RE: Behen Sex Kahani दो भाई दो बहन
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गतान्क से आगे.......
जय ने जब देखा की अलाव मे लकड़ियाँ कम हो रही थी और उसने और
लकड़ियाँ डाल आग को थोड़ा तेज कर दिया. आग के भड़कने से अंधेरा
थोड़ा छांट सा गया और वो दोनो लड़कियों की दिशा मे देखने लगा.
रोमा का अक्ष उसे सॉफ दिखाई दे रहा था. उसने देखा कि उसकी बेहन
रोमा की चुचियो को चूसने के बाद उसकी जांघों के अन्द्रुनि हिस्सों
को चूम रही है, फिर उसने अपना चेहरा रोमा की चूत पर लगा
दिया. उसने रोमा के शरीर को अकड़ते देखा, गहरी सांसो की वजह से
उसकी चुचियों उठ बैठ रही थी.
रोमा की सिसकियाँ इतनी तेज थी कि राज और जय को सॉफ सॉफ सुनाई दे
रही थी. रोमा की सिसीकियाँ उसके लंड को और उत्तेजित कर रही थी,
उसका दिल कर रहा था कि रिया की जगह उसका लंड रोमा की चूत पर
हो. उसके ख़याल से रोमा अभी तक कुँवारी थी और वो चाहता था कि वो
पहला शॅक्स हो जो उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ उसका उधागटन करे.
उसने देखा कि रोमा ने अपनी दोनो टाँगे रिया के चेहरे के इर्द गिर्द
रख दी थी और अपने हाथो से उसके चेहरे को अपनी चूत पर और
जोरों से दबा रही थी.
जय ने नज़रे घूमा कर अपने गहरे दोस्त राज की ओर देखा जो घास
पर लेटा हुआ आसमान मे तारों को निहार रहा था. उसे इस बात की
बिल्कुल भी परवाह नही थी कि उसकी सग़ी बेहन किसी दूसरी लकड़ी के
साथ शरीक सुख का आनंद उठा रही है थी. जब उसने देख की राज अपने
ही ख्यालों मे खोया हुआ है वो अपने लंड को पॅंट के उपर से मसल्ने
लगा, जब लंड पूरी तरह उत्तेजना मे भर गया तो उसने अपना पानी
छोड़ने का उपाय खोजने लगा.
जैसे जैसे रिया और रोमा की सिसकियों की आवाज़ उसके कानो मे पड़ती
उसके लंड की हालत और खराब होती जा रही थी. आज पहली बार उसे
रिया से ज़्यादा रोमा को चोदने की इच्छा मन मे हो रही थी.
इन सभी बातों से अंजान रिया अपनी नयी दोस्त रोमा की चूत मे अपनी
जीभ घूमा उसे चूस रही थी. उसने अपनी दो उंगलियाँ भी रोमा की
चूत मे डाल थी और अपनी अन्हुभवी जीब के साथ अपनी उँघलीया भी
उसकी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.
आख़िर जब सहन नही हुआ तो जय ने अपनी ज़िप खोली और अपने लंड को
आज़ाद कर लिया, रस की कुछ बूँदें ज़मीन पर टपक पड़ी, तभी उसने
देखा कि रोमा ने करवट बदली और उसका चेहरा उसकी तरफ हो गया
था. एक अंजानी कल्पना ने उसे घेर लिया.
उसने देखा की वो उसपर झुका हुआ है और रोमा अपना मुँह खोल उसके
लंड को अपने मुँह मे ले रही है, फिर उसके लंड को उपर से नीचे
चाटते हुए वो पूरा लंड मुँह मे ले चूसने लगती है. वो उसके सिर को
पकड़ अपने लंड को उसके गले तक डाल देता है. अब वो उसके मुँह को
चोद रहा है और रोमा है कि उसके लंड को जोरों से चूस रही है.
इन्ही ख़यालों मे खोया वो अपने लंड को और जोरों से मसल्ने लगता
है, तभी उसके लंड से वीर्य की एक जोरदार पिचकारी छूट गिरने
लगती है. वो अपनी आँख खोलता है तो देखता है कि वहाँ कोई नही
है, ये सिर्फ़ एक सपना था जो उसने अभी अभी देखा था.
एक बार लंड से पानी छूटने के बाद उसे लड़कियों को देखने मे कोई
दिलचस्पी नही रह गयी थी. वो राज के पास आकर बैठ जाता है और
एक सिग्रेट सुलगा लेता है. थोड़ी ही देर बाद दोनो लड़कियाँ भी
आकर उनके साथ शामिल हो जाती है.
जय ने देखा की दोनो एक दूसरे का हाथ थामे हँसी मज़ाक कर रही
थी. रोमा ने देखा कि रिया उसके भाई राज के काफ़ी नज़दीक जाकर
बैठ गयी थी, वो भी जय के पास बैठ गयी. रोमा देख रही थी की
किस तरह रिया उसके भाई के साथ फ्लर्ट कर रही थी, पर वो कुछ कर
नही सकती थी.शुरू से ही उसे इस बात का डर था, जलन और गुस्से
को वो पी रही थी.
