RE: Maa Beti Chudai माँ बेहाल बेटी छिनाल
माँ बेहाल बेटी छिनाल --5
गतान्क से आगे……………………….
" राज की इतने दिनो की बातो से उसे यकीन हुआ था कि राज सच बोल रहा है. उसे पता था कि भले राज उसको मा बेहन की गालियाँ देता है लेकिन वो उतना प्यार भी करता है. जवाब मे शन्नो बोली, "राज मे जानती हूँ कि तू मुझे सच मे चाहता है. तेरे उप्पर पूरा भरोसा है मुझे इस लिए मे भी सिर्फ़ तुझसे ही चुदवाति हूँ. वैसे तो राजा मेरी 1-2 सहेलिया है लेकिन सबसे खास दिखने मे है मेरी चचेरी ननंद सीमा. मेरे पति की कज़िन है वो. शादी के बाद यही रहती है वो मेरे घर के पास. उसकी शादी को 4 साल हो गये है, अभी 26 साल की है वो. तू आएगा तब देखती हूँ कोई चक्केर चलता है क्या तेरा ओके? और राजा इस बात की भनक डॉली को ना लगे इसका ख़याल रखना, वो छोटी बच्ची अगर कही कुछ बोल गयी तो सब गड़बड़ होगी. " शन्नो की इस बात पे राज खुश होते बोला, "वाह मेरी रानी यह अच्छी बात की तूने. तू एक बार उसे मुझसे मिलवा दे, बाद मे सब मेरा काम होगा उसे पटाना. बस उससे मेरी तारीफ करना अच्छी अच्छी. रही बात डॉली को ना बताने की तो वो मे ध्यान मे रखूँगा. अब जल्दी से जल्दी मे वहाँ आता हूँ और तू तब तक सीमा को मेरे बारे मे जो बताना है बता. " यह प्रोग्राम बनाने के बाद भी राज को जाने के लिए 2-3 महीने लगे. उसने शन्नो से बात करके भूसावल ऐसा टाइम चुना कि जब उसका पति टूर पे हो. सब प्रोग्राम फिक्स करके राज भूसावल आया. काम ख़तम करके वो सीधे शन्नो के घर पहुचा. राज अब 3-4 दिन शन्नो के ही घर मे रुकने वाला था. वो मा बेटी उसका इंतज़ार कर रही थी. दोनो को प्यार से बाँहो मे लेके चूमते यहाँ वहाँ की बाते हुई. राज अपने साथ उन मा बेटी के लिए अपनी कंपनी की नये डिज़ाइन के अंडरगार्मेंट्स लाया था. शन्नो और डॉली के लिए उसने 3 ब्रा पैंटी सेट, सेक्सी नाइटी और रेवेलिंग नाइट गाउन लाया था. खाना खाने के बाद उन तीनो ने पूरी रात मस्ती मे गुज़ारी. राज ने महसूस किया कि डॉली अब उसे पहले जैसा साथ नही दे रही थी. वो समझा कि डॉली को अब उस लड़के से प्यार हुआहै और उसे वो चाहने लगी थी इसलिए वो दिल खोलके उसका साथ नही दे रही. दूसरे दिन सुबह डॉली कैसे भी उठके कॉलेज जाने निकली. उसने देखा कि शन्नो और राज चाचा उसके बाप के बिस्तर मे एकदम नंगे सो रहे है. उसे याद आया कि सुबह 3 बजे तक उन तीनो की बड़ी मस्ती चल रही थी. उसकी मा तो पूरे जोश मे थी. वो समझी कि इतना थकने के बाद वो अब गहरी नींद मे होंगे. उसे कुछ ज़रूरी काम था और तो और अपने लवर सूरज से मिलना था इसलिए वो कॉलेज निकल गयी. जबतक डॉली साथ मे थी राज ने शन्नो से उसकी ननंद के बारे मे कोई बात नही की. सुबह 8 बजे उठने के बाद शन्नो ने दोनो के लिए चाइ बनाई. चाइ पीने के