RE: Incest Sex Kahani घर के रसीले आम
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए हरिया की नज़रो को अपनी चूत को घूरते पाकर, देखा बेटा कुछ दिखा क्या
हरिया- अपनी नज़रे मतकते हुए उसके तलवो पर हाथ फेरते हुए, देख रहा हू काकी कही नज़र तो आ नही रहा है
चंदा- थोड़ा दबा कर देखने की कोशिश कर बेटा, दर्द होगा तो पता चल जाएगा कहाँ पर लगा है और फिर चंदा अपनी दोनो जाँघो को और अच्छे से फैला कर अपने घाघरे को थोड़ा और उठा देती है और उसका भारी भरकम गदराया भोसड़ा पूरा खुल कर हरिया की आँखो के सामने आ जाता है और चंदा काकी का रसीला भोसड़ा देख कर हरिया की नज़रे बस उसकी मस्तानी चूत पर ही टिक जाती है
चंदा- नाटक करते हुए, थोड़ा गुस्से मे, हरिया क्या देख रहा था तू
हरिया- एक दम से थोड़ा डर कर कुछ भी नही काकी
चंदा का घाघरा अभी भी उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और हरिया उसकी टांग छोड़कर खड़ा हो गया था
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर वही अपने पैरो के पास बैठा लेती है और, सच-सच बता हरिया तू मेरे घाघरे के अंदर क्या देख रहा था
हरिया- घबराते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फेर कर, नही काकी मे कुछ भी नही देख रहा था,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए, पक्का तू मेरे घाघरे के अंदर नही झाँक रहा था ना
हरिया- नही काकी बिल्कुल नही
चंदा- चल ठीक है अब ज़रा अच्छे से काँटा देख कहाँ लगा है और चंदा फिर से अपनी एक टांग उठा कर हरिया के कंधे की और रख देती है और उसकी पूरी चूत खुल कर हरिया के मुँह के सामने आ जाती है, हरिया उसके तलवो को देखता है फिर भी उसकी फूली हुई चूत उसके सामने आ जाती है और वह चंदा काकी की चूत को देखे बिना नही रह पाता है,
चंदा- हरिया तुझे शरम नही आती अपनी काकी की चूत को इस तरह खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है,
हरिया- थोड़ा हिम्मत करते हुए, क्या करू काकी जब मे तुम्हारे पैरो के तलवो को देखता हू तो तुम्हारी वो भी नज़र आ जाती है,
चंदा- तो क्या तू अपनी काकी की चूत को देखेगा
हरिया- डरते हुए नही काकी मे देखना नही चाहता हू पर आपका पेर देखते हुए वह दिख जाती है,
चंदा- क्या देखना नही चाहता है तू
हरिया- अपनी नज़रे नीचे से उसकी चूत की ओर करते हुए, आपकी चूत
चंदा- क्यो तुझे मेरी चूत देखना अच्छा नही लगता है क्या,
हरिया- कोई जवाब नही दे पाता है
चंदा- अच्छा चल देख ले पर काँटा भी जल्दी से ढूँढ कहाँ लगा है, और चंदा अपना घाघरा इस बार कमर तक चढ़ा कर अपनी पूरी चूत हरिया के सामने खोल देती है, यह नज़ारा देख कर हरिया का मान करता है कि अभी अपनी काकी की चूत मे मुँह डाल कर चूस डाले,
चंदा- हरिया का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच लेती है और मुस्कुरकर हरिया को देख कर, ऐसे क्या देख रहा है बेटा क्या खा जाएगा मेरी चूत को, सच-सच बता तुझे मेरी चूत कैसी लगती है,
हरिया- थोड़ा शरमाते हुए, अच्छी है काकी,
चंदा- च्छू कर देखेगा
उसकी बात सुन कर हरिया कोई जवाब नही देता है, तब चंदा उसे अपने पास खीच कर उसके गालो को चूमती हुई, अच्छा सच-सच बता तूने और किस-किस को नंगी देखा है,
हरिया- किसी को नही काकी
चंदा- झूठ मत बोल, अगर सच-सच बताएगा तो मैं तुझे अपनी चूत च्छू कर देखने दूँगी
हरिया- मे सच कह रहा हू काकी मैने आज से पहले कभी चूत नही देखी,
