RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, मैं आराम से लेट गई थी, तब जय ने कहा – भीमा, ऊपर तक तेल मालिश करो…
यह कहते ही, मैंने कहा – क्या कहते हो… अब रहने दो…
जय बोला – भीमा, इन की मैक्सी ऊपर तक कर दो…
जय ने मेरी मैक्सी, चूतड़ों तक उठा दी..
मैंने बहुत ही, पतली सी चड्डी पहन रखी थी.
उसके उपर उठाते ही, मेरी चूत ने अपनी “धार” छोड़ दी.
कसम से, अपने पति के सामने नंगी होने का मज़ा क्या होता है ये मुझ से अच्छे से कोई नहीं जानता..
जैसे ही, भीमा ने तेल लगाया और मालिश करने लगा मैं तो जैसे आनंद में आ गई.
तभी जय ने कहा – सुमन, सीधी हो कर भी मालिश करवा लो… मैं बाद में करवा लूँगा…
मैं सीधी हो गई और भीमा, मालिश करने लगा..
मैंने देखा की भीमा का 10” लण्ड खड़ा हो गया है.
जय को मैंने इशारा किया की देख लो… अब इस घोड़े का खड़ा हो गया है…
मैंने इंग्लीश में कहा की इसे अपनी गाण्ड में ले लो, बड़ा मज़ा आएगा…
तो जय बोला – पहले तेरी… फिर मैं पक्का… और हम हंस पड़े..
अब जय ने भीमा से कहा की भीमा, बीबी जी कैसी लगती हैं तुझे…
वो बोला – साहब, बहुत अच्छी हैं… सुंदर भी हैं…
अच्छा तो भीमा, एक बात बताओ… अगर, तुझे बीबीजी एक रात को मिल जाएँ तो क्या करोगे…
वो बोला – बीबी जी से पूछूँगा, साब जी…
जय ने मुझे इशारा किया और कहा – भीमा, ज़रा पानी तो लाओ…
जैसे ही भीमा उठा, निक्कर में उस का भारी लण्ड तना हुया था.
जय ने कहा – भीमा, यह क्या हो गया…
वो बोला – साहब, पता नहीं अपने आप ही ऐसा हो गया है…
अच्छा तो अब कैसे बैठेगा, यह तेरा घोड़े जैसा लण्ड… – जय ने पूछा..
वो बोला – साहब, पता नहीं…
जय ने मुझे को इंग्लीश में कहा की चड्डी उतार के आ जाऊं…
मैं तुरंत, चड्डी उतार कर आ गई थी.
जय ने भीमा को कहा की तेल ले कर, बीबी जी की चूत पर लगाओ…
जय बिना टाइम बर्बाद करे, सीधी बात करने लगा था.
इधर, मैंने भीमा को पहले ही बता दिया था इस प्लान के बारे में.
भीमा ने तेल की शीशी, मेरी चूत पर डाली और धीरे से लगाने लगा.
जय का लण्ड, खड़ा हो गया था या कहूँ “नाच” रहा था.
जय ने मुझे से कहा की उतार दे अपने मैक्सी को और उस ने भी उतार दिए अपने कपड़े.
अब जय ने भीमा को कहा की बीबी जी, कैसी लग रही है “नंगी”…
तो वो बोला की बहुत ही सुंदर हैं…
यहाँ अपने पति के सामने नंगी होने से, मेरी चूत में से भबकारे छूट रहे थे.
जय बोले की भीमा, तुम क्या देख रहे हो अब उतार दो अपने कपड़े…
जब भीमा ने अपने कपड़े उतरे तो जय देखता ही रह गया, उस के लण्ड को और बोला – यार, बहुत बड़ा और लंबा है, तेरा भीमा… कहीं गधी को तो नहीं चोदता फिरता है…
इस पर, भीमा हंस पड़ा और बोला – नहीं साहब… बस ऐसे ही, देसी घोड़ियों को ही पेलता हूँ…
भीमा, तू आज़ बीबीजी को चोदेगा… – जय ने सीधे सीधे पूछा..
भीमा, चुप रहा.
जय बोला – देख, मैं क्या करता हूँ…
उस ने मेरी चूत चाटना शुरू किया और फिर चूत में, उंगली डाली तेल लगा कर.
दो चार बार, अंदर बाहर करने के बाद घुसेड दिया अपना लण्ड मेरी चूत में और शायद 3 या 5 धककों में ही झड़ गया, मेरी चूत में ही.
इधर, मेरी चूत ने भी मूत दिया, वहीं पड़े पड़े..
जय बोला – अब तेरी बारी है, अपनी मेम साब को चोदने की…
चलो, अब चढ़ जा इन पर और घुसेड दे, अपना “मोटा, फौलादी लण्ड”… मेरी आँखें के, सामने..
भीमा, वियाग्रा की डोस में तो था ही अपने लण्ड को तेल लगाया और सीधे ही, उस ने मेरी टाँगें कंधे पर रखी और तब भीमा ने एक ही धक्के में पूरा का पूरा लण्ड घुसेड दिया.
मुझ को यह उमीद नहीं थी, उस से..
सोचा था, आराम से डालेगा..
मेरी तो “चीख” निकल गई..
शायद वो भी मेरे पति के सामने, मुझे चोदने के एहसास से पगला गया था.
मैं चिल्ला पड़ी – भीमा, मां के लौड़े… फाड़ दी, तू ने मेरी चूत साले, सांड… तेरी बहन की चूत, मैं भैंस हूँ क्या, जो सांड की तरह घुसेड दिया है… मां चुद जाए तेरी, कुत्ते…
यहाँ विग्रा की वजह से, उस का लण्ड “बंदूक” जैसा हो गया था.
उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा और वो लगा, चोदने जय के सामने और बड़े मज़े से भका भक चोद रहा था, मुझे..
पूरा का पूरा निकालता और दे मारता, सीधा अंदर चूत में.
जय देखता ही रहा और बोला – भीमा, चोद जितना चोदना है तुझे आज… यह मौका फिर नहीं मिलेगा…
भीमा भी बोला – ठीक है, साहब…
मैं तिलमिलती रही और चुदवाती रही.
जय का 3 बार निकल चुका था, मुझे चुदते देख.
एक बार, वो वहीं “मूत” चुका था.
यहाँ मेरा इतना निकला था की मुझ पर बेहोशी छा रही थी.
पूरा मुँह, सुख चुका था.
कोई 20 मिनट में, उस का पानी आने वाला था तो उसने पूछा – कहाँ डालूं बीबी जी…
मैं बोली छोड़ दे फबारे को, मेरी चूत में देसी घोड़े…
उस ने अपना लण्ड चूत की जड़ तक घुसेड़ा और पूरा निकाल दिया, उस में.
फिर अपनी हिम्मत बटोरते हुए, मैं बोली – अगर रह गया तो घोड़ा ही पैदा होगा, जय…
जय बोला – घबरा मत… कल “कच्चा पपीता”, खा लेना…
फिर मैं उठी और बाथरूम में जा के चूत साफ की, मुता और सारा पानी बाहर निकाला.
मैं 9 या 10 बार झड़ चुकी थी, इसी बीच.
जय बोला, ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं देखी थी… किसी भी “पॉर्न या ब्लू फिल्म” से अच्छा है, अपनी बीबी को चुदते देखना…
मैं बोली – अपनी बीबी को कुतिया की तेरह चुद्वा कर मज़ा आया, तुम्हें…
जय, हँसने लगा.
हम तीनों को ही शायद, सबसे ज़्यादा मज़ा आया था..
मैं तो अंदर से बहुत ही खुश थी की रास्ता अब फ्री है जब चाहो, पति के सामने ही चुदवा लो…
चूत खुलने की भी चिंता नहीं..
उस हरामी भीमा ने, मेरी चूत चौड़ी कर दी थी, इतना ज़ोर से चोदा था कुत्ते ने.
हम तीनों ही अब तक नंगे थे और भीमा का लण्ड, अभी भी खड़ा हुआ था.
मैंने जय को कहा – लो अब, क्या करना है… इस का तो खड़ा हुआ है… अब किस की चौड़ी करवानी है, इस से… मेरी हिम्मत नहीं है, अब इस के धक्के झेलने की… याद है ना, अब तुम्हारी बारी…
जय बोला – जानू, कुछ करते हैं… इस में शरमाना क्या है…
जय ने भीमा को बोला – अपने लण्ड को, धो कर आ…
भीमा जैसे ही आया, जय ने उस का लण्ड चूसने शुरू कर दिया..
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