बाद दोनो साथ नहाने गये. साथ मे नहाने के बाद दोनो हॉल मे टीवी देख रहे थे. शन्नो ने तब राज ने उसे दी हुई एक ट्रॅन्स्परेंट रेड कलर्ड नी लेँगट की नाइटी पहनी थी. नाइटी ने तो जैसे उसके जिस्म को एक पर्दे मे ढका हुआ था. राज को उसका जिस्म सॉफ नज़र आ रहा था. राज सिर्फ़ शॉर्ट्स मे था. पूरी रात चुद्ने के बाद शन्नो को शांति मिली थी. अपनी बाँहो पड़ी शन्नो का जिस्म हल्के-हल्के मसल्ते राज ने बोला, "तो मेरी रानी, अब बोल मेरे काम का क्या हुआ? सीमा से क्या बात की तूने? " राज के नंगे चौड़े सीने पे हाथ घुमाते शन्नो बोली, "राजा, मेने तेरा काम तो किया है सीमा से तेरे बारे मे बात करके लेकिन मुझे डर है कि अगर वो मिली तो तू मुझे भूल जाएगा. " शन्नो को प्यार से चूमते राज बोला, "शन्नो, भगवान कसम भले सीमा से मेरी बात बने या ना बने मे तुझे कभी भी अपने से दूर नही होने दूँगा. तू भले डॉली के बाप की पत्नी है पर मेरे दिल की रानी है, मेरा तुझपे और तेरा मुझपे जो हक़ आज है वो हक़ हमेशा बरकरार रहेगा. " यह बात सुनके शन्नो को तसल्ली मिली. राज की बाँहो मे और घुसते वो बोली, "राजा मुझे पता है तू मुझसे कभी दूर नही होगा इसलिए मेने बिंडास्ट होके सीमा से तेरी बात की. सुनो राज राजा तेरे से बात होने के बाद मेने सीमा को घर बुलाया था. मुझे समझ मे नही आ रहा था कि उससे कैसे बात करू तेरे बारे मे. तब सीमा ने मेरे पास तेरे भेजे कपड़े देखे. उन गारमेंट्स की डिज़ाइन और टेक्सचर उसे बहुत पसंद आया. वो ट्रॅन्स्परेंट नाइटी तो उसे बहुत ही अच्छी लगी. सीमा भी वो कपड़े खरीद ना चाहती थी तो जब उसने मुझे पूछा कि यह कपड़े मेने कहाँ से खरीद लिए है तो मेने बताया कि एक सेल्समन है जिसका नाम राज है जो महीने मे 1-2 बार आता है. मेने सीमा को यह भी बताया कि तुम अच्छी ब्रा पनटी देते हो. तुम्हारे लुक्स के बारे मे भी बताया कि राज एक लंबा चौड़ा और स्मार्ट सेल्समन है. मेने उसे बोला कि अबकी बार जब राज आएगा तो मे उसे तेरे पास भेज दूँगी. सीमा हां बोली तो मेरे राज राजा तू कल सुबह सेल्समन बनके उसके घर जा और तेरी किस्मत आजमा ले. " शन्नो का प्लान सुनके राज बहुत खुश हुआ और उसने जी भरके शन्नो को चूमते कहा, "क्या बढ़िया प्लान बनाया तूने जान, मान गया तुझे. वैसे रानी, अगर सीमा को सम्झाउ कि मे तुझे चोद्ता हूँ तो क्या तुझे कोई तक़लीफ़ होगी? " "राज तू खुद उसे मत बता कि मे तुझसे चुदवाति हूँ पर अगर वो तुझसे चुदि तो उसे समझा आ गया तो कोई बात नही. हम दोनो मे यह बात सीक्रेट रहेगी क्योंकि दोनो ने बाहर मूह मारा है. राज अब तूने तो कल सब गारमेंट्स हमे दे दिए है तो सीमा को क्या देगा? " "आरे मेरी रानी, मे शाम को जाके मेरे डीलर से 4-5 ब्रा पैंटी सेट और नाइटी लाता हूँ जो कल सीमा को