RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
कभी कभी याद आता है लेकिन अब तो भीमा का लण्ड सब कुछ भुला चुका है.
छुटकी तेरी चूत तो अब पूरा पानी छोड़ रही होगी, क्यों ठीक है की नहीं.
हाँ भाभी आप की यह दास्तान सुन कर किसी की भी चूत पानी छोड़ देगी मेरी ही नहीं.
भाभी बोली – कहो तो बूलौऊन भीमा को अभी का अभी खोल देगा तेरी चूत के सुराख को. खुला सांड है जब चाहो ठुकवा लो. तेरे भाई घर पर नहीं हैं इस लिए कह रही हूँ. अगर चुदाई करवानी है तो बोल.
छोटी कुछ नहीं बोली तो भाभी कुछ समझ सी गई की छोटी का शायद मन है लण्ड लेने का.
भाभी धीरे से साइड रूम में गई और भीमा को टेलिफोन कर बुला लिया और कहा की छोटी भी आई है, उसे पता ना चले. मैं पीछे के दरवाजे से तुझे अंदर ले आउंगी चुपके से. तू एक पतली सीटी बजा देना बस.
छोटी को मालूम नहीं पड़ा क्योंकि वो किचन में थी खाना तैयार कर रहीं थी.
लेकिन छोटी ने दिल में सोचा की पिछले तीन दिन पहले भीमा ने उस की चूत ढीली कर दी चोद चोद कर इतनी बुरी तरह से चोदा है हरामी ने. लेकिन फिर भी दिल नहीं भरा चुदाई से.
यह तो भाभी की कहानी पता करनी थी, मुझे की भीमा ने खूब चोदा है भाभी को की बंडल ही मार रहा था.
छोटी बोली – लेकिन मज़ा आ गया बातों का भाभी. ऐसे लग रहा था की सुंदरम का काला लण्ड मेरी चूत में ही जा रहा हो.
दोनों ज़ोर से हंस पड़ी.
अच्छा तो काले लण्ड की शौकीन हो तुम. बॉम्बे में नहीं मिला कोई क्या अब तक. – भाभी ने पूछा..
शौकीन तो नहीं पर एक बात है की काले आदमी का लण्ड तगड़ा, मोटा और लम्बा ही रहता है अक्सर. यह मैंने ब्लू फ़िल्मो में देखा है की कुछ काले लोगो का तो घोड़े से भी बड़ा होता है. ब्लू फ़िल्मो में तो औरतें पूरा ले लातीं हैं अपने भोसडे में. पता नहीं इतना बड़ा कैसे लेती हैं और उन कालों में बहुत ताक़त भी होती है. असली काले घोड़े की तरह ही धक्का मारते हैं. – मैने कहा.
भाभी – अरे छुटकी जब लेना होगा ना तब सोचना.. अभी से ही तेरी फटी जा रही जैसे तेरे सामने वो लण्ड पकड़ के खड़ा हो. चल खाना खा लेते हैं और फिर बाकी बातें होती रहेंगी.
8 बजने को थे और हम अपने बेड रूम में जाने को तैयार थी.
मैंने भाभी को बोला की मुझे कोई मैक्सी दे दो रात के लिए.
भाभी ने मज़ाक में कहा की उस की क्या ज़रूरत है नंगी ही सो जाओ. रात ही तो है. यहाँ कौन आने वाला है की आते ही ऊपर चढ़ जायगा. यह गाय और सांड की चुदाई थोड़े ही है की आते ही ऊपर चढ़ गया और घुसेड दिया. 25 इंच का लंबा रोड चूत में.
फिर भाभी ने कहा की बेफ़िककर रह, छोटी अगर कोई आता भी है तो मैं हूँ ना अपने ऊपर चढ़ा लूँगी तू देखते रहना कैसे लेती हूँ उसका.
भाभी ने एक खुली सी मैक्सी दे दी और आप भी पहन ली.
भाभी ने छोटी को नहीं बताया की भीमा आ रहा है 9 बजे के बाद.
सो वो दोनों ही फ्री हो कर अपने अपने बिस्तरे पर आ गयीं और बातें करने लगीं.
भाभी ने छोटी से पूछा की छोटी जय के इलावा किसी और का लण्ड भी अपनी चूत में लिया या उस से ही काम चला रही हो.
छोटी – भाभी क्या बताऊँ, यह अंदर की बात है जो अब तक किसी से भी शेयर नहीं की है मैंने. जय भी कभी बाहर जाता रहता है टूर पर. एक बार वो 5 दिनों के लिए बॉम्बे से बाहर गये थे और मैं अकेले ही थी घर पर. हुआ ऐसे की हमारे बिल्डिंग के आस पास सब्जी और फल फ्रूट्स वाले आवाज़ लगते रहते हैं, उन का समान बेचने के लिए. मुझे सब्जी और फ्रूट्स लाना था सो मैंने उसे आवाज़ दी की ऊपर सब्जी और केले बगैरा ले के आ जाए. हमारी बिल्डिंग में बहुत फ्लैट है. 20 मंज़िल बिल्डिंग है. किसी को किसी से कुछ लाना देना नहीं. लिफ्ट्स हैं उन में ही आते जाते हैं. सब्जी बेचने वाले का नाम अब्दुल था, जिस से ज़्यादातर हम सब्जी लाते थे. अच्छी और ताजी सब्जी रखता था वो. थोड़ी देर में वो सब्जी लेकर ऊपर आ गया. तीसरी मंज़िल पर है हमारा फ्लैट. दो बेड रूम किचन, हॉल और बाथरूम है. वो सब्जी ले कर आया और बोला – मैडम यह है सब्जी और फ्रूट्स. जो चाहिए ले लो.