आख़िर रिया ने राज का हाथ पकड़ा और उसे उठाने लगी, "आओ ना राज
क्यों नखरे दीखा रहे हो?"
राज असहाय नज़रों से रोमा को देखने लगा, उसका बिल्कुल भी मन नही
था कि वो रिया का साथ दे लेकिन रिया इतनी जीद कर रही थी कि उसे
उठना पड़ा और वो दोनो भागते हुए अंधेरे मे खो गये.
"शायद ये तुम्हारी मदद करे." जय ने रोमा को एक सिग्रेट पकड़ाते
हुए कहा.
रोमा ने चुपचाप जय के हाथों से सिग्रेट ले ली. वैसे तो उसे राज
पर और अपने प्यार पर विश्वास था. पर रिया के व्यवहार और ये सोच
कि अंधेरे मे दोनो क्या कर रहे होंगे उसके दिल मे दर्द और जलन की
एक लहर पैदा कर देती है. सिग्रेट के कश ने उसे हल्का सा नशा
कर दिया था, वो जय की ओर देखने लगी.
"तुम कितनी सुंदर हो रोमा?" जय उसके और नज़दीक खिसकते हुए बोला.
"सच मे? क्या तुम्हे में सुंदर लगती हूँ." रोमा थोड़ा अस्चर्य मे
बोली.
"हां... रोमा बहोत सुन्दर लगती हो...." कहकर जय ने अपने होंठ
रोमा के होठों पर रख दिए.थोड़ी देर उसके होठों को चूसने के
बाद जय ने उसके होठों को खोल अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी.
किसी
भावेश मे रोमा ने भी अपने होंठ खोल किए और उसकी जीब को अपने
मुँह मे ले लिया. दोनो की जीब एक दूसरे से मिल खेलने लगी. कई देर
तक दोनो एक दूसरी के जीब को चूस्ते रहे.
"zओह.... ठंड तो बढ़ती जा रही है...." रोमा बोल पड़ी.
वैसे तो रोमा ने एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया कही थी लेकिन जय ने उसे
एक निमंत्रण सा समझ लिया. उसने रोमा को अपने और नज़दीक खींच
लिया और उसके टॉप के उपर से उसकी चुचियों को सहल्लाने लगा. जय के
छूते ही रोमा का शरीर सिहर उठा और उसके निपल तनने लगे. जय
ने अब अपना हाथ उसके टॉप के नीचे से अंदर डाल उसकी चुचि को
पकड़ लिया और मसल्ने लगा.
रोमा को काफ़ी गुस्सा आ रहा था ख़ास तौर पर रिया पर, वो जानती
थी कि रिया जैसी लड़कियाँ जो चाहती है वो पा कर रहती है, शायद
राज भी बहक जाए उसके साथ. ऐसा नही था कि उसे जय का छूना अछा
नही लग रहा था पर जिस जल्दी से वो सब कुछ कर रह था उसे वो
थोड़ा विचलित सी हो गयी थी.
"परेशान क्यों हो रही हो रोमा, आराम से माज़्ज़े लो....." जय उसकी
चुचियों को और ज़ोर से मसल्ते हुए बोला.
रोमा की समझ मे नही आ रहा था की वो क्या करे.
जय ने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उस पर झुकते हुए उसके होठों को
जोरों से चूस रहा था साथ ही उसकी चुचियों को भी मसल रहा
था. जब उसने अपना हाथ उसकी शॉर्ट्स पर से उसकी चूत पर रखा था
डर के मारे रोमा सिहर उठी.
जब ने उसकी शॉर्ट्स की ज़िप खोलनी चाही तो वो लगभग चिल्ला
पड़ि, "रुक जाओ जे प्लीज़ में कहती हूँ रुक जाओ........"
तभी उसने देखा कि जय जोरों से उससे दूर लुढ़क रहा था, उसने
नज़र उठाई तो राज को अपने पास खड़ा पाया. इसके पहले की जय आगे
बढ़ता रिया ने अपने आपको राज और जय के बीच खड़ा कर दिया. जय
के लिए उसकी आँखों मे नफ़रत सी थी.
"जय इस विषय मे हम बाद मे बात करेंगे, अभी फिलहाल हम घर
जा रहे हैं."रिया ने कहा.
जय तो राज से लड़ने के लिए तैयार खड़ा था लेकिन रिया को बीच मे
आते देख वो समझ गया कि वो अपनी बेहन से नही जीत सकता और
इसके पहले की राज की ओर बढ़ता रिया उसे धकेलते हुए गाड़ी की ओर ले
आई.
राज और रोमा घर पहुँचे. राज ने जब देख कि उनकी मम्मी अपने कमरे
मे जा कर सो गयी है तो वो धीरे से रोमा के कमरे मे आ गया राज
ने देखा कि अपने आप को कंबल मे छिपा रोमा धीरे धीरे सूबक
सूबक कर रो रही है, वो धीरे से कंबल हटा उसके बगल मे लेट
गया.
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