दिखाने ले जाउन्गा. " ऊस्दिन दोनो घर मे अकले थे. शाम को राज जाके गारमेंट्स के 4-5 सेट लाया. डॉली भी शाम को 8 बजे आई. वो तो अब पूरी बहक गयी थी. आज दिनभर सूरज के साथ बिताया था उसने**** रात को भी राज ने शन्नो और डॉली के साथ लेट तक मस्ती की. दूसरे दिन डॉली 8 बजे चली गयी और नहाने के बाद राज सीमा के घर जाने को निकला. शन्नो ने फोन करके सीमा को बताया था कि वो सेल्समन राज आज उसके घर आएगा सुबह 11 बजे. सीमा एक 26 साल की जवान खूबसूरत औरत थी. 4 साल पहले उसकी शादी रवि से हुई थी. शादी के 5 साल तक बच्चा ना पैदा करने का उसका प्रोग्राम था इसलिए अभी तक उसे कोई बच्चा नही था. वो 58" लंबी, ज़रा सावली औरत थी. सावली होने के बाद भी उसके फीचर काफ़ी सेक्सी थे. बच्चा ना होने से उसकी फिगर मेंटैनेड थी. आज सीमा ने स्काइ ब्लू साड़ी पहनी थी, उसके नीचे ब्लॅक ब्लाउज था. वो ब्लाउज का फ्रंट और बॅक का गला काफ़ी बड़ा था**उसने साड़ी काफ़ी टाइट पहनी थी कि जिससे सीमा का चूतर उठा हुआ लग रहा था. गले मे मन्गल्सुत्र, कान मे झुमके, हाथ मे चूड़िया, माँग मे सिंदूर, कमर मे चाबी का गुच्छा था और पैरो मे एक पायल भी पहनी थी उसने. राज एक मीडियम सूटकेस लेके शन्नो के बताए अड्रेस पे गया और उसने डोर बेल बजाई. सीमा ने दरवाज़ा खोला जिससे राज ने उसकी देखी फोटो से पहचाना. उन गेहेनो और साड़ी मे सजी सीमा का जिस्म उप्पर से नीचे देखते राज बोला, "नमस्ते, मे राज हूँ, मुझे वो शन्नो रा. . . . मेरा मतलब शन्नो जी ने भेजा है, आपको कुछ गारमेंट्स चाहिए थे ना? मे सेल्समन हूँ, आप सीमाजी ही है ना? " राज अंजाने मे शन्नो रांड़ बोलने वाला था लेकिन झट से अपनी ज़बान संभाली. अपने सामने उस स्मार्ट और हॅंडसम मर्द को अपने जिस्म को उपर से नीचे निहारते देख कर सीमा देखती ही रह गयी और फिर बोली, "हां, शन्नो का फोन आया था, आओ ना अंदर आप. " राज को अंदर आने के लिएसाइड देती सीमा साइड मे हुई. राज आंदार आया और सोफे पे बैठा. सीमा ने उसे पानी लाके दिया और वो उसके सामने बैठके बोली, "काफ़ी अच्छे डिज़ाइन, टेक्सचर और सॉफ्ट है तुम्हारे प्रॉडक्ट्स. " सीमा के साइन पे नज़र लगाते उसके ब्लाउज के डीप नेक से दिख रहा क्लीवेज देखते राज बोला, "हां बहनजी, एकदम मस्त प्रॉडक्ट्स है मेरे पास. शन्नोजि तो हर बार कोई ना कोई गारमेंट खरीद ही लेती है मुझसे. आपने तो देखा है मेरा माल कितना मस्त है. अच्छे और सेक्सी ब्रा पैंटी और नाइटी है मेरे पास, एकदम मस्त माल है. बोलो माल खोलके दिखाऊ क्या? " आँख मार के राज स्माइल करता है. राज का आँख मारना उसने देखा नही था पर राज जिस हिसाब से माल बोल रहा था वो सुनके सीमा शरमाते हुएअपनी आँख नीचे करते बोली, "बार-बार माल अच्छा है क्यों बोल रहे हो? मुझे पता है माल