RE: Biwi ki Chudai किराए का पति
हमारा पंद्रह दिन का हनिमून किसी भी विवाद के बिना ख़त्म हो गया. हम वापस घर आ गये. में हमेशा की तरह अपने काम पर जाने लगा. मुझे इस बात की परवाह नही थी कि मेरे स्टाफ मे सब लोग क्या कहेंगे कि मेने तरक्की के लिए कंपनी की बॉस से शादी कर ले. मुझे अपना काम पसंद था और में दिल लगा कर अपना काम करने लगा. सभी लोग मेरे काम की तारीफ भी किया करते थे.
कुछ नही बदला था, ना तो कंपनी का महॉल ना काम. सिर्फ़ बदला था तो मेरा कंपनी पहुँचने का तरीका. अब मे सोनिया के साथ उसकी गाड़ी मे ऑफीस पहुँचता. दोपहर को हम खाना साथ खाते और शाम को साथ ही घर पहुँचते. जब घर पहुँचते तो अमित वहाँ इंतेज़ार करते हुए मिलता.
हम तीनो साथ साथ खामोशी से खाना खत. मेने आज तक अमित से बात नही की थी, बल्कि सही कहूँ तो में उसे नज़रअंदाज़ सा ही करता था. खाने के बाद में अपने कमरे मे आ जाता या फिर स्टडी रूम मे चला जाता जहाँ मेने अपनी छोटी सी ऑफीस बनाई हुई थी. सोनिया अमित के साथ अपने कमरे मे चली जाती.
इसी तरह एक हफ़्ता गुज़र गया. अमित और मेरे बीच खामोश युध्ध सा चल रहा था. फिर एक दिन वही हुआ जिसका मुझे अंदाज़ा था. उसने वही किया जो मेने पहले से सोच रखा था.
खाने के बाद जब सोने का समय हुआ तो उसने मुझे घूरते हुए कहा, "राज हम सोने जा रहे हैं, सुबह मिलेंगे. में तुम्हारी बीवी को उपर कमरे मे ले जा रहा हूँ और आज में उसकी चूत का बाज़ा बज़ा दूँगा. तुम्हे बुरा तो नही लगेगा ना?"
दूसरी सुबह ऑफीस जाते वक्त सोनिया ने मुझसे अमित के व्यवहार की लिए माफी माँगी.
"माफी माँगने की कोई बात नही है सोनिया, में तो ये सब पहले से ही जानता था. मेने जैसा सोचा था उसने वैसे ही व्यवहार किया मुझे कोई तकलीफ़ नही हुई. पर हां अब तुम दूसरा वादा पूरा करो जो तुमने किया था, मुझे भी अपनी सेक्सलिफ चाहिए."
"ठीक है ऑफीस पहुँचते ही में सब इंतेज़ाम कर दूँगी." सोनिया ने मेरा हाथ अपने हाथो मे लेते हुए कहा.
दोपहर को खाने खाते समय सोनिया ने मुझसे कहा, "राज सब तय हो चुक्का है, जिस लड़की को तुमने चुना था वो कल से आ सकती है. पर वो सिर्फ़ दिन मे ही आ सकती है इसलिए कल से तुम खाना घर पर खाना. ऑफीस मे बहाना बना दूँगी कि तुम किसी मीटिंग मे व्यस्त हो या फिर किसी क्लाइंट के साथ लंच पर गये हो. में बस ये चाहती हूँ कि ये सब एक राज़ रहे."
"लगता है मुझे भी कहानी सोच कर रखनी होगी, कहीं उस लड़की ने मुझसे ये पूछ लिया कि एक नई शादी शुदा पति को किराए की लड़की की क्या ज़रूरत पड़ गयी तो. अगर मेने उसे ये कहा कि तुम्हे मर्दों में कम और लड़कियों मे ज़्यादा दिल्स्चस्पि है तो कैसा रहेगा?'
मेरी बात सुनकर सोनिया हंस दी, "राज में तुमसे कहीं आगे हूँ. जिस दिन तुमने उस लड़की को चुना था मेने अगले दिन ही उससे मुलाकात कर ली थी. मेने उससे कहा था कि में अपने पति से बहोत प्यार करती हूँ पर किसी ख़ास बीमारी की वजह से में उनके साथ सेक्स नही कर सकती इसलिए मुझे उसकी मदद की ज़रूरत है. मेने उससे कहा कि मुझे पता है कि उसकी भी कुछ ज़रूरतें है जिसे में पूरा कर सकती हूँ."
सोनिया थोड़ा सा झुकी और मेरी जांघों को थप थपाते हुए कहा, "राज वो काफ़ी सुलझी हुई लड़की है और उसे उसके काम के लिए मेने मूँह माँगी कीमत दी है देखना मेरा पैसा व्यर्थ ना जाने पाए."
उस रात जब में सो चुका था तो सोनिया मेरे कमरे मे आई और मेरे लंड से खेलने लगी. में अपनी आँख मलते हुए उठा तो मेने उसे कहते सुना, "राज मेरी चूत बह रही है इसे चूसो राज ज़ोर ज़ोर से चूसो और मेरी चूत का सारा पानी पी जाओ."
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