Behen Sex Kahani दो भाई दो बहन
07-16-2018, 12:36 PM,
#20
RE: Behen Sex Kahani दो भाई दो बहन
थोड़ी देर बाद रिया की गाड़ी उस घर से दूर होने लगी. रिया ने अपना

एक हाथ जय के हाथ पर रखा और उसे सहलाने लगी.

"जय जो भी होगा अच्छे के लिए होगा, में हूँ ना तुम्हारे साथ."

* * * * * * * * * * * *

उस रात राज ने दो बार रोमा के बिस्तर से निकलने की कोशिश की लेकिन

रोमा की बाहें उसके बदन से ऐसे लिपटी थी कि वो निकल ना सका, अगर

वो उसकी बाहों को हटता तो रोमा की नींद खुल जाती जो वो नही

चाहता था.

"प्लीज़ मुझे छोड़ कर मत जाओ," रोमा नींद मे बड़बड़ाई.

राज ने रोमा को कस मे अपनी बाहो मे भर के अपने से चिपका लिया और

उसके चेहरे को चूमते हुए बोला, "डरो मत में कहीं नही जा रहा."

"अगर तुम्हारी इच्छा हो रही है तो तुम मुझे चोद सकते हो." रोमा ने

उसे चूमते हुए कहा.

"में तुमसे प्यार करता हूँ इसलिए यहाँ तुम्हारे पास हूँ ना कि

तुम्हारे शरीर के लिए," राज ने उसके कान मे फुसफुसाते हुए

कहा, "हां अगर तुम्हारी इच्छा हो रही है...."

राज अपने हाथ को उसके शरीर पर फिराने लगा, अपनी उंगलियों से उसके

बदन के नाज़ुक हिस्सों को घिसने लगा. रोमा के शरीर मे एक नई मस्ती

छाने लगी. उसे राज की हर्कतो से गुदगुदी होने लगी थी साथ ही

चूत मे हलचल भी हो रही थी.

"प्लीज़ राज मत करो ना गुदगुदी हो रही है आउच....."

गुदगुदी की वजह से उसे हँसी छूट रही थी. अपनी हँसी को रोकने के

लिए उसने अपना चेहरा तकिये में छुपा लिया, लेकिन राज था कि उसे

छेड़ता जा रहा था. उसे पता था कि रोमा के किस अंग को किस समय

छूना चाहिए.

रोमा अपनी हर कोशिश से राज को रोकने की कोशिश कर रही थी, आँख

बंद किए वो उसे मार रही थी धक्का दे रही थी लेकिन राज फिर भी

उस पर हावी था. आख़िर हंसते हंसते रोमा की साँसे उखाड़ने लगी और

आँखों मे आँसू आ गये तो राज ने अपने हाथ पीछे खींच लिए.

"तुम सच मे कभी कभी पागल हो जाते हो?" रोमा ने एक गहरी सांस

लेते हुए कहा.

राज ने कुछ कहा नही. रोमा पीठ के बल लेटी हुई थी, राज उसकी

पीठ पर लेट गया और अपना हाथ उसके नीचे करते हुए उसकी फूली

हुई चुचियो को अपने हाथ मे ले भींचने लगा. वो उसके निपल से

खेलने लगा, उसका लंड तन खड़ा रोमा की गंद पर ठोकर मारने लगा.

"अब आगे तुम्हारा क्या करने का इरादा है?" रोमा ने अपने भाई से

पूछा.

"में तो तुम्हे चोदने की सोच रहा था." राज ने उसकी चुचियों को

जोरों से भींचते हुए कहा.

"जिंदगी मे आगे क्या करने का इरादा है? में ये पूछ रही थी,"

रोमा ने कहा, "या फिर ये चुदाई, ये घर और तुम्हारी वो कहानिया

और तालाब का किनारा यही तुम्हारे लिए जिंदगी है."

"मुझे लगा कि तुम्हे मेरी कहानियाँ पसंद है." राज ने कहा.

उसकी बात सुनकर रोमा मुस्कुरा दी. "मुझे तुम्हारी कहानिया बहोत

पसंद है, लेकिन इससे तो जिंदगी नही चलेगी, आगे भी तो कुछ

करना पड़ेगा और में जानती हूँ कि जिंदगी में तुम बहोत कुछ कर

सकते हो."

राज उसके पीठ से उतर उसके बगल मे लेट गया, "लेकिन अचानक ये सब

बातें क्यों?' उसने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा.

"मेरे फाइनल एग्ज़ॅम अगले महीने शुरू हो रहे हैं," रोमा ने उसे याद

दिलाते हुए कहा, "उसके बाद कॉलेज तो जाना नही है, तो मेने सोचा

कि क्यों ना हम साथ साथ रहें."

"तुम मुझसे बहोत प्यार करती हो ना?" रा ने पूछा.

"तुम जानते हो कि में तुमसे बहोत प्यार करती हूँ. पर क्या तुम

मुझसे इतना ही प्यार करते हो कि यहाँ से निकल मेरे साथ एक नई

जिंदगी शुरू कर सको?" रोमा ने उसके हाथ को अपने हाथ मे लेते हुए

कहा.

राज उसकी भावनाए और उसके प्यार को समझ रहा था. थोड़ी देर वो

सोचता रहा फिर बोला, "में क्या करूँ?

"कोई अछी सी नौकरी ढूंड कर कर लो." रोमा ने कहा, "साथ साथ

अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करो. कुछ ऐसा करो कि जिंदगी मे फिर

पीछे मूड कर देखने की ज़रूरत ना हो."