अच्छा है इस लिए तो तुमको बुलाया मेने. देखाओ क्या प्रॉडक्ट्स लाए हो. " राज सीमा का नंगा पेट देखते बोला, "आरे बहनजी, वो वर्कर लोग के साथ रहते-रहते मे भी उनके जैसा माल कहता हूँ. वैसे सीमाजी आपका बॉडी स्ट्रक्चर एकदम अच्छा है, बहुत जचेन्गे आप पर मेरे यह गारमेंट्स. ऐसी औरत देखते ही मुझे भी अपना सब माल दिखना अच्छा लगता है क्योंकि ऐसे जिस्मवाली औरत पे हमारे गारमेंट्स जचते है. " राज ने सोचा कि इस साली को नंगी करके उसका माल देख कर मेरा नंगा माल दिखा के चोदुन्गा. अभी तुझे बेहन बोलता हूँ और बाद मे बेहन्चोद बनूंगा सीमा. राज से तारीफ सुनके सीमा को अच्छा लगा. फिर वो उसे बेहन भी बोलता है तो वो राज को अच्छा आदमी समझती है पर फिर बार- बार माल सुनके बोली, "मतलूब क्या अच्छा माल का? आप माल मत बोलो प्लीज़. " बॅग खोलके सब गारमेंट्स फैलाते राज एक हाथ मे एक ब्रा और दूसरे मे पैंटी लेके बोला, "बहनजी मेरा मतलब अच्छी ब्रा पैंटी दिखाता हूँ, मस्त माल है मेरे पास जिसे देख कर आप खुश हो जाओगी. यह ब्रा पैंटी पहनोगी तो सब सहेलिया इसके बारे मे आपसे पूछेंगी. वैसे आपकी ब्रा पनटी की साइज़ क्या है बहनजी? " राज को ब्रा पनटी मसल्ते देख सीमा ज़रा शरमाती है. वो ब्रा पनटी उसे बड़ी सेक्सी, फॅषियनबल और नये डिज़ाइन की लगती है. वो ज़रा शरमाते बोलती है, "जी 34 की ब्रा का और 65सीयेम की वेस्ट, यह है मेरी ब्रा पनटी की साइज़. " "अच्छा, 34 की ब्रा और 65 की चड्डी पहनती है आप? मुझे लगता है कि ब्रा साइज़ बड़ी होगी, ज़रा अपनी कोई ब्रा और चड्डी दिखाना बहनजी. " सीमा राज की बिंडास्ट बातो से शरमाते बेडरूम मे जाके अपनी एक ब्रा पनटी लाके राज को देते बोलती है, "यह लो भैया. " वो ब्रा पैंटी देख कर राज समझता है कि यह सीमा की आज नहाने के पहले पहनी हुई ब्रा पैंटी है. पैंटी अपनी जाँघ पे रखते ब्रा के स्ट्रॅप्स को एक्सटेंड करते राज ब्रा को निहारता है. फिर ब्रा के दोनो कप अंजान बनके मसल्ते वो कहता है, "यह 34 तो है लेकिन आपके सीने के हिसाब से यह ब्रा के कप साइज़ ज़रा बड़े बड़े लगते है, आप ऐसा करो यह ब्रा पेहन्के देखो. " राज सूटकेस से एक 34 डी की डार्क पिंक ब्रा निकालके सीमा को देता है. राज के हाथो से ब्रा कप मसल्ते देख सीमा को ऐसा लगता है जैसे वो सीमा के दूध को मसल रहा है. एक अंजान सी लहर उसके बदन से दौड़ती है. शरमाते हुए राज के हाथ से ब्रा लेके उसके कप देखते वो कहती है, "जी वो मे तो जानबूझके बड़ा कप यूज़ करती हूँ जिससे आराम मिलता है. अब यह जो ब्रा अपनी दी है उसके कप छोटे लगते है, इससे सीने पे टाइटनेस महसूस होता है. यह छोटे कप की ब्रा मुझपे कैसे आएगा भयया? " अपने गरम हो रहे लंड पे सीमा की चड्डी रखते ब्रा मसल्ते राज बोला, "आरे वो पुराने टाइप की