RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
सर्वेंट रूम का एक दरवाजा हमारे किचन के साइड से अंदर को खुलता था और एक बाहर से, अलग से खुलता था…
रात को, भीम आ गया था..
थोड़ा काम कर के, वो सोने चला गया अपने रूम में..
मैं अपने रूम में चली गई और मैक्सी पहन ली..
नींद नहीं आ रही थी तो सोचा चाय पी लेती हूँ..
उठी और किचन में चली गई, देखा की भीम किचन में था और चाय बना रहा था..
वो सिर्फ़ लूँगी में ही था और कोई कपड़ा नहीं पहना था, उसने..
उसे क्या पता था की में आ जाउंगी, आधी रात को किचन में और मुझे भी क्या पता था की वो इस समय, किचन में आया होगा.
मैं डर गई पर संभल गई और भीम सिंह से कहा की बो एक कप चाय मुझे भी बना दे…
मैं किचन में ही खड़ी रही, इसी दौरान भीम सिंह ने मेरी तरफ देखा और देखते ही रह गया..
मेरे पतले कपड़ों में, मेरा सब कुछ दिखाई दे रहा था.
यानी, बड़े बूब्स.. गोल गाण्ड और चूत तक…
मैंने देखा की भीम का 10 इंच लण्ड, उस की लूँगी में तना हुआ है और टोपा बाहर दिखाई दे रहा है.
मेरी तो हालत, देखने वाली थी..
मैंने पहले भी यह भाँपा था की भीम सिंह, मेरी तरफ चोर आँखों से देखता रहता था कभी कभी..
साहब थे तो मैं बेफ़िकर थी लेकिन आज तो मैं फँस गई थी..
एक तो मैं पारदर्शी मैक्सी में थी, दूसरे नीचे कुछ नहीं पहना था..
मुझे तेरे साब पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उस वक्त.. वो हमेशा घर में पहनने के लिए, ऐसे ही कपड़े लाते थे..
खैर, ग़लती उनकी भी नहीं थी उन्हें क्या पता था की कभी ऐसा होगा.
इधर, चाय बन गई थी.
वो कुछ नहीं बोला और चाय का कप, मुझे थमा दिया.
मैं ड्रॉयिंग रूम में बैठ गई चाय पीने और भीम भी, मेरे सामने बैठ गया.
अपना लण्ड, “खड़ा” किए हुए..
मैं उसे क्या कहती… ग़लती भी मेरी थी… एक तो अकेली होने पर बुलाया भी मैंने था, दूसरे कपड़े भी ऐसे…
उसे तो पक्का ये ही लग रहा होगा की मैं ही, उससे चुदवाना चाहती हूँ..
मैंने चाय पी और जैसे ही उठी, भीम सिंह ने पीछे से मैक्सी ऊपर कर के अपना लंबा लोडा, मेरी गाण्ड पर टीका दिया पर फिर भी बोला कुछ नहीं..
मेरी तो हालत, पतली पड़ गई..
इस के सांड जैसे, लंबे और मोटे लण्ड को देख कर.
मैं तब जवान तो थी ही सो वो बेकाबू सांड की तरह, पीछे से अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रगड़ने लगा और मुझे चूमने लगा, पागलों की तरहा..
मैंने कहा की क्या कर रहे हो… बंद करो, यह सब… मैं तुम्हारी शिकायत कर दूँगी…
फिर भी वो कुछ नहीं बोला और पागलो की तरह, चूमता चाटता रहा…
मैं तो बहुत, गरम हो गई थी.
तेरे साब के सिवा, पहली बार किसी “गैर मर्द” ने मुझे छुआ था..
10 मिनट तक, यह सब चलता रहा..
फिर वो मुझे अपने हाथों में उठा कर, मेरे बेड रूम में ले आया और बेड पर पटक दिया..
अब तक वो मुँह से बोला, कुछ नहीं..
उस की चुप्पी से, मैं डर सी गई थी, अंदर ही अंदर..
फिर उस ने मेरी मैक्सी खोल दी और खुद भी नंगा हो गया..
देखने वाला, सीन था.
लण्ड, एक दम सीधा खड़ा तना हुआ एक बाँस का मोटा डंडा लग रहा था..
उस ने धीरे से, मेरी टाँगें चौड़ी की और अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया..
जानवरों की जैसे, चाटने लगा..
मेरी चूत, पानी पानी हो गई..
पहली बार, मेरी चूत से “मूत” निकल गई और वो हरामी, पूरी पी गया..
तब तक साहब, चूत कभी नहीं चाटते थे.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर भी मैंने कहा – भीम सिंह, अब बस करो…
मूत निकलने से, मैं थोड़ा शर्मा सी गई थी..
फिर भी उस ने 2 मिनट और चाटी और फिर, अपने लण्ड को मेरे मुँह में डालने लगा..
मैंने कहा की नहीं…
पर बिना कुछ बोले ही, उसने अपना आधा लण्ड मेरे मुँह के अंदर कर दिया और लगा, अंदर बाहर करने..
