RE: Incest Sex Kahani घर के रसीले आम
गतान्क से आगे..................
तभी अचानक उसके घर के दरवाजे के अंदर घुसते ही चंदा के पेर वही के वही रुक जाते है और वह एक दम से अपने पेर धीरे से पीछे करके छुप कर हरिया को देखने लगती है और उसे समझते देर नही लगती कि हरिया अपनी मम्मी को बाथरूम मे नंगी नहाते हुए देख रहा है, चंदा के होंठो पर एक हल्की सी मुस्कान फैल जाती है पर तभी उसकी
मुस्कान एक दम से गायब हो जाती है जब उसकी नज़र हरिया के भयानक मोटे लंड पर पड़ती है और उसका मोटा लंड देख कर चंदा का गला सूखने लगता है, हरिया 22 साल का एक हत्ते कत्ते बदन का मालिक था और उसका लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, उसके मोटी लंड को देखकर चंदा का हलक सुख जाता है और वह चुपचाप दबे पाँव वापस आ जाती है और
खेतो की ओर चल देती है,
हरिया अपनी मम्मी की नंगी जवानी देख कर अपने लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, कुछ देर बाद जब कमला नाहकार पेटिकोट पहन लेती है तो हरिया दबे पाँव अपने कमरे मे आकर लेट जाता है और लेटे-लेटे ही अपने लंड को हिलाते हुए अपनी आँखे बंद कर लेता है और कल्पना करने लगता है कि वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली चूत को खूब कस-कस कर चोद रहा है. वह कल्पना मे आँखे बंद कर अपनी मम्मी को अलग-अलग तरीके से कभी चोदता है कभी उसकी फूली हुई चूत और गान्ड को चाट ता है जब उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की मोटी गान्ड और फूली हुई बड़ी-बड़ीफांको वाली चूत आती है तो उसके लंड का जोश पूरी तरह बढ़ जाता है और उसे लगता है जैसे उसका पानी छुट जाएगा, तभी बाहर से आवाज़ आती है
कमला- हरिया ओ हरिया, बेटा कितना सोएगा, चल उठ जा और जा ज़रा खेतो की ओर घूम फिर आ और फिर कमला उसके कमरे मे जाती है और हरिया अपनी आँखे बंद कर के चुपचाप लेटा रहता है, कमला उसे पकड़ कर हिलाते हुए उठती है और हरिया कसमसाते हुए उठ कर बैठ जाता है
हरिया- क्या है मम्मी, सोने दो ना
कमला- अरे बेटा जा खेतो मे काम चल रहा है और तू है कि घर पर पड़ा रहता है और तेरे बापू ने दूसरी तरफ के एक खेत को ऐसा पकड़ा है कि बस वही झोपड़ी मे दिन रत ताश खेलता पड़ा रहता है, जा जाकर देख, चंदा भी गई है,
हरिया- मम्मी मे अकेले क्या करूँगा वहाँ
कमला- तू चल तो सही पीछे से मे पहले तेरे बापू का खाना दे कर फिर तेरा खाना लेकर आती हू तब तक कुछ तो काम निपटा दे.
हरिया- अच्छा मम्मी जाता हू और फिर हरिया अपने खेतो की ओर चल देता है,
खेतो के बीचो बीच चंदा काम कर रही थी जब उसकी नज़र हरिया पर पड़ती है तो वह उठ कर कुए की ओर चल देती है जहा हरिया खड़ा हुआ था, वाहा आकर पेड़ की छाया मे बैठ कर, क्या बात है हरिया बेटा आज सुबह-सुबह खेतो मे आए हो, लगता है कुछ काम करने के इरादे से आए हो
हरिया- अरे नही चंदा काकी, मेरा मन इन खेतो मे काम करने मे ज़रा भी नही लगता है
चंदा- मुस्कुराते हुए तो फिर तेरा मन काहे मे लगता है बेटा चंदा ने घाघरा और चोली पहना हुआ था 40 की उमर मे भी उसका शरीर बहुत गदराया और भरा हुआ लगता था, और जब से उसने हरिया का मोटा लंड देख लिया था उसका मन बार-बार उसके मोटे लंड की कल्पना मे डूबने लगा था और वह भी शांत बैठने वाली नही थी और अपने मन मे सोचती है आज इसका पानी छुड़वा ही देती हू,
चंदा- उठते हुए, बेटा तू बैठ मे झोपड़ी के पीछे से पेशाब करके आती हू बहुत जोरो की लगी है और चंदा जनभुज कर अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत को मसल्ते हुए पास ही बनी झोपड़ी के पीछे जाने लगती है, वह जानती थी कि उसके झोपड़ी के पीछे जाते ही हरिया झोपड़ी के अंदर पहुच जाएगा और झोपड़ी की झाड़ियो को हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करेगा,
और फिर ऐसा ही हुआ चंदा के जाते ही हरिया जल्दी से झोपड़ी के अंदर जाकर पीछे की तरफ की घास की झाड़ियो को हटा कर अपनी आँखे लगा देता है
खेत पूरा सुनसान था चारो और दूर-दूर तक कोई नज़र नही आ रहा था, चंदा पहले ही मस्ती मे भरी हुई थी और वह जानती थी कि हरिया उसे देख रहा है इसलिए उसने जानबूझ कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा लिया और खड़ी-खड़ी अपनी फूली हुई चूत को मसल्ते हुए अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी, हरिया चंदा काकी की फूली हुई गदराई फांको वाली चूत और मोटी-मोटी जाँघो को देख कर पागल हो गया और उसका लंड खूब झटके मारने लगा, उसने चंदा काकी की पूरी नंगी चूत और कसी हुई गोटी जाँघो को देख कर अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया इतने मे चंदा ने अपनी चूत को खूब रगड़ते हुए खड़ी-खड़ी ही अपनी चूत की मोटी-मोटी फांको को फैला कर मुतना शुरू कर दिया और उसकी चूत से निकलती मोटी धार देख कर हरिया का लंड पानी छोड़ते-छोड़ते रह गया,
कुछ देर बाद चंदा अपने घाघरे से अपनी चूत का पानी पोछते हुए वापस आने लगती है तब हरिया जल्दी से झोपड़ी के बाहर निकल कर बाहर खड़ा हो जाता है, चंदा मुस्कुराते हुए उसकी ओर आने लगती है तभी चंदा जान बुझ कर आह करती हुई अपने पेर पकड़ कर पेड़ के नीचे बैठ जाती है,
हरिया- जल्दी से चंदा के पास जाकर, क्या हुआ काकी कुछ लग गया क्या पैरो मे,
चंदा- अपने घाघरे को घुटनो तक चढ़ा कर अपने पेर के तलवो की तरफ इशारा करते हुए, देख बेटा क्या काँटा चुभ कर टूट गया है
हरिया- उसके पैरो के पास बैठ कर अपना सर झुका कर उसकी नंगी गोरी टाँगो को पकड़ कर उसके पैरो के तलवो की ओर देखने लगता है, तभी चंदा अपनी दोनो जाँघो को थोड़ा फैला देती है और जैसे ही हरिया उसकी एक टांग को पकड़ कर थोड़ा उपर उठा कर देखता है उसकी नज़र चंदा की फूली और मोटी फांको वाली चूत पर पहुच जाती है और उसका अधसोया लंड फिर से खड़ा हो जाता है,
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