Chudai Story अनोखी चुदाई
07-16-2018, 12:08 PM,
#17
RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
खैर, दो तीन दिन निकल गये और धीरे धीरे, मैं बड़ी बेचन हो गई. 
फिर आख़िर, मैंने भीमा को बोला – सुन, आज तू मेरे घर आएगा… मेरे पास… किसी को भी पता नहीं चलेगा क्योंकि बारिश ज़ोर से पड़ रही है… 
मेरे कमरे में, रात को कोई नहीं आता है. 
मेरा घर, मां के घर से थोड़ी दूर था.
मैंने भीमा को कहा की तकरीबन 8 बजे तक आ जाना… तब तक बाजू वाले सब सोने चले जाते हैं और सबके गेट बंद हो जाते हैं… गाँव का यही फायदा है… 
ठीक है, बीबी जी… – वो बोला.. 
और सुन, नहा धो कर आना… ऐसे ही नहीं, जैसे सांड सिर उठा कर आता है… – मैंने, उससे बोला..
रात को आठ बजे, भीमा सांड की तरह सिर उठा के आ गया.
मैंने गेट खुला ही रखा था, सो वो सीधा अंदर आ गया.
मैंने कहा की किसी ने, देखा तो नहीं… 
वो बोला – नहीं, बीबी जी…
उस के अंदर आते ही, थोड़ी देर में ज़ोर की बारिश शुरू हो गई. 
मैं बहुत खुश हो गई की चलो, अच्छा मौसम बन गया है..
भीमा, बैठ गया.
वो, बहुत खुश था. 
जैसे की बहुत बड़ा “खजाना” मिलने वाला हो.
मैंने अब तक दूध गरम कर दिया था, उस में थोड़ा शहद भी मिला डाला था की ज़रा गरम रहे. 
दूध उसे दिया और दूसरे रूम में ले गई, जहाँ बेड नीचे लगा दिया था, मैंने.. अपनी, “घमासान चुदाई” के लिए..
भीमा बोला – बीबी जी, आप दोनों बहने एक जैसी ही हैं… दोनों, जीजा जी के मज़े हैं… आप जैसी सुन्दर औरतें मिली हैं, उन को देखभाल और चोदने के लिए…
मैंने कहा की चल, चल… अब बस कर… दूध पी ले, गरम है और हो जा तैयार अपने हथियार को ले कर… आज, देखती हूँ की यह घोड़ा कितने स्पीड से दौड़ता है… इस घोड़ी को कितने मज़े देता है… और खचर, कैसे वनता है…
मैंने अपनी चूत, एक दम से साफ़ कर रखी थी. 
एक एक बाल को, बड़ी बारीकी से सॉफ किया था.
“गुलाब जल” और “नींबू” से अपनी गांड और दूध घिस घिस के सॉफ किए थे.
भीमा, पता है की खचर किसे कहते हैं… – मैंने पूछा.. 
वो बोला – नहीं, बीबी जी… 
मैंने कहा – जिस घोड़ी को गधा, चोदे उसे खचर कहते हैं… तूने कभी गधे को घोड़ी को चोदते हुए देखा है, क्या… 
वो बोला – जब छोटा था तो देखा था, गाँव में… 
क्या देखा था… ठीक से बता – मैंने फिर पूछा.. 
भीमा बोला की हमारे चाचा, अपनी नयी घोड़ी को घोड़े से लगवाने आए थे पर गाँव में उस दिन, घोड़ा नहीं मिला और उन को कहा की गधे से ही ठुकवा लो… चाचा बोला – ठीक है तो… हम सब देख रहे थे… गधे को लाया गया… गधा पहले तो घोड़ी से खेलता रहा कभी ऊपर चढ़ता तो कभी उस की चूत चाटता, घोड़ी आराम से थी की अचानक, गधा ने अपना 2 फुट लंबा लण्ड घोड़ी पर रगड़ा और धीरे से घोड़ी पर चढ़ गया और अपने 2 फुट भर मोटे लण्ड को उस की चूत में घुसेड़ने लगा… घोड़ी अचानक लण्ड घुसते पा कर, बिदकने लगी… पर तब तक गधे ने पूरा ज़ोर का धक्का मारा और पूरा का पूरा, अंदर कर दिया… घोड़ी की जीभ, बाहर आ गई… वहाँ पर लोग तालियाँ बजाने लगे… गधे ने कई बार धक्के मारे अपने मोटे लण्ड के उस की चूत में और आधा किलो माल, उस की चूत में डाल दिया था… बड़ा मोटा और लंबा लण्ड था, उस गधे का… उसे गधी, घोड़ियों की चुदाई के लिए ही रखा था, उस गाँव मे… 
फिर तू समझ ले की मैं घोड़ी, तू गधा आज के लिए…
फिर हो गई, बातें शुरू..
मैंने बोला के मेरी बहन की चूत, कैसे लगी तुम को…
वो बोला – बीबी जी, एक दम साफ रखती हैं और मुझे तो अब चाटने में भी मज़ा आता है… उन की चूत, एक पाव जैसी फूल जाती है, जब वो ज़्यादा जोश में आती हैं… 
कुछ बोली तो नहीं, मेरे बारे में… – मैने पूछा..
वो बोला – कल कह रही थी की तेरी नज़र, छोटी पर है… ज़रा संभाल के… वो, नहीं ले पाएगी, तेरा गधे जैसा यह लण्ड… वैसे भी, बड़ी नाज़ुक है, वो… अगर, ऐसा कुछ हुआ भी और तेरे से चुदवाने को उस का मन हुआ तो खूब तेल या क्रीम लगा लेना, अपने लण्ड पर और उस की चूत में भी… नहीं तो फट जाएगी, उस की… और अगर ठीक से सहन कर गई तो एक दम सांड की तरह, चढ़ जाना और जितना ज़ोर है लगा देना उसे ठोकने में… क्या याद करेगी की देसी घोड़ा, कैसा पेलता है… डरने का नहीं, बस फुल स्पीड से चोदना उसे… सो उस का जी भर जाए… मिटा देना, उसकी चूत की भूख… आख़िर है तो मेरी बहन… उसे भी जिंदगी के मज़े लेने का पूरा हक है… 
मैने सोचा – अच्छा तो दीदी को पता है की छोटी, भीमा से मरवाएगी ज़रूर…
फिर और बातें होती रही, गाँव की और भाभी की.. बो बहुत गरम हो गया था..
रहा तो अब, मुझसे भी नहीं जा रहा था.
बातों से ही, मेरी चूत दो बार छोड़ चुकी थी.
अब मैने, सब्र छोड़ा और कहा की नंगे हो जाओ… 
बेशर्म की तरह, भीमा फट से नंगा हो गया. 
सीधा लण्ड तना हुआ था, उसका. 
मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं भी खुद ही, नंगी हो गई. 
अब शरमाना कैसा.. 
इतनी जल्दी, शायद उस दिन से पहले मैं कभी नंगी हुई थी.
कितना सुकून मिल रहा था मुझे उसकी नज़रें, अपने नंगे बदन पर देख कर मैं बता नहीं सकती.
और मेरी चूत देखते ही, उस के मुंह से “आह” निकल गई.. 
वो बोला – बीबी जी, आप तो परी लग रही हैं… मैंने इतनी “सुन्दर औरत” नहीं देखी, आज तक… 
फिर भीमा, मेरे पास आया और पीछे से मेरे बूब्स पकड़ कर बदहवासी में दबाने लगा और गर्दन पर अपने होंठ (लिप्स) रख कर चूमने लगा. 
उस का लण्ड, मेरी गाण्ड की दरारों में घुसे जा रहा था और वो भी रगड़ने लगा था. 
शायद, इतने दिन में मैने उसे बहुत बैचेन कर दिया था.
उसकी हालत देख कर, मैंने कहा – चलो, अब बिस्तर पर चलते हैं… 
वो तुरंत बोला – ठीक है… 
अंदर पहुँचते ही, वो सीधा मेरे ऊपर आ कर, मेरी चूत चाटने लग पड़ा..
अब मैंने भी उस का लण्ड चूसना शुरू कर दिया था. 
वो बोला – ओह, बीबी जी… बड़ा मज़ा आ रहा है… 
10 मिनट, मेरी चूत चूसने के बाद, वो मेरी चूत पर क्रीम लगाने लगा.. जो की मैंने पास ही रखी थी.. 
मैंने भी उस के लण्ड पर लगाई और उस ने, मेरी चूत पर.. 