मैंने कहा की ठीक सी दे दो. केले छोटे और बहुत बड़े दोनों ही थे.
सो मैंने कहा – केले कौन से अच्छे हैं..
तो वो फट से बोला की मेडम बड़े वाले सही हैं, बड़ा केला खाने में जो मज़ा है वो छोटे में नहीं.
और बैगान कैसे दिए. छोटे नहीं है हैं क्या. – मैने पूछा.
वो बोला – मैडम, आज कल यह काले और लंबे वाले ही ज्यादा चल रहे हैं.
मैंने कहा की तुम्हारे पास सब बड़े और लंबे ही हैं छोटे कुछ भी नहीं.
वो बोला – मेडम छोटे गोल हैं लेकिन अच्छे नहीं होते.
मैं अक्सर उस से ही सब्जी लाती थी और वो कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था.
मैंने कहा – यह अच्छा नहीं, वो अच्छा नहीं, यह छोटा, यह लंबा क्या कहते रहते हो.
तो वो बोला की मैडम, आप मेरे से ही लेती हैं ना इस लिए बता रहा हूँ.
लेकिन वो सब कुछ फ्रेश रखता था उस के पास.
मैंने कहा – चलो डालो बड़े वाले ही सही.
कितना डालूं, मैडम जी. – उसने पूछा
आधी दर्ज़न केले और आधा किलो बेगन. – मैने बताया
वो – बस मैडम इतने ही, और ले लो.
नहीं. – मैंने कहा – यह काफ़ी लंबे हैं. काम चल जायगा.
वो बोला – अच्छा यहाँ तो सब को यह लंबे वाले बहुत पसंद हैं और हर रोज लेते भी हैं.
उस की उम्र कोई 35 साल की होगी. पतला बदन और लंबा कोई 6 फुट था. वो पतली टी शर्ट और लूँगी पहने हुए था.
मैं ज्यादातार घर मैं मैक्सी ही पहनती हूँ और कुछ नहीं.
दिन के कोई 11 का टाइम था.
मैक्सी पतली सी थी.
मैं नहा कर आई ही थी और दिन का खाना बनाना था इसलिए सोचा सब्जी ले लूँ.
मेरे शरीर के अंग थोड़े से दिखाई दे रही थे.
फिर मैंने सब्जी और फ्रूट्स लिए और अंदर रखने चली गई.
यह भी पीछे आ गया किचन में बोला की पानी पीना है.
क्या कहती.
मैंने सोचा की हर रोज तो इन लोगों से सब्जी लेते हैं तो कोई बात नहीं.
लेकिन मैंने देखा की वो मेरी तरफ देख रहा है और मैंने अब्ज़र्व किया की उस की लूँगी में उस का लंबा लण्ड तन गया है देखने से लग रहा था की काफ़ी बड़ा है.
अब वो भी क्या करे डंडा तो उठ गया है.
मैंने पानी दिया और कहा की पैसे लाती हूँ.
जैसे ही मैं अंदर से पैसे ले कर आई उस ने अपना लण्ड लूँगी से बाहर निकल रखा था. कोई 11 इंच लंबा था लेकिन मोटा थोड़ा कम था.
मेरे होश उड़ गये. क्या करूँ लगता है फँस गई इस के चक्कर में.
मैंने कहा की यह क्या मज़ाक है बाहर निकल.
वो बोला – मैडम, क्या करूँ. कैसे जाऊं बाहर मैं. जब तक यह बैठ नहीं जाता मैं बाहर नहीं जा सकता. मैं ऐसे करता हूँ की मूठ मार लेता हूँ यहाँ पर फिर बैठ जायगा.
मेरे को पसीना आ गया की क्या करूँ. ज़ोर से शोर मचाया तो कोई और ना सुन ले.
इसी सोच में थी की उस ने अपनी लूँगी नीचे रख दी खोल कर.
मैंने इतना लम्बा लण्ड आज तक नहीं देखा था.
वो उधर ही हाथ में ले कर थूक लगा कर आगे पीछे करने लग पड़ा.
मैंने कहा की रुक भाईं क्या कर रहा है तू.
तो वो गुस्से से बोला की और क्या करूँ. तेरी गाण्ड में डालूं क्या.
मुझे उस से यह उमीद नहीं थी.
मुझे पता था की यह लोग खतरनाक होते हैं. कुछ भी करने से नहीं डरते. झट से मेरे पास आया और फुर्ती से मेरी मैक्सी में हाथ डाल दिया और दूसरे हाथ से फाटक से चूत में अंगुली घुसेड दी.
नीचे से नंगी हो, इस का मतलब लण्ड को तैयार हैं, आप बोल कर उसने मेरी मैक्सी ऊपर कर दी.
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