RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
मैंने भी अपनी हसरत पूरी की और उसके मुँह के उपर बैठ कर, उसके मुँह के अंदर अपनी धार छोड़ी..
साला शरबत की तरह, मेरी मूत पी गया..
फिर सुबह, भीमा बोला – बीबी जी लगता है, बड़ी दीदी की तरह आप भी मेरे बीज़ से ही बच्चा पैदा करने की सोच रहीं हैं…
मैं बोली – देखेंगें, वो तो… भीमा, तूने तो चूत भर दी है… देसी सांड की तरह, तेरा पानी बड़ा घड़ा है… इस से पैदा हुआ बच्चा, बहुत काला और तगड़ा होगा… अब तूने मेरी चूत खूब भर दी, चोद चोद कर और तेरा बीज़ अंदर चला तो गया है… ये तो पक्का है की रुकेगा… लेकिन, भीमा जो भी हो, किसी को इस बात का पता ना चले… तूने हमारे परिवार में अपना बीज़ डाल दिया है… बड़ी दीदी में भी तेरा ही बीज है… अब मेरी चूत में भी भर दिया पर मुझे देखना होगा, बॉम्बे जा कर की जय क्या चाहते हैं… चल ये सब बाद की बात है… ये बता, बड़ी भाभी की क्या हालत है…
भीमा बोला – बीबी जी, भाभी की बात क्या कहने… बहुत मस्त हैं… बहुत चौड़ी होकर चुदवाती हैं… वो भी आज कल, मेरा पूरा बीज़ अंदर ले जाती हैं… कहती हैं की भर दे अपने मूठ से, मेरी चूत को…
सुमन बोली – तू भाभी का सांड जो ठहरा और भाभी, तेरी “गोरी गाय”… लगता है, तूने अपना बीज़ उस की चौड़ी चूत में भर ही दिया है…
वो बोला – हाँ, बीबी जी… मेरा लण्ड जब पानी छोड़ता है तो भाभी एक दम से टाँगें उठा कर, पूरा अंदर घुसेड लेती हैं… मेरी गाण्ड को ज़ोर से दबा लेती हैं… बहुत देर तक, नहीं छोड़ती…
वाह रे, भीमा… पूरा परिवार, तेरे बीज़ के बच्चे पैदा करेगा, लगता है… अब तू हमारे परिवार का “पालतू सांड” हो गया है… अब तो जब चाहे, जिसे चाहे चोद सकता है… – मैं हंसते हुए, बोली..
अब ये बता, कोई नयी बात हुई तेरे साथ क्या… कोई और फँसी की नहीं… – इसके बाद मैंने पूछा..
वो बोला – बीबी जी बहुत बड़ी घटना हुई थी, मेरे साथ… मुझे शर्म आती है बताने में… सोचता हूँ, आपको बताना भी चाहिए की नहीं…
सुमन – मादार चोद… अब भी शरमाता है तू… पूरा परिवार को चोद कर बैठ गया है… बता, क्या हुया था… मैं भी सुनू तो…
सो, वो बोला की कोई 6 महीने पहले, मैं कुकी को चोद रहा था… रात के 9 बजे होंगे और बारिश, बहुत ही जोरों से हो रही थी… मेरे कमरे में, धीमी लाइट थी… हम बे फिक्र चुदाई में मगन थे… मां जी को कुकी की ज़रूरत पड़ी, किसी काम को ले कर… तो वो हमारे कमरे की तरफ आ गयीं और पता नहीं, कब तक हमारी चुदाई देखती रहीं… जब उन से रहा नही गया तो सीधे अंदर आ गयीं… हम अपने दरवाजा कभी लॉक नहीं करते हैं… कुछ होने का सवाल ही नही उठता क्यूंकी आप तो जानती हो, मां जी तो कितनी जल्दी सो जाती हैं… ना जाने, उस दिन क्या वजह थी… खैर, जो भी हो माँ बहुत ही गुस्से में थी और पूरी की पूरी भीग गयीं थी… मैंने देखा की उन की साँसे भी तेज़ चल रहीं है, मुँह लाल हो रहा है… शायद, गुस्से के कारण… लेकिन उन की सलवार कमीज़, एक दम से गीली और शरीर से चिपक गी थी…
कुछ देर, खामोश रहने के बाद वो बोली – तुम दोनों, मेरे कमरे में आओ…
बहुत ही गुस्से में थीं, वो..
हम डर गये थे की अब क्या होगा, हमारा..
मैं तो सोच रहा था की अब ना जाने कहीं और काम मिलेगा की नहीं.. जिंदगी का गुज़ारा, कैसे होगा..
खैर, हम डरते डरते मां के कमरे में चले गये..
मां ने सीधा पूछा – क्या कर रहे थे, तुम लोग…
हम चुप रहे..
तो उन्होने दुबारा, ज़ोर से पूछा – सुना नहीं, बताओ…
कुकी बोली – मां जी, प्यार कर रहे थे..
