RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
एक दिन, भीमा ने कहा की बीबी जी, मुझे आप की गाण्ड बहुत अच्छी लगती है… एक बार, मारना चाहता हूँ…
तो मैंने कहा की बिल्कुल नहीं… मुझे भरी जवानी में नहीं मरना…
फिर मैने पूछा – कहाँ से आदत पड़ गई, यह…
भीमा बोला – दोनों भाभी की एक एक बार उन की गाण्ड में डाला हूँ… पर अब नहीं देतीं कहती हैं की बहुत दर्द होता है… तेरा लण्ड, गाण्ड मरवाने लायक नहीं है… यह तो गधे के लंड जैसा है, कोई गधी देख…
मैंने कहा की सही तो कहती हैं… दर्द तो होगा ही, तेरा लोडा इतना मोटा है की गाण्ड फट जाएगी…
फिर, मेरे वापस आने से तीन दिन पहले भीमा बोला – बीबी जी, आज आ जाऊं…
मेरा भी दिल करने लगा था सो मैंने कहा की ठीक है… रात को आ जा और फिर उस रात, दो बार चोदा उस ने मुझे…
गाण्ड मारने को बहुत ज़ोर मारा पर मैंने बोला – इतना बड़ा लण्ड, मेरी गाण्ड में नहीं जायगा…
उस रात भीमा, मेरे ऊपर चढ़ गया और पूरी ताक़त से चोदने लगा था. इतना जोश तो शायद, एक सांड में ही होता है.
दो बार चोदने के बाद, मैंने कहा की अब बस… अब और नहीं… बहुत चौड़ी कर दी है, तूने मेरी चूत… फूल गई है…
वो बोला – कोई बात नहीं… अब पता नहीं, कब मिलेगी मारने को… पर बीबी जी दोबारा आएँगी तो ज़रूर में आप की गाण्ड मारूँगा…
मैं बोली – ठीक है, तब तक मैं अपने पति से थोड़ी चौड़ी करवा लूँगी… पर मेरी चूत जो तुमने चौड़ी कर दी है… तीन दिन खूब मालिश करनी पड़ेगी “घी” से… नहीं तो मेरे पति, डालते ही समझ जाएँगें की खूब गुल खिलाए हैं मैने मायके में… वैसे भीमा, तूने हम दोनों बहन और भाभी को गुलाम बना दिया अपने फौलादी लौड़े का…
वो बोला – बीबी जी, आप जैसी कोई नहीं… आप की चूत तो बिल्कुल स्प्रिंग जैसी है… मुझे बुला लेना, मालिश करने के लिए…
मैं बोली – चल बंद कर, अब यह सब बातें…
बस उस के बाद, मैं आ गई बॉम्बे लेकिन भीमा बहुत याद आता रहता है…
मैं उससे टेलिफोन पर बात करती रहती थी मां के बहाने से, की क्या हो रहा है, आज कल… कैसे हैं, सब…
एक बार उसने बताया की उसने मेरी बहन को बता दिया था की मैंने आप को बहुत चोदा और वो भी ऊपर चढ़ कर. बहुत हँसी थी, वो.
उन्होंने कहा की इस घोड़े ने सब के चूत चौड़ी कर दी और कहा की ठीक किया तूने, उसे भी हक है जिंदगी के मज़े लेने का.. तेरे से तो बुढ़िया भी चुदवा मारे… तेरा लंड देख कर, कोई क्या कर सकता है…
भीमा बोला – बीबी जी, बड़ी बहन अब बहुत खुल गयीं हैं… अब तो लण्ड भी चूसती हैं और ऊपर चढ़ कर चोदने को भी कहती हैं… आपकी कैसे कैसे चुदाई की, ये भी पूछती हैं… कहती हैं की भीमा पूरा जोरे से चोदो और एक ही धक्के मैं डाल दो, अपना डंडा… थोड़ी सी और मोटी हो गयीं हैं… आपकी तरह, रोज़ घी से और कभी कभी मेरे मूठ से अपनी चूत की मालिश करवाती हैं…
फिर एक दिन, भीमा ने बताया की एक दिन की बात है की बड़ी दीदी ने मुझे रात को बुलाया… जीजा जी दौरे पर गये थे, 10 दिनों के लिए… अगले 5 दिन खेत से छुट्टी थी… दीदी को और मां को बोला था, दीदी ने की भीमा को भेज देना… मैं अकेली हूँ… बाहर के कमरे में सो जायेगा…
मैं तीन रातें रहा, दीदी के पास.
दिन में, घर पर ही काम करता था.
यह तीन रातें, खास थीं.
दीदी ने खूब सेवा की मेरी, गरम गरम दूध पिलाती और पता नहीं क्या डालती थी, उस दूध में की मेरा लण्ड खंबे की तरह खड़ा ही रहता था और दीदी बोलती – आ मेरे सांड चढ़ जा अब, मेरे ऊपर और चोद मुझे दिल भर के…
बीबी जी इन तीन रातें, मैंने दीदी को “चार चार” बार, पूरा ज़ोर लगा कर चोदा और हैरानी थी की दीदी पूरा दिल लगा कर चौड़ी हो कर चुदाई करवाती थी और मेरा पूरा मूठ, दीदी चौड़ी हो कर अपनी चूत के अंदर लेती रही.
“फ़चा फ़चा”, होती पूरे कमरे में..
चुदाई की आवाज़, आती थी.