चंदा-अच्छा तू सच नही बताएगा, अच्छा ये तो बता गाँव मे कौन सी औरत को नंगी देखने का सबसे ज़्यादा मन करता है तेरा,
हरिया- मुझे क्या पता काकी मैने थोड़े किसी को नंगी देखा है,
चंदा की नज़रे हरिया के लूँगी मे फूले हुए लंड पर थी और वह आज उस लंड का स्वाद चखने के लिए बेचैन हो उठी थी और उसे पता था कि उसके पास हरिया की दुखती रग का राज भी है, वह समझ गई थी कि हरिया के दिलो दिमाग़ मे क्या चलता रहता है, इसीलिए यह दिन भर अपने घर मे ही घुसा रहता है,
चंदा- हरिया को अपने पास सटा कर, अच्छा हरिया तुझे पता है अपने पूरे गाँव मे सबसे ज़्यादा उठी हुई और गदराई औरत कौन है
हरिया- कौन है
चंदा- उसके लंड की और देख कर, तेरी मम्मी और कौन
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही हरिया का लंड झटका मारने लगा और चंदा को उसका एहसास उसकी लूँगी के उपर से हो गया,
चंदा- मालूम है तेरी मम्मी के भारी भरकम चुतडो ने पूरे गाँव को पागल कर रखा है, हर कोई तेरी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदना चाहता है
हरिया- यह तुम क्या कह रही हो काकी
चंदा- सच कह रही हू बेटे, तेरी मम्मी की गदराई जवानी उसकी मोटी-मोटी जंघे और फैले हुए भारी भरकम गान्ड देख-देख कर लोगो के लंड खड़े हो जाते है,
तेरा भी लंड अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना
हरिया- ये क्या कह रही हो काकी, मे भला ऐसा क्यो करूँगा
चंदा उसके मोटे लंड को लूँगी के उपर से एक दम से पकड़ लेती है और हरिया आह करके चंदा से सत जाता है, और उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथ के पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है
चंदा- उसके लंड को सहलाते हुए, सच बोल हरिया तेरा लंड भी अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना,
हरिया- चंदा की मोटी जाँघो को सहलाता हुआ, नही काकी यह तुमसे किसने कह दिया,
चंदा- उसके लंड को कस कर दबाते हुए तो फिर अपनी मम्मी को नंगी नहाते हुए क्यो देख रहा था,
उसकी बात सुनते ही हरिया के होश उड़ जाते है और उसके हाथ की पकड़ चंदा की जाँघो से ढीली पड़ जाती है,
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत के उपर रख लेती है और, अरे डरता क्यो है बेटे मे किसी से कहने थोड़े ही जा रही हू, मुझे मालूम है तुझे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने का कितना मन करता है, तू क्या तेरी जगह कोई भी बेटा होता जिसकी ऐसी गदराई और जवान मम्मी होती वह उसे पूरी नंगी करके ज़रूर चोदना चाहता,
चंदा की बाते सुन कर हरिया का लंड पूरे ताव मे आ जाता है और वह चंदा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगता है,
चंदा- सीसियते हुए उसके मोटे लंड को लूँगी से बाहर निकाल कर देखती है और पागल हो जाती है और हरिया के मोटे लंड को झुक कर अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह खूब कस-कस कर चूसने लगती है, हरिया मानो आसमान मे उड़ने लग जाता है, वह चंदा काकी की दोनो मोटी जाँघो और पूरी फूली हुई चूत को पागलो की तरह दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, चंदा हरिया के लंड को खूब कस-कस कर तब तक चुस्ती है जब तक की उसका सारा पानी चंदा पी नही जाती है, हरिया चंदा काकी की चूत को खूब मसल-मसल कर लाल कर देता है और अपने लंड का सारा पानी चंदा काकी के मुँह मे छोड़ देता है जिसे चंदा काकी पूरा चाट-चाट कर चूस लेती है,
चंदा- हरिया को चूमते हुए, अब बता बेटा सच-सच तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है ना
