RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
बिना देर किए, फट से भाभी ने मेरा लण्ड पकड़ा और उस का साइज़ देखने लगी और बोली – मेरा तजुर्बा कहता है, कम से कम “9 – 10 इंच” लंबा होगा…
उन्होने बिना टाइम देखे, फटा फट अपनी सलवार खोल दी और लगी, मेरा लण्ड सहलाने.
उस की चूत गीली तो पहले से ही थी कहने लगी की तेल लगा लेती हूँ… बहुत बड़ा है, तेरा…
उस ने अपनी चूत पर तेल लगाया और फिर, मेरे लण्ड पर लगाया.
फिर, भाभी बोली – देख मत… आ जा मेरे सांड, आ जा… चढ़ जा, मेरे ऊपर, काले सांड के जैसे और एक ही झटके में अंदर कर दे, अपना मोटा लण्ड… जन्नत दिखा दे, अपनी भाभी को…
एक ही पल में, भाभी ने पूरा कपड़े उतार दिए और एक दम नंगी खड़ी हो गई सामने.
पूरी नंगी औरत देख कर, मुझ से कंट्रोल नहीं होता.
उफ्फ !! क्या सुंदर लग रही थी वो.
बीबी जी, सबसे मस्त चुचे उनके थे.
बिल्कुल गोरे और एकदम गोल.
सबकी निप्पल भूरी थी पर उनकी एकदम “गुलाबी” और बिल्कुल छोटी सी.
मेरी तो नज़र ह नहीं हट रही थी, उनके चुचे से.
मैंने कहा – भाभी जी, आप तो बहुत ही सुंदर हैं… मेरा लण्ड तो और भी अकड़ गया था…
मुझे तो लगता था, भाभी जी बड़ी शर्मीली और कठोर थीं लेकिन अब सब शर्म भाग गई थी और टाँगें चौड़ी कर नंगी हो कर मेरे नीचे पड़ी थीं.
मैंने सोचा की ऐसी सुंदर औरत, वो भी भाभी मुझ जैसे को कहाँ मिलेगी.
वैसे तो मुझे कई बार गाली देती थी और कभी कभी तो मारती भी थी.
सो मैंने सोचा – भाभी, आज सब एक कर दूँगा और मैं और चढ़ गया.
ऊपर, टाँगें कर कंधे पे रखी और लण्ड को चूत पर लगाया और जोरे का धक्का मारा और पूरे का पूरा अंदर घुसेड दिया, भाभी की साफ, चिकनी और फूली हुई चूत में.
बीबी जी, उनकी तो चूत भी “गुलाबी” थी.
भाभी, बहुत ज़ोर से चिल्लाई पर मैंने हाथ रख दिया उस के मुँह पर.
अब तक तो मेरे पास भी तजुर्बा हो गया था.
मैंने भाभी की चूत से रगड़ते हुए, लण्ड बाहर निकाला और एक ज़ोर का धक्का और दे मारा और पूरा लण्ड अंदर घुस गया.
भाभी – अरे, फाड़ दी मेरी चूत तूने… तेरा तो घोड़े से भी बड़ा है… तेरे लिए औरत नहीं, घोड़ी चाहिए…
लेकिन बीबी जी, कुकी की चूत से खून निकला क्यूंकी वो 5 साल से चुदि नहीं थी पर भाभी की चूत से भी खून रिस रहा था, हल्का हल्का सा..
मैं – भैया को ज़्यादा चोदने नहीं देती होगी… और तेरा है भी तो इतना बड़ा… वो सब छोड़… तू आगे बता…
मैं भी गरम था.
मैंने कहा – भाभी जी, आज तो आप ही मेरी गधी हैं और मैं गधा और मैंने दे मारा, लण्ड पूरा का पूरा अंदर…
फिर क्या था, दिल भर के चोदा भाभी को..
कई दिनों से भाभी की गाण्ड देख कर, मेरा दिल खराब हो जाता था.
अब तो बस, भाभी नीचे और मैं ऊपर कोई 15 मिनट तक उछल उछल कर चुदाई हुई.
भाभी, जल्द ही बड़ी खुल गई थी.
बोली – रात को आ जाओ… भैया दो दिनों के बाद आएँगें…
फिर तो बीबी जी, भाभी की चूत का भोसड़ा बना दिया, उस रात मैंने..
