RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
एक दिन, मैंने टाइम पा कर जय को भीमा से मिलाया कहा की यह भीमा है और खेतो में काम करता और करवाता है…
उसे देखते ही, जय बोला – अच्छा तगड़ा है, यह… सांड जैसा ही लगता है… मस्त…
मैंने कहा – सही पहचाना, आप ने…
तब तक, कुकी आ गई.
मैंने कहा – और यह कुकी है… मां को देखती है और घर का काम करती है…
जय बोला की वाह !! क्या जोड़ी है, दोनों की…
मैं हंस दी.
जय को जाने में पाँच दिन बाकी थे और हम देर रात तक, मां के पास बैठे थे.
फिर हम, अपने घर चलने लगे.
मैंने कहा की कुकी को या भीमा को बोलना है की हमारे घर काम कर जाए और समान भी बांधना है, आप का…
जय बोला – ठीक है, बोल दो इन्हें…
हम उन की कमरे की तरफ चले और भीमा का दरवाजा नोक करने ही वाले थे की अंदर से आवाज़ आने लगी.
मैंने साइड की खिड़की से अंदर झाँका तो क्या देखा की कुकी की “चुदाई” हो रही है..
भीमा, कुकी पर सांड की तरह चढ़ा हुआ है..
सोचा रहने दो, चला जाए..
फिर, ख्याल आया की जय को दिखा दूँ.
मैंने जय को हाथ हिला कर बुलाया और मुँह पर, उंगली रख दी.
जय ने जब यह सब देखा तो उस की तो बोलती ही, बंद हो गई.
इतना बड़ा लण्ड तो घोड़े का हो सकता है, वो बोला धीरे से.
और इधर, कुकी आराम से चुदाई करवा रही थी.
थोड़ी देर में, हम चुप से निकल गये अपने घर को.
जय बोला – यार, इस का बहुत बड़ा है… कुकी, कैसे ले रही है इतना मोटा और लंबा, उचक उचक कर…
मैंने कहा की उसे इस की आदत पड़ गई है और बड़े और मोटे लण्ड का मज़ा ले रही है…
घर पहुँचे और सोने चले गये, हम.
बेड पर जय बोला – आज, मैं भी इस घोड़े के जैसे ही चोदूँगा तुझे…
मैं बोली – ठीक है पर इतने लंबा और मोटा लण्ड कहाँ से लाओगे…
मुझे पता था की जय, “वियाग्रा” अपने साथ ही रखता है.
कहता है – पता नहीं, कहाँ लेनी पड़े यह गोली…
उस ने वियाग्रा लिया.. फिर, जय ने मुझे उस रात को दो बार चोदा पूरे जोश में आ कर..
चोदते हुए, बोला – सुमन, अगर इतना मोटा तेरी चूत मैं घुसे तो क्या होगा…
मैंने हंसते हुए कहा की क्या होना है, फट जाएगी…
फिर, मैंने कहा – बहुत लंबा और मोटा है उस का… देखा ना, आप ने… गाण्ड, फाड़ देगा…
जय बोला – यार, बात तो ठीक है… तुझे लेना है इसका तो बोल… मैं भी देख लूँगा, कैसे घुसता है तेरी चूत में यह मोटा डंडा…
मैंने बनावटी गुस्सा करते हुए कहा की आप को शरम नहीं आती… यह कहते हुए… क्या तुम्हारी पत्नी, एक घोड़े जैसे लण्ड वाले के नीचे चौड़ी हो कर चुदाई कराए और और तो और वो भी नौकर से और आप तमाशा देखो की कैसे चोद रहा है…
जय का शुरू से बड़ा मन था, मुझे किसी से चुदवाते देखने का.
वो बोला – अरे, यह तो मेरा कब से मन होता है मेरी जान… बोलो तो कुछ करें हम…
मैंने कहा – नहीं बाबा… मैं नहीं कर पाऊँगी, यह सब इस घोड़े से… बात मत करो इस की, मुझे वो सीन याद आ जेया रहा है… क्या लण्ड है उस का, यार जय…
मैंने हंस कर कहा – क्यूँ, अपनी बीबी को पराए मर्द के लंड का शोक लगाना चाहते हो…
जय बोला – लगता है, तेरा अब मन कर रहा है उस का लण्ड लेने को… यार लेना है तो ले ले ना… मैं कहाँ मना कर रहा हूँ… थोडा मज़ा मुझे भी दे दे…
मैं बोली – ऐसा कुछ नहीं है… वो उस की चीज़ है जैसा चाहे उसे काम लाए… हमे क्या… और वो हमारा नौकर है इस का मतलब यह नहीं की उसे जैसे चाहो इस्तेमाल करो और फिर इज़्ज़त भी कोई चीज़ है ना…
जय बोला – वो सब ठीक है, लेकिन कल बुलाओ तो उसे… कह देना, घर पर काम है…
मैंने कहा – ठीक है, बाबा… मां को कह देंगे, सुबह… ठीक है ना… आगे तुम जानो, तुम्हारा काम जाने…
वो बोला – सुमन, मेरी जान जिंदगी बहुत छोटी है… मज़ा लेना है या ऐसे ही बितानी है… फ़ैसला तुम्हारा है… कल देखते हैं, क्या होगा… बुलाओ तो पहले उसे…
मैंने मां को फ़ोन किया और कहा – ज़रा, भीमा को घर भेज दो… जय को काम है…
भीमा, हमारे घर कोई 6 बजे शाम को आ गया.
