RE: Biwi ki Chudai किराए का पति
दूसरे दिन में खाने के वक़्त घर पहुँचा तो मीनाक्षी सोफे पर बैठी कोई मॅगज़ीन पढ़ रही थी. जैसे ही में हॉल मे घुसा उसने चौंकते हुए मेरी तरफ देखा, "राज तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो?"
"क्या तुम्हे पता नही?" मेने कहा.
"मुझे…..क्या पता नही." उसने सोफे पर से खड़े होते हुए पूछा.
"यही कि तुम्हे मेरे लिए ही बुलाया गया है."
"हे भगवान….. सही में अगर मुझे ये पहले पता होता तो में सोनिया मेडम का ऑफर कभी स्वीकार नही करती." मीनाक्षी ने हंसते हुए कहा.
"क्या में इतना बुरा इंसान हूँ?"
"ये बात नही है राज, पर तुम मेरे पति के दोस्त हो. और मेने मेरे पति के लिए काफ़ी कुछ किया है, में नही चाहती कि बात हमारी शादी शुदा जिंदगी को बर्बाद करे." उसने जवाब दिया.
"देखो मीनाक्षी में तुम्हे सॉफ सॉफ बताता हूँ. में जब तुमसे पहली बार मिला था तभी से मेरे दिल मे तुम्हे चोद्ने की इच्छा थी. फिर जब मेने उस एस्कॉर्ट एजेन्सी के आल्बम मे तुम्हारी फोटो देखी तो मुझे लगा कि मेरी बरसों की तमन्ना अब पूरी होने वाली है. मेने इतनी सारी लड़कियों से सिर्फ़ तुम्हे चुना क्यों कि मुझे आज भी तुम उतनी ही पसंद हो. तुम्हे क्या लगता है कि में पागल हूँ जो तुम्हारे पति को बताउन्गा कि मेने उसकी बीवी को चोदा है." मेने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.
"अगर ये बात है तो मुझे कोई ऐतराज़ नही है." मीनाक्षी ने मेरी आँखो मे आँखे डालते हुए कहा.
"तो फिर क्या इरादा है, पहले थोड़ा सा रोमॅन्स हो जाए या फिर सीधे मुद्दे पर आ जाएँ." मेने उसके होठों को चूमते हुए कहा.
"अगर रोमॅन्स हो तो मज़ा आ जाएगा मगर बाद मे. पहले में ये तो जान लू कि मुझे क्या क्या करना पड़ेगा." मीनेक्षी मेरे होठों को चूस्ते हुए बोली.
"अगर तुम्हे किसी खास चीज़ से परहेज़ है तो बता दो?'
"मुझे सिर्फ़ जनवरो वाले बर्ताव से परहेज़ या फिर उससे जिसमे दर्द हो वरना में हर चीज़ के लिए तय्यार हूँ." उसने हंसते हुए कहा.
"वैसे में भी एक साधारण इंसान हूँ, सेक्स मुझे अच्छा लगता है , ख़ास तौर पर लंड चूसवाने में और चूत चाटने मे और में उसका पूरा लुफ्ट उठाना चाहता हूँ.' मेने कहा.
"जो कुछ मेने सुना है उससे लगता है कि तुमने एक ग़लत लड़की से शादी कर ली है."
मीनाक्षी ने कहा.
"अब मेरी शादी के बारे मे क्या कहूँ, प्यार अँधा होता है. सोनिया ने मुझसे कहा था कि वो शादी तक कुँवारी रहना चाहती है, इसलिए शादी से पहले मेने उसके साथ कुछ नही किया. शादी से पहले मुझे उसकी बीमारी के बारे मे पता नही था. और जब पता चला तो में क्या कर सकता था, में उससे बहोत प्यार करता हूँ. अब वो अगर चाहती है कि में किसी और लड़की से जिस्मानी संबंध बनाऊ वो भी तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की से तो में क्या कहता.
"अब तो आगे बढ़ो खड़े खड़े क्या कर रहे हो?" मीनाक्षी ने मुझे बाहों मे भरते हुए कहा.
मेने जैसा सोचा था मीनाक्षी वैसी ही निकली. हम पूरी दोपहर मेरे बेडरूम मे कबड्डी खेलते रहे. जिस तरह से उसने मेरा लंड चूसा था मुझे जिंदगी भर याद रहेगा. उसे अपनी गंद मराने में बहोत मज़ा आया. जब मेने एक बार और उसकी गंद मे अपना लंड घूसाना चाहा तो उसने कहा, "अब और नही राज मुझे देर हो रही है. उनके घर पहुँचने से पहले मुझे घर पहुँच कर उनके लिए खाना बनाना है."
"क्या तुम्हे नही लगता कि जब तुम रात को उसके साथ बिस्तर मे घुसोगी और जब वो अपना लंड तुम्हारी चूत मे डालेगा तो उसे पता नही लगेगा कि तुम क्या करके आ रही हो."
मेरी बात सुनकर मीनाक्षी हँसने लगी, "उसे कैसे पता लगेगा राज. जब से शादी हुई है तबसे उसे पता है कि वो अकेला मर्द है जिसने मुझे चोदा है. अब में जाउ और कल फिर आउ या फिर तुम्हारे फोन का इंतेज़ार करूँ?" मीनाक्षी ने कपड़े पहनते हुए कहा.
"तुम्हे कल फिर आना है मेरी जान……आज ही के वक्त." मेने उसे बाहों मे भरा और उसके होठ चूसने लगा.
मीनाक्षी ने भी थोड़ी देर तक मेरे होठों को चूसा और फिर विदा लेकर अपने घर चली गयी. में अपने दोस्त के बारे मे सोचने लगा कि उसे आज तक पता नही है कि उसकी पत्नी को दूसरे मर्दों से चुदने के लिए पैसे मिलते है और इधर में एक ऐसी औरत का पति हूँ जो मुझे उसे ना चोद्ने के पैसे देती है.
अगले नौ महीने तक ज़िंदगी ऐसे ही चलती रही. हफ्ते मे दो या फिर तीन बार मीनाक्षी मेरे घर आती और हम वो समय काफ़ी मे गुज़रते. सोनिया भी अक्सर रात को मेरे पास आ जाती और हर बार की तरह मुझे उसकी चूत चूसनी पड़ती. जिस दिन मीनाक्षी आकर गयी होती उस रात अगर सोनिया मेरे पास आती तो मुझे बिल्कुल भी मज़ा नही आता पर क्या करता वचन से जो बँधा होता था.
अमित हमेशा की तरह मेरे साथ वैसा ही व्यवहार करता. कभी कभी तो मन मे आता की एक ज़ोर का मुक्का उसके मुँह पर उसका जबड़ा तोड़ दूं.
पता नही सोनिया को उस गधे मे ऐसा क्या दिखा था जो अपना सब कुछ उसपर न्योछावर कर रही थी.
क्रमशः…………………………………..
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