मैंने 10 मिनट तक चूसा, उस का लण्ड..
अब उस ने ढेर सारा थूक, अपने लंबे लण्ड पर लगाया और ढेर सारा मेरी चूत पर लगाया.
फिर लगा अपने लण्ड को रगड़ने, मेरी खुली हुई चूत की फांकों पर और फिर एक भयंकर झटके के साथ, पूरा जड़ तक अंदर घुसेड दिया..
पूरा का पूरा लण्ड, मेरी चूत में अंदर चला गया..
मेरी तो चीख निकल गई..
फाड़ दी तूने मेरी चूत, गधे… – मैंने कहा..
लेकिन क्या करती.. उस पर तो चोदने का भूत सवार था.
मुँह बंद कर के पड़ी रही और धक्के सहती रही… तकरीबन 30 मिनिट तक बिना रुके, उस ने मुझे पूरी ताक़त लगा कर चोदा..
चूत से आवाज़ें आ रही थी “फ़चा फॅक” की.
दो बार झड़ चुकी थी, मैं और मेरी चूत बिल्कुल ढीली पड़ गई थी..
मेरी चूत की धज़ियाँ उड़ा दीं उस ने और पूरा का पूरा बीज़, मेरी चूत में ही भर दिया.
कोई 100 ग्राम होगा..
बहुत गरम लगा था, मुझे..
मैंने कहा – यह क्या मेरी चूत भर दी तू ने अपने बीज़ से… अगर गड़बड़ हो गई तो में फँस जाउंगी…
लास्ट में, जब उस का निकाला तब उस की आवाज़ निकली..
तब जा के वो बोला की भाभी, क्या साहब नहीं चोदते हैं आप को… उन का लोडा क्या छोटा है, जो मज़ा नहीं देता और अपना पानी चूत में नहीं डालते क्या…
मैंने कहा – साब, तो जब घर पर रहते हैं मेरी चूत में ही घुसे रहते हैं… अंदर भी डालते हैं पर इतना नहीं जितनी तूने भर दी है मेरी चूत… तू ने तो फाड़ दी मेरी चूत सांड़ की तरह अपने मोटे और लंबे लण्ड से…
ओह !! बड़ा मज़ा आ रहा है, मुझे भाभी.
मैंने कहा – अब तक तेरी आवाज़ कहाँ थी, बहन चोद. तूने तो मेरी बुरी हालत कर दी.
तो वो बोला – भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती है. मैंने सोचा जो होगा देखेंगें पर पहले आप की चूत को फाड़ कर भोसड़ा बना लूँ.
मैं कहा – भीम सिंह तेरा तो इतना बड़ा है की नॉर्मल औरत नहीं ले पाएगी इस सांड जैसे लंबे लण्ड को.
वो बोला – भाभी जब आप की चूत पूरा ले गई तो और भी ले लेगें. जब से इस घर में काम कर रहा हूँ, आप की गाण्ड देख कर मेरी बुरी हालत हो जाती थी. आप एक मस्त घोड़ी की तरह चलती हैं और जब चलतीं हैं तो गाण्ड की फकें अलग अलग हिलती हैं. जैसे इन में एक मोटा लण्ड ले रखा है. पूरी रात आप के ही सपने देखता हूँ. अब सपने पूरा हो गये. आप की मर्ज़ी है चुदना हो मेरे से तो कह देना मैं हाज़िर रहूँगा. साहब से तो आप कह नहीं सकेंगी इस लिए जितना चाहो चुदवा लो. मेरा लण्ड हाज़िर है आप की चूत और गाण्ड की सेवा में.
भीम सिंह ने 10 दिनों तक मुझे तीन तीन बार चोदा अपने मूसल जैसे लण्ड से और खूब चूत चाटी मेरी. चौड़ी कर दी उस ने अंदर तक.
पूरी रात लण्ड चूत के अंदर ही डाल कर सोता था.
बड़ा मज़ा आया इस सांड की चुदाई से. चूत का भोसड़ा बना दिया था. पूरा माल चूत में ही डालता था और उस का नतीजा तेरा बड़ा भाई है.
वो उस का ही बीज़ है.
भीमा बोला – मां आप तो अब भी बहुत सुंदर हैं.
माँ बोली – यह सुंदरता ही तो मेरी दुश्मन बन गई थी, जो भी देखता सीधा चोदने की ही सोचता. कई बार बची मैं दूसरों से चुदने से. जब भी इधर उधर जाते थे तो भी कोई ना कोई पीछे पड़ा ही रहता था. खैर, छोड़ो पुरानी बातें अब तू है ना. बस काम चल जायगा. अब चुदाई का मन तो होता ही है और तेरा है भी खूब बड़ा साइज़ का फिट बैठता है.
यह बात भीमा ने बीबी जी यानी छोटी को सुनाई उन दो रातों में जब छोटी ने जय के जाने बाद भीमा के साथ गुज़रीं थी.