फिर, मैंने कहा – भीमा, नीचे आ जाओ… मुझे करने दो… 
वो भी बोला – ठीक है, बीबी जी… 
मैं उस के ऊपर आ गई और धीरे धीरे, उस का मोटा लण्ड अंदर डालने लगी. 
आधा ही गया होगा की मेरी तो चूत फटने को हो गई. 
मैंने कहा – ना बाबा ना, यह पूरा अंदर नहीं जा सकता… 
भीमा बोला – बीबी जी, धीरे धीरे डालती रहो… जैसे बड़ी दीदी करती हैं…
एक बार, पूरा अंदर चला गया फिर मज़ा आना शुरू हो जायगा.
15 मिनिट तक, धीरे धीरे पूरा अंदर चला गया.. इनका यानी मेरे हब्बी का भी तो 8” का है पर इतना मोटा नहीं है.. 
फिर क्या था, भीमा शुरू हो गया, नीचे से ही.. 
पठान का लण्ड था, ना.. 
क्रीम लगा लगा कर दे फ़चा फ़चा, कोई 10 मिनट तक खूब पेलता रहा.
फिर बोला – बीबी जी, निकलने वाला है मेरा… 
मेरा तो दो बार बातें करने में और एक बार चूत चूसने में और 2 बार मरवाने में निकल चुका था.
मैं बोली – मेरे पेट पर छोड़ दे… 
क्या कहूँ, कोई 50 ग्राम था उस का माल.. 
मैंने सोचा की अगर, अंदर छोड़ देता तो गर्भ पक्का रह जाता. 
इस लिए तो दीदी नहीं लेती, इस का बीज़ अपने अंदर.
उस रात, भीमा ने मुझे दो बार ऊपर चढ़ कर चोदा पूरा दिल लगा के.. 
मेरा पूरा बदन निचोड़ दिया था, उस ने, जानवरों की तरह एक बार जो घुसेड़ता तो पानी निकलने के वक्त ही, लण्ड को बाहर निकालता था चूत से. 
कसम से, आग पैदा कर देता था चूत में लण्ड को घिस घिस कर. 
सच कहूँ तो मुझे भी बहुत ज़्यादा ही मज़ा आया था, इस “अनोखी चुदाई” में.

मुझे देखते ही, वो घोड़े की तरह हीनहिनाने लगता था.
किसी को भी भनक तक नहीं हुई, भीमा के आने की, क्यूंकि पूरी रात बारिश होती रही.. 
बाहर बारिश, अंदर चूत की मस्त चुदाई. 
सच कहूँ तो उस का लण्ड, बड़ा “फौलादी लण्ड” है.
दिल करता है की अंदर ही डाले रखे. 
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RE: Chudai Story अनोखी चुदाई - by sexstories - 07-16-2018, 12:08 PM

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