हरिया का मोटा लंड फिर से खड़ा होने लगता है और वह चंदा काकी के होंठो को चूमते हुए उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को दबाते हुए, हा काकी मुझे अपनी मम्मी बहुत अच्छी लगती है, मे उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू, जब तुम मम्मी की तेल मालिश करती हो तब मे उसका पूरा भोसड़ा देख चुका हू वह मुझे बहुत अच्छी लगती है,
चंदा- हरिया को रंग मे आता देख उसे उठ कर झोपड़ी के अंदर चलने को कहती है और फिर दोनो झोपड़ी के अंदर चले जाते है ज़मीन पर चंदा एक चटाई डाल कर उसे पकड़ कर नीचे बैठा लेती है और फिर हरिया के मोटे लंड को दोनो हाथो से पकड़ कर सहलाते हुए, हा बेटा अब बता तेरा क्या-क्या मन करता है अपनी मम्मी के साथ करने को,
हरिया- चंदा काकी की चूत को अपने हाथो मे भर कर खूब कस कर दबोचते हुए, हे काकी मेरा दिल करता है कि मे अपनी मम्मी की खूब गान्ड और चूत को चतु उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर खूब उसकी फूली हुई चूत का रस पी जाउ, उसे पूरी नंगी करके अपने लंड पर बैठा कर खूब कस-कस कर चोदु, उसकी खूब मोटी-मोटी गान्ड को खूब जी भर कर गहराई तक चोदु,
चंदा- उसके लंड के टोपे को सहलाती हुई, अपनी काकी को चोदेगा?
हरिया- हाँ काकी क्यो नही और फिर हरिया अपना मोटा लंड अपनी काकी की दोनो जाँघो के बीच बैठ कर उसकी दोनो जाँघो को उपर तक उठा कर उसके घुटनो को मोड़ देता है और मोटे लंड को उसकी फूली हुई चूत की गदराई फांको को हटा कर कस कर एक ही झटके मे जड़ तक पेल देता है और चंदा आह..आह करके सीसीयाने लगती है, हाय हरिया कितना मोटा लंड है रे तेरा ओह मा मर गई, उसकी ऐसी आवाज़ सुन कर हरिया उसकी दोनो मोटी जाँघो को और कस कर फैलाते हुए खूब कस-कस कर उसकी फूली चूत मे अपने मोटे लंड को बिल्कुल जड़ तक पेलना शुरू कर देता है और चंदा आह आह करती हुई अपने मोटे-मोटे चुतडो को हरिया के लंड पर मारने लगती है, हरिया खूब हुमच-हुमच कर चंदा काकी को चोदना शुरू कर देता है, कुछ देर बाद हरिया चंदा काकी को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी मोटी-मोटी गोरी गान्ड और एक बित्ते की लंबी और चौड़ी चूत को खूब कस-कस कर चाटने लगता है और चंदा आह आह करती हुई खूब सीसीयाने लगती है,
चंदा- हाय हरिया ये सब चोदने की कलाबाजी कहाँ से सीखा है रे तू तो बहुत अच्छा चोदता है, तेरी मम्मी अगर एक बार तुझसे अपनी चूत मरवा ले तो वह तो तेरे मोटे लंड की
दीवानी हो जाएगी, तू नही जानता हरिया तेरी मम्मी की चूत कितनी चुदासी है वह तो मोटे-मोटे लंड खाने के लिए तड़पति रहती है,
हरिया- सच काकी तुम सच कह रही हो, मैने तो मम्मी की चूत दूर से देखी है पर तुमने तो उसे च्छू कर भी देखा है कैसी लगती है मेरी मम्मी की चूत और फिर हरिया पीछे से चंदा की गान्ड और चूत को लंबी-लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है,
चंदा- आह आह हाय हरिया तेरी मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और चिकनी है रे वह जब तेरे मुँह मे अपनी चूत खोल कर बैठेगी तब तुझे पता चलेगा कितना मस्त भोसड़ा है तेरी मम्मी का, सारे गाँव के मोटे लंड उसकी फूली हुई चूत मे घुसना चाहते है और मुझे आज पता चला कि उसकी चूत मे घुसने के लिए उसके अपने बेटे का मोटा लंड कितना उतावला है, बोल चोदेगा अपनी मम्मी को
क्रमशः......................
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