राज को रोमा पर झल्लाहट आने लगी थी, वो कई बार ये भाषण अपने

माता पिता के मुँह से सुन चुका था, क्या बुराई थी कि अगर वो कुछ

नही कर रहा था तो.

"राज" रोमा ने उसे पुकारा.

"क्या है बोलो, में सुन रहा हूँ." उसने खीजते हुए कहा.

"नही मुझे लगता है कि तुम मेरी बात नही सुन रहे हो" राज के इस

रूखेपण से रोमा का दिल भर आया और उसकी आँखों मे आँसू आ

गयी. "अगर तुम यहाँ रहना चाहते हो तो में तुम्हे रोकूंगी नही

लेकिन मेरे लिए रहना शायद मुश्किल हो." रोमा ने जवाब दिया.

"रोमा में तुम्हे रोकुंगा नही, तुम्हारी भी अपनी जिंदगी है." राज

ने रूखेपण से कहा.

रोमा का चेहरा गुस्से से लाल हो गया, "तुम बहोत ही मतलबी हो, क्या

तुम मेरे लिए इतना भी नही कर सकते..... तुम्हारे लिए ये तालाब का

किनारा ही सब कुछ है, में तुम्हारे लिए कुछ भी नही?"

राज रोमा की बात सुनकर कुछ बोला नही. उसके बगल मे लेटा हुआ वो

सोच रहा था कि वो क्या करे. वो सोचता रहा.

"राज" रोमा ने उसे पुकारा.

राज कुछ कहना चाहता था लेकिन उसकी आँखों मे आँसू आ गये. एक

अंजाने डर ने जैसे उसके अंदर की सारी ताक़त छीन ली थी. वो यहाँ

रहते हुए तो रोमा को जय जैसे लोगों से तो बचा सकता था. पर

समाज और दुनिया के बीच रहकर उसकी रक्षा करना उसका ख़याल

रखना, ये सब वो कैसे करे उसकी समझ मे नही आ रहा था.

"राज"

राज ने कुछ कहा नही बल्कि अपने चेहरे को उसके चेहरे से सटा दिया.

रोमा को जब राज के रोने का अहसास हुआ तो वो समझ गयी और उसने अपनी

बाहों खोल उसे अपनी बाहों मे बाँध लिया. उसकी आँखों से बहते

आँसुओं को उसने चूम लिया.

"में तुमसे बहोत प्यार करती हूँ, और बड़ी मुश्किल से तुम्हे पाया

है और में तुम्हारे प्यार को और तुम्हे खोना नही चाहती" रोमा ने

उसे चूमते हुए कहा, "अब हिम्मत से काम लो और मेरे साथ चलो,

में तुम्हारे बिना ज़्यादा दिन नही रह पाउन्गि."

"रोमा तुम्हे जिंदगी मे कोई मुझसे भी अच्छा मिल जाएगा?" राज ने

कहा.

"लेकिन तुम तो नही ना." कहते हुए उसने राज के आँसुओं से भरे

चेहरे को अपने हाथों मे लिया और उसके होठों को चूसने लगी.

राज सोचने लगा, उसकी जिंदगी कितनी आकेली और तन्हा रही थी आज

तक. जब उसके दिल मे रोमा के लिए भावनाए जनम ले रही थी, तो

वो कितना डर रहा था कि कहीं इसे पता ना चल जाए. उस समय उसे

नही पता था कि रोमा के दिल मे भी उसके लिए वही जज़्बा वही प्यार

था. पर आज जब कि दोनो एक दूसरे से अपने जज्बातों का इज़हार कर

चुके थे एक दूसरे को अपना चुके थे तो अचानक वो रोमा को खोने

के डर से कांप उठा. उसे लगा कि वो रोमा के बिना नही रह पाएगा.

"ठीक है में चलूँगा तुम्हारे साथ," राज ने आख़िर अपने दिल की

बात कह ही दी.

"सच मे, तुम आओगे मेरे साथ," रोमा को अपने कानो पर विश्वास नही

हो रहा था, "एक बार फिर से कहो की तुम आओगे."

"हां मे आउन्गा तुम्हारे साथ" उसने कहा, वो अपनी प्यारी बेहन और

प्रेमिका को खुश देखना चाहता था.

"ओह्ह्ह्ह राज में बता नही सकती कि में कितनी खुश हूँ," रोमा ने

खुशी मे कहा, "राज हम दोनो आने वाली जिंदगी मे साथ साथ

रहेंगे और एक दूसरे को खुश रखेंगे."

खुशी के मारे रोमा ने राज को अपने उपर खींच लिया. उसने अपनी टाँगे

फैला दी और अपनी टाँगे उसकी कमर मे लपेट ली, "क्या तुम तयार हो?"

इन जज्बाती बातों के बीच उसकी उत्तेजना बह गयी थी और लंड एक बार

मुरझा कर ढीला पड़ गया था, "नही." उसने धीरे से कहा.

"मुझे छुओ..... मुझे भीचो.... मुझे मस्लो...." उसने राज से

कहा, "और जब तुम्हारा लंड खड़ा और तन जाए तो मुझे प्यार

करो....... हमारी आने वाली जिंदगी के लिए हम जश्न मनाएँगे."

राज ने अपने होंठ उसके होठों पर रखे फिर उसके होठों को खोलते

हुए अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी. रोमा ने भी उसकी जीब से अपनी

जीब मिला दी और उसकी जीब को चूसने लगी.

क्रमशः..................
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RE: Behen Sex Kahani दो भाई दो बहन - by sexstories - 07-16-2018, 12:36 PM

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