छोटी ने जब यह सुना की भीमा ने तो मां को भी नहीं छोड़ा तो छोटी को बहुत गुस्सा आया भीमा पर. पर इस में भीमा की क्या ग़लती है यह तो मां को सोचना चाहिया था की भीमा से चुदवा लूँ की नहीं.
अगर चुद गई है तो अब मज़ा लेने दो मां को.. वो भी तो एक औरत है. उस की चूत भी चौड़ी होने दो.
भीमा है ना एक खुला पालतू सांड़.
सब को चोदेगा यह सांड़. जैसे किसी गाँव में पालतू सांड काई गाय में घुसेड़ता है अपने मोटे लण्ड को.
भीमा से यह बातें सुमन ने सुनी और फिर भीमा को कहा की मैं भी जाने वाली हूँ, भीमा 10 दिनों में. अब जब में बुलाऊं तब ही आना मेरे पास. समझे ना तुम.
वो बोला – ठीक है बीबी जी.
मैं सोचती रही जो हुया ठीक हुया की ग़लत, यह बॉम्बे जाने पर ही फ़ैसला लूँगी जय के साथ बैठ कर.
इस के बाद में बड़ी दीदी के पास फिर गई और खूब बातें की.
बड़ी दीदी ने कहा की तूने भीमा के साथ बहुत मज़ा लिया छोटी. कहीं कुछ हुया तो नहीं.
मैंने कहा की जो होना था हो गया है दीदी. उस सांड ने भर दी है मेरी चूत अपने बीज़ से.
तो फिर क्या करोगी. – उन्होने पूछा..
मैंने कहा की वापस जाने के बाद देखती हूँ.
बड़ी दीदी बोली की बड़ा तगड़ा है, साला एक ही पिचकारी से भर देता है चूत को.
मैं हंस पड़ी और बोली की बहुत चोदा उस ने मुझे दीदी और खूब माल डाला मेरे अंदर.
दीदी बोली – रख ले और कर ले पैदा इस के बीज़ से. अच्छा ही होगा.
चलो देखते हैं दीदी. बता दूँगी बाद में. लेकिन दीदी आप भी तो बहुत चुदी इस घोड़े से ना. – मैने कहा
दीदी – छुटकी इस का लण्ड इतना मज़ा देता है की पूछ मत. फिर मैने सोचा क्यों ना इस के बीज़ का ही इस्तेमाल क्या जाई. फिर क्या था खूब चुदी भीमा से मैं. दिल भर कर पूरी पूरी रात चुदाई करते थे हम. अब तो एक महीने मैं बच्चा पैदा होना है. बताउंगी तुझे कैसा है.
जीजा को पता है क्या. – मैने पूछा
वो बोली – नहीं, पर उन दिनों मैंने तुम्हारे जीजा से भी खूब चुदाई करवाई सो उसे पता ना चले की भीमा का बीज़ अंदर ले लिया है मैंने. जब बच्चा ठहरा तो बो बहुत खुश हुए. बस अब कुछ ही दिनों की बात है.
मैंने अपने दिल में सोचा सब ठीक है जो हुआ सो हुआ.
कम से कम चूत में बीज़ तो अच्छे तगड़े सांड का डलवाया, जैसे गाँव में गाय, भैंस को मोटे तगड़े सांड या फिर भैंसे से चुड़वते हैं ताकि हट्टा कटा बच्चा पैदा हो और एक ही बार में रह जाए. बस इसी तरह.
दूसरे दिन, मैं भाभी से मिलने गई और पूछा – कैसे हो भाभी.
तो वो बोलीं – सब ठीक है उस को दूसरा महीना था.
मैं – भाई कैसे हैं.
भाभी – वो भी ठीक हैं बाहर काम पर हैं.
उस रात मैं भाभी के ही घर रही.
भाभी भी सुंदर हैं और अब तो मोटे मोटे मम्मे और भारी चूतड़ हो गये हैं. चलती हैं तो ऐसे जैसे चूत में मोटा लण्ड ले रखा हो.
मैंने पूछा – भाभी काफ़ी मोटी हो गई हो.
तो हंसते हुए बोली की बच्चा है ना पेट के अंदर इस लिए लग रहा होगा.
अच्छा यह कब हो गया भाभी. लगता है कहीं पर ज्यादा मज़ा तो नहीं ले रहीं हैं आप.
इस पर वो बोली – खूब मज़ा ले लिया. दिल भर के चुदाई करवा ली और अब भी चल रही है कभी कभी.
फिर वो बोली – तेरे भाई तो अब इतनी ठुकाई नहीं कर पाते. लेकिन जब भी करते हैं दिल भर के चोदते हैं. लण्ड भी तगड़ा है उन का. लेकिन अब इस घोड़े की रफ़्तार धीमी हो गई है.
हम दोनों ही बहुत हंसने लगी इस बात पर.
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