भाभी गरम दूध पिलाती और कहती – चढ़ जा, मेरे सांड…
उस रात, मैंने भाभी को “चार” बार चोदा.
वो तो उसके बाद, मेरा लंड ही नहीं खड़ा हुआ नहीं तो भाभी मुझे तब भी ना छोड़ती.
सुबह, भाभी बोली – भीमा, मैंने आज तक ऐसा लण्ड नहीं देखा था… तूने मेरी चूत चौड़ी कर दी… चोद चोद कर, भोसड़ा बना दिया इसका… बड़ा मज़ा दिया रे, तेरे लण्ड ने…
फिर भाभी बोली – बस, अब जब में बोलूं तब आना और किसी को कानों कान खबर ना हो के हम ने चुदाई की…
मैं बोला – भाभी जी, मुझे भी मज़ा आ गया… कहो तो आज़ रात को भी आ जाऊं…
भाभी बोली – नहीं रे… तेरे भाई आते ही, मुझे चोद डालेगें… ज़्यादा फट गई को पता चल जायगा… बोलेगा, इतनी चौड़ी कैसे हो गई…
बस बीबी जी, अब जब भाभी बुलाती हैं, जाता हूँ.
सच तो ये है, बड़ी मस्ती से चुदाई करवाती हैं भाभी जी.. तीनों में सब से ज़्यादा, मस्त तरीके से..
जब भी जाता हूँ, कहती हैं – आ मेरे सांड… चढ़ जा, मेरे ऊपर… और हंसने लगती हैं.
कहतीं है की खूब खाया कर, तब ही तो सांड की तरह ऊपर चढ़ पाएगा…
अब जब कभी भाई बाहर जातें हैं तो भाभी, मां को कह देती हैं की भीमा को भेज देना…
खूब मज़े से चुदाई करवाती हैं, बीबी जी.
मुझे भी सबसे ज़्यादा, उन्हें ही चोदने में मज़ा आता है.
उनके “गुलाबी निप्पल और गुलाबी चूत” तो मैं कितनी भी देखु, मेरा जी ही नहीं भरता..
हाँ, लेकिन बीबी जी, भाभी ने भी मेरा वीर्य अब तक अंदर नहीं लिया.
वो कहती हैं – तेरा अंदर लिया तो सांड ही पैदा होगा…
सो, उस दिन से मैं गाय और सांड का शुक्र गुज़ार हूँ की भाभी जैसी औरत मिली, चोदने को जो की नसीब वालों को ही मिल सकती, चोदने को.
मेरे को कहाँ रखी थी, ऐसी औरत.. आप ही बताओ..
मैं यह समझ नहीं पाई की यह सब कैसे हुआ पर इतना ज़रूर था की उस ने अपने लण्ड के ज़ोर पर, सब की चुदाई कर डाली थी.
मैं देख रही हूँ की आगे चल कर, यह पूरा गाँव का सांड बन जायगा, इस तरीके से.
जिस किसी चूत को, अपनी आग बुझानी हो तो भीमा जो है.
भीमा, चालू तो एक नंबर था.. सिर्फ़ देखने में ही, “सीधा” लगता था वो..
और अब तो वो चुदाई और औरत की आग मिटाने का “मास्टर” बन गया था.
मैंने कहा – चलो, भीमा अच्छा है… तू खुश है ना… तेरे को तो इतनी सुन्दर और खूबसूरत औरतो की चूत मिल रही है…
तो वो बोला – बीबी जी, चारों ही बड़ी सुन्दर हैं और चूतड़ भी अच्छे मोटे हैं इन सब के… पूरा पूरा मज़ा करती हैं… इन चारों को ही एक दूसरे का पता नहीं है, अब तक… सब को बारी बारी से चोदता हूँ… एक ही घर की हैं, सो घर की बात घर में ही रहेगी… शीला भाभी ने ठीक ही कहा था यह “जन्नत की हूर” हैं… मज़ा करेगा तू, अगर यह चोदने को मिल गयीं तो…
यहाँ, अब मेरी हालत खराब थी.
मैं भी देखना चाहती थी एक बार हाथ में और चूत में लेकर की कैसा है इस का लण्ड, जो इन अप्सराओं की चुदाई कर रहा है.
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