ब्रा थी बेहन, यह इंपोर्टेड स्टाइल की ब्रा है, छोटे कप मे भी टाइटनेस नही होगी आपको. वैसे आपके वो (राज मम्मो की तरफ उंगली करता है)गोल है या थोड़ा साग है उनमे बहनजी? " इस सवाल पे बड़ी शरमाते सीमा राज के हाथ से ब्रा लेके बोलती है, "भयया तुम भी ना कुछ भी सवाल करते हो? वैसे एकदम हल्का सा साग है नही तो गोल है. अगर यह ब्रा ठीक नही हो तो दूसरी देना, ठीक है भयया? " राज पैंटी मसलके कहता है, "हां बहनजी ट्राइ करो और बोलो, मे तब तक यह ब्रा पैंटी ठीक से देखता हूँ. " ब्रा लेके सीमा बेडरूम मे चली जाती है. तब यहा राज उसकी पैंटी उल्टी करके सूंगता है. ब्रा पनटी अपनी लंड पे रगड़ते वो अगले कदम सोचने लगता है. सीमा आईने के सामने खड़ी होके पल्लू उतार ब्लाउज निकालती है. फिर अपनी ब्रा उतार वो नयी ब्रा पहनती है. नयी ब्रा उसे टाइट लगती है और उसे ब्रा कप अपने मम्मो पे टाइट होने का अहसास भी होता है. वो उसी ब्रा पे ब्लाउज पेहन्के साड़ी ठीक करके दरवाज़ा खोलती है. जैसे वो राज को देखती है उसे एक झटका लगता है.
राज उसकी तरफ देखते ब्रा सूंघ के चाट रहा था. बेशर्म होके सीमा की तरफ देखते वो बोला, "क्या हुआ बहनजी, ब्रा पसंद आई आपको? सीने पे बराबर फिट तो हो रही है ना? " राज को ब्रा चाटते देख सीमा चोकते ज़रा उँची आवाज़ मे बोलती है, "यह क्या कर रहे है आप? वो मेरे कपड़े क्यो चाट रहे हो? " राज इनोसेंट बनके पूछता है, "क्या कर रहा था मे बहनजी? इतना गुस्सा क्या आया आपको? क्या ब्रा मे कोई तक़लीफ़ हुई जिससे आप इतनी नाराज़ हुई हो? " अब राज को क्या जवाब दे इस सवाल का यह सीमा को समझ मे नही आया था इसलिए वो बोली, "मुझे नही चाहिए यह ब्रा, बहुत छोटा है इसका कप, आप के पास दूसरी हो तो दो नही तो मे फिर बाद मे लूँगी. " राज सीमा की मजबूरी समझते बोलता है, "आरे ब्रा ठीक है, आपको पहन्नी नही आई होगी. यहाँ आओ मे पहनाता हूँ ब्रा आपको, आप साड़ी और ब्लाओज उतारो, देखो मे पहनाता हूँ ब्रा आपको. " राज की इस बात पे एकदम गुस्से से सीमा बोली, "यह क्या बोलते हो? देखो ज़्यादा होसियार मत बनो, जाओ यहाँ से मुझे नही चाहिए तुम्हारी ब्रा या और कोई कपड़े. " "आरे क्यों गुस्सा आया आपको? मेने क्या ग़लत कहा? क्यों नाराज़ हुई आप बहनजी? " "नही और कोई बात नही, आपकी ब्रा अच्छी नही है इसलिए मुझे नही चाहिए. " "आरे शन्नो जी को भी पसंद है मेरी दी हुई ब्रा पनटी. वो तो सबसे उसकी तारीफ करती है तो आपको क्यों पसंद नही आई यह ब्रा बहनजी? " सीमा राज के हाथ से अपनी पुरानी ब्रा पनटी खिचते बेडरूम की तरफ जाते बोलती है, "बस नही चाहिए, फिटिंग अच्छी नही लगी मुझे ब्रा की. तुम रूको मे आपको वापिस लाके देती हूँ आपकी ब्रा. " मौका देख कर राज भी सीमा के पीछे बेडरूम मे घुसते डोर लॉक करके