RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
मेरी गोरी गाण्ड और टाँगे देखते ही उस के लण्ड में और जोश आ गया और बिजली की तरह मेरे पर झपट पड़ा.
फट से पीछे से पकड़ कर सीधा लण्ड मेरी गाण्ड पर रख कर घुसेड़ने लगा.
मैंने ज़ोर से एक झापड़ मारा कहा की क्या जबरदस्ती है ये. उसे और गुस्सा आ गया और झट से मुझे नीचे पटक दिया और अपने लण्ड पर थूक लगाने लगा.
रांड़ तेरी जैसी बहुत घोड़ियों को मैंने काबू क्या है. पहले उकसाती हैं फिर एक ही धक्के में पूरा लण्ड जब चूत में जाता है ना तो शांत हो जाती हैं.
मैं थोड़ी ढीली पड़ गई की गुस्से का कोई फ़ायदा नहीं है इस जानवर से.
मैंने कहा – कितना बड़ा है और बहुत लंबा है. डर लग रहा है की कहीं फट ना जाए.
तो वो बोला की साहब नहीं ठोकता तेरे को क्या जो इतनी डर रही है. घबरा मत आराम से चोदूँगा तुम को.
फिर उस ने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखी. ढेर सारा थूक मेरी चूत पर लगाया और दे मारा ज़ोर का धक्का और घुसेड दिया अपने लण्ड को मेरी चूत में.
फिर बोला – ले अब उचक ऊपर को. जितना उचकेगी उतना ही अंदर घुसेगा.
आठ इंच सीधा ही घुस गया पतला तो था ही.
जय के लण्ड से पतला था थोड़ा सो तकलीफ़ नहीं हुई.
दूसरे धक्के में पूरा का पूरा ही घुसेड दिया. गले तक चला गया. चीख निकल गई मेरी.
बोला अब उछल जितना उछालना है और फिर उस की स्पीड देखने वाली थी.
फ़चा फॅक होने लगी थी.
कोई आधा घंटा चोदा उस ने मुझे उचक उचक कर दो बार झड़ गई मैं.
मज़ा तो आया पर यह सोच कर घिन भी आ रही थी की सब्जी वाले से जो की गंदी बदबू मार रहा था से चुद गई आज में.
जब शांत हो गया तो मैंने कहा की भोसड़ी के अब क्या चाहिए चलो बाहर.
वो बोला – मैडम, जितना मज़ा आप को चोदने में आया उतना किसी और को चोदने में नहीं. क्या बदन पाया है आप ने.
मैं बोली – तुम्हारा धंधा है क्या ऐसे चुदाई करने का. कितनी और को चोद चुका है तू.
तो अब्दुल बोला की आप की पड़ोसेनो को तो मैं बहुत पहले चोद चुका हूँ. सिर्फ़ आप की लेने का चान्स ढूँढ रहा था मैं. सब की चूत ढीली है आप की छोड़ कर. आप बहुत टाइट हैं. मैं सोच रहा हूँ की एक बार और चोद लूँ फिर चान्स मिले या ना मिले. क्या ख्याल है, मैडम जी.
उस का लण्ड बहुत लंबा था और फिर डंडे की तरह खड़ा हो गया था.
मैं हैरान थी की 35 की उम्र भी क्या जोश पाया है इसने.
अब तो मैंने सोचा की ज़बरदस्ती चुदने तो अच्छा है की चोदने दे साले को और मज़ा ले लो चुप चाप.
15 मिनट तक तो चूत चाटी और पूरा बदन चाट चाट के रख दिया, उस ने. यहाँ तक की गाण्ड का छेद भी खूब चाटा. लाल कर दी चूत और गाण्ड चाट कर उस ने.
फिर बोला – मैडम तेल या क्रीम देना मुझे. मैंने उसे तेल की शीशी दे दी.
उस ने तेल मेरे बूब्स पर और पूरे बदन पर लगाया.
फिर मेरी गाण्ड पर दो उंगलियों से अंदर तक डाला और गाण्ड थोड़ी ढीली कर दी.
अब और देर ना करते हुए उस ने मेरी टाँगे उठाईं कंधे पर और पेल दिया पूरा का पूरा ही अंदर.
10 मिनिट्स में, मैं झड़ गई.
फ़चा फॅक होने लगी थी मेरी चूत में.
अब उस ने कहा की घोड़ी बन जाओ. मैं घोड़ी बन गई.
उस ने धीरे से अपने लण्ड को मेरी गाण्ड पर रखा जो की मेरे पानी से लूब्रिकेट था.
वो धीरे धीरे घुसेड़ने लगा.
मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था पर सहन कर गई.
पाँच मिनिट्स में पूरा अंदर थोक दिया.
फिर तो दे धना धन ठोकने लगा और 20 मिनिट्स में झड़ गया, मेरी गाण्ड में ही.