मां बोली – प्यार की, मां का भोसड़ा… ये बता कुकी, भीमा तुझे कब से चोद रहा है…
कुकी बोली – लगभग 5, 6 महीनो से, मां जी…
हूँ… – मां बोली – कुकी, साली छीनाल की चुदि… तेरी चूत में लगता है ज्यादा ही खुजली रहती है… तभी मैं देख रही थी की तेरी गाण्ड, मोटी होती जा रही और तू चुद चुद कर निखर गई है… मर्द तो तेरा, है नहीं… मैं भी सोच में थी… रंडी साली, तू विधवा है पता है ना तुझे, बहन की लौड़ी… भीमा का क्या इसे तो चूत चाहिए सो मिल गई… और तू चौड़ी हो कर, इतना लंबा मोटा लण्ड घचा घच ले रही है… तुम दोनों को, मैं इस घर से बाहर फैंक दूँगी… मुझे नहीं चाहिए, ऐसे मादार चोद नौकर…
हम बहुत डर गये थे सो रोते हुए, मां के पैरों पर पड़ गये और माफी माँगने लगे.
मां बोली – ठीक है, भीमा… तेरी इतनी ग़लती नहीं… तू तो मर्द है… तुम जाओ, अब… तू छीनाल की जनि, कुकी इधर आ…
मैं चला गया, अपने रूम में.
कुकी ने फिर मुझे बाद में बताया, मां ने कुकी से कहा की मेरे कपड़े उतार दे गीले हैं…
कुकी ने मां की पतली कमीज़ उतार दी और फिर मां ने अपनी सलवार भी उतार दी, कुकी के सामने..
कुकी शर्मा गई, मां को अपने सामने “पूरी नंगी” देख कर..
उसने मुझे बताया की मां, इस उम्र में भी कितनी सुंदर और गठे हुए बदन वाली हैं..
कुकी बोली – मां जी, आप तो अब भी बहुत सुंदर हैं…
चुप रांड़… – मां बोली..
(गाँव में औरतें, काफ़ी शारीरिक मेहनत करती है जिससे अपने आप ही उनका शरीर का व्यायाम होता जाता है.. इससे उनका बदन कसा ही रहता है… मखन, दूध, दही, छाछ, देसी घी जैसे चीज़ें बड़ी मात्रा में खाने से चिकनाई भी खूब रहती है..)
इसी दौरान, मां ने अपनी मैक्सी पहन ली, बिना चड्डी..
कुकी ने गौर किया की मां की चूत, एक दम से साफ़ और एक भी बाल नहीं है और तो और उतेज्ना में “फूली” भी हुई है..
फिर, मां ने पूछा – ये बता छीनाल, तू इतना मोटा और लंबा कैसे अपनी चूत में ले लेती है…
कुकी बोली – मां जी, मेरे से नहीं रहा गया… भरी जवानी में, मर्द छोड़ के चला गया… कुँवारी ही रहती तो शायद चुदने का कभी मन भी नहीं होता पर 10 12 बार चूत को, लंड का स्वाद लगा कर मुझे अकेली छोड़ गया… फिर जब मैंने भीमा का घोड़े जैसा लण्ड देखा था, बस फिर मैंने इसे मना लिया और अब खूब दिल भर के खेल खेला… मां जी, बुरी तरह चोदता है वो मुझे… लेकिन मुझे बहुत मज़ा आता है… मेरी चूत चौड़ी कर दी है इस ने और अब खूब मज़े लेते हैं हम… बहुत ताकतवर है, भीमा का लण्ड मां जी… कम से कम 50 ग्राम पानी निकलता है हर बार, इस के लण्ड से… चोद भी काफ़ी देर लेता है… पति नामुराद तो 5 10 मिनिट में ही निकाल देता था और ये तो, 5 बार मेरी चूत से पानी निकाल देता है…
धीरे धीरे, मां का गुस्सा शांत होता गया..
कुकी ने भी खूब तेल मालिश की मां की उस दिन और मेरे लण्ड का गुणगान किया..
मां बोली – देख, कुकी तू इस से शादी कर ले… अच्छा रहेगा… तुझे मोटा लण्ड भी मिल जायगा और काम वासना भी पूरी हो जाएगी…
कुकी ने देखा की अब तक मां की आँखों में “वासना” आ गई है, इन बातों से..
अब, भीमा बोला – बीबी जी, अब हुआ ऐसे की जैसी ही वो आई मैंने कुकी से सब कुछ पूछ लिया की मां क्या बोलीं..
जब मैं सुन चुका तो मैं बेफ़िकर था.
कुकी बोली – भीमा, मुझे लगता है अब तेरे मज़े हो जाएँगें क्यों की मुझे पूरा भरोसा है अब तुझे जल्द ही मां की चिकनी, गोरी, गुलाबी चूत मारने को मिलेगी..
मैं खुश था..
क्यूंकी ना केवल, मेरा काम धंधा बच गया बल्कि कुक्की के अनुसार सच में हो सकता था की मुझे मां की चूत भी मिल जाए..
मुझे मां शुरू से, बहुत अच्छी लगती थी..
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