जब मेरा निकलता था तो कहती की लण्ड, पूरा अंदर डाल के पिचकारी मार दे और भर दे मेरी चूत को… मेरे घोड़े, भर दे इस घोड़ी की चूत, अपने इस घने माल से… और भींचे रखती थी, अपने ऊपर कोई 5 मिनट तक.
मैं समझ गई की अब दीदी ने इस घोड़े का “बीज़”, अपनी चूत में ले लिया है और वो इस का ही पिल्ला पैदा करेगी.
लेकिन मैं तो इस सोच में थी की आख़िर, उन्होने दूध में मिलाया क्या था.
फिर तीन महीनो के बाद, मैंने भीमा को फिर फ़ोन किया तो पता चला की दीदी गर्भ से है.
मैं समझ गई थी की यह भीमा के लण्ड के माल ही पिल्ला है पर यह बात, सिर्फ़ हम तीनों के बीच में है.
भीमा बोला की अब दीदी ने कहा की बहुत चोद लिया तूने मुझे… अब आराम कर और मेरे नज़दीक नहीं आना…
दीदी बोली की अब कोई और देख ले… बहुत हैं, जो तेरा लण्ड आराम से लेने को तैयार हो पड़ेगी…
और कहा इस बात का किसी को भी पता ना चले… कभी भी नहीं…
मैं एक साल बाद, फिर 30 दिन की छुट्टी पर गई और इस बार मेरा हज़्बेंड भी साथ में थे.
उन को 12 दिन बाद, वापिस आना था सो कुछ दिन घर पर बिज़ी रही और हम, इधर उधर घूमते रहे.
मेरे पति, एक बहुत सुंदर आदमी है और तू तो जानती है, इधर उधर हाथ मारने से नहीं डरता.
खुले विचारों का है.
हम लोग, घर पर ही थे और भीमा भी घर पर ही रहता था.
घर पहुचने के बाद, दो दिन में ही उस से मुलाकात हुई..
मैंने पूछा – भीमा, कैसे हो…
तो वो बोला – बीबी जी, ठीक हूँ… आप तो और अच्छी लग रही हैं और सुंदर भी…
मैंने कहा – हाँ… वो तो है… तू सुना, क्या हो रहा है…
वो बोला – आज कल, दीदी अपने घर पर ही हैं और कुछ होना है… और बड़ी भाभी भी घर पर ही हैं… ठीक से हैं… कुकी इधर ही है, मां के साथ… शीला भाभी भी, इधर ही हैं…
और सुना, क्या कोई और लगी तेरे हाथ की नहीं… – मैं पूछ बैठी..
वो बोला – हाँ, एक है… आप को दिखा दूँगा…
मैं और मेरे पति, मां के पास गये और मिले उन से.
बाद में भाभी के पास और फिर, दीदी के पास गये.
दीदी से बात हुई, अकेले में तो बोली की छोटी, तो बड़ी चालक हो गई है…
क्या हुआ, दीदी… – मैंने पूछा, उन से..
तो वो बोली – भीमा ने सब बता दिया है, मुझे…
अच्छा दीदी, क्या करती… मुझ से नहीं रहा गया था और हो गया, सब कुछ… – मैने जवाब दिया..
वो “देसी घोड़ा” है छोटी और काम भी वैसा ही करता है… तू अब जानती है ना, सब कुछ… – वो बोली..
हाँ दीदी… कब ड्यू है, डेलिवरी और जीजा जी कैसे हैं… – मैने पूछा..
अरे पूछ मत, आज कल वो बहुत खुश हैं… बच्चा होना है, ना… – भाभी बोली..
मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो मुस्करा दी और बोली – जानती हूँ, तू क्या पूछना चाहती है… जो तू सोच रही है ना, सही है… उस का ही बीज़ है… पता है छोटी, फसल अच्छी तगड़ी और सुंदर चाहिए तो बीज़ अच्छा और साफ़ सुथरा होना चाहिए, क्यों ना दूसरे से ही डलवाना पड़े… देख जानवरों में तो यह कामन है, “क्रॉस ब्रीडिंग”… गाय के लिए, बड़ा और तगड़ा सांड़ ढूँढते हैं… भैंस के लिए, तगड़ा भैंसा… घोड़ी के लिए, शानदार नसल का घोड़ा जो की सब से हट्टे कट्टे हों… ताकि लण्ड अंदर घुसते ही, उन्हें ठंड पड़ जाए और ढेर सारा बीज़ भी अंदर चला जाए… तो फिर डरना क्यों… तेरे जीजे की लुल्ली से, कुछ होने वाला नहीं है तो फिर मैंने सोचा की क्यों ना मोटे तगड़े घोड़े से ही, यह घोड़ी अपनी चूत शांत करे और बीज़ भी उसी का डाला जाए… बस खूब दिल खोल के मज़ा लिया, चुदाई का और बंद कर लिया चूत का ढक्कन…
मैं बड़ी हँसी और बोली – दीदी, यह सांड है ही ऐसा… बड़ी ताक़त है, इस में… एक ही झटके में, खोल देगा चूत को…
तो वो बोली – मुझे भी पता है की तू ने भी ले लिया था इस का लण्ड और अच्छी तरह से चुदी थी, तू इस सांड से… तूने कुछ सोचा है क्या…
मैं बोली – नहीं, अब तक नहीं… देखेंगे…
तेरा पति, कैसा है… – दीदी ने पूछा..
ठीक है, उसे पता ना चले इस चुदाई के खेल का समझी ना दीदी… – मैने कहा..
|