बहुत मज़ा आया मैडम जी. आप जैसा बदन किसी का नहीं देखा मैंने आज तक. कोई 10 से भी ज्यादा को चोद चुका हूँ मैं. उसके बाद उस से नहीं मिली ना तो समान ही लिया. कई बार देखता था मुझे लेकिन मैंने कोई लिफ्ट नहीं दी उसे जैसे कभी कुछ हुया ही ना हो.
हम ने फिर वहाँ से शिफ्ट भी कर लिया था दूसरी जगह जहाँ से ऑफीस नज़दीक पड़ता है.
भाभी यह घटना मैंने किसी से भी नहीं बताई है. नहीं तो मुश्किल हो जाती.
जय सहन नहीं कर पता यह सब. चालू तो जय भी कम नहीं लेकिन इस बात को वो कभी भी सहन नहीं करता की मैंने सब्जी वाले से चुद गई.
वो यह सोचता की शायद में इस के जाने बाद घर पर चुदाई का यह खैल इन बेकार के लोगों के साथ खेलती रहती हूँ.
ठीक कहा, तूने छोटी और यही सही भी है. औरतों को कई बातें छुपाने पड़ती हैं अपने पति से और अपनी सेफ्टी के लिए यह ज़रूरी भी है.
मैंने उसे कुछ पैसे दिए और बोला की अब यहाँ नज़र ना आए.
मुझे तो एक अनोखा अनुभव हुआ था और बहुत मज़ा भी आया था.
बस फिर उस से कोई मुलाकात तक नहीं की. दूर दूर ही रही.
बॉम्बे में यह सब्जी, भाजी बैचने वाले बहुत औरतों को चोदते हैं.
कई इन में से ख़तरे से खाली नहीं होते सो जो फँस गई चुद गई इन से. ब्लॅकमेल तक करते हैं, यह लोग औरतों को.
बातों बातों में भाभी बोली – भूल जा इस बात को जैसे कुछ हुआ ही नहीं. कौन सी तेरी सील भंग कर दी उस ने. बहती नदी में किसी ने हाथ धो लिया तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता. ऐसा होता है कभी कभी जो हम ने कभी ना सोचा हो. चल अब लंबे लण्ड को भूल जा, सो जातें हैं अब चूत में उंगली ले कर. वैसे भी तेरी बातें सुन कर मेरी भी चिप चिप करने लग पड़ी है. क्या अच्छा होता अगर तेरा भाई या भीमा यहाँ होता तो एक ट्रिप लगवा लेती. ठंड पड़ जाती और आराम से नींद आ जाती.
छुटकी हंसते हुए भाभी को बोली की आप भी ऐसी बातें करती हैं पूछो मत.
प्रोफेसर है ना इस लिए बिस्तर से बातें करती हूँ. बाकी बातें कल करेंगे. तब तक मोटे लंबे लण्ड के सपने ले. तेरे भाई दो दिनों बाद ही आएँगे, सो फिर भी चुदाई का ख्याल हो तो बता दे.
भाभी का बच्चा उन की मां के पास रहता था और वहीं पढ़ने भी डाला था. सो भाभी के पास अकेले काफ़ी टाइम रहता था.
रात के खाने के बाद 9 बजने को थे हम दोनों ही नाइट ड्रेस यानी मैक्सी में थीं और सोने की तैयारी में थीं.
मैं अपने बेड पर लेटी हुई थी.
भाभी ने टी वी धीमी आवाज़ में चला रखा था और न्यूज़ आ रही थी.
मेरा ध्यान उन में था.
भाभी बोली – बाथरूम से होकर आती हूँ तो देख टीवी.
10 मिनट के बाद भाभी आ गई और कुछ किचन में रखा.
फिर आ कर अपने बेड पर लेट गई.
आने से पहले भाभी ने चुप चाप भीमा को अंदर ले कर साइड रूम में भेज दिया और कहा की जब मैं कहूँ आना और चुप रहना.
ठीक है भाभी जी. – भीमा ने जवाब दिया..
भाभी बोली – छोटी और बता किसी और ने नहीं चोदा तेरे को. यार तू चीज़ ही ऐसी है की तेरी गाण्ड को दखते ही किसी का भी लोडा उछाल भरने लगे.
छोटी बोली – भाभी, गाण्ड तो आप की भी कोई कम नहीं है जब आप चलती है ना तो एक मस्त घोड़ी की तरह हिलती चलती हैं. गाण्ड की फाँकें अलग अलग हिलती हैं. आदमी तो क्या गधा भी अपना लण्ड खड़ा कर के पीछे भागे. आप बहुत सुंदर हैं भाभी, लगता है की आप को हर रात लण्ड चाहिए चूत में. भैया के बस की बात नहीं है अब. अब तो आप को आप का प्यारा भीमा ही ठंडा कर सकता है या फिर कोई पठान जिस का लण्ड 12 इंच का हो.
भाभी बड़े ज़ोर से हँसी और बोली – छोटी बात तो सही है, भीमा का लण्ड लेने के बाद आप के भाई का तो अब लुल्ली जैसा ही लगता है. चोदने में वो भी कम नहीं हैं, जब चोदते हैं ना तो दिल भर के ठोकते हैं.
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