कहता है, "बोलो बेहन जी आपको इस ब्रा मे क्या प्राब्लम है? मे सब परेशानी दूर करता हूँ आपकी. " सीमा डोर बंद होने से घबरा के कहती है, "यह क्या तुमने डोर क्यो बंद किया है भैया? भयया देखो ज़्यादा नाटक मत करो, तुम जाओ मेरे घर से. " डोर पे खड़े रहते राज सीमा को उप्पर से नीचे देखते बोला, "आरे बहनजी आपको कुछ बेचके ही जाउन्गा, इतना टाइम वेस्ट किया कुछ तो लेना पड़ेगा आपको. आप घबरा क्यो रही हो? मेने बेहन कहा है आपको ना तो क्यो इतना डरती हो? चलो पल्लू हटाओ मे देखता हूँ क्या प्रॉब्लम है. " सीमा अपनी माथे का पसीना पोचके बोलती है, "तुम यह क्या बोल रहे हो? देखो मे एक अच्छे घर की औरत हू और ऐसा मैं किसी गैर मर्द के सामने नही करूँगी, तुम जाओ मेरे घर से प्लीज़. " राज सीमा के पास आके उसकी पुरानी ब्रा उसके हाथ से खिचते वो दोनो हाथो से फैलाते बोलता है, "आरे बेहन तुम अच्छे घर की हो तो मे क्या खराब घर का हूँ? आपको कौनसी बात पे इतराज़ है बहना? देखो इतनी खराब ब्रा है आपकी? इसमे आपके दूध भी शेप्लेस बनते है. मेरी यह ब्रा पहनो और देखो दूध कैसे गोल बनके रहँगे. " सीमा अब पूरी डर गयी थी. राज का इतने ओपन्ली उसके मम्मो के बारे मे बात करना उसे कैसा तो लग रहा था. राज उसकी ब्रा ओपन करके उसके सामने दिखा रहा था. अपनी ब्रा राज के हाथो से खिचते वो बोली, "देखो मुझे नही लेना आपकी ब्रा आप जाओ यहा से प्लीज़. " जवाब मे राज सीमा का पल्लू पकड़के उसे हल्के से खिचते बोला, "अपने आपको देखो बेहन, इस ब्रा मे आपका सीना कैसे खराब दिख रहा है. " राज एक उंगली से सीमा का 1-1 मम्मा ब्लाउज के उप्पर से पोक करता है. "खुद देखो इसको कोई शेप है? आपकी सहेलिया कितनी हस्ती होगी आपके इस ड्रेसिंग पे है ना? " राज के इस आक्षन पे सीमा अब घबराई. इसे लगता है कि शोर मचाया तो उसकी ही कितनी बदनामी होगी, इसलिए वो समझाने की आवज़ मे बोलती है, "देखो राज तुम मेरे घर से जाओ, मे घर पे अकेली हूँ. " राज सीमा के पीछे जाके उसका पल्लू सीने से हटा के दोनो हाथ से उसके मम्मे नीचे से उठाके आईने मे उसे यह सब दिखाते बोलता है, "आरे बेहन, यह सब कपड़े तो औरत अकले मे ही ट्राइ करके ख़रीदती है, आपके घरवाले होते तो क्या उनके सामने ब्रा पैंटी ट्राइ करती आप? देखो बेहन इस पूरनी ब्रा मे तुम्हारे मम्मे कैसे लटक रहे थे और अब इस ब्रा मे कैसे शेप मे लग रहे है. क्या तुम्हारे पति को अच्छा लगता है तुम्हे ऐसा देखना? मेरी इस ब्रा मे तुझे देख कर उसे अच्छा नही लगेगा? " सीमा झटके से राज का हाथ मम्मो से हटाते पल्लू सीने पे लेती है. राज का यह बर्ताव उसे बिल्कुल अच्छा नही लगा. वो गुस्से से बोलती है, "देखो राज जाओ तुम यहाँ से. क्या कोई जबर्जस्ति है यह ब्रा खरीद ने की? मुझे नही लेना ब्रा, प्लीज़ निकल जाओ मेरे घर से तुम. " जवाब मे राज फिर सीमा को पीछे से पकड़के, उसका पल्लू नीचे डालते अब डाइरेक्ट्ली उसके ब्लाउज का हुक खोलते बोलता है, "आरे बेहन तू तो नाराज़ हुई अपने राज भाई से? देख मे चाहता हूँ कि मेरी बेहन सब औरतो मे मस्त दिखे इसलिए मे तेरे पीछे पड़ा हूँ यह ब्रा बेचने के लिए और तू मुझे जाने को बोल रही है? शन्नो को भी मेने ब्रा पहनाई थी, उसे भी पहले लगा था कि ब्रा अच्छी नही है लेकिन मेरे हाथ से पहनने के बाद उसने 12 सेट खरीदे है. " सीमा गुस्से से राज का हाथ अपनी ब्लाउज से हटाते हुए. शर्म और गुस्से से उसका चहेरा एकदम लाल हो जाता है. वो टर्न होके गुस्से से बोली, "राज, यह क्या बहूदी हरकत कर रहे हो? मुझे फिर से छूना नही. अभी के अभी यहाँ से निकल जाओ, मुझे कुछ नही खरीदना तुमसे. तूने शन्नो को कुछ भी बेचा होगा और उसने लिया होगा मुझे कुछ नही सुनना. तू जा अभी मेरे घर से. " सीमा को अपनी तरफ मूह करते खड़ी पाके राज फिर उसका पल्लू गिराते मम्मो पे हाथ घुमा कर ब्लाउज के हुक खोलने लगा. राज के इस आक्षन से सीमा बहुत घबराती है. इससे लगता है यह आदमी कितने डेरिंग वाला है जो बेहन-बेहन बोलके सीधे उसके मम्मे मसलके ब्लाउज खोल रहा है. उसे यकीन हुआ कि राज उसकी कोई बात नही माननेवाला. अपने मम्मो को मसल्ते ही सीमा के जिस्म मे एक मदहोशी महसूस होती है. ऐसा नही था की सीमा उसके पति से सॅटिस्फाइड नही थी. सीमा रवि की चुदाई से खुश थी. उसे सिर्फ़ इस बात का दुख था कि उसका पति अपने मन की कोई बात नही करता. वो तो सीमा की हर बात को हुकुम मानके उस मुताबिक चलता था, उसकी गुलामी करता था पर राज तो उसे कुछ समझ ही नही रहा था. यह औरत को उसकी औकात मे रखना जानता है. यह हर जवान औरत को सिर्फ़ हवस की नज़र से देखते उसको चोदना चाहता था. राज की बातो से सीमा को शक़ हुआ कि कही शन्नो का कुछ चक्केर तो नही इसके साथ. राज अब ब्लाउज खोलना छोड़ सीमा के मम्मे मसल रहा था. होश मे आते सीमा अब घबराई आवाज़ मे बोली, "नही राज जी, मुझे छोड़ो, यह क्या कर रहे हो? देखो मे शादी सुदा औरत हूँ, मेरी इज़्ज़त के साथ मत खेलो. " जवाब मे राज फिर सीमा को आईने की तरफ टर्न करके उसका ब्लाउज खोलके दोनो मम्मे हाथो मे लेके हल्के से मसल्ने लगता है. सीमा की गांद पे अपना गर्म लंड लगाते वो कहता है, "आरे बेहन तुझे क्या लगता है कि मे मेरी सीमा बेहन का घर बर्बाद करूँगा? देख मे तेरा भाई हूँ, और भाई कभी बेहन को तक़लीफ़ देगा क्या? मे सिर्फ़ चाहता हूँ कि तेरे जिस्म के बदन पे एकदम मस्त ब्रा हो जिससे यह दूध (मम्मे हल्केसे दबाते)उभरे- उभरे दिखे और नीचे(गांद पे लंड रगड़ते) मस्त चड्डी हो जिससे तुझे आराम मिले.
क्रमशः…………….
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