कर रहा था. पर इस दौरान मेने देखा कि कुछ ख़ास लोग हैं जो मुझे अक्सर दीखाई देते थे. हम जहाँ भी जाते वो वहीं पर होता था.
एक रात एक चारिटबल फंक्षन मे मेने फिर एक ऐसे शक्श को देख जो मुझे पहले भी कई बार दीख चुका था. जब सोनिया वॉश रूम की ओर जाने के लिए उठी तो में भी उठा और उसे अपनी बाहों मे भर कर उसके होठ चूमने लगा और धीरे से उसके कान मे फुसफुसाया, "देखो मेरी इस हरकत पर गुस्सा मत होना, मेरी पीठ की ओर देखो और मुझे बताओ कि टेबल नंबर तीन पर जो आदमी बैठा है क्या तुम उसे जानती हो?"
मेने जैसे कहा सोनिया ने वैसा ही किया और कहा, "हां में जानती हूँ वो राजदीप मिश्रा है."
"कौन है वो?" मेने पूछा.
"वो उस ट्रस्ट का चेअरमेन है जिसके नाम मेरी वसीयत है." सोनिया ने जवाब दिया.
"मुझसे ऐसे ही चीपकि रहो और ऐसे बिहेव करो कि तुमने कुछ देखा ही नही." मेने सोनिया से कहा.
सोनिया मुझसे जोरों से चीपक गयी और मुझे बाहों मे भर मेरी पीठ सहलाने लगी. उसकी इस हरकत से मेरा लंड तन गया और उसकी कॉटन की जीन्स के उपर से उसकी चूत छूने लगा.
शायद सोनिया को भी मेरे खड़े लंड का एहसास हो गया और उसने मेरी आँखो मे देखते हुए कहा, "क्या मेरी वजह से ऐसे तन कर खड़ा है."
"तुम्हारी यही अदा से तो ये हमेशा ही तन कर खड़ा हो जाता है, पर इस समय इन सब बातों का नही है, मेरे हाथ मे हाथ डाले बाहर की ओर बढ़ो फिर में तुम्हे समझाता हूँ." मेने उसका हाथ पकड़ा और दरवाज़े की ओर चल पड़ा.
बाहर आकर मेने उसे समझाया कि किस तरह ये राजदीप मिश्रा हमारा हर जगह पीछा कर रहा है. मेने सोनिया से कहा, "सोनिया शायद ये राजदीप हमारी शादी मे कोई नुक्ष निकालने की कोशिश कर रहा है. में तो अपना रोल अच्छी तरह से नीभा रहा हूँ, पर शायद तुम्हारा मेरे प्रति व्यवहार से ये कुछ हासिल करने मे कामयाब हो जाए. इसलिए तुम्हारे भले की लिए कह रहा हूँ कि एक आदर्श पत्नी की तरह समाज के सामने तुम भी पेश आओ तब तक कि जब तक हमारी शादी और हनिमून को दो तीन साल नही हो जाते."
मेने अपनी पॅंट के बटन खोले और अपने लंड को बाहर निकाल मसल्ने लगा.
"ये तुम क्या कर रहे हो, कहीं तुम पागल तो नही हो गये हो?" सोनिया लगभग चिल्लाते हुए बोली.
सोनिया मुझे देखती रही, मेने अपने लंड को थोड़ी देर मसला और उसे फिर अपनी पॅंट के अंदर डाल दिया और सोनिया से कहा, "में अपना पार्ट अदा कर रहा हूँ." मेने अपनी पॅंट की ज़िप बंद नही की, "हम वापस अंदर जा रहे है. तुम भी मेरे हाथ पकड़े अपनी ब्रा के स्ट्रॅप्स को दुरुस्त करने का बहाना करते हुए अंदर चालॉंगी. मुझे विश्वास है कि वो राजदीप की आँखे हम पर ही गढ़ी होगी, इसलिए जब वो हमे इस हाल मे देखेगा तो यही समझेगा कि एक पत्नी अपने पति की इच्छा बाथरूम मे पूरी करके लौट रही है."
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