मुझे देखा और बोला – बीबी जी बुलाया है, साहब ने… मां बोली…
मैंने उस से चुपके से कहा की चुप चाप रहना और जो जय बोले करते रहना… उसे ज़रा सी भी भनक नहीं होनी चाहिए, हमारे बारे में…
वो बोला – ठीक है…
भीमा, हमेशा की तरह निक्कर में ही था..
गर्मियों के दिन थे सो निक्कर और शर्ट, उस का पुराना ड्रेस है.
मैंने जय को बताया की भीमा आ गया है… क्या काम है, बता दो इसे… कर देगा जल्दी से और इसे जाना भी है…
जय बोला – थोड़ा ठहरो, भाई… बोलो उसे, बैठ जाए… थोड़ी साँस ली…
एक घंटे बाद, जय आया और बोला भीमा – कैसे हो, भाई…
भीमा बोला – ठीक हूँ, साहब…
गुड… गुड… – जय बोला..
फिर, जय बोला – भीमा, ऊपर बेड रूम और दूसरे कमरों की सफ़ाई कर दो और यह कपड़े हैं इन्हें प्रेस कर देना… अगर टाइम ज्यादा हो जायगा तो सुबह चले जाना…
भीमा 9 बजे, रात तक काम करता रहा.
इस बीच, मैंने भीमा को चाय दी और कुछ खाने को दिया.
जय ने कहा की मैं नहा कर आता हूँ, तुम बैठो…
जब जय नाहने गया तो मैंने भीमा से कहा की आज, जय तुम्हे अगर बोलेगा की मुझे चोदना है तो ना मत कर देना, सीधे ही… हंसते रहना और कहना, साहब क्या कह रहें आप… मेडम को ऐसे कैसे कर सकता हूँ मैं… फिर धीरे धीरे से मान जाना… देखो क्या करता है वो… समझे…
भीमा बोला – ठीक है, बीबी जी…
पर अगर वो बोला की गाण्ड मार लो तो मैं ना कर दूँगी, तुझे… वो हम इन के जाने के बाद करेंगे… ठीक है ना…
हाँ बीबीजी… – भीमा बोला..
तब तक, जय नहा कर आ गया और कहा की सुमन, भीमा को नहाने दो और कुछ खाने को दो… यह यहीं रहेगा, आज क्यूंकि कल सुबह भी थोड़ा काम है…
मैंने कहा – ठीक है, जी…
फिर भीमा नहाने गया, दूसरे रूम में और उसे मैने दूसरे कपड़े दिए पहनने को.
इसी में, रात के 11 बज गये.
जय ने कहा की खाना खा लेते हैं, अब…
हम ने सब मिल के खाना खाया और बैठ गये ड्रॉयिंग रूम में ही.
12 बजने को थे.
मैंने जय को कहा की दूध पी के सो जाओ कल का कल देखेंगे…
जय भीमा से बोला – भीमा, तुम एक अच्छे आदमी हो आर सब की देख भाल करते रहते हो… यह 2000 रुपए रख लो… आड़े वक्त, काम आएँगे…
भीमा बोला – ठीक है, साहब जी और कोई काम हो सेवा का मौका ज़रूर दें… मैं आप का सेवक हूँ…
जय – ठीक है… अब खुश रहो और मस्त रहो…
जय ने कहा – सुमन, दूध लाओ… और जय उठ कर अंदर गया और एक वियाग्रा की गोली उस ने चुपके से मुझे दे दी और मैंने उस के ग्लास में डाल दी…
मैं तो यही चाहती भी थी.
फिर सब उठ कर, बेड रूम में बैठ गये..
भीमा भी कुर्सी पर अंदर बैठ गया और दूध पीने लगे और बातें करने लगे.
जय बोला – भीमा, तू ने शादी नहीं की अब तक…
भीमा बोला – साहब, अब तक नहीं मिली कोई… जल्द ही, कर लूँगा…
जय, हंसते हुए बोला – कुकी अच्छी लड़की है… कर लो, उस से ही…
तो वो शर्मा सा गया और बोला – आप मां से बात करेंगे, साहब…
जय बोला – तू मेरे पर छोड़ दे… अपने हिसाब से बात कर देंगे…
भीमा थोड़ा टाँगे दबा देना मेरी और फिर मेडम की भी..
मैं मैक्सी पहन कर आ गई थी, जय पजामे में ही था.
थोड़ी देर के बाद, जय ने कहा – बस अब मेडम की खिदमत कर दो… वो भी थक गई हैं…
ठीक है, साहब… बोल कर, भीमा ने मेरी टाँगे दबाना शुरू कर दिया, धीरे धीरे..
जय बोला की भाई, ज़रा ऊपर तक दबा दो…
और मुझ को बोला – पेट के बल लेट जाओ सो भीमा, तेरे पैर दबा देगा ठीक से…
भीमा, लगा दबाने टांगों को घुटनो तक और जय ने कहा – भीमा, सरसों का तेल ले लो… अलमारी में रखा है…
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