RE: Behen Sex Kahani दो भाई दो बहन
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गतान्क से आगे.......
दूसरे दिन रोमा सुबह जल्दी उठ गयी और किचन मे काम करने लगी.
वो इतनी खुश थी कि हर बार जब भी कोई गाड़ी की आवाज़ सुनाई देती वो
खिड़की के झाँक कर देखती की कहीं रिया तो नही आ गयी.
राज अभी भी गहरी नींद सो रहा था. दोपहर के खाने के वक्त से
पहले ही उसने उसे घर मे घूमते देखा. जब इस बार फिर उसे किसी
कार की आवाज़ सुनाई दी तो उसे पक्का विश्वास हो गया कि ये रिया की ही
गाड़ी होगी. उसने खिड़की से नीचे झाँका तो रिया को गाड़ी से उतरते
देखा.
उसके दिल की धड़कने बढ़ गयी. वो दरवाज़े की ओर भागी उसका स्वागत
करने के लिए. उसने दरवाज़ा खोला तो ऐसा लगा कि किसी भट्टी से
उठते शोले कमरे मे घुस आए हो. तेज गरम हवा के झोंके उसके
बदन को तपाने लगे.
रोमा ने देखा कि रिया पूरी तरह से पसीने से भीगी हुई थी, उसका
टॉप पसीने से भीग चुका था और उसके बदन से इस तरह चिपका हुआ
था कि उसकी चुचियों का उभार सॉफ दिखाई पड़ रहा था. रिया की
चुचियों को देख ही रोमा के मन मे कुछ कुछ होने लगा. रिया एक दम
थॅकी और नीढाल सी लग रही थी.
"रिया तुम ठीक तो हो ना?" रोमा ने पूछा.
"हां वैसे तो ठीक हूँ, गाड़ी का एरकॉनडिशनर खराब हो गया था
कुछ दिन पहले और काम मे इतना बिज़ी थी कि इसे ठीक कराने का वक़्त
ही नही मिला." रिया ने कहा.
"अंदर आ जाओ बाहर बहोत गर्मी है," रोमा ने उसे अंदर आने के लिए
कहा.
"हां अब अच्छा लग रहा है," रिया ने अंदर आकर कहा, "में पूरे
रास्ते में तुम्हारे और तालाब के किनारे के बारे मे ही सोचती रही पर
मुझे नही पता था कि यहाँ इतनी गर्मी होगी."
"मेरे साथ किचन मे आ जाओ में तुम्हे बरफ का ठंडा पानी बना
कर देती हूँ." रोमा ने कहा.
एक बार किचन मे दोनो पहुँचे तो रिया ने अपने पसीने से भीगे
हुए टॉप को उतार अपनी छाती नंगी कर ली.
"राज कहाँ है में नही जानती." रोमा ने उसके लिए पानी का ग्लास
बनाते हुए कहा.
रिया एर कंडीशनर के सामने खड़ी हो ठंडी हवा का मज़ा अपने
चेहरे और नंगी छाती पर लेने लगी.
एर कंडीशनर से आती ठंडी हवा ने रिया के शरीर मे एक शीत
लहर सी दौड़ा डी. थोड़ी ही देर मे उसका चेहरा और छाती सुख गयी
थी. उसने महसूस किया कि ठंडी हवा के स्पर्श से उसके निपल तन
कर खड़े हो गये थे. उसने अपनी शॉर्ट्स के बटन खोले और उन्हे
पैरों से निकाल अलग कर दी. अब वो सिर्फ़ पॅंटी पहने ठंडी हवा का
आनंद ले रही थी.
"क्या तुम नहाना पसंद करोगी?" रोमा ने रिया से पूछा.
"इस समय तो में पिछले दरवाज़े से बाहर जाना चाहती हूँ. में
सुबह से ही तालाब के बारे सोच रही थी, में तो कहूँगी कि हम दोनो
बिकिनी पहन लेते है और तालाब मे साथ साथ स्नान करते है." रिया
ने जवाब दिया.
दोनो लड़कियाँ रोमा के कमरे मे आ गयी और अपने अपने कपड़े उतारने
लगी. रिया ने अपनी पॅंटी उतारी तो रोमा तीर्छि नज़रों से उसकी चूत
को देखने लगी. रिया की चूत एक दम सफ़ा चट थी, झांतो का नामो
निशान भी नही था, रोमा उससे पूछना चाहती लेकिन पूछा नही. रोमा
ने एक हल्के पीले रंग की बिकिनी पहन ली और रिया ने काले रंग की.
"थॅंक्स रोमा जो तुमने मुझे यहाँ कुछ दिन के लिए आने की इजाज़त
दे दी," रिया ने कहा, "|तुमसे मिलकर कितना अच्छा लग रहा है."
"इसमे शुक्रिया की क्या बात है." रोमा ने कहा, "तुमसे मिलकर मुझे
भी बहोत ख़ुसी हुई है, बहोत सारी बातें करनी है तुमसे, में
तो चाहूँगी कि तुम पूरी गर्मी की छुट्टियाँ मेरे साथ गुज़ारो."
"मुझे भी तुम्हे बहोत सी मज़ेदार बातें बतानी है." रिया ने
हंसते हुए कहा.
खुशी से भरी दोनो लड़कियाँ पीछे दरवाज़े से निकल तालाब की ओर
दौड़ी. रोमा को पता था कि रिया को सूरज की गर्मी का आनंद लेने मे
अछा लगता है इसलिए उसने दो बड़ी चादर अपने साथ ले ली थी.
तालाब के किनारे पहुँच कर दोनो ने तलब मे छलाँग लगाई और
तालाब के ठंडे पानी का आनंद लूटने लगी. थोड़ी देर एक दूसरे पर
पानी उछाल कर खेलती रही, तो कभी तालाब से बाहर आ फिर से डाइव
कर तालाब मे कूद जाती. इसी तरह थोड़ी देर नहाने के बाद दोनो
तालाब से बाहर आ किनारे पर बीची चादर पर पेट के बल लेट गयी.
"जय कहाँ है?" रोमा ने पूछा, पहली बार उसे जय का साथ ना होने का
अहसास हुआ.
रिया हँसने लगी, "उसे बहोत ही गहरा प्यार हो गया है, रानी को
भी, मेने बताया था ना कि दोनो एक दूसरे से मिलते है लेकिन अब दोनो
इस रिश्ते को लेकर सीरीयस है."
"क्या कहा तुमने?" रोमा को रिया की बात पर विश्वास नही हुआ.
"हां आजकल जय बहोत मेहनत कर रहा है, तुम मनोगी नही दो दो
नौकरियाँ कर रहा है आजकल. दिन मे ऑफीस मे काम तो रात को एक
होटेल मे वेटर का काम कर रहा है रात भर रानी की चुदाई करता
है. मेरी तो स्मझ मे नही आ रहा कि इतना सब करने के लिए वो
ताक़त कहाँ से लाता है." रिया ने बताया.
"जय और दो नौकरियाँ में नही मानती," रोमा ने अस्चर्य से
कहा, "हमारा जय?"
"तुम्हारे और राज के बीच कैसा चल रहा है?" रिया ने विषय को
बदलते हुए पूछा.
रोमा की आँखे भर आई और उसकी नाक लाल हो गयी. रिया समझ
गयी कि कुछ तो है दोनो के बीच.
"रोमा में तुम्हारी सहेली हूँ, तुम्हे मुझे बताना होगा?" रिया ने
उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.
रोमा ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, "जय की गिर्ल्फ्रेंड रानी
क्या कर रही आज कल?" उसने पूछा.
"ओह्ह रानी, वो डॅन्सर है नाचती है. दोनो इतनी मेहनत कर रहे है
जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमा सके. उन्हे अपना एक घर लेना है और
एक नई गाड़ी भी. मुझे नही पता था कि मेरा जय इतनी मेहनत भी कर
सकता है, मुझे गर्व हो रहा है उस पर. उसका बदन भी इतना
गथीला और ताकतवर हो गया है लेकिन अब हमारे बीच पहले वाला
जिस्मानी रिश्ता भी नही है." रिया ने कहा.
"राज को क्या हुआ है, अब तो बताओ?" रिया ने फिर पूछा.
रोमा ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, "मुझे नही पता कि क्या हो
रहा है? मुझे ऐसा लगता है कि अब भी वो मुझसे प्यार करता है
पर यकीन नही होता, मुझे नही लगता कि वो मेरे साथ रहेगा."
रिया अस्चर्य से रोमा को देख रही थी, "क्या वो कोई काम नही
करता?" उसने पूछा.
"नही कुछ भी नही, हमेशा की तरह सिर्फ़ तालाब के किनारे ही अपना
टाइम वेस्ट करता रहता है. हम दोनो के बीच का रिश्ता जैसा ख़तम
ही हो गया है. मेरी तो कुछ समझ मे नही आ रहा में क्या करूँ?
बड़ी मुस्किल से वो मुझे कभी छूता होगा."
रिया ने आत्मीयता भरी नज़रों से रोमा को देखा, "दुख हुआ मुझे ये
सब सुनकर."
"तुमसे कह कर थोड़ा दिल का बोझ हल्का हो गया, शुक्रा है भगवान
का कि तुम यहाँ आ गयी."
रिया ने उसकी चादर का कोना पकड़ उसे अपने सामने कर लिया. अब दोनो
के चेहरे आमने सामने थे.
"मेने तुम्हे कितना मिस किया है जानती हो? हर समय दीमाग मे
तुम्हारे साथ बीताए गये वो पल याद आते रहते हैं. वो आखरी बार
था जब मेने किसी के साथ सेक्स किया था. में कितना तड़प रही हूँ
आज सेक्स के लिए." रिया ने कहा.
रोमा एक कामुक मुस्कुराहट के साथ उसे देखने लगी. "फिर तुम सही
जगह पर आई हो. में भी कई दिनो से ऐसा ही महसूस कर रही
हूँ."
दोनो ने एक दूसरे के गले मे अपनी बाहें डाल दी. रिया की जीब रोमा
के उपरी और नीचले होठों पर थिरकने लगी, और जब रोमा का मुँह
खुला तो उसने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी. दोनो एक दूसरे की जीब
से खेलने लगे... कभी उसे चूमते तो